शब्दार्थ
दफ़्तर – कार्यालय
अनुमति – स्वीकृति
उल्लंघन – न मानना
दरख़्वास्त – अर्जी, आवेदन / Application
विद्युत – बिजली
दलाल – बिचौलिया / Agent
घूरना – एकटक देखना / Starring
हुज़ूर – Sir
साधन – तरीका
फ़िज़ूल – व्यर्थ
भूमिस्वामी – Landlord
प्रमाणपत्र – Certificate
विधायक – MLA
हासिल – प्राप्त
अधिकारी – Officer
गर्व – अभिमान
हुक्म बजाना – आज्ञा का पालन करना
निरीहता – बेबसी
निरीक्षण – Inspection
आपत्ति – Objection
होमवर्क – गृहकार्य
रण-बाँकुर – योद्धा
देहरी – चौखट
मत्था – सिर
फ़ुरसत – खाली समय
खनिज – Mineral
विभाग – Department
राजस्व – Revenue
ठोस – पुख्ता / Solid
धरातल – ज़मीन
टैक्स – कर / Tax
रसीद – Receipt
बाँध – Dam
धन्य – महान
मुँह बिचकाना – अनिच्छा प्रकट करना
क्यूसेक – Cusec
एसडीओ – Sub – Divisional Officer
भरण – क्षमता – Filling Capacity
भयाक्रांत – डर जाना
कार्यवाही – Proceedings
दौरा – visit
उन्नत – विकसित
आत्मनिर्भर – Self-dependent
धार – Flow
दृढ़ – मजबूत
पर्यायवाची
विद्युत – बिजली, दामिनी, चपला, सौदामिनी
हुज़ूर – मालिक, स्वामी, अधिकारी
नदी – सरिता, तटिनी, निम्नगा
गर्व – अभिमान, घमंड, दर्प
मत्था – सिर, मस्तक, ललाट,
ठोस – पुख्ता, कठोर
दृढ़ – मज़बूत, जटिल, पुख्ता
निरीहता – बेबसी, लाचारी, मज़बूरी
विलोम
अनुमति # आदेश
हुज़ूर # सेवक
फ़िज़ूल # बेफ़िज़ूल
आपत्ति # अनापत्ति
फ़ुरसत # व्यस्त
ठोस # तरल
उन्नत # अनुन्नत
आत्मनिर्भर # परनिर्भर
प्रत्यय
अधिकारी – अधिकार + ई
निरीहता – निरीह + ता
राजस्व – राज + स्व
वसूली – वसूल + ई
उपसर्ग
विभाग – वि + भाग
पाठ में से
प्रश्न 1. भोलाराम पंप क्यों और कैसे लगवाना चाहता था?
उत्तर – भोलाराम अपने खेतों की सिंचाई के लिए पाँच हॉर्स पावर का पंप बिना सरकारी नियमों का उल्लंघन किए हुए लगाना चाहता था।
प्रश्न 2. बिजली साहब ने दरख्वास्त की हर तह को धीरे से क्यों खोला?
उत्तर – जब भोलाराम ने बिजली कनेक्शन की दरख्वास्त बिजली साहब को दी तो उन्हें लगा कि भोलाराम ने दरख्वास्त की तह में कुछ रुपए रखे होंगे, कहीं रुपए गिर न जाए इसलिए बिजली साहब ने भोलाराम के दरख्वास्त की हर तह को धीरे-धीरे से खोला।
प्रश्न 3. सिंचाई साहब ने ‘नो – ऑब्जेकशन सर्टिफ़िकेट’ प्राप्त करने की क्या प्रक्रिया बताई?
उत्तर – सिंचाई साहब ने भोलाराम को नो ‘ऑब्जेकशन सर्टिफिकेट प्राप्त’ करने की प्रक्रिया बताते हुए कहा कि तुम अपने खेतों की सिंचाई के लिए नदी से पानी खींचोंगे। नदी से पानी खींचने के लिए सबसे पहले नदी जिसकी है उससे यह लिखवा कर लाओ कि उसे नदी से पानी खिंचे जाने पर कोई भी आपत्ति नहीं है। तब तुम्हारी अर्जी पर विचार किया जाएगा।
प्रश्न 4. ‘महान राष्ट्रीय परंपरा’ किसे कहा गया है? भोलाराम ने इसका उल्लंघन क्यों किया?
उत्तर – ‘महान राष्ट्रीय परंपरा’ बिना अनुमति के काम करने को कहा गया है। भोलाराम ने इसका उल्लंघन किया क्योंकि वह एक ईमानदार व्यक्ति था और उसे सरकारी नियम-क़ानूनों पर पूरा-पूरा भरोसा था।
प्रश्न 5. पाठ के माध्यम से लेखक ने किस सच्चाई को उजागर किया?
उत्तर – इस पाठ के माध्यम से लेखक ने वर्तमान समाज के सरकारी तंत्र के लगभग सभी विभागों में फैले भ्रष्टाचार, घूसख़ोरी और अधिकारियों द्वारा काम में ढिलाई होना जैसे समाज विरोधी गतिविधियों का जीवंत रूप प्रस्तुत किया है, जिससे समाज के गरीब वर्ग के लोगों को काफी दिक्कतें आती हैं।
प्रश्न 6. पाठ के आधार पर लिखिए कि नीचे दिए गए कथन किसने कहे? क्यों कहे?
प्रश्न (क) “केवल दरख्वास्त और क्या देना पड़ता है, नहीं मालूम है?”
उत्तर – बिजली साहब ने।
भोलाराम से घूस लेने की आशा में।
प्रश्न (ख) “अरे, नदी हमारी होती तो अब तक केवल रिकॉर्ड में दिखाई देती ।
उत्तर – जंगल साहब ने।
अपने विभाग के गैर-ज़िम्मेदारना कामों के बारे में बताने
प्रश्न (ग) “सरकारी नौकर हैं। सरकारी बैठकों, दौरों से फुर्सत मिलेगी, तब सोचेंगे।”
उत्तर – सिंचाई साहब ने।
अपने विभाग के अत्यधिक कार्यों के बारे में बताने के लिए।
बातचीत के लिए
प्रश्न 1. वर्तमान समय में यदि कोई भोलाराम जैसी किसी समस्या में फँस जाए तो उसे क्या करना चाहिए?
उत्तर – वर्तमान समय में यदि कोई भोलाराम जैसी समस्या में फँस जाए तो उसे मीडिया, सतर्कता विभाग (Vigilance Department) में संबंधित अधिकारी की शिकायत करनी चाहिए तथा गैर-सरकारी संस्थाओं (NGOs) की मदद लेनी चाहिए।
प्रश्न 2. पाठ में सरकारी अधिकारियों की कार्य-प्रणाली के विषय में पढ़कर आपको क्या समझ आया ? चर्चा कीजिए।
उत्तर – पाठ में सरकारी अधिकारियों की कार्य-प्रणाली के विषय में पढ़कर मुझे यह समझ आया कि वे केवल निर्देशों का पालन करते हैं बिना यह विचार किए कि वे निर्देश कहाँ तक सही हैं। दूसरी तरफ उनके कामों में भरपूर ढिलाई भी सामने आती है और सबसे खतरनाक कि वे सरकारी वेतन पाने के बाद भी घूस लेने के लिए आतुर रहते हैं।
प्रश्न 3. ‘आ बला, पकड़ गला’ का क्या अर्थ है? इसका प्रयोग भोलाराम के लिए क्यों किया गया? बताइए।
उत्तर – ‘आ बला पकड़ गला’ मुहावरे का अर्थ है – जान-बूझकर मुसीबतों में उलझना। इसका प्रयोग भोलाराम के लिए किया गया है क्योंकि भोलाराम के मित्रों ने उसे सलाह दी थी कि बिना बिजली विभाग में अर्जी लगाए ही लाइन मेन को कुछ पैसे देकर बिजली कनेक्शन ले लो।
प्रश्न 4. ‘अरे, नदी हमारी होती तो अब तक केवल रिकॉर्ड में दिखाई देती। वास्तविकता में पेड़ों की तरह कब की साफ़ हो गई होती।’ – कथन का अर्थ समझाइए।
उत्तर – इस कथन का आशय यह है कि सरकारी तंत्र में वास्तविक काम केवल रिकॉर्ड में ही देखा जा सकता है सच्चाई में तो प्राकृतिक चीजों का केवल अंधाधुंध दोहन ही हो रहा है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. इस पाठ के लिए कोई एक अन्य शीर्षक सुझाइए व उसका कारण भी बताइए ।
उत्तर – इस पाठ के लिए ‘बेबस किसान’ शीर्षक रखा जा सकता है क्योंकि इस कहानी की सारी घटनाएँ आरंभ से अंत तक भोलाराम के इर्द-गिर्द ही घूमती नज़र आती हैं।
प्रश्न 2. पंप लगवाने की प्रक्रिया के दौरान भोलाराम की सोच में क्या-क्या परिवर्तन आए होंगे? बताइए ।
उत्तर – पंप लगवाने की प्रक्रिया के दौरान भोलाराम की सोच में बहुत परिवर्तन आए होंगे जैसे उसका सरकारी नियम-क़ानूनों पर से विश्वास उठ रहा होगा, अधिकारियों के प्रति घृणा भाव पैदा हो रही होगी और अंत तक वह यह मान बैठा होगा कि नियमों का उल्लंघन करने से ही काम जल्दी होते हैं।
प्रश्न 3. पढ़-लिखकर यदि आप सरकारी अधिकारी बन जाएँ, तो आप कौन-सी कुरीतियाँ दूर करना चाहेंगे?
उत्तर – यदि मैं पढ़-लिखकर सरकारी अधिकारी बन जाऊँ तो सबसे पहले मैं उन अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करूँगा जो अपने कार्यों का निर्वाह सही से नहीं करते और घूस लेते हैं। दूसरा काम यह कि मैं कुछ ऐसे सरल नियम बनाऊँगा जिससे आम जनता को कम-से कम परेशानी हो।
भाषा की बात
प्रश्न 1. नीचे दिए गए शब्दों को शब्द-कोशीय क्रम में लिखिए-
अनुमति, बूँद, बिजली, फ़ुर्सत, सिंचाई, कृषि श्रद्धा, क्यूसेक पुख़्ता, प्रति ।
अनुमति
कृषि
क्यूसेक
पुख्ता
प्रति
फुर्सत
बिजली
बूँद
श्रद्धा
सिंचाई
प्रश्न 2. नीचे खंड ‘क’ में पाठ में आए कुछ शब्द – प्रयोग और खंड ‘ख’ में उनके अर्थ दिए गए हैं। दोनों का मिलान कीजिए-
क ख
क. संस्कारों का पानी चढ़ना परम्पराओं का पालन करना
ख़. आ जाते हैं मुँह उठाए बिना सोचे-समझे जाना
ग. कागज़ सही करना प्रमाणपत्रों की जाँच करना
घ. घास छीलना व्यर्थ के कार्य करना
ङ. मलाई का काम लाभ का काम
जीवन मूल्य
बिना कुछ कहे ही वह लौट आया और महान भारतीय परंपरा के अनुसार बिना अनुमति पंप फिट
कर पानी लेना शुरू कर दिया।
प्रश्न 1. क्या भोलाराम ने सही निर्णय लिया? क्यों?
उत्तर – भोलाराम ने आंशिक रूप से सही निर्णय लिया क्योंकि अगर ज़्यादा देर हो जाती तो उसकी फसल खराब हो जाती और उसे बहुत बड़ा घाटा होता।
प्रश्न 2. क्या अधिकारियों का रिश्वत माँगना उचित था? कारण सहित बताइए।
उत्तर – अधिकारियों का रिश्वत माँगना किसी भी दृष्टि से सही नहीं है क्योंकि सरकार उन्हें अच्छी-ख़ासी तनख्वाह और बहुत-सी सुविधाएँ देती हैं ताकि वे अपना काम सही से करें और आम जनता का सरकारी नियम-कानूनों के प्रति विश्वास बना रहे।
प्रश्न 3. ऐसी समस्या में फँसे व्यक्ति को आप क्या सुझाव देंगे?
उत्तर – मैं ऐसी समस्या में फँसे व्यक्ति को मीडिया में जाने, सतर्कता विभाग में शिकायत दर्ज कराने और गैर-सरकारी संस्थाओं की मदद लेने की सलाह दूँगा।
कुछ करने के लिए
प्रश्न 1. भ्रष्टाचार पर बनी फ़िल्म ‘नायक’ देखिए और उसकी समीक्षा कीजिए।
उत्तर – छात्र स्वयं करें
प्रश्न 2. दिए गए फ़्लोचार्ट (Flow Chart) में पाठ में वर्णित घटनाओं का क्रमबद्ध विवरण लिखिए-
शुरुआत
पंप लगवाने की
आवश्यकता व लोगों की सलाह
अंत
प्रथम विभाग
द्वितीय विभाग
तृतीय विभाग
चतुर्थ विभाग
उत्तर – छात्र स्वयं करें
अभ्यास सागर
पाठ – 9
जब भोलाराम ने पंप लगाया
विशेषण, प्रविशेषण
अपठित गद्यांश
1. केवल समझने के लिए
2.
क. पाँच
ख. अनुभवी
ग. कठोर
घ. लाखों, करोड़ों
ङ. मोटी
3.
क. सफ़ेद ड्रेस
ख. मेरी माँ
ग. तीन पैन
घ. मीठे संतरे
ङ. गरम पानी
4.
क. ईमानदार गुणवाचक विशेषण
ख. चौथी संख्यावाचक विशेषण
ग. मेरी सार्वनामिक विशेषण
घ. दो मीटर परिमाणवाचक विशेषण
5.
क. बिलकुल
ख. बड़ा
ग. बहुत
घ. सबसे
ङ. लगभग
6.
क. बड़ी
ख. अति
ग. अत्यंत
घ. बहुत
ङ. बड़ा
7. केवल पढ़ने और समझने के लिए
8.
क. आर्थिक
ख. ऐतिहासिक
ग. पारिवारिक
घ. लालची
ङ. जहरीला
च. नमकीन
9.
क. ऐसा
ख. अपना-सा
ग. वैसा
घ. कैसा
ङ. तुम-सा
च. जैसा
10.
क. भगोड़ा
ख. पढ़ाकू
ग. बिकाऊ
घ. बनवैया
ङ. खेलवाड़ी (खेल-कूद में अधिक रुचि रखने वाला)
च. अगला
11.
क. पिछला
ख. बाहरी
ग. भीतरी
घ. निचला
ङ. अगला
च. सतही
12.
क. वार्षिक
ख. बुद्धिमान
ग. जापानी, परिश्रमी
घ. चचेरा, रंगीन
13.
क. हँसी जीवन की अनिवार्य आवश्यकता है।
ख. हमेशा हँसते रहने वाले व्यक्ति जीवन की परेशानियों को वे चुटकी में सुलझा लेते हैं।
ग. हँसी से पाचन शक्ति, रक्त प्रवाह तथा मस्तिष्क तनावमुक्त रहता है। इसलिए हँसी हमारे शरीर एवं मस्तिष्क को स्वस्थ रखती है।
घ. डॉक्टरों ने हँसी को शक्तिशाली दवा माना है।
ङ. हँसने वाला व्यक्ति सफलता के मार्ग में आनेवाली परेशानियों को अपने आत्मविश्वास से दूर कर देता है।
14.
क. अ + ज्ञान
ख. अनु + करण
ग. अधि + कार
घ. अप + मान
ङ. दुर् + दशा
15.
क. ला + इलाज
ख. अ + ज्ञान
ग. आ + जन्म
घ. परा + जय
ङ. अव + गुण
च. अध + पका
16.
क. ला + परवाह + ई
ख. निर् + बल + ता
ग. अ + सफल + ता
घ. नि + डर + ता
ङ. अप + मान + इत
17.
क. सज्जनता
ख. प्यास
ग. चालाकी
घ. दानवता
ङ. पशुता
च. कौमार्य
18. कैसी हो शिक्षा
शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो हमें बंधनों से मुक्त करे। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य खाली मस्तिष्क को खुले मस्तिष्क में बदलना ही होना चाहिए। आज की शिक्षा पद्धति में भी सुधार की आवश्यकता है और खास करके सरकारी स्कूलों की शिक्षा पद्धति में। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में अभी भी 65% लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजते हैं। वहाँ की शिक्षा व्यवस्था में छात्रों को अनुसंधान और विकास के महत्त्व के बारे में बताया ही नहीं जाता है। यही छात्र जब कॉलेज में जाते हैं तो निजी स्कूल के अंग्रेजी माध्यम वाले बच्चों के सामने बौने नज़र आते हैं। तब इन्हें समझ में आता है कि इनकी पढ़ाई उच्चस्तरीय तरीके से हुई ही नहीं है लिहाजा क्लर्क या अन्य मामूली पदों के लिए ऐसे प्रार्थियों की भीड़ उमड़ती है।