DAV Solution, Class 7, Gyan Abhyas Sagar Chapter – 15, Deshbhakt Puru देशभक्त पुरु

देशभक्त – वतनपरस्त

पुरु – राजा पुरुषोत्तम

दृश्य – Scene

दरबार – Royal Court

चिंतित – परेशान

सैनिक – सिपाही

प्रवेश – दाखिला

समाचार – ख़बर

तेज़ी – जल्दी से

सिंधु – एक नदी का नाम

ओर – तरफ़

तक्षशिला – पाकिस्तान के निकट के जगह का नाम

सिकंदर – Alexander

इशारा – संकेत

महामंत्री – Prime Minister

सेनापति – सेनाध्यक्ष

देशद्रोही – गद्दार, Traitor

सबक – पाठ

युद्ध – रण

निमंत्रण-पत्र – Invitation Letter

आज्ञा – आदेश , Order

भारत – हिंदुस्तान, आर्यावर्त

दूत – संदेशवाहक, Messenger

सम्राट – शहंशाह

संदेश – Message

यूनान – Greek

निर्दोष – बेकसूर

सुलह – समझौता 

गद्दी – सिंहासन

जीतना – विजित

हारना – पराजय

स्वागत – Welcome

मैदान – Field

कूच – March

शिविर – तंबू, Camp

झेलम – एक नदी का नाम

फ़ौज – सेना, Army

मुकाबला – सामना

डर – भय

प्रणाम – नमस्कार

इंतज़ार – प्रतीक्षा

विचार – सोच

वरदान – Boon

दलदल – कीचड़

टापू – Island

आक्रमण – हमला

नारा – Slogan

कैदी – बंदी

पेश – प्रस्तुत

वीरता – पराक्रम

धोखा – छल

शोभा – सुंदरता

न्याय – Justice

बहादुरी – साहस

तारीफ़ – प्रशंसा

तलवार – शमशीर, असि 

रस्सी जल गई पर ऐंठ नहीं गई – पद के जाने      पर भी प्रभाव का कम न होना 

इज़्ज़त – आदर

आज़ाद – स्वतंत्र

वादा – Promise

औकात – बिसात

वचन – प्रतिज्ञा

वचन – कथन

कायम – स्थापित

प्रश्न 1. सैनिक ने राजा पुरु को क्या समाचार दिया?

उत्तर – सैनिक ने राजा को समाचार दिया कि यूनानी सेना सिंधु नदी पार कर चुकी है और तक्षशिला के राजा आंभी सिकंदर से मिल गए हैं।

प्रश्न 2. सिकंदर के दूत ने पुरु को क्या सलाह दी?

उत्तर – सिकंदर के दूत ने पुरु को यह सलाह दी कि आप भी राजा आंभी की तरह सिकंदर से सुलह कर लें। इस तरह लड़ाई भी नहीं होगी और आपकी गद्दी भी बच जाएगी। 

प्रश्न 3. सिकंदर की सेना झेलम क्यों नहीं पार कर पा रही थी?

उत्तर – सिकंदर की सेना झेलम नदी पार नहीं कर पा रही थी क्योंकि बरसात के दिन थे और झेलम नदी चढ़ी हुई थी।

प्रश्न 4. सिकंदर के पुरु से यह पूछने पर कि आपके साथ कैसा व्यवहार किया जाए, पुरु ने क्या कहा?

उत्तर – सिकंदर के पुरु से यह पूछने पर कि आपके साथ कैसा व्यवहार किया जाए, तब पुरु ने उत्तर में कहा, “मेरे साथ वैसा ही व्यवहार किया जाए जैसा एक राजा दूसरे राजा के साथ करता है।” 

प्रश्न 5. नीचे दिए गए कथन किसने किससे कहे, लिखिए-

(क) अपने सम्राट से यह कहना कि हम उसे हारना सिखा देंगे।

(ख) क्या वे नहीं जानते कि हमारी सेना कितनी बड़ी है?

(ग) हमारे जवान पुरु के हाथियों से घबराए हुए हैं।

(घ) रस्सी जल गई, पर ऐंठ नहीं गई ।

उत्तर – क. पुरु ने सिकंदर के दूत से कहा।  

उत्तर – ख. सिकंदर ने अपने दूत से कहा

उत्तर – ग. सैल्यूकस ने सिकंदर से कहा। 

उत्तर – घ. आंभी ने सिकंदर से कहा।  

प्रश्न 6. पाठ के आधार पर कुछ कथन दिए गए हैं। सही कथन के आगे सही (P) का चिह्न एवं गलत के आगे गलत (x) का चिह्न लगाइए । गलत कथन को सही करके दोबारा कॉपी में लिखिए-

(क) राजा आम्भी पुरु के साथ युद्ध लड़ रहा था। गलत

(ख) पुरु ने सिकंदर के दूत से कहा कि वह लड़ाई के मैदान में ही सिकंदर का स्वागत करेगा। सही

(ग) दो महीने तक सिकंदर की सेना झेलम के किनारे डेरा डाले रही। सही

(घ) सिकंदर ने यूनान पर आक्रमण किया था। गलत

(ङ) सिकंदर ने पुरु को बंदी बनाकर जेल में डलवा दिया। गलत

प्रश्न 1. आम्भी को देशद्रोही क्यों कहा गया है?

उत्तर – आंभी को देशद्रोही कहा गया है क्योंकि उसने सिकंदर से हाथ मिला लिया था और अपने ही देश के राजा पुरु के खिलाफ़ खड़ा हो गया था।

प्रश्न 2. पुरु ने मित्र राजाओं से आपस में न लड़ने के लिए क्यों कहा?

उत्तर – पुरु ने मित्र राजाओं से आपस में न लड़ने के लिए कहा क्योंकि उस समय भारत पर यूनानी राजा सिकंदर का आक्रमण होने वाला था। ऐसे समय में आपस में ही लड़कर हमें अपनी शक्ति क्षीण कर लेने से इसका पूरा लाभ सिकंदर को मिल जाता।

प्रश्न 3. सिकंदर ने पुरु का राज्य क्यों लौटा दिया?

उत्तर – सिकंदर ने पुरु को उनका राज्य वापस लौटा दिया क्योंकि सिकंदर को अपनी गलती का एहसास हो गया था कि उसने रात के अँधेरे में पुरु की सेना पर हमला किया था जो कि युद्ध नीति के विरुद्ध था। दूसरा कारण यह था कि वह राजा पुरु के साहस और व्यक्तित्व पर मुग्ध हो चुका था।

प्रश्न 4. सिकंदर और पुरु के चरित्र में से आपको किसका चरित्र सबसे अधिक प्रभावशाली लगा और क्यों?

उत्तर – सिकंदर और पुरु के चरित्र में से मुझे राजा पुरु का चरित्र अधिक प्रभावशाली लगा क्योंकि उन्होंने विषम परिस्थिति में भी सिकंदर से सुलह करना अपने शान के खिलाफ़ समझा। बंदी बना लिए जाए पर भी उनमें न तो डर था और न ही पछतावा।

प्रश्न 1. क्या होता अगर सिकंदर ने रात को आक्रमण न किया होता?

उत्तर – यदि सिकंदर ने रात को आक्रमण न किया होता तो हो सकता था कि वह पुरु से युद्ध में हार जाता क्योंकि पुरु के पास भी बहुत बड़ी सेना थी जिसमें हाथी और घोड़ों की संख्या बहुत थी।

प्रश्न 2. क्या होता अगर सिकंदर पुरु को बंदी बनाकर जेल में डाल देता? उत्तर – यदि सिकंदर पुरु को बंदी बनाकर जेल में डाल देता तो पुरु कोई न कोई तरकीब लगाकर पुनः अपना सिंहासन प्राप्त करने के लिए उद्यम करते रहते।

प्रश्न 1. पाठ में आए मुहावरों का वाक्य में प्रयोग कीजिए-

(क) कूच करना

(ख) सबक सिखाना

क. कूच करना – सिकंदर ने अपने सैनिकों को कूच करने का आदेश दिया।

ख़. सुलह करना – कमज़ोर व्यक्ति सदैव सुलह करते हैं।

प्रश्न 2. दिए गए अनुच्छेद से विराम चिह्नों को हटा दिया गया है। ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उपयुक्त चिह्न लगाइए-

युद्ध युद्ध है राजा पुरु वहाँ न्याय और धोखा नहीं देखा जाता हम आपकी बहादुरी की तारीफ़ करते हैं मैंने अँधेरी रात में आपकी चमकती हुई तलवार देखी थी अब आप हमारे कैदी हैं बताइए आपके साथ कैसा व्यवहार किया जाए युद्ध, युद्ध है राजा पुरु। वहाँ न्याय और धोखा नहीं देखा जाता। हम आपकी बहदुरी की तारीफ़ करते हैं। मैंने अँधेरी रात में आपकी चमकती हुई तलवार देखी थी। आप हमारे कैदी है। बताइए, आपके साथ कैसा व्यवहार किया जाए?

1. पुरु एक देशभक्त राजा था और आम्भी एक देशद्रोही।

प्रश्न (क) देशभक्त की कोई पाँच विशेषताएँ बताइए।

क. देशभक्तों में अपनी मातृभूमि के प्रति प्रेम, निर्भीकता, बलिदान की भावना, स्वदेशी चीज़ों के प्रति लगाव और महापुरुषों के प्रति श्रद्धा भावना होती है।

प्रश्न (ख) आप इनमें से किन विशेषताओं को अपनाना चाहेंगे?

उत्तर – ख़. मैं इन सभी गुणों में से मातृभूमि के प्रति प्रेम, स्वदेशी चीज़ों के प्रति लगाव और महापुरुषों के प्रति श्रद्धा जैसे गुणों को अपनाना चाहूँगा। 

प्रश्न 2. पुरु एक साहसी और स्वाभिमानी राजा थे। क्या आप भी इन गुणों को अपने अंदर उतारना चाहेंगे?

उत्तर – हाँ, मैं भी इन गुणों को अपने अंदर उतारना चाहूँगा क्योंकि इन्हीं गुणों की वजह से ही हम आज भी राजा पुरु को याद कर रहे हैं और एक दिन ऐसा भी आएगा कि लोग मुझे भी मेरे इन्हीं गुणों की वजह से याद करेंगे। 

1. एकांकी ‘देशभक्त पुरु’ का कक्षा में मंचन कीजिए।

उत्तर – शिक्षक के दिशानिर्देश में करवाया जाएगा।

2. ‘युद्ध का जवाब युद्ध से देना चाहिए या अहिंसा और शांति से’ – विषय पर कक्षा में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कीजिए।

उत्तर – शिक्षक के दिशानिर्देश में करवाया जाएगा।

पाठ – 16

देशभक्त पुरु

संयुक्त क्रिया एवं रंजक क्रिया,

समुच्चयबोधक अव्यय

1.

क. सिखाना, पड़ेगा  

ख. पहुँच, गया

ग. चुका, है

2.

क. जीता

ख. सिखाया

ग. पहुँचा

घ. छोड़ा

3.

क. लिया

ख. डाला

ग. गया

घ. आई

ङ. जाओ

4.

क. भेजनादेना

ख. भूलना – जाना

ग. जीतना – सकना

घ. लेना – ना

ङ. जाना – पड़ना

5.

क. हमारे पास तीन केले हैं।

हमारे पास तीन लड़के हैं।

ख. अध्यापक रुक गए।

वे लड़के के बोलने की प्रतीक्षा करने लगे।

ग. अध्यापक ने ज़ोर से मेज़ पर हाथ मारा।

अध्यापक ने कहा, “चुप हो जाओ।”

घ. वे अपनी फटी पुरानी कॉपियाँ दिखाते थे।

उनकी कॉपियों में लिखी बात को कोई भी नहीं समझ पाता था। 

ङ. हार्डी की संगति में वे अपनी कठिनाइयों को भूल जाते थे।

लिटिलवुड की संगति में वे अपनी कठिनाइयों को भूल जाते थे।

6.

क. और, और

ख. और, लेकिन

7.

क. हार्डी

ख. लिटिलवुड  

8.

क. फिर भी

ख. और

ग. लेकिन

घ. या

ङ. इसलिए

च. यदि, तो

9.

क. कि

ख. फिर भी

ग. और  

घ. ताकि

ङ. तथापि

10.

क. और – मोहन और संजीव बाज़ार गए हैं।

ख. इसलिए – आज शुक्रवार है इसलिए बाज़ार बंद रहेगा।

ग. यदि, तो – यदि तुम आओगे तो मैं तुम्हारी मदद करूँगा। 

घ. क्योंकि –आज मैं कुछ भी नहीं खाऊँगा क्योंकि आज मेरा व्रत है। 

ङ. फिर भी – उसकी तबीयत खराब है फिर भी वह काम पर गया है। 

11.

क. तलवारें

ख. मैदानों में

ग. सैनिकों की

घ. फौजें

ङ. कैदियों को

च. मैदानों में

12.

क. कवयित्री

ख. मालिन

ग. वीरांगना

घ. विधुर

ङ. लेखक

च. सहपाठिन

13.

क. कूच            प्रवेश

ख. सबक       सेनापति

ग. दूत             निर्दोष

14. संवाद

राकेश – अरे! अनिल, तुम यहाँ कैसे?

अनिल – मैं तो अपनी मौसी के यहाँ आया हूँ और तुम?

राकेश – मैं तो यहीं रहकर मेडिकल की तैयारी कर रहा हूँ।

अनिल – बहुत अच्छा, मैं भी सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रहा हूँ।

राकेश –अच्छा है, ऐसे स्कूल के बाद तुम तो बिलकुल गायब ही हो गए।

अनिल – ऐसा कुछ नहीं है, बस थोड़ा टच में नहीं था। 

राकेश – अपना नंबर दो ताकि मैं तुम्हें टच में रख सकूँ।

अनिल – हाँ, ज़रूर, ये लो मेरा नंबर 9865623456

राकेश – ठीक है, फिर मिलते हैं।

अनिल – ठीक है।

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