DAV Solution, Class 7,
शब्दार्थ
काकी – माँ
कुहराम – मातम, रोना
कंबल – लिहाफ़, Blanket
भूमि-शयन – ज़मीन पर सोना
करुण – दुख
स्वर – आवाज़
विलाप – रोना
श्मशान – मरघट, दाहगृह, मशान
उपद्रव – उत्पात
कठिनता – जटिलता
अग्नि-संस्कार – दाह-संस्कार
दासी – नौकरानी
यद्यपि – हालाँकि
गुरुजन – Teachers
विश्वास – भरोसा
लगातार – बारंबार, निरंतर
रुदन – रोना
शोक – दुख
शांत – चुपचाप
शून्य – अंतरिक्ष
ताकना – देखना
हृदय – दिल
पतंग – कनकोआ
उत्कंठित – व्याकुल
उदास – मायूस
भाव – Feeling
कोट – अचकन
स्टूल – Table
चवन्नी – चार आना
जीजी – बड़ी दीदी
गुपचुप – चुपके-चुपके
डोर – धागा
रहस्य – Secret
रस्सी – रज्जु, Rope
गंभीर – Serious
मतलब – माने
तरकीब – उपाय
प्रफुल्ल – खुश
अकस्मात् – अचानक
उग्र – भयानक
रूप – चेहरा
धारण – लेना
शुभ कार्य – मंगल कार्य
विघ्न – बाधा
मुखबिर – जासूस
तमाचे – थप्पड़
चोरी – Stealing
जेल – कारागृह, Jail
हत्बुद्धि – कुछ समझ न आना
पाठ में से
प्रश्न 1. बड़े सवेरे उठते ही श्यामू ने क्या देखा?
उत्तर – बड़े सवेरे उठते ही श्यामू ने देखा कि घर में कुहराम मचा हुआ है। उसकी माँ एक कंबल पर भूमि-शयन कर रही है और उसके पूरे शरीर पर एक सफ़ेद कपड़ा ढका हुआ है। उसके आस-पास सभी लोग रोना-धोना कर रहे हैं।
प्रश्न 2. कौन – सी बात श्यामू से छिपी न रह सकी?
उत्तर – श्यामू से यह बात छिपी न रह सकी कि उसकी माँ मामा के घर नहीं बल्कि ऊपर राम के पास चली गई है।
प्रश्न 3. पतंग उड़ती देखकर श्यामू का हृदय क्यों खिल उठा?
उत्तर – पतंग उड़ती देख श्यामू का हृदय खिल उठा क्योंकि उसे लगा कि मैं पतंग ऊपर आकाश में भेजूँगा जिसे पकड़कर मेरी माँ नीचे उतर आएगी।
प्रश्न 4. श्यामू ने पतंग किससे और क्यों मँगवाई?
उत्तर – श्यामू ने पतंग सुखिया दासी के लड़के भोलू से मँगवाई ताकि वह उसे ऊपर आकाश में भेजकर अपनी काकी को नीचे उतार सके।
प्रश्न 5. श्यामू को भोला ने मोटी रस्सी का सुझाव क्यों दिया?
उत्तर – श्यामू को भोला ने मोटी रस्सी का सुझाव दिया क्योंकि काकी पतली डोर पकड़ कर नीचे नहीं उतर पाएगी अगर मोटी रस्सी का प्रयोग किया जाए तो काकी आराम से नीचे उतर जाएगी।
प्रश्न 6. उचित उत्तर पर सही (P) का चिह्न लगाइए-
प्रश्न (क) गुरुजनों ने श्यामू को क्या विश्वास दिलाया?
काकी चाचा के पास गई है।
काकी मामा के पास गई है।
काकी काका के पास गई है।
काकी राम के पास गई है।
उत्तर – काकी मामा के पास गई है।
प्रश्न (ख) पतंग के चिपके काग़ज़ पर क्या लिखा था?
दादी
नानी
काकी
मामी
उत्तर – काकी
प्रश्न (ग) श्यामू किसके लिए उत्कंठित था?
घूमने जाने के लिए
मिठाई खाने के लिए
पतंग उड़ाने के लिए
फ़िल्म देखने के लिए
उत्तर – पतंग उड़ाने के लिए
प्रश्न (घ) पहले दिन श्यामू ने पिता की जेब से कितने पैसे निकाले?
दुअन्नी
अठन्नी
एक रुपया
चवन्नी
उत्तर- चवन्नी
प्रश्न 7. नीचे दिए गए कथन किसने किससे कहे, लिखिए-
प्रश्न (क) काका, मुझे एक पतंग मँगा दो। अभी मँगा दो।
प्रश्न (ख) श्यामू भैया ने रस्सी और पतंग मँगाने के लिए निकाला था।
उत्तर – क. श्यामू ने अपने पिता से कहा।
उत्तर – ख. भोलू ने श्यामू के पिता से कहा।
बातचीत के लिए
प्रश्न 1. श्यामू ने पैसे क्यों चुराए थे?
उत्तर – श्यामू ने डोर, पतंग और रस्सी खरीदने के लिए पैसे चुराए थे।
प्रश्न 2. विश्वेश्वर ने श्यामू को क्यों मारा?
उत्तर – विश्वेश्वर ने श्यामू को मारा क्योंकि उसने उनकी कोट से पैसे चुराए थे।
3. भोला श्यामू से अधिक समझदार था। यह किस बात से पता चलता है?
उत्तर – भोला श्यामू से अधिक समझदार था, इस बात का पता उस समय चलता है जब भोला श्यामू को पतंग की डोर की जगह मोटी रस्सी का प्रयोग करने के लिए कहता है, जिससे काकी आराम से ऊपर से नीचे उतर जाएगी।
प्रश्न 4. ‘मुखबिर’ का क्या मतलब है? कहानी में भोला को मुखबिर क्यों कहा गया है?
उत्तर – ‘मुखबिर’ का अर्थ है- जासूस या ख़बर देने वाला। कहानी में भोला को मुखबिर कहा गया है क्योंकि उसने विश्वेश्वर के एक ही थप्पड़ से श्यामू के चोरी के बारे में सारी जानकारी दे दी।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. पतंग पर काकी लिखा देख विश्वेश्वर हतबुद्धि होकर वहीं खड़े रह गए थे। आगे की कहानी के बारे में कल्पना कीजिए।
उत्तर – आगे की कहानी में विश्वेश्वर को अपनी गलती का एहसास हुआ होगा। उन्होंने अपने बेटे श्यामू को गले से लगा लिया होगा और फूट-फूटकर रोने लगे होंगे।
प्रश्न 2. कल्पना कीजिए यदि श्यामू की चोरी न पकड़ी जाती और वह पतंग उड़ाने में सफल हो जाता तो क्या होता?
उत्तर – यदि श्यामू की चोरी न पकड़ी जाती तो भी वह पतंग उड़ाने में सफल नहीं हो पाता क्योंकि उसने पतंग के लिए मोटी रस्सी खरीद ली थी जिससे पतंग को नहीं उड़ाया जा सकता। अगर वह पतली डोर से भी पतंग उड़ाता तो भी उसे निराशा ही हाथ लगती क्योंकि जो इस दुनिया को छोड़कर एक बार चला गया वह किसी भी कीमत पर लौट कर नहीं आता।
भाषा में से
प्रश्न 1. दिए गए वाक्य को ध्यान से पढ़िए।
काकी के लिए कई दिन लगातार रोते-रोते उसका रुदन तो धीरे-धीरे शांत हो गया परंतु शोक शांत न हो सका।
इस वाक्य में रोते-रोते तथा धीरे-धीरे के प्रयोग द्वारा यह बताया गया है कि रुदन क्रमशः शांत हो गया अर्थात् रुदन की प्रक्रिया धीमे होते-होते शांत हो गई।
अब इस तरह के वाक्य बनाइए जिनमें इन शब्दों का प्रयोग हो-
(क) खेलते-खेलते – बच्चे खेलते-खेलते कभी-कभी झगड़ा कर लेते हैं।
(ख) चलते-चलते – चलते-चलते मेरे पैर दुखने लगे।
(ग) खाते-खाते – आजकल खाते-खाते टी.वी. देखने का चलन हो गया है।
(घ) बनते-बनते – खाना बनते-बनते बहुत देर होने वाली है।
–
प्रश्न 2. नीचे दिए गए शब्दों को शब्द-कोश के क्रम के अनुसार लिखिए तथा साथ ही उनके अर्थ लिखिए-
पतंग, अग्नि, भूमि, इच्छा, उपद्रव, हृदय, मृत्यु, अनमने, उत्कंठित, हतबुद्धि, विलाप, विघ्न ।
अग्नि – आग
अनमना – उदास
इच्छा – चाहत
उत्कंठित – व्याकुल
उपद्रव – उत्पात
पतंग – कनकोआ
भूमि – ज़मीन
विघ्न – बाधा
विलाप – रोना
हत्बुद्धि – सन्न
जीवन मूल्य
प्रश्न 1. मैं यह पतंग राम के यहाँ भेजूँ । इसे पकड़कर काकी नीचे उतरेगी।
मैं लिखना नहीं जानता, नहीं तो इस पर उसका नाम लिख देता। कहानी में रस्सी के सहारे काकी को नीचे लाने की बात श्यामू के बाल मनोविज्ञान (भोलेपन) को उजागर करती है। क्या आपने भी भोलेपन में कुछ ऐसा किया है जिसे सोचकर आपके मन में आश्चर्य, अफ़सोस या हँसी जैसे भाव उठते हैं?
उत्तर – हाँ, एक बार मैंने कक्षा तीन की वार्षिक परीक्षा में ज़्यादा अंक पाने के लिए अपनी उत्तर पुस्तिका के अंत में “माता सरस्वती मुझे अच्छे अंकों से पास कर देना।” वाक्य लिख दिया था क्योंकि मेरा मानना था कि माता सरस्वती ही कॉपियाँ जाँचती है। पर बाद में सच्चाई का पता चलने पर मुझे अपने आप पर हँसी आने लगी।
प्रश्न 2. श्यामू ने अपने पिता के कोट की जेब से दो बार पैसे चुराए। प्रश्न (क) क्या आप इसे चोरी / अपराध मानेंगे? क्यों?
उत्तर – क. मैं इसे न ही चोरी मानूँगा न ही अपराध क्योंकि पहले ही श्यामू ने अपने पिता से पतंग दिलवाने की बात कही थी परंतु जब उसके पिता ज़्यादा विलंब करने लगे तो श्यामू ने पैसे चोरी किए। इसके अलावा पैसे चोरी करने का उद्देश्य भी कुछ गलत नहीं था।
प्रश्न (ख़) आप ऐसी परिस्थिति में क्या करते?
उत्तर – ख़. मैं भी ऐसी परिस्थिति में वैसा ही करता जैसा श्यामू ने किया था।
कुछ करने के लिए
कुछ करने के लिए
प्रश्न 1. कहानी ‘काकी’ को नाटक के रूप में ढालकर इसका मंचन कीजिए ।
उत्तर – शिक्षक के दिशानिर्देश में करवाया जाएगा।
प्रश्न 2. श्यामू और भोला ने जो कुछ किया उसके बारे में बताते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए।
उत्तर – छात्र पत्र लिखें और अपने हिन्दी शिक्षक को दिखाएँ।
अभ्यास सागर
पाठ – 17
काकी
शब्द भेद
(तत्सम, तद्भव, देशज, आगत)
1.
पढ़ने एवं समझने के लिए
2.
क. आश्रय
ख. कर्म
ग. सत्य
घ. हस्त
ङ. पत्र
3.
क. हाथी
ख. मिट्टी
ग. जीभ
घ. सच
ङ. सपना
4.
क. भोंपू
ख. थैला
ग. पगड़ी
घ. डिबिया
ङ. गाड़ी
5.
क. डॉक्टर
ख. कॉलेज
ग. मशीन
घ. ख़त
ङ. लैटरबॉक्स
6.
क. पादप – पौधा
ख. दांत – दाँत
ग. गृह – घर
घ. सत्य – सच
ङ. सप्त – सात
च. भ्रातृ – भाई
7.
क. मोर – मयूर
ख. ऊँट – उष्ट्र
ग. खेत – क्षेत्र
घ. मिट्टी – मृत्तिका
ङ. सपना – स्वप्न
च. मक्खी – मक्षिका
8.
क. सप्त, सात
ख. उष्ट्र, ऊँट
ग. हस्ती, हाथी
घ. कृषक, किसान
ङ. कूप, कुआँ
च. आम्र, आम
9.
तत्सम शब्द – तृण, स्वर्ण, दधि, रात्रि, उच्च
तद्भव शब्द – तिनका, सोना, दही, रात, ऊँचा
देशज शब्द – गमछा, खिचड़ी, रपटना, चिमटा, हुक्का
आगत शब्द – पैंसिल, उम्र, बस, रेडियो, कर्ज़
10.
क. भूमि ज़मीन
ख. शयन सोना
ग. विघ्न बाधा
घ. रहस्य राज़
ङ. मुखबिर जासूस
च. प्रफुल्ल खुश
11.
क. वहाँ – स्थानवाचक क्रियाविशेषण
ख. ऊपर – स्थानवाचक क्रियाविशेषण
ग. धीरे-धीरे – रीतिवाचक क्रियाविशेषण
घ. अभी – समय/कालवाचक क्रियाविशेषण
ङ. उस दिन, बड़े सवेरे – समय/कालवाचक क्रियाविशेषण
च. इधर-उधर – स्थानवाचक क्रियाविशेषण
12. पत्र लेखन
दिनांक : 00/00/0000
घर संख्या – W/451
बदामबाड़ी, कटक
प्रिय अनुज
शुभ स्नेहाशीष!
मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ और आशा करता हूँ कि तुम भी पटना में सपरिवार सकुशल होगे। मैं यह पत्र तुम्हें कुछ हिदायतें देने के उद्देश्य से लिख रहा हूँ। मुझे पता है कि तुम्हें पतंगबाज़ी का बहुत शौक है और पतंग उड़ाने का मौसम भी नजदीक ही है। अनुज, पतंग उड़ाते समय पतंग के साथ-साथ आस-पास की चीज़ों पर भी ध्यान देना। कटी पतंग को लूटने के लिए मत दौड़ना। मंझे को सावधानी से पकड़ना। पतंगबाज़ी मनोरंजन का साधन है पर तुम्हें अपनी पढ़ाई पर भी पूरा-पूरा ध्यान देना होगा। उम्मीद करता हूँ कि तुम मेरे हिदायतों का मान रखोगे।
शेष सब सामान्य है, बाकी अगले पत्र में।
तुम्हारा अग्रज
रजनीश