हम क्या – क्या जानते हैं

जैसे – कद – कंद, हंस – हँस।

बंद      बूँद      प्रशंसा    चिपकायें सब्जियाँ

अंध      अँधेरा     आरंभ    दाँत      जहाँ

हंस      हँसना     संतरा     सुंदर     ऋतुएँ

घंटा      अंगूर     बैंगन     माँ       पाऊँ

पंथ      कंगन     संकेत     शंख      पढ़ें

शंशाक    माँग      निमंत्रण   वहाँ      उमंग

पंक      गेंद      लिखें     पाँच      बाँध

बंदर      गंदा      लंबा      बनाएँ     काँव-काँव

व्यंजन    चंचल     पंक्ति    ढूँढ़ना     गंगा

चिड़ियाँ   कंकड़     डंक      नंदिनी    आँच

रंग      रंगना     हूँ        आँख     माँस

चंद      चाँद      संयुक्त    मैं       हाँ  

पंख      पाँख     गाँव      मूँगफली   पाँव

पक्का-धक्का        सत्य-नृत्य          रक्त-शक्त

बच्चा कच्चा        क्यारी न्यारी        उत्कल – तत्काल

पट्ट कट्टर          ज्ञान विज्ञान        छुट्टी पट्टी

पत्ता सत्ता         अस्पताल स्पर्श      मर्द सर्द

पन्ना सन्नाटा       कुल्ला मुहल्ला       दन्त सन्त

रद्द जिद्द           सस्ता बस्ता        अन्दर बन्दर

गर्म शर्म           त्राण  त्राण         पत्र चित्र

नक्र चक्र           सज्जा धज्जा        अच्छा इच्छा

कर्म मर्म           कब्ज सब्ज         बुद्धि शुद्धि

ड्रामा कमा     धन्य अन्य         कम्बल सम्बल

धर्म मर्म           चित्र मित्र          किस्सा रस्सा

पप्पू चप्पल         अल्प शिल्प        सम्मान अम्मा  

वस्त्र शास्त्र         राजस्व सर्वस्व       प्यार प्यास

पुष्ट कष्ट          जन्म तन्मय        बट्टा सट्टा

कनिष्क पुष्कर      चञ्चल कञ्चन      सख़्त तख़्त

अवश्य श्याम        जञ्जाल मञ्जिल     ह्रास ह्रस्व

वाक्य

प्रश्न

उद्देश्य

हड्डी

प्रत्येक

रसगुल्ले

पच्चीस

पुस्तक

मक्खी

मच्छर

अनुच्छेद

आवश्यकता

नरेन्द्र

उन्नति

सम्मिलित

पत्थर

वास्तव  

उत्तर – शिक्षक यथानिर्देश कार्य करें।

1 – कङ्गन – कंगन, शङ्ख – शंख, गङ्गा – गंगा

2 – चञ्चल – चंचल, मञ्जुल – मंजुल, झञ्झा – झंझा

3 – टण्डन – टंडन, घण्टा – घंटा, ठण्डा – ठंडा

4. सन्त – संत, दन्त – दंत, तन्तु, – तंतु

5- चम्पा – चंपा, बिम्ब – बिंब, सम्भव – संभव

6. ऊपर दिए गए उदाहरणों के अनुसार शब्दों को पुन: लिखिए:

मण्डन – मंडन

चन्दन – चंदन

सुन्दर – सुंदर

कुञ्ज – कुंज

मञ्चन – मंचन

सम्भाल – संभाल

कम्बल – कंबल

तन्दूर – तंदूर

मन्दिर – मंदिर

सङ्केत – संकेत

सम्पन्न – संपन्न

कम्पन – कंपन

सन्तान – संतान

डण्डा – डंडा

डण्ठल – डंठल

आरम्भ – आरंभ

आनन्द – आनद

शान्ति – शांति

पाञ्चाल -पांचाल

झञ्झा – झंझा

कुन्द – कुंद

7. देखिए, निम्नलिखित शब्दों में सिर्फ अनुस्वार का प्रयोग होता है:

संयम

संशय

संलाप

संहार

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