पुष्पा – पौधे लगाते हुए
साथी – पुष्पा भाई… चलो भाई जंगल में लाल चन्दन के पेड़ को काटा जाए भाई।
पुष्पा – देख भाई, जो गलती हो गई सो गई अब कोई गलती मैं करेगा नहीं।
साथी – गलती, कैसी गलती अन्ना?
पुष्पा – पुष्पा ये तेरे पीछे कौन लोग खड़े है रे…
साथी – अन्ना ये सब पंटर लोग पेड़ काटने वास्ते आए है, इन्हें भी बहुत पैसा चाहिए भाई।
पुष्पा – देख भाई पेड़ कटना एकदम गलत है ये मेरे को पता चला अब न मैं पेड़ काटेगा और न ही किसी को काटने देगा। और मैं झुकेगा नई….
दूसरा साथी – ये क्या बात कर रहे है भाई पेड़ नहीं काटेंगे तो परिवार कैसे चलाएँगे?
पुष्पा – पहले जैसे चलाते थे वैसे ही चलाएँगे रे , मेहनत करके।
तीसरा साथी – ज्ञान देना बंद करना भाई पेड़ काटना है पैसा कमाना है।
पुष्पा – देख, अगर हमलोग ज़्यादा पेड़ काटेंगे तो अगले दिन वो पेड़ उग नहीं आएँगे। जब सारे पेड़ खत्म हो जाएँगे तो फिर क्या करेगा बता?
तीसरा साथी – भाई तब की तब देखेंगे न भाई अभी पेड़ काटते हैं न भाई।
पुष्पा – देख मैं नहीं चाहता कि हमारे बच्चों को अच्छा भविष्य न मिले। देख पेड़ काटेंगे तो पर्यावरण बिगड़ेगा, पर्यावरण बिगड़ेगा तो सबकुछ खत्म …
चौथा साथी – पर्यावरण खत्म से पहले हम सब तेरे को ही खत्म कर देंगे।
पुष्पा – ए ए ए ई। पुष्पा पेड़ काटना बंद किया है कुल्हाड़ी चलाना बंद नहीं किया है। मैं झुकेगा नहीं……
चौथा साथी – ए पेड़ों के रोबिनहुड, कुछ दिन पहले तू तो पेड़ों को काटने वास्ते कुछ भी कर सकता था और आज सुंदरलाल बहुगुणा बन रहा है।
पुष्पा – हाँ मैं बन रहा है सुंदरलाल बहुगुणा। महमानव था वो उत्तराखंड को बचाया था उसने मैं कर्नाटका को बचाएगा।
तीसरा साथी – कर्नाटका को बचाने के वास्ते तू नाटक मत करना भाई। तू तो एक ही है भाई कितने चन्दन के पेड़ों पर चिपकेगा भाई। छोड़ना ये धर्मात्मा बनना। चलो न भाई पेड़ काटते हैं।
पुष्पा –
साथी – भाई तो घर कैसे चलाएँगे भाई?
पुष्पा – खेती करेंगे और क्या।
साथी – भाई अपुन के पास खेतिच ही नहीं है खेती कहाँ करेंगे भाई चल न भाई पेड़ काटेंगे।
पुष्पा – अरे चुप। हमलोग मिलकर मशरूम की खेती, मछली पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी की खेती करेंगे। इसमें भी बहुत पैसा है और पुलिस का भी कोई लोचा नहीं है।
साथी – भाई ये सब हमको सिखाएगा कौन भाई?
पुष्पा – अरे ये सब सरकार फ्री में सिखाती है रे और लोन भी देती है। आज ही होर्टिकल्चर विभाग के लोग आ रहे हैं।
साथी – भाई ये काम करेगा न भाई?
पुष्पा – करेगा रे 100 % करेगा।
साथी – भाई सरकारी लोगों ने सरकार की तरह हमें चूना लगा दिया तो भाई।
पुष्पा – बोला न मैंने, पुष्पा पेड़ काटना बंद किया है कुल्हाड़ी चलाना बंद नहीं किया है। मैं झुकेगा नही…
साथी – तब ठीक है भाई ॥
साथी – पर अभी के लिए के करे भाई
पुष्पा – देख वो मेरी मारुति खड़ी है न उसे बेच दे कुछ पैसे इन पंटर लोगों में बाँट दे बाकी के खेती में लगाएँगे
साथी – सही है भाई!
साथी – ए चलो रे भाई की मदद करो पौधे लगाओ।
साथी– भाई पौधे लगाते हुए तो तुम भी झुक रहे हो न भाई
पुष्पा– चुटकी मत ले चल काम कर रे ….
साथी – भाई वो सरकारी लोग आ गए भाई …
पुष्पा– चलो पैसे कमाने की शुरुआत करते है और जंगल की रक्षा भी।
सभी साथी – हाँ भाई सही है भाई।
रियल पुष्पा
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