शब्दार्थ
मकान – घर
पर्वतीय – Hilly
प्रदेश – प्रांत
निर्मल – शुद्ध
जल – नीर, अंबु
धारा – Flow
चिनार – एक वृक्ष, Sycamore
घने – Dense
वृक्ष – पेड़, तरु
सुगंध – खुशबू
कोहरा – कुहासा, Fog
प्रतीत – आभास
परी – Angle
पुष्प – प्रसून, फूल
बादल – मेघ
वातावरण – Environment
व्यतीत – बीतना
पश्चात् – के बाद
करुण-कथा – दुख भरी कहानी
उद्यान – उपवन
दया – करुणा, Mercy
याचना – गुजारिश
कूड़ा – कचड़ा
ढेर – Dump
अतिरिक्त – के अलावा
वस्त्र – परिधान
व्यापार – वाणिज्य, Business
मुनीम – मुंशी
वृद्ध – बूढ़ा
सपरिवार – परिवार के साथ
बगीचा – उद्यान
स्वच्छ – निर्मल
शोर – Noise
भीड़ – Crowd
हरियाली – Greenery
उदास – मायूस
सहनशील – बर्दाश्त करने वाला
स्थिति – Condition
बालक – लड़का
शीघ्र – जल्दी
दाखिला – प्रवेश, Admission
सूख – शुष्क, Dry
सुख – Happy
प्रिय – प्यारा, Dear
यथा – जैसा
उत्तर – जवाब
कोयल – Cuckoo
प्रसन्न – खुश
सहपाठी – Classmate
विषय – Topic
हृदय – दिल
स्वभाव – Nature
वनस्पति – उद्भिज
वेग – गति, Velocity
ऋतु – मौसम
सद्भाव – माधुर्य, Amiableness
सपना – स्वप्न
भिन्न – अलग
छाया – Shadow
शीतल – ठंडा
वसंत – Spring
जगत – दुनिया
घोंसला – नीड़, Nest
शाखा – डाल, Branch
दुर्व्यवहार – ill treatment
रौंदना – Ruined
तना – Trunk
प्राण – जीवन
सींचना – Irrigation
प्रात: – सुबह
प्रार्थना – Prayer
माली – Gardener
काका – पिताजी
व्यतीत – बीतना
खुशी से झूम उठना – मुहावरा – बहुत खुश होना
बधाई – मुबारक, Congratulation
सुंदर – अभिराम
कार्य – काम
उपहार – भेंट
अभ्यास सागर
पाठ – 5
राजू का सपना
पत्र लेखन
दिनांक – 12/07/20xx
सेवा में
श्रीमान स्वास्थ्य अधिकारी
राउरकेला नगरपालिका
राउरकेला
विषय – हमारे क्षेत्र में बढ़ती गंदगी के संदर्भ में
महोदय
पनपोष क्षेत्र का एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाते हुए मैं आपका ध्यान अपने इलाके में बढ़ती गंदगी और इसके कुप्रभाव की तरफ़ आकर्षित करना चाहता हूँ। हमारे इलाके का जमादार कितने हफ्तों से काम पर नहीं आया है जिसका नतीजा आप जान ही गए हैं। अगर वह जमादार आता भी है तो केवल अपनी उपस्थिति दर्ज़ करके चला जाता है, अर्थात वह कचरा भी सही से नहीं उठाता है। जब हम लोगों ने इसकी शिकायत की तो अगले दिन वह शराब पीकर आया और अंट-शंट बकने लगा। इतना ही नहीं गंदगी की वजह से बीमारियों के फैलने का खतरा भी बना हुआ है।
अतः, आपसे अनुरोध है कि मामले की गंभीरता को समझते हुए यथाशीघ्र कदम उठाएँ।
सध्यन्यवाद !
भवदीय
राकेश गुप्ता
पनपोष बस्ती