DAV Solutions Class – VIII Chapter -3 Acche Padosi Ke Gun अच्छे पड़ोसी के गुण   

शाश्वत – जो हमेशा रहे

दृष्टिकोण – Outlook

उदार – Liberal

नेक – अच्छा

इरादा – उद्देश्य

शक्ल – चेहरा

दरियाफ़्त – पता लगाना

आश्वस्त – Relax

सेहत  – सवास्थ्य

टें बोल जाना – मर जाना

अमरौती – अमर होने की दवा

चेताना – सावधान करना

कैंसर – कर्कट रोग

प्रारंभिक – Preliminary

रवैया – व्यवहार

प्राण-चिरैया – आत्मा

सुखद – सुख देने वाला    

परिणाम – फल

दरिया – नदी

ज़रा – थोड़ा

जरा – बुढ़ापा

संकोच – लज्जा

जायदाद – संपत्ति

बेशकीमती – अत्यधिक मूल्यवान                  

कबाड़ी – Ragman

ताज्जुब – आश्चर्य

कृत्य – किया हुआ काम

बहस – Argument

सामाजिक – Social

उपलब्धि – Achievement

कहावत – Hearsay

अहिंसक – Non-violent

मूर्खता – बेवकूफ़ी

अभिनय – नाटक

कोसना – बुरा भला कहना

सुशोभित – सुंदर लगना

संक्रामक – Contagious

तमन्ना – इच्छा

संवाहक – Conductive

मुंडी – सिर

सिलसिला – क्रम

शामिल – Include

तूश – एक प्रकार का कीमती ऊन

बला – मुसीबत

जिज्ञासा – जानने की इच्छा / Curiosity

अंतर्धान – गायब हो जाना

संत्रास – अत्यंत डर का भाव

नौबत – बुरी स्थिति

हादसा – दुर्घटना

स्पर्धा – Competition

जलन – ईर्ष्या, डाह, द्वेष

अपराध – Crime

अव्वल – प्रथम

शीत-युद्ध – Cold war   

तब्दीली – बदलाव

दुष्प्रभाव – बुरा प्रभाव

लिहाज़ा – इसलिए, अत:

पीढ़ी – Generation

अकसर – अधिकतर/ Often

धराशायी – ध्वंश होना

किस्म – प्रकार

दूभर – कठिन

कमर कसना – तैयार होना

सौहार्द – मेल-जोल

सद्भावना – in good spirit

आंतरिक – Internal

सार्वजनिक – Public

दीगर – अन्य

जासूस – Detective

आकांक्षा – इच्छा

प्रत्यय   

अमरौती – अमर + औती  

प्रारंभिक – प्रारंभ + इक

सुखद – सुख + द    

सामाजिक – समाज + इक

उपलब्धि – उपलब्ध + इ 

कोसना – कोस + ना

मूर्खता – मूर्ख + ता

तब्दीली – तब्दील + ई

आंतरिक – अंतर + इक

उपसर्ग

सुशोभित – सु + शोभित

संवाहक – सम् + वाहक

दुष्प्रभाव – दु: + प्रभाव

सद्भावना – सत् +भावना

अहिंसक – अ + हिंसक

पर्यायवाची शब्द

इरादा – उद्देश्य, लक्ष्य, मंशा  

शक्ल – चेहरा, रूप, मुखड़ा  

रवैया – व्यवहार, आचरण, बर्ताव  

परिणाम – फल, नतीजा

दरिया – नदी, सरिता, तटिनी, निर्झरिणी

जायदाद – संपत्ति, धन, विरासत   

तमन्ना – इच्छा, अभिलाषा, चाहत   

संत्रास – अत्यंत भाव

नौबत – बुरी स्थिति

हादसा – दुर्घटना, त्रासदी, घटना

जलन – ईर्ष्या, डाह, द्वेष

विलोम शब्द

शाश्वत # क्षणिक

उदार # अनुदार  

नेक # बुरा

प्रारंभिक # अंतिम

सुखद # दुखद     

ज़रा # ज़्यादा

जरा # निर्जरा

संकोच # निसंकोच  

सामाजिक # असामाजिक

अहिंसक # हिंसक

मूर्खता # चालाकी  

कोसना # सराहना

अपराध # निरपराध  

सद्भावना # दुर्भावना

आंतरिक # बाहरी  

सार्वजनिक # व्यतक्तिगत

प्रश्न 1. लेखक पड़ोसी के प्रति अपनी उदारता का परिचय किस प्रकार देते थे?

उत्तर – लेखक अपने पड़ोसी के प्रति उदारता दिखाने हेतु सालों पुराने पड़े जूते, पलास्टिक की थैलियाँ, टूटी शीशियों को बिना किसी संकोच के पड़ोसियों की झाड़ी के पार या घर के पीछे फेंक देते हैं।

प्रश्न 2. पड़ोसी की केबल का तार काटने को लेकर लेखक क्या तर्क देते हैं?

उत्तर – लेखक पड़ोसी के केबल का तार काटने को सही ठहराने के लिए दलीलें पेश करते हुए कहते हैं कि केबल में आने वाले कार्यक्रम बच्चों के कोमल मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव डालते हैं। बच्चे इन कार्यक्रमों को देखने के इतने आदी हो जाते हैं कि अपनी पढ़ाई तक का नुकसान कर लेते हैं, लगातार टी.वी. देखने से उनकी आँखें भी कमज़ोर हो जाती हैंІ     

प्रश्न 3. लेखक ने व्यक्ति और देश के पड़ोसियों की तुलना क्यों की है?

उत्तर – लेखक ने व्यक्ति और देश के पड़ोसियों की तुलना की है क्योंकि जिस प्रकार एक व्यक्ति भला मानुष और हमारा शुभचिंतक होने का दिखावा करता है ठीक उसी प्रकार हमारे देश के पड़ोसी देश भी हमारे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने का वादा करते हैं लेकिन  गुप्त रूप से हमारे देश में घुसपैठिए भेजकर असामाजिक गतिविधियों को अंजाम देकर खौफ़ और आतंक का माहौल पैदा करते हैं।  

प्रश्न 4. पाठ के आधार पर बताइए कि अकसर पड़ोसियों में किन बातों को लेकर बहस होती थी?

उत्तर – पड़ोसियों के बीच अधिकतर सामान्य बातों को लेकर बहस होती है, जैसे- कूड़े-कचरे का इधर-उधर फेंका जाना, पड़ोसी को दिए गए चीज़ों के बदले ख़राब चीज़ों का प्राप्त होना या ख़राब अवस्था में प्राप्त होना।  

प्रश्न 5. पाठ के आधार पर नीचे कुछ कथन दिए गए हैं। सही कथनों के आगे सही ( P ) का निशान और गलत कथनों के आगे गलत (x) का निशान लगाइए-

सही – तूश के शॉल पर चटनी का दाग लगने से लेखक की पत्नी बहुत परेशान थी ।

गलत – लेखक का व्यवहार अपने पड़ोसियों के प्रति उदार था।

सही – लेखक को पड़ोसी की पत्नी के स्वास्थ्य की चिंता थी।

सही – पड़ोसियों के बीच चाय की पत्ती, प्याज़, साड़ी आदि का लेन-देन होता था।

गलत – लेखक कूड़ा फेंकने की अपनी गलती को पड़ोसी के सामने मान लेते थे।

प्रश्न 1. तूश – प्रकरण को अपने शब्दों में बताइए।

उत्तर – तूश एक प्रकार का कीमती ऊन होता है। इस पाठ में एक पड़ोसी दूसरे पड़ोसी से किसी पार्टी में जाने के लिए तूश का शॉल माँगता है। दुर्भाग्यवश उस शॉल में चटनी का दाग लग जाता है। जब इस बात की जानकारी शॉल के मालिक को चलती है तो वह यह मानता है कि ईर्ष्या और स्पर्धा के कारण उसने ऐसा जानबुझकर किया है जिसका कारण पुरानी चाय और प्याज़ की लेन-देन है।

प्रश्न 2. महिलाओं के बीच पड़ोसी धर्म निभाने का सिलसिला समाप्त क्यों हो जाता है?

उत्तर – महिलाओं के बीच पड़ोसी धर्म निभाने का सिलसिला छोटी-मोटी चीज़ों से शुरू होता है और इसी क्रम से किसी मामूली बात को लेकर दोनों में शीत युद्ध हो जाता है और दोनों पक्ष  अपने को सही मानकर अपने स्वाभिमान की रक्षा करने के लिए पड़ोसी धर्म की तिलांजलि दे देते हैं।

प्रश्न 3. कोई ऐसी घटना बताइए जब आपके पड़ोसी ने अपना पड़ोसी धर्म निभाते हुए आपकी सहायता की हो।

उत्तर – एक बार जब आधी रात को मेरी चाची को साँप ने काट लिया था तो मेरे पड़ोसी ने पड़ोसी धर्म निभाते हुए उन्हें अपनी कार में अस्पताल पहुँचाया था।

प्रश्न 4. क्या वास्तव में लेखक और उनके पड़ोसी का व्यवहार एक-दूसरे के प्रति उदार था? अपने विचार बताइए।

उत्तर – वास्तव में लेखक और उनके पड़ोसी के बीच का व्यवहार बिलकुल भी उदार नहीं था पर उदार होने का दोनों दिखावा करते थे। उन दोनों के बीच में ऐसा होने का कारण यह था कि अपने दृष्टिकोण से दोनों अपने आपको सही मानते थे और दूसरे को यह विश्वास दिलाने का भी प्रयत्न करते थे कि वे ही सही हैं।

प्रश्न 1. यदि लेखक और उनके पड़ोसी का व्यवहार एक-दूसरे के प्रति अच्छा होता, तो उनके जीवन में क्या परिवर्तन आता?

उत्तर – यदि लेखक और उनके पड़ोसी का व्यवहार एक-दूसरे के प्रति अच्छा होता तो उनका जीवन खुशियों से भर जाता क्योंकि अच्छे पड़ोसी की तुलना देव से की गई है। हम मुश्किल घड़ी में भगवान को याद करते हैं परंतु पड़ोसी के अच्छे होने पर वे हमारी मुश्किल घड़ी में हमारा साथ देते और उनकी मुश्किल घड़ी में हम उनका साथ देते।

प्रश्न 2. यदि लेखक और उनके पड़ोसी वास्तव में ‘अच्छे पड़ोसी’ होते, तो वे शीत युद्ध की समस्या से कैसे निपटते?

उत्तर – यदि लेखक और उनके पड़ोसी वास्तव में ‘अच्छे पड़ोसी’ होते, तो वे शीत-युद्ध की समस्या को पारस्परिक सूझ-बूझ और बात-चीत से सुलझा लेतेІ

प्रश्न 1. नीचे दिए गए शब्दों के विलोम शब्द लिखिए-

(क) शाश्वत # क्षणिक

(ख) दुखद # सुखद

(ग) दुर्भाग्य # सौभाग्य

प्रश्न 2. नीचे दिए गए वाक्यों का भाव समझाइए –

(क) एक साल से बिस्तर पकड़े हैं।

क. एक साल से बीमार हैं।

(ख) हमारी भाभी की प्राण- चिरैया चारपाई में अटकी रही ।

ख. लंबे समय से बीमारी के कारण बिस्तर में पड़े रहना।

(ग) उसकी सफ़ाई में डेढ़ सौ की चोट लगी।

ग. सफ़ाई में डेढ़ सौ का खर्च होना।

प्रश्न 1. पड़ोसियों के बीच दैनिक प्रयोग की वस्तुओं का आदान-प्रदान होता रहता है। हमें इस आदान-प्रदान में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

उत्तर – पड़ोसियों के बीच दैनिक प्रयोग की वस्तुओं का आदान-प्रदान होना स्वाभाविक-सी बात होती है। हमें इस आदान-प्रदान में काफी सजग रहने की आवश्यकता है, जैसे- जिस स्थिति में चीज़ों को लेना चाहिए उसी स्थिति में चीज़ों को लौटाना चाहिए और खराब हो जाने की स्थिति में उसे ठीक करके या फिर नया देना चाहिए। जितने दिनों के लिए लिया है उतने दिनों में वापस कर देना चाहिए या देर होने पर पड़ोसी को सूचित कर देना चाहिए।

प्रश्न 2. निम्नलिखित स्थितियों में आप पड़ोसी के साथ कैसा व्यवहार करेंगे-

प्रश्न (क) जब उनके परिवार में कोई अस्वस्थ हो ।

उत्तर – जब मेरे पड़ोसी के परिवार में कोई अस्वस्थ हो तो हम उनके साथ पूरी हमदर्दी रखते हुए उनकी आवश्यकताओं का ख्याल रखेंगे, उनसे मिलने अस्पताल जाएँगे और ज़रूरत पड़ने पर आर्थिक मदद भी करेंगे।

प्रश्न (ख) जब उनकी अनुपस्थिति में उनके घर कोई अतिथि आ जाए।

उत्तर – जब उनकी अनुपस्थिति में उनके घर कोई अतिथि आ जाए तो सच्चे पड़ोसी का धर्म निभाते हुए हम उनके अतिथि का आदर-सत्कार करेंगे और पड़ोसी के न आ जाने तक उनका पूरा-पूरा ध्यान रखेंगे।

अपने किन्हीं तीन पड़ोसियों के विषय में जानकारी देते हुए दिए गए बिंदुओं के आधार पर कॉपी में तालिका बनाइए-

पड़ोसी का नाम

पड़ोसी के घर के सदस्य

पड़ोसी की कोई दो ख़ास आदतें, जो आपको पसंद हों

पड़ोसी की कोई दो ख़ास आदतें, जो आपको पसंद न हों

उत्तर – छात्र स्वयं करें

पाठ – 3

अच्छे पड़ोसी के गुण

उपसर्ग, प्रत्यय

1.

केवल ध्यान से पढ़ने और समझने के लिए।             

2.

केवल ध्यान से पढ़ने और समझने के लिए। 

3.

क. प्रतिकार   

ख. अनुमान

ग. अभिनव   

घ. अवगुण

ङ. विद्रोह

च. अपयश

छ. उपकार

ज. कुमार्ग

झ. दुर्बल

ञ. बेईमान

4.

क. निदान – नि + दान  

ख. निर्भय – निर् + भय

ग. पराजय – परा + जय

घ. परिजन – परि + जन

ङ. प्रस्थान – प्र + स्थान

5.

क. आ + हार – आहार    

ख. सु + गम – सुगम

ग. अध + खिला – अधखिला

घ. अन + मोल – अनमोल

ङ. अ + काल – अकाल

च. प्रति + दिन – प्रतिदिन 

6.

केवल पढ़ने और समझने के लिए।       

7.

क. स्वर्ग + ईय – स्वर्गीय    

ख. उदारता + ता – उदारता   

ग. बूढ़ा + आपा – बुढ़ापा

घ. मूर्ख + ता – मूर्खता  

ङ. प्रारंभ + इक – प्रारंभिक

च. गरीब + ई – गरीबी

छ. परिवार + इक – पारिवारिक

ज. स्त्री + त्व – स्त्रीत्व

झ. बच्चा + पन – बचपन

ञ. स्वभाव + इक – स्वाभाविक

8.

क. चिल्ला + आहट – चिल्लाहट    

ख. चढ़ + ना – चढ़ना    

ग. दया + आलु – दयालु  

घ. उड़ + आन – उड़ान

ङ. सज + आवट – सजावट

9.

क. धर्म + इक – धार्मिक

ख. टिक + आऊ – टिकाऊ

ग. दोस्त + ई – दोस्ती

घ. गड़गड़ + आहट – गड़गड़ाहट

ङ. बर्फ़ + ईला – बर्फ़ीला

च. नाग + इन – नागिन

छ. पढ़ + आई – पढ़ाई

ज. शिल्प + कार – शिल्पकार

10.

क. कुपुत्र –       कु + पुत्र + –

ख. लिखावट –    + लिख + आवट    

ग. पुरुषत्व –     – + पुरुष + त्व

घ. भरपेट –      भर + पेट + –

ङ. प्रतिक्रिया –    प्रति + क्रिया + –

च. कृपालु –      – + कृपा + आलु

छ. नैतिक –      – + नीति + इक

ज. उपकार –     उप + कार + –

झ. चमकीला –    – + चमक + ईला

11.

    क. बाँसुरी  

ख. गाँव

ग. महँगी  

घ. साँस

ङ. दाँत

च. कहाँ

छ. चाँदनी

ज. मुँह

12.

क. मधुकर ने कहा, “मैंने अब कनाडा में बसने का निश्चय            कर लिया है।”

ख. सुजाता, मानसी, अंकिता, रश्मि और देवांशी अच्छी            सखियाँ हैं।

ग. अहा ! हलवा खाकर मज़ा आ गया।    

घ. माँ ने क्रोधित होकर पूछा, “इतनी रात गए कहाँ जा रहे        हो?”

13.

क. आचार्य       आचार्या

ख. भवदीय       भवदीया

ग. नायक        नायिका

घ. स्वामी        स्वामिनी

ङ. कवि         कवयित्री

च. विद्वान       विदुषी

14.

क. संतरे      

ख. वे  

ग. कविताएँ

घ. झाड़ियाँ  

ङ. महीने

15.

    क. अनिश्चयवाचक सर्वनाम

ख. प्रश्नवाचक सर्वनाम

ग. निजवाचक सर्वनाम

घ. मध्यम पुरुष, पुरूषवाचक सर्वनाम

ङ. संबंधवाचक सर्वनाम

16. संवाद

मैं – अरे! क्या तुम अपने घर का कूड़ा यहाँ फेंक रहे हो?

मित्र – हाँ, मैं यहीं फेंक रहा हूँ।

मैं – पर मेरे घर के किनारे ही क्यों?

मित्र – क्योंकि तुमने भी दो दिन पहले यही किया था?

मैं – यही किया था मतलब?

मित्र – मेरे घर के किनारे कूड़ा फेंका था?

मैं – ये झूठ है, मैंने ऐसा किया ही नहीं है?

मित्र – देखो, बक्शी जी ने मुझे सब बता दिया है।  

मैं – क्या! बक्शी जी ने क्या बता दिया है?

मित्र – यही कि परसों तुम मेरे घर के किनारे कूड़ा फेंक रहे थे।  

मैं – बक्शी तो कमाल है। उसने मुझे तुम्हारे बारे में भी ऐसा ही कहा      है। 

मित्र – बक्शी हम दोनों में फूट डालना चाहता है।

मैं – अभी तुम ठीक समझे।

मित्र – मुझे माफ़ करना मित्र।

मैं –  दोस्ती में कोई माफ़ी नहीं कोई धन्यवाद नहीं।   

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