एक बूँद
ज्यों निकलकर बादलों की गोद से,
थी अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी,
सोचने फिर-फिर यही जी में लगी,
आह ! क्यों घर छोड़कर मैं यों कढ़ी !
दैव, मेरे भाग्य में है क्या बदा,
मैं बचूँगी या मिलूँगी धूल में,
या जलूँगी गिर अँगारे पर किसी,
चू पड़ूँगी या कमल के फूल में
बह गई उस काल एक ऐसी हवा,
वह समुंदर ओर आई अनमनी
एक सुंदर सीप का था मुँह खुला,
वह उसी में जा पड़ी, मोती बनी।
लोग यों ही हैं झिझकते सोचते,
जबकि उनको छोड़ना पड़ता है घर,
किंतु घर का छोड़ना अकसर उन्हें,
बूँद लौं कुछ और ही देता है कर।
शब्दार्थ :
गोद – क्रोड़।
कढ़ी – चली
चू पड़ना – टपकना, नीचे गिरना।
समुंदर – सागर
दैव – विधाता।
बदा – लिखा।
अनमनी – मन कहीं और होना।
सीप – जिसमें मोती भरता है, Shell
मोती – मुक्ता, Pearl
झिझकना – आगा पीछा करना / दुविधा।
लौं – तरह।
अकसर – प्रायः।
भावबोध :
जीवनपथ में आगे बढ़ना ज़रूरी है। भविष्य में क्या होगा कहा नहीं जा सकता। फिर भी सबकुछ अच्छा होगा ऐसा ही सोचना चाहिए। बूँद नीचे गिरती है। मेघ उसका घर है, उसे छोड़ देती है। वह सागर से मिलती है या सीप के मुँह में पड़कर मोती बन जाती है। लोग घर छोड़ना अर्थात् कोई काम करना या जोखिम उठाना नहीं चाहते। क्योंकि उन्हें डर बना रहता है। कवि उनको आशा की रोशनी दिखाकर कहता है कि जोखिम उठाने से कुछ अच्छा ही होगा।
1. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(क) बादलों की गोद से निकलकर बूँद क्या सोचने लगी?
उत्तर – बादलों की गोद से निकलकर बूँद सोचने लगी कि मैं अपने घर से आखिर निकली ही क्यों? अब न जाने मेरा क्या होगा? मेरे भाग्य में आखिर क्या लिखा है?
(ख) बूँद हवा में बहकर किस ओर पहुँची?
उत्तर – बूँद हवा में बहकर समुद्र की ओर पहुँची।
(ग) घर छोड़ते हुए लोगों के मन में झिझक क्यों होती है?
उत्तर – घर छोड़ते हुए लोगों के मन में झिझक होती है क्योंकि उन्हें यह पता ही नहीं होता कि जहाँ वे जा रहे हैं वहाँ स्थितियाँ उनके अनुकूल होंगी या नहीं।
(घ) बूँद कैसे मोती बनी?
उत्तर – बूँद एक सुंदर सीप के खुले मुँह में गिरी और मोती बन गई।
(ङ) ‘बूँद की तरह कुछ और बन जाना’ का अर्थ क्या है?
उत्तर – ‘बूँद की तरह कुछ और बन जाना’ का अर्थ है कि अगर मनुष्य अपने घर से काम की तलाश में बाहर निकलता है और अगर उसके हौसले और मज़बूत हो तो वह सफलता प्राप्त कर ही लेगा।
2. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए:
(क) विधाता के बारे में बूँद क्या सोचती है?
उत्तर – बादलों से निकलने के बाद बूँद विधाता के बारे में यह सोचती है कि न जाने मेरे भाग्य में क्या लिखा है।
(ख) सीप के मुँह में घुसने के बाद बूँद का क्या हुआ?
उत्तर – सीप के मुँह में घुसने के बाद बूँद मोती में बदल गई।
(ग) बूँद किस पर टपकने से डरती है?
उत्तर – बूँद अंगारे पर टपकने से डरती है।
(घ) बूँद अंगारे पर गिरकर क्या होने की आशंका करती है?
उत्तर – बूँद अंगारे पर गिरकर जल जाने की आशंका करती है।
(ङ) बादलों से निकलकर बूँद किस पर चू पड़ने से डरती है?
उत्तर – बादलों से निकलकर बूँद कमाल के फूल पर चू पड़ने से डरती है।
(च) घर छोड़ने पर लोगों की मनोदशा क्या होती है?
उत्तर – घर छोड़ने पर लोगों की मनोदशा ऊहापोह वाली होती है। वह यही संशय में रहता है कि उसे कितनी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
3. सभी विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए:
(क) बूँद कहाँ से निकली?
(i) आसमान से
(ii) बादलों
(iii) सागर
(iv) पानी
उत्तर – (ii) बादलों
(ख) बूँद किस पर गिरकर जलने की बात कहती है?
(i) कमल
(ii) अँगारे
(iii) धूल
(iv) पानी
उत्तर – (ii) अँगारे
(ग) आगे बढ़ते हुए बूँद कैसा अनुभव कर रही थी?
(i) आनंद
(ii) दुःख
(iii) पछतावा
(iv) निराश
उत्तर – (iii) पछतावा
(घ) बूँद किसमें चू पड़ना चाहती है?
(i) कमल में
(ii) पानी में
(iii) पेड़ में
(iv) पत्तों में
उत्तर – (i) कमल में
(ङ) घर छोड़ना पड़े तो क्या होगा?
(i) मरना होगा
(ii) कुछ और होगा
(iii) चलना होगा
(iii) डरना होगा
उत्तर – (iii) चलना होगा
भाषा कार्य
1. शून्य स्थान भरिए:
(क) ज्यों निकलकर बादलों की गोद से।
(ख) दैव, मेरे भाग्य में है क्या बदा।
(ग) मैं बचूँगी या मिलूँगी धूल में।
(घ) चू पड़ूँगी या कमल के फूल में।
(ङ) एक सुंदर सीप का था मुँह खुला।
(च) लोग यों ही हैं झिझकते सोचते।
(छ) बूँद लौं कुछ और ही देता है कर।
2. ऐसे शब्दों को कविता से ढूँढकर लिखिए:
(जैसे – बढ़ी – कढ़ी)
ज्यों – लौं
बचूँगी – पड़ूँगी
धूल – फूल
मोती बनी – अनमनी
घर – कर
जलूँगी – मिलूँगी
3. इन शब्दों के अर्थ लिखिए:
कढ़ी – निकलना
दैव – भाग्य
बदा – लिखा
लौं – तरह
ज्यों – तरह
चू पड़ना – गिर पड़ना
4. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए-
बादल – मेघ, जलद
कमल – जलज, पंकज
समुंदर – सागर, सिंधु
घर – निकेतन, गृह
भाग्य – किस्मत, नियति, नसीब
दैव – प्रारब्ध, होनी
आपके लिए काम :
(क) ‘एक बूँद’ कविता को कक्षा में पढ़कर सुनाइए।
(ख) इस प्रकार की कोई अन्य कविता छाँटिए और उसे कक्षा में पढ़कर सुनाइए।