शब्दार्थ
घमंड – अभिमान, गर्व
ऐंठा – अकड़ा
मुंडेरे – ऊँचे स्थान
अचानक – सहसा
तिनका – तृण
झिझक – संकोच
बेचैन – अशांत, परेशान
दुखना – दर्द देना, पीड़ा होना
मूँठ – कपड़े का गोला, Knob
ढब – तरीका
यों – ऐसे
ताना – उलाहना
अभ्यास सागर
पाठ – 16
एक तिनका
डायरी लेखन
दिनांक : 00/00/0000
समय : 09:30 PM
ग्रीष्मावकाश के दौरान मैंने एक गरीब बच्चे की पढ़ाई में सहायता की। वो बच्चा मेरे मोहल्ले से थोड़ी दूर ही एक झोपड़-पट्टी वाले इलाके में रहता है। उसका नाम सोनू है। न जाने उसके चेहरे में ऐसी क्या खास बात थी कि जब भी मैं उसे देखता तो मुझे उससे बातें करने की इच्छा होती थी। जब मैंने उसके बारे में कुछ-कुछ जाना तो पता चला कि उसे पढ़ाई-लिखाई में बहुत रुचि है। मैंने उसके पढ़ाई-लिखाई में मदद करने के उद्देश्य से उसे कुछ रुपए दिए। कुछ दिनों के मुझे बाद पता चला कि उसके घरवालों ने उससे रुपए ले लिए। इस बार मैंने खुद ही सोनू के लिए किताबें और कॉपियाँ खरीदीं और उसे दिन में एक घंटे खुद ही पढ़ाने का निर्णय लिया। मैं सोनू की तीव्र बुद्धि और प्रश्न पूछने शैली से अचंभित हो गया दूसरे ही पल मैं यह सोच कर दुखी हो गया कि ग्रीष्मावकाश के बाद जब मैं अपने काम में व्यस्त हो जाऊँगा तो सोनू का क्या होगा?
अविनाश रंजन गुप्ता