Hindi Manjari Class IX Hindi solution Odisha Board (TLH) अध्यापक के नाम पत्र (पत्र) अब्राहम लिंकन

अब्राहम लिंकन अमरीका के राष्ट्रपति थे। वे एक कुशल राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ पुस्तक-प्रेमी, गंभीर विचारक और लेखक भी थे। उनका जन्म 12 फरवरी सन् 1809 ई. में एक ऐसे परिवार में हुआ, जिसके पास रहने को न अच्छा घर था और न ही बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने का कोई साधन।

उन्होंने देश को सदा के लिए दो भागों में बाँटने से बचाया और अमानवीय गुलाम प्रथा से भी देश को मुक्ति दिलाई। वे अपने प्रयत्न से विभिन्न स्थानों से पुस्तकें माँगकर रात को चूल्हे की आग के प्रकाश में पढ़कर ज्ञान प्राप्त किया करते थे। उनका निधन 15 अप्रैल सन् 1865 ई. में हुआ।

अमेरिका के मशहूर राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने अपने बेटे के हेडमास्टर को एक चिट्ठी लिखी थी। बरसों बाद भी एक पिता की सलाह आज उतनी ही खरी है, जितनी कल थी।

चिट्ठी कुछ इस तरह थी-

उसे बहुत कुछ सीखना है। मैं जानता हूँ कि सभी इंसान ईमानदार और सच्चे नहीं होते, लेकिन हो सके तो उसे किताबों के जादू के बारे में सिखाइए। इसके अलावा हो सके तो उसे चीज़ों के बारे में सोचने का वक्त भी दीजिए, ताकि पंछियों के आसमान में उड़ान भरने, मधुमक्खियों के धूप में थिरकने और हरे-भरे पहाड़ों पर फूल के खिलने के रहस्यों पर सोच सके। स्कूल में उसे सिखाइए कि धोखा देने से असफल होना अच्छा है। भले ही दुनिया उसके विचारों को गलत बताए, लेकिन वह अपनी सोच पर भरोसा रखना सीखे। उसे विनम्रों के साथ विनम्रता और सख़्त इंसानों के साथ सख़्ती करना सिखाइए। उसे इतनी ताकत दीजिए कि वह लकीर का फ़क़ीर होकर भीड़ के साथ न चल पड़े। उसे सिखाइए कि वह सबकी बातें सुने, लेकिन उन्हें सच की कसौटी पर कसे और केवल सही चीज़ों को ही मंजूर करे।  

उसे सिखाइए कि कैसे दुख में भी हँसा जाता है …. कि आँसू अगर बहे तो उसमें कोई शर्म नहीं है। उसे सिखाइए कि सनकी लोगों को झिड़क दे और बहुत मीठी-मीठी बातों से सावधान रहे। अपनी ताकत और दिमाग की ऊँची कीमत तो लगाए, लेकिन अपने दिल और आत्मा का सौदा न करे। उसे सिखाइए कि अगर उसे लगता है कि वह सही है तो सामने खड़ी हुई चीखती भीड़ को अनसुना कर दे। उसके साथ नरमी से पेश आइए, लेकिन हमेशा गले से लगाकर मत रखिए, क्योंकि आग में तपकर ही लोहा फ़ौलाद बनता है।

उसे इतना बहादुर बनाइए कि वह आवाज़ उठा सके, इतना धैर्यवान बनाइए कि बहादुरी दिखा सके। उसे खुद में भरोसा करना सिखाइए, ताकि वह इंसानियत में भरोसा रख सके। मेरी उम्मीदें ढेर सारी हैं, देखते हैं कि आप क्या कर सकते हैं। मेरा बेटा एक अच्छा बच्चा है।”

मशहूर – ख्याति प्राप्त, प्रसिद्ध।, सलाह – परामर्श।, खरी – सही, बढ़िया, अच्छा।, इंसान – मनुष्य, नर।, ईमानदार – सच्चा, विश्वास पात्र।, जादू – इन्द्रजाल।, अलावा – सिवाय, अतिरिक्त।, चीजें – सामान, सामग्री।, वक़्त – समय।, ताकि – इसलिए कि।, पंछी – पक्षी, चिड़िया।, सोच – चिंता, फिक्र।, थिरकना – नाच में पाँव का उठाना।, हरेभरे – हरे पेड़- पत्तों से भरा।, धोखा – भ्रम में डालनेवाला मिथ्या व्यवहार, छल।, गलत – भूल, अशुद्ध।, विनम्रता – नरमी का व्यवहार।, सख़्त – कठोर।, ताकत – शक्ति, बल।, लकीर का फकीर – पुरानी परंपरा पर चलने वाला (मुहावरा)।, फकीर – साधु, त्यागी।, कसौटी – परीक्षा, जाँच, परख।, मंजूर – स्वीकार।, शर्म – लज्जा।, सनकी – पागलों की- सी प्रकृति या आचरण वाले।, झिड़कना – अवज्ञा या तिरस्कार पूर्वक बिगड़कर कड़वी बात करना।, दिमाग – मस्तिक।, कीमत- दाम, मूल्य।, सौदा – माल, पदार्थ, वस्तु।, सही ठीक, शुद्ध।, अनसुना – न सुनना।, पेश – आगे, सामने।, हमेशा – सदा सर्वदा।, गलेलगाना – आलिंगन करना (मुहावरा)।, आग – अग्नि।, फौलाद – पक्का लोहा।, बहादुर – साहसी, उत्साही।, आवाज – शब्द, ध्वनि।, आवाज उठाना – विरोध करना (मुहावरा)।, भरोसा – विश्वास।, इंसानियत – मानवता।, उम्मीद – आशा, भरोसा।

(क) अब्राहम लिंकन ने हेडमास्टर से क्या चाहा?

उत्तर – अब्राहम लिंकन ने हेडमास्टर से यह चाहा कि उनके बेटे को सभी वास्तविक चीज़ें सिखाई जाएँ। उसे सोचने समझने का भरपूर अवसर प्रदान किया जाए। बातों को सच की कसौटी पर कसने सिखाया जाए। उसमें धीरज, साहस, नेतृत्व शक्ति का विकास किया जाए। उसे यह भी सिखाया कि धोखा देने से कहीं बेहतर कि मनुष्य असफल हो जाए।   

(ख) वे अपने पुत्र में किन-किन गुणों का समावेश देखना चाहते हैं?

उत्तर – अब्राहम लिंकन अपने पुत्र में अध्ययनशीलता, ईमानदारी, धीरज, साहस, नेतृत्व शक्ति, पारखी और आत्मविश्वास जैसे गुणों का समावेश देखना चाहते हैं।

(ग) अब्राहम लिंकन ने हेडमास्टर को चिट्ठी क्यों लिखी थी?

उत्तर – अब्राहम लिंकन ने हेडमास्टर को चिट्ठी लिखी क्योंकि वे चाहते थे कि हेडमास्टर एक अभिभावक के विचार को सुने, उस पर अमल करे और उसी के अनुसार छात्रों को शिक्षा दे।

(घ) बच्चों को सोचने के लिए वक्त देने की क्या आवश्यकता है?

उत्तर – मनुष्य की सोच ही उसे अन्य मनुष्यों से अलग और विशेष बनाती है। बच्चों को सोच-विचार करने के भरपूर अवसर देने से छात्र भी अपने उम्दा और नवीन विचारों को प्रस्तुत कर सकेंगे। यह भी काफी हद तक संभव है कि उनके सोच-विचार सचमुच किसी नई युक्ति की ओर हमारा ध्यान ले जाए।     

(क) यह पत्र किसने किसको लिखा है?

उत्तर – यह पत्र अमेरिका के मशहूर राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने अपने बेटे के हेडमास्टर को लिखा था।

(ख) अब्राहम लिंकन कौन थे?

उत्तर – अब्राहम लिंकन अमेरिका के सोलहवें और मशहूर राष्ट्रपति थे।

(ग) लिंकन किसे क्या सिखाने की प्रार्थना करते हैं?

उत्तर – लिंकन हेडमास्टर से अपने बेटे को किताबों का जादू सिखाने की प्रार्थना करते हैं।

(घ) स्कूल में उसे क्या सिखाना अच्छा है?

उत्तर – स्कूल में उसे यह सिखाया जाए कि धोखा देने से असफल होना अच्छा है।

(ङ) उसे इतनी ताकत दीजिए कि वह क्या होकर भीड़ के साथ न चल सके?

उत्तर – उसे इतनी ताकत दीजिए कि वह लकीर का फकीर होकर भीड़ के साथ न चल सके

(च) उसे सबकी बात सुनकर किसकी कसौटी पर कसनी चाहिए?

उत्तर – उसे सबकी बात सुनकर सच की कसौटी पर कसनी चाहिए

(छ) कौन-सी बात शर्म की बात नहीं है?

उत्तर – दुख में अगर आँसू बहे तो इसमें कोई शर्म की बात नहीं है।

(ज) किस बात से उसे सावधान रहना चाहिए?

उत्तर – मीठी-मीठी बातें करने वाले से उसे सावधान रहना चाहिए।

(झ) व्यक्ति को किसका सौदा नहीं करना चाहिए?

उत्तर – व्यक्ति को दिल और आत्मा का सौदा नहीं करना चाहिए

(ञ) लोहा कैसे फौलाद बनता है?

उत्तर -आग में तप कर ही लोहा फौलाद बनता है।

(ट) लिंकन बेटे को बहादुर और धैर्यवान क्यों बनाना चाहते थे?

उत्तर – लिंकन अपने बेटे को बहादुर बनाना चाहते हैं ताकि वह आवाज़ उठा सके और धैर्यवान इसलिए ताकि बहादुरी दिखा सके।

(ठ) पत्र के अंत में लिंकन क्या चाहते हैं?

उत्तर – पत्र के अंत में लिंकन यह चाहते हैं कि हेडमास्टर उनके द्वारा बताई गई बातों पर विचार करें और उनके बेटे को वास्तविक शिक्षा दे।   

(क) अध्यापक के नाम पत्रकिसने लिखा है?

(i) अध्यापक ने

(ii) राष्ट्रपति ने

(iii) बेटे ने

(iv) अब्राहम लिंकन ने

उत्तर – (iv) अब्राहम लिंकन ने

(ख) लिंकन ने किसके अध्यापक को पत्र लिखा?

(i) माता के

(ii) बेटे के

(iii) हेडमास्टर के

(iv) पिता के

उत्तर – (ii) बेटे के

(ग) अब्राहम लिंकनकिस चीज का जादू सिखाने का आग्रह करते हैं?

(i) किताब

(ii) ईमानदारी

(iii) सच्चाई

(iv) चीज

उत्तर – (i) किताब

(घ) आसमान में कौन उड़ता है?

(i) मधुमक्खी

(ii) पहाड़

(iii) पक्षी

(iv) धूप

उत्तर – (iii) पक्षी

(ङ) उसे किसकी कसौटी पर कसना चाहिए?

(i) झूठ

(ii) सच

(iii) भय

(iv) सोना

उत्तर – (ii) सच

(च) आँसू अगर बहे तो उसमें क्या नहीं करना चाहिए?

(i) द्वेष

(ii) शर्म

(iii) दु:ख

(iv) घृणा

उत्तर – (ii) शर्म

(छ) धोखा देने से अच्छा क्या है?

(i) इंसान बनना

(ii) असफल होना

(iii) भरोसा रखना

(iv) सफल होना

उत्तर – (ii) असफल होना

(ज) आग में तपकर लोहा क्या बनता है?

(i) गर्म

(ii) नरम

(iii) फौलाद

(iv) ताकत

उत्तर –  (iii) फौलाद

(झ) आवाज उठाने के लिए क्या बनना चाहिए?

(i) बहादुर

(ii) चोर

(iii) स्थिर

(iv) अस्थिर

उत्तर – (i) बहादुर

(ञ) मेरा बेटा एक कैसा बच्चा है?

(i) बुरा

(ii) दुष्ट

(iii) अच्छा

(iv) सुन्दर

उत्तर – (iii) अच्छा

1. ‘प्रत्यय का प्रयोग करके नए शब्द बनाइए।

जैसे : सनक + ई = सनकी

नरम + ई = नरमी

झिड़क + ई = झिड़की

कीमत + ई = कीमती

ईमानदार + ई = ईमानदारी

बहादुर + ई = बहादुरी

मेहनत + ई = मेहनती

सख्त + ई = सख्ती

2. (क) पंछी आकाश में उड़ता है।

(ख) चिड़िया आसमान में उड़ती है।

ऊपर के (क) वाक्य में पंछी और (ख) वाक्य में चिड़िया एक ही अर्थ बतलाते हैं। उसी प्रकार (क) वाक्य में आकाश और (ख) वाक्य में आसमान एक ही अर्थ बतलाते हैं। अतः पंछी शब्द का समानार्थक शब्द चिड़िया और आकाश का समानार्थक शब्द आसमान है। इस प्रकार निम्नलिखित शब्दों के समानार्थक शब्द लिखिए।

ताकत – बल, शक्ति

कीमत – मूल्य, दाम

फूल – पुष्प, प्रसून

वक्त – समय, काल

इन्सान – मनुष्य, व्यक्ति

दुनिया – जग, संसार

गलत – अमानक, भूल

मंजूर – स्वीकार, सहमत

सावधान – सजग, चौकन्ना

हमेशा – हरपल, हरदम

सख्त – कड़ा, कठोर

3. निम्नलिखित गद्यांश में से सर्वनाम शब्द छाँटकर लिखिए

उसे बहुत कुछ सीखना है। मैं जानता हूँ कि सभी इन्सान ईमानदार और सच्चे नहीं होते, लेकिन हो सके तो उसे किताबों के जादू के बारे में सिखाइए।

उत्तर – उसे

कुछ

मैं

उसे

4. भाववाचक संज्ञा बनाइए :

बहादुर – बहादुरी  

इंसान – इन्सानियत

नरम – नरमी

सच्चा – सच्चाई

विनम्र – विनम्रता

अच्छा – अच्छाई

5. बहुवचन रूप लिखिए :

मधुमक्खी – मधुमक्खियाँ

वह – वे  

बच्चा बच्चे

किताब में – किताबों में

सच्चा – सच्चाइयाँ

उसे – उन्हें  

बेटा – बेटे  

चीज के – चीजों के

पंछी के – पंछियों के

गला – गले

ताकत – ताक़तें  

कसौटी – कसौटियाँ

सौदा – सौदे

रहस्य के – रहस्यों के  

आवाज – आवाज़ें

लकीर – लकीरें

बात – बातें  

उम्मीद – उम्मीदें

6. निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

(क) रहस्य – मेहनत करना ही सफल होने का रहस्य है।  

(ख) सावधान – बिजली की तारों से हमें सावधान रहना चाहिए।  

(ग) अलावा – तुम्हारे अलावा यह काम कोई नहीं कर सकता।  

(घ) धैर्यवान – धैर्यवान व्यक्ति कभी विचलित नहीं होते हैं।   

(ङ) फौलाद – घर का दरवाजा फौलाद से बना है।  

(च) आवाज – गीता की आवाज़ सुरीली है।   

7. उदाहरण के अनुसार वाक्य परिवर्तन कीजिए।

उदाहरण : हमेशा गले लगाइए। हमेशा गले मत लगाइए।

(क) उन्हें सच की कसौटी पर कसें।

उत्तर – उन्हें सच की कसौटी पर मत कसिए।

(ख) हमेशा आँसू बहाइए।

उत्तर – हमेशा आँसू मत बहाइए।

(ग) उसे इतना बहादुर बनाइए।

उत्तर – उसे इतना बहादुर मत बनाइए।

(घ) हमेशा दूसरों की बात सुनिए।

उत्तर – हमेशा दूसरों की बात मत सुनिए।

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