शब्दार्थ
परीक्षा – इम्तहान
मिजाज़ – स्वभाव
ख़राब – बिगड़ा हुआ
बतंगड़ – बातों को लंबा खींचने वाला
अचानक – एकाएक
तंग – परेशान
फ़ैसला – निर्णय
गपशप – बातचीत
नज़दीक – करीब
इंतज़ार – अपेक्षा, प्रतीक्षा
फेल – अनुत्तीर्ण, Fail
जवाब – उत्तर
सहपाठी – Classmate
ख़त्म – समाप्त
मनमर्जी – मनमानी
दशमलव – Decimal
स्याही – Ink
अंतिम – आखिरी
थकान – क्लांति
आखिरी – अंतिम, Last
पंक्ति – कतार, Line
संदेह – शंका
संतोषजनक – Satisfactory
शेर – Lion
तालाब – पोखर
गुज़र – पार करना
चूड़ी – Bangle
सोना – नींद
सोना – स्वर्ण
प्रश्न-पत्र – Question Paper
अटपटा – Awkward
मुश्किल – कठिन
एकाएक – सहसा
कोलाहल – शोर
टोली – दल, समूह, झुंड
उत्साहपूर्ण – जोशपूर्ण
अध्यापक – शिक्षक
लालच – लोभ
जान – जीवन
आपत्ति – समस्या, Objection
पृष्ठ – पन्ना, Page
लायक – काबिल
बेवकूफ़ – मूर्ख
विशेषज्ञ – Master
मरहम – दवाई
विश्वास – भरोसा
जहाज़ी – Sailor
प्रकट – उपस्थित
झलक – Glance
अपनापन – आत्मीयता
दर्शाना – दिखाना, To locate
हैडमास्टर – मुख्य अध्यापक
शोर – कोलाहल, Noise
भाषण – Speech
आशा – उम्मीद, Hope
नष्ट – तबाह, बर्बाद
प्रार्थना – विनती, Prayer
तूफ़ान – Hurricane
झुंड – दल
गेट – फाटक, Gate
दवात – Inkpot
उत्तेजना – जोश, Stimulation
क्षण – पल, Moment
कंठ – गला, Throat
पगड़ी – साफ़ा, Turban
चपरासी – Peon
ऊधम – शोर-गुल
तितर-बितर – Disperse
गिरफ़्तार – Arrest
तमाशा – प्रदर्शनी
सिपाही – Constable
विजय-घोष – Victory Announcement
भनक पड़ना – मुहावरा – जानकारी होना
आज़ादी – स्वतंत्रता
पाठ में से
प्रश्न 1. स्वामीनाथन के मित्रों के नाम लिखिए।
उत्तर – मटर, मणि, राजम और शंकर स्वामीनाथन के मित्रों के नाम थे।
प्रश्न 2. स्वामीनाथन को पिताजी की कौन-सी बात ठीक लगी और क्यों?
उत्तर – पिताजी ने स्वामीनाथन से जब कहा कि अगर तुम पढ़ाई नहीं करोगे तो तुम फ़ेल हो जाओगे और तुम्हारे मित्र अगली कक्षा में चले जाएँगे तो तुम्हें कैसा लगेगा? स्वामीनाथन को पिताजी की ये बात ठीक लगी क्योंकि अगर सचमुच ऐसा हुआ तो उसे बहुत बुरा लगेगा।
प्रश्न 3. स्वामीनाथन को अंतिम दिन परीक्षा भवन से बाहर आते हुए कैसा लग रहा था?
उत्तर – स्वामीनाथन को अंतिम दिन परीक्षा भवन से बाहर आते हुए परीक्षा समाप्त होने की खुशी के साथ-साथ थकावट के मारे होंठ और गले सूख रहे थे और यह पछतावा भी हो रहा था कि उसे इतनी जल्दी बाहर नहीं आना चाहिए था।
प्रश्न 4. स्वामीनाथन ने छठे प्रश्न के उत्तर के बारे में क्या झूठ कहा और क्यों?
उत्तर – स्वामीनाथन ने छठे प्रश्न के बारे में यह झूठ बोला कि उसने भी उत्तर लगभग आधा पृष्ठ लिखा है जबकि असलियत में उसने केवल एक ही पंक्ति का उत्तर लिखा था। उसके झूठ बोलने का कारण यह था कि कहीं उसके मित्र उसे बेवकूफ़ न समझ लें।
प्रश्न 5. हैडमास्टर ने बच्चों को छुट्टियाँ किस प्रकार बिताने की सलाह दी?
उत्तर – हैडमास्टर ने बच्चों को छुट्टियों में समय नष्ट न करते हुए कहानियों तथा अगली कक्षा की किताबें पढ़ते रहने की सलाह दी क्योंकि वे आशा करते हैं कि सब अगली क्लास में जाएँगे।
प्रश्न 6. नीचे दिए गए कथन किसने कहे, किससे कहे-
(क) स्वामी, तुम अभी सोए नहीं?
(ख) तुमने आखिरी सवाल के जवाब में क्या लिखा?
(ग) हाँ भाई, तुम लोगों को पेपर कैसा लगा?
उत्तर – क. स्वामीनाथन के पिताजी ने स्वामीनाथन से कहा
उत्तर – ख. स्वामीनाथन ने अपने एक सहपाठी से कहा
उत्तर – ग. स्वामीनाथन ने शंकर और राजम से कहा
प्रश्न 7. उचित उत्तर पर सही (P) का निशान लगाइए-
प्रश्न (क) स्वामीनाथन की परीक्षाओं को लेकर कौन परेशान था?
दादी
पिता
स्वामीनाथन
हैडमास्टर
उत्तर – पिता
प्रश्न (ख) स्वामीनाथन ने दशमलव के सवालों को करने में कितना समय लगाया?
चार घंटे
एक घंटा
ढाई घंटे
आधा घंटा
उत्तर – आधा घंटा
प्रश्न (ग) कौन – सी भाषा का पेपर पाँच बजे तक चलने वाला था?
हिंदी
तमिल
संस्कृत
मलयालम
उत्तर – तमिल
बातचीत के लिए
प्रश्न 1. स्वामीनाथन को ऐसा क्यों लगा कि पिताजी का मिजाज़ खराब होता जा रहा है?
उत्तर – स्वामीनाथन को ऐसा लगने लगा कि पिताजी का मिजाज़ खराब होता जा रहा है क्योंकि पिताजी स्वामीनाथन के परीक्षाओं को लेकर स्वामीनाथन से ज़्यादा चिंतित थे जो स्वामीनाथन को अजीब लग रहा था।
प्रश्न 2. आपके पिताजी का मिजाज़ खराब है, किन-किन कारणों से आप पता लगाते हैं?
उत्तर – जब मेरे पिताजी का मिजाज़ खराब होता है तो वे किसी से कुछ नहीं कहते और एकांत मे समय बिताने लगते हैं।
प्रश्न 3. आपके साथ ऐसा कब-कब होता है, बताइए-
(क) थकान होना – ज़्यादा गृहकार्य कार्य करने पर या शाम को ज़्यादा देर तक खेलने पर।
(ख) गला सूखना – गर्मी में प्यास के कारण या फिर गलत काम के डर से।
(ग) चिढ़ जाना – जब मेरी मन की बात नहीं होती या फिर मेरे दोस्त किसी सामान्य बात पर मुझे चिढ़ाते हैं तब।
(घ) अटपटा लगना – जब कोई ऐसी हरकत करता है जिसकी आशा मैंने नहीं की थी तब।
प्रश्न 4. आप सब छुट्टियों में क्या करना पसंद करते हैं? कक्षा इस पर बातचीत कीजिए। उत्तर – छात्र स्वयं करें।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. यदि आप परीक्षा देते हुए कुछ प्रश्नों के उत्तर भूल गए तो आप क्या करेंगे?
उत्तर – यदि मैं परीक्षा देते समय कुछ प्रश्नों का उत्तर भूल गया तो उस प्रश्न का उत्तर मैं सबसे अंत में करूँगा और जिन प्रश्नों के उत्तर आ रहे हैं पहले उन्हें लिखूँगा। अंत में उस प्रश्न के उत्तर को याद करने की कोशिश करूँगा और मुझे विश्वास है कि मुझे उत्तर याद आ जाएगा। प्रश्न 2. मान लीजिए कि स्वामीनाथन की जगह पर आप होते तो परीक्षाएँ समाप्त होने की खुशी में क्या करते?
उत्तर – यदि मैं स्वामीनाथन की जगह होता तो परीक्षाएँ समाप्त होने की खुशी में मैं दोस्तों के साथ मिलकर कहीं घूमने जाता और अगली कक्षा की तैयारियों में जुट जाता।
भाषा की बात
प्रश्न 1. पाठ में से अनुस्वार, अनुनासिक और नुक्ता वाले कोई दो-दो शब्द छाँटकर लिखिए-
अनुस्वार – रंग, डंडा
अनुनासिक – गूँज, दूँगा
नुक्ता – चीज़, आज़ादी
प्रश्न 2. नीचे दिए गए शब्द पाठ में से लिए गए हैं। इन्हें पाठ में खोजकर बताइए कि ये स्त्रीलिंग हैं या पुल्लिंग –
शब्द लिंग शब्द लिंग
क. तुम्हारी स्त्रीलिंग घ. बात स्त्रीलिंग
ख. परेशान पुल्लिंग ङ. उत्तर पुल्लिंग
ग. आवाज़ स्त्रीलिंग च. किताब स्त्रीलिंग
प्रश्न 3. पाठ में से नीचे दिए गए शब्दों के विलोम शब्द ढूँढकर लिखिए –
क. धीरे # जल्दी ग. थोड़ा # ज़्यादा
ख. निराशा # आशा घ. सवाल # जवाब
जीवन मूल्य
• याद रखो परीक्षा नज़दीक है।
स्वामीनाथन के जीवन का यह बहुत कठिन समय था ।
प्रश्न 1. क्या विद्यार्थियों के लिए परीक्षा का समय कठिन होता है? क्यों?
उत्तर – हाँ, विद्यार्थियों के लिए परीक्षा का समय कठिन होता है क्योंकि इस समय उन्हें अपनी पढ़ाई पर पूरा-पूरा ध्यान देना होता है। परीक्षा में उत्तर लिखने के दौरान भी उन्हें बहुत ही सजग रहना पड़ता है। इसके अलावा परीक्षाफल के इंतज़ार में उनमें हमेशा व्याकुलता का भाव भरा रहता है।
प्रश्न 2. विद्यार्थियों को परीक्षाओं का समय, जीवन का कठिन समय न लगे, इसके लिए उन्हें क्या-क्या करना चाहिए?
उत्तर – विद्यार्थियों को परीक्षाओं का समय, जीवन का कठिन समय न लगे इसके लिए उन्हें सत्र के आरंभ से ही अपने पाठ्यक्रम को पूरा करने में जुट जाना चाहिए। प्रश्नोत्तर का ज़बानी एवं लेखन का अभ्यास करते रहना चाहिए। पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों के महत्त्वपूर्ण प्रश्नों का भी अभ्यास अच्छे से कर लेना चाहिए। परीक्षा के समय भी खेल-कूद करते रहना चाहिए और परिवार के सदस्यों को भी परीक्षाओं को बड़ा रूप देने से अपने आपको रोकना चाहिए।
कुछ करने के लिए
1. कहानी ‘स्कूल की छुट्टियाँ’ को नाटक के रूप में ढालते हुए विद्यालय में इसका मंचन कीजिए।
उत्तर – शिक्षक के दिशानिर्देश में करवाया जाएगा।
2. आप भी ज़रूर कहानियों की किताबें पढ़ते होंगे। अपनी मनपसंद कहानी कक्षा में सुनाइए।
उत्तर – शिक्षक के दिशानिर्देश में करवाया जाएगा।
अभ्यास सागर
पाठ – 7
स्कूल की छुट्टियाँ
सर्वनाम व भेद
1.
क. पिताजी वे
ख. स्वामी तुम
ग. पिता आप
घ. स्वामीनाथन उसे
ङ. राजम मैंने
2.
सर्वनाम
3.
क. मैं
ख. मुझे
ग. मेरा
घ. मैंने
ङ. हम
4.
क. आप
ख. तुम
ग. तुम्हारे
घ. तुमने
ङ. तुम्हें
5.
क. वे
ख. उन्हें
ग. उन्होंने
घ. उसे
ङ. इसे
6.
क. यह, कौन – निश्चयवाचक, प्रश्नवाचक सर्वनाम
ख. कुछ – अनिश्चयवाचक सर्वनाम
ग. यह – निश्चयवाचक सर्वनाम
घ. स्वयं – निजवाचक सर्वनाम
ङ. जो, वह – संबंधवाचक सर्वनाम
च. मैं – उत्तम पुरुष, पुरुषवाचक सर्वनाम
7.
क. मैं, अपना – उत्तम पुरुष, पुरुषवाचक, निजवाचक सर्वनाम
ख. तुम, क्या – मध्यम पुरुष, पुरुषवाचक, प्रश्नवाचक सर्वनाम
ग. यह, तुम – अन्य पुरुष, पुरुषवाचक, मध्यम पुरुष, पुरुषवाचक
घ. आपको, कुछ – मध्यम पुरुष, पुरुषवाचक, अनिश्चयवाचक सर्वनाम
ङ. उसने, जो-सो – अन्य पुरुष, पुरुषवाचक, संबंधवाचक सर्वनाम
8.
क. मैं स्कूल जा रहा हूँ।
ख. यह मेरी पुस्तक है।
ग. तुम कौन हो?
घ. दरवाजे पर कोई है।
ङ. टीवी अपने आप बंद हो गया।
च. जो जैसा करेगा, वो वैसा पाएगा।
9.
मैं, मुझे
उसने, तुम, मैंने
मैं, मुझे, कोई
मैं, उसने
मैंने, हम
10.
क. परीक्षाएँ समाप्त हो गईं।
ख. लड़के परीक्षा भवन से बाहर आए।
ग. वे अपनी बात बता रहे थे।
घ. उसने अपनी किताबें बस्ते में डालीं।
ङ. इन लड़कों को पकड़ लो।
11.
क. स्त्रीलिंग
ख. पुल्लिंग
ग. स्त्रीलिंग
घ. पुल्लिंग
ङ. स्त्रीलिंग
च. पुल्लिंग
12.
क. पहुँचकर
ख. बातें
ग. तुकांत
घ. पढ़ूँगा
ङ. सिखाएँगे
च. मैंने
13.
क. पढ़ + आई – पढ़ाई
ख. जीवन + ई – जीवनी
ग. उत्साह + इत – उत्साहित
घ. अपना + पन – अपनापन
ङ. चिल्ला + आहट – चिल्लाहट
14.
क. सारा स्कूल हॉल में इकट्ठा हो गया।
ख. हाँ भई, तुमलोगों को पेपर कैसा लगा?
ग. राजम ने कहा, “अब लगता है, मैं बच गया।”
घ. “तो फिर कल क्या करोगे?”, किसी ने पूछा।
ङ. विजय घोष से आसमान गूँज उठा।
15.
दिनांक – 00/00/0000
समय 09:30 PM
आज मेरी सातवीं कक्षा की सारी परीक्षाएँ समाप्त हो गईं। आज मेरी अंतिम परीक्षा गणित विषय की थी। मैं तो बहुत डर रहा था कि नजाने क्या होगा? परंतु इसे मेरा भाग्य कहे या ईश्वर की कृपा कि सारे सवाल बड़े सहज आए थे। मुझे पूरी उम्मीद है कि मेरे 80 प्रतिशत अंक ज़रूर आएँगे। मुझे अब अगली कक्षा की पुस्तकों को भी देखना चाहिए और देखूँगा भी पर साहित्य में मेरी विशेष रुचि है इसलिए मैं कविताएँ, कहानियाँ, नाटक, उपन्यास ज़रूर पढ़ूँगा। इससे मुझे परीक्षाओं के दौरान हुई तनावों से मुक्ति मिलेगी। कभी-कभी मुझे विस्मय होता है कि साल भर पढ़े गए विषय का आकलन केवल तीन घंटे की परीक्षा से कैसे लगाया जा सकता है? इस मापदंड में बदलाव की बहुत ज़रूरत है।
अविनाश रंजन गुप्ता