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कवि परिचय – रामधारी सिंह ‘दिनकर’

रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का जन्म बिहार प्रांत मुंगेर जिले में स्थित सिमरियाघाट नामक स्थान में हुआ था। इन्होंने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी के जयद्रथ वध, भारती भारत आदि सेप्रेरित होकर अनेक रचनाएँ की। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी के बाद राष्ट्रकवि के रूप में दिनकर का नाम लिया जाता है। दिनकर क्रांति और विद्रोही भावों के ओजस्वी कवि थे। रश्मिरथी, परशुराम की प्रतीक्षा और कुरुक्षेत्र आपकी श्रेष्ठ रचनाएँ हैं। उनकी भाषा शैली ओज की प्रधानता है।

कविता परिचय – कलम और तलवार

कविवर दिनकर जी इस कविता में कलम और तलवार के माध्यम से मानसिक बल और शारीरिक शक्ति का विवेचन करते हैं। मानव के लिए दोनों ही अनिवार्य है। अज्ञान को हटाने के लिए कलम जरूरी है तो अन्याय को मिटाने के लिए तलवार भी आवश्यक है। कवि के अनुसार वह समाज जो जागृत, सावधान और निर्भय है शस्त्र के बिना भी विजयी बना सकता है। परंतु जब तक ऐसी स्थिति न हो, कलम और तलवार दोनों ही महत्त्वपूर्ण है।

कलम और तलवार

दो में से क्या तुम्हें चाहिए कलम या कि तलवार?

मन में ऊँचे भाव की तन में शक्ति अजय, अपार?

अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे, मुझे मीठे गान?

या तलवार पकड़ जीतोगे बाहर जा मैदान?

जला ज्ञान का दीप सिर्फ फैलाओगे उजियाली?

अथवा उठा कृपाण करोगे घर की भी रखवाली?

कलम देश की बड़ी शक्ति है भाव जगाने वाली,

दिल ही नहीं दिमाग में भी आग लगाने वाली,

पैदा करती कलम विचारों के जलते अंगारे,

और प्रज्वलित-प्राण देश क्या कभी मरेगा मारे?

लहू गर्म रखने को रखो मन में ज्वलितविचार,

हिंस्त्र जीव से बचने को चाहिए किंतु तलवार।

एक भेद है और, जहाँ निर्भय होते नर-नारी,

कलम उगलती आग, जहाँ अक्षर बनते चिंगारी।

जहाँ मनुष्य के भीतर हरदम जलते हैं शोले,

बाँहों में बिजली होती, होते दिमाग में गोले।

जहाँ लोग पालते लहू में हलाहल की धार,

क्या चिंता यदि वहाँ हाथ पर हुई नहीं तलवार?

 

कठिन शब्दार्थ –

तन – शरीर

भेद – फर्क

कलम – लेखनी

अंध – अंधकारयुक्त, बंद

प्रज्वलित – दहकते हुए

शोले -आग की लपटें

हलाहल – विष

Hindi Word

Hindi Meaning

Tamil Meaning

English Meaning

अजय

जो कभी पराजित न हो, विजयी

வெல்ல முடியாதவர் (Vella Mudiyathavar)

Invincible, unconquered

अपार

असीम, बहुत अधिक

எல்லையற்ற (Ellaayatra)

Boundless, immense

अंध कक्ष

अंधेरा कमरा

இருண்ட அறை (Irunda Arai)

Dark room

उजियाली

प्रकाश, रोशनी

ஒளி (Oli)

Light, brightness

कृपाण

छोटी तलवार, खंजर

குத்துவாள் (Kuthuvaal)

Dagger, short sword

प्रज्वलित

जलता हुआ, प्रदीप्त

எரியும் (Eriyum)

Blazing, ignited

ज्वलितविचार

जलते हुए विचार

எரியும் எண்ணங்கள் (Eriyum Ennangal)

Burning thoughts

हिंस्त्र

क्रूर, हिंसक

கொடூரமான (Koduramaana)

Ferocious, violent

निर्भय

निडर, बिना भय के

பயமற்ற (Payamatra)

Fearless, courageous

चिंगारी

आग की छोटी लपट

தீப்பொறி (Theepori)

Spark

शोले

आग की लपटें

தீப்பிழம்புகள் (Theepizhambugal)

Flames

हलाहल

विष, जहर

விஷம் (Visham)

Poison, venom

धार

तेज किनारा, प्रवाह

கூர்மையான விளிம்பு (Koormaiyaana Vilimbu)

Edge, flow

 



कलम और तलवार सप्रसंग व्याख्या

संदर्भ (Reference) – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक में संकलित राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ द्वारा रचित कविता ‘कलम और तलवार’ से ली गई हैं। इस कविता में कवि ने मानसिक शक्ति (कलम) और शारीरिक शक्ति (तलवार) के महत्त्व का तुलनात्मक विवेचन किया है।

प्रसंग (Context) – इन पंक्तियों में कवि देश की जनता के सामने एक महत्त्वपूर्ण प्रश्न रखते हैं कि देश और समाज के उत्थान के लिए उन्हें क्या चुनना चाहिए— वैचारिक शक्ति (कलम) या भौतिक शक्ति (तलवार)? साथ ही, कवि दोनों की शक्ति और प्रभाव को भी स्पष्ट करते हैं।

 

व्याख्या (Explanation) –

पद 1 –

दो में से क्या तुम्हें चाहिए कलम या कि तलवार?

मन में ऊँचे भाव की तन में शक्ति अजय, अपार?

अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे, मुझे मीठे गान?

या तलवार पकड़ जीतोगे बाहर जा मैदान?

जला ज्ञान का दीप सिर्फ फैलाओगे उजियाली?

अथवा उठा कृपाण करोगे घर की भी रखवाली?

भावार्थ – कवि देशवासियों से पूछते हैं कि उन्हें इन दो शक्तियों में से क्या चाहिए— ज्ञान और विचार की प्रतीक कलम, या बल और रक्षा की प्रतीक तलवार? क्या वे अपने मन में महान आदर्श और ऊँचे भाव चाहते हैं, या अपने शरीर में अपार और अजेय शक्ति? क्या वे किसी शांत एकांत कक्ष में बैठकर केवल मधुर और उच्च कोटि के गीत/विचार रचेंगे, या तलवार पकड़कर बाहर मैदान में जाकर संघर्षों को जीतेंगे? क्या उनका काम सिर्फ ज्ञान का दीपक जलाकर समाज में रोशनी फैलाना होगा, या फिर कृपाण (तलवार) उठाकर अपने घर-परिवार और देश की रक्षा भी करेंगे? कवि यहाँ दोनों शक्तियों के विकल्पों को सामने रखकर उनके कार्यक्षेत्र को स्पष्ट कर रहे हैं।

 

पद 2 –

कलम देश की बड़ी शक्ति है भाव जगाने वाली,

दिल ही नहीं दिमाग में भी आग लगाने वाली,

पैदा करती कलम विचारों के जलते अंगारे,

और प्रज्वलित-प्राण देश क्या कभी मरेगा मारे?

लहू गर्म रखने को रखो मन में ज्वलितविचार,

हिंस्त्र जीव से बचने को चाहिए किंतु तलवार।

भावार्थ – इन पंक्तियों में कवि पहले कलम की महत्ता बताते हैं। कवि कहते हैं कि कलम देश की एक बहुत बड़ी शक्ति है, जो लोगों के मन में भावनाएँ और चेतना जगाती है। यह सिर्फ भावनाओं को ही नहीं उभारती, बल्कि तर्क और क्रांति की भावना से लोगों के दिमाग में भी आग लगाती है। कलम ऐसे विचार पैदा करती है जो जलते हुए अंगारों के समान होते हैं और लोगों को कर्म के लिए प्रेरित करते हैं। कवि पूछते हैं कि जिस देश के नागरिकों की आत्मा (प्राण) ऐसे विचारों से प्रज्वलित (जागृत) हो, क्या उसे कोई शत्रु पराजित कर सकता है? देश के लहू को गर्म रखने के लिए मन में ऐसे ज्वलंत विचारों का होना आवश्यक है, किंतु दूसरी तरफ हिंसक जीवों (या दुष्ट शक्तियों) से अपनी रक्षा के लिए तलवार भी जरूरी है। यहाँ कवि दोनों की उपयोगिता को संतुलित करते हैं।

 

पद 3 –

एक भेद है और, जहाँ निर्भय होते नर-नारी,

कलम उगलती आग, जहाँ अक्षर बनते चिंगारी।

जहाँ मनुष्य के भीतर हरदम जलते हैं शोले,

बाँहों में बिजली होती, होते दिमाग में गोले।

जहाँ लोग पालते लहू में हलाहल की धार,

क्या चिंता यदि वहाँ हाथ पर हुई नहीं तलवार?

भावार्थ – कवि अब एक ऐसे समाज की कल्पना करते हैं जहाँ केवल कलम ही काफी है। कवि कहते हैं कि दोनों शक्तियों में एक और अंतर है, जो ऐसे समाज में दिखता है जहाँ के स्त्री-पुरुष निर्भय होते हैं। ऐसे समाज में –

कलम ही आग उगलती है और उसके लिखे हुए अक्षर ही चिंगारी बनकर क्रांति लाते हैं।

मनुष्य के अंदर हर समय संघर्ष और उत्साह के शोले जलते रहते हैं।

उनकी भुजाओं में बिजली के समान शक्ति होती है और उनके दिमाग में सोचने और निर्णय लेने की क्षमता (गोले – शक्तिशाली विचार) होती है।

जहाँ लोग अपने खून में हलाहल (विष) की तरह दृढ़ता, साहस और प्रतिकार की भावना पालते हैं। कवि अंत में कहते हैं कि ऐसे आंतरिक रूप से मजबूत और वैचारिक रूप से प्रज्वलित समाज को, यदि उनके हाथ में भौतिक तलवार नहीं भी हो, तो भी कोई चिंता नहीं करनी चाहिए। अर्थात्, सच्चे ज्ञान और साहस के सामने भौतिक शक्ति गौण हो जाती है।

 

विशेष –

ओज गुण – पूरी कविता में ओज गुण (वीर रस की भावना) की प्रधानता है, जो रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की भाषा शैली की मुख्य विशेषता है।

प्रतीकात्मकता – ‘कलम’ ज्ञान, विचार, साहित्य, क्रांति और मानसिक शक्ति का प्रतीक है, जबकि ‘तलवार’ शक्ति, बल, संघर्ष, अन्याय के विरुद्ध प्रतिकार और शारीरिक रक्षा का प्रतीक है।

संदेश – कवि का अंतिम निष्कर्ष यह है कि दोनों ही शक्तियों की आवश्यकता है, लेकिन एक आत्म-जागृत, विचारशील और साहसी समाज के लिए कलम की शक्ति तलवार की आवश्यकता को समाप्त कर सकती है।

 

अभ्यास के लिए प्रश्न

  1. श्री रामधारी सिंह दिनकर का जन्म कब और कहाँ हुआ?

उत्तर – श्री रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का जन्म 1908 में बिहार प्रांत के मुंगेर जिले में स्थित सिमरियाघाट नामक स्थान में हुआ था।

  1. श्री रामधारी सिंह दिनकर किन-किन पुस्तकों से प्रेरित हुए?

उत्तर – श्री रामधारी सिंह ‘दिनकर’ राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी के ‘जयद्रथ वध’, ‘भारती भारत’ आदि से प्रेरित हुए।

  1. श्री रामधारी सिंह की प्रमुख रचनाओं का नाम लिखिए।

उत्तर – श्री रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की श्रेष्ठ रचनाएँ हैं – ‘रश्मिरथी’, ‘परशुराम की प्रतीक्षा’ और ‘कुरुक्षेत्र’।

  1. ‘कलम और तलवार’ की विशेषता कवि ने किस प्रकार जिक्र किया है?

उत्तर – कवि ने ‘कलम और तलवार’ की विशेषता बताते हुए कहा है कि –

कलम देश की बड़ी शक्ति है, जो भाव जगाने वाली है। यह दिल ही नहीं दिमाग में भी आग लगाने वाली है और विचारों के जलते अंगारे पैदा करती है।

तलवार हिंस्त्र जीवों से बचने के लिए आवश्यक है, अर्थात् यह शारीरिक शक्ति और रक्षा का प्रतीक है।

कवि यह भी बताते हैं कि जहाँ निर्भय नर-नारी होते हैं, जहाँ मनुष्य के भीतर हरदम शोले जलते हैं और दिमाग में गोले होते हैं, वहाँ कलम ही आग उगलती है और अक्षर चिंगारी बनते हैं, ऐसे समाज को हाथ में तलवार न होने की चिंता नहीं होती।

  1. ‘कलम और तलवार’ के बारे में कवि का विचार क्या है?

उत्तर – कवि के अनुसार मानव के लिए कलम (मानसिक बल) और तलवार (शारीरिक शक्ति) दोनों ही अनिवार्य हैं। अज्ञान को हटाने के लिए कलम जरूरी है, तो अन्याय को मिटाने के लिए तलवार भी आवश्यक है। हालाँकि, कवि का मानना है कि जो समाज जागृत, सावधान और निर्भय है, वह शस्त्र (तलवार) के बिना भी विजयी बन सकता है, क्योंकि वहाँ कलम ही आग उगलती है। लेकिन जब तक ऐसी स्थिति न हो, कलम और तलवार दोनों ही महत्त्वपूर्ण हैं।

  1. कलम और तलवार का अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – कविता और कवि परिचय के आधार पर कलम और तलवार का अंतर इस प्रकार है –

विशेषता

कलम (मानसिक बल का प्रतीक)

तलवार (शारीरिक शक्ति का प्रतीक)

कार्य

भाव जगाना, विचार पैदा करना, ज्ञान का दीप जलाना, अज्ञान हटाना, दिल और दिमाग में आग लगाना।

अन्याय को मिटाना, घर की रखवाली करना, हिंस्त्र जीव से रक्षा करना।

प्रकृति

वैचारिक क्रांति, मानसिक शक्ति, नैतिक बल।

शारीरिक बल, शक्ति, सुरक्षा का साधन।

महत्त्व

ऊँचे और मीठे गान रचने तथा विचारों के ज्वलित अंगारे पैदा करने में।

मैदान जीतने तथा बाहरी खतरों से सुरक्षा में।

सर्वोपरिता

कवि के अनुसार, जागृत और निर्भय समाज में इसकी शक्ति अक्षर को चिंगारी बनाकर तलवार की आवश्यकता को गौण कर सकती है।

समाज की रक्षा और हिंस्त्र जीवों से बचाव के लिए आवश्यक।

 

  1. I) सप्रसंग व्याख्या कीजिए।

दो में से क्या तुम्हें चाहिए कलम या कि तलवार?

मन में ऊँचे भाव की तन में शक्ति अजय, अपार?

अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे, मुझे मीठे गान?

या तलवार पकड़ जीतोगे बाहर जा मैदान?

संदर्भ प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक में संकलित राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ द्वारा रचित कविता ‘कलम और तलवार’ से ली गई हैं। इस कविता में कवि ने मानसिक शक्ति (कलम) और शारीरिक शक्ति (तलवार) के महत्त्व का तुलनात्मक विवेचन किया है।

प्रसंग इन पंक्तियों में कवि देश की जनता के सामने एक महत्त्वपूर्ण प्रश्न रखते हैं कि देश और समाज के उत्थान के लिए उन्हें क्या चुनना चाहिए— वैचारिक शक्ति (कलम) या भौतिक शक्ति (तलवार)? साथ ही, कवि दोनों की शक्ति और प्रभाव को भी स्पष्ट करते हैं।

व्याख्या

भावार्थ – कवि देशवासियों से पूछते हैं कि उन्हें इन दो शक्तियों में से क्या चाहिए— ज्ञान और विचार की प्रतीक कलम, या बल और रक्षा की प्रतीक तलवार? क्या वे अपने मन में महान आदर्श और ऊँचे भाव चाहते हैं, या अपने शरीर में अपार और अजेय शक्ति? क्या वे किसी शांत एकांत कक्ष में बैठकर केवल मधुर और उच्च कोटि के गीत/विचार रचेंगे, या तलवार पकड़कर बाहर मैदान में जाकर संघर्षों को जीतेंगे? कवि यहाँ दोनों शक्तियों के विकल्पों को सामने रखकर उनके कार्यक्षेत्र को स्पष्ट कर रहे हैं।

 

  1. एक भेद है और, जहाँ निर्भय होते नर-नारी,

कलम उगलती आग, जहाँ अक्षर बनते चिंगारी।

जहाँ मनुष्य के भीतर हरदम जलते हैं शोले,

बाँहों में बिजली होती, होते दिमाग में गोले।

संदर्भ प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक में संकलित राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ द्वारा रचित कविता ‘कलम और तलवार’ से ली गई हैं। इस कविता में कवि ने मानसिक शक्ति (कलम) और शारीरिक शक्ति (तलवार) के महत्त्व का तुलनात्मक विवेचन किया है।

प्रसंग इन पंक्तियों में कवि देश की जनता के सामने एक महत्त्वपूर्ण प्रश्न रखते हैं कि देश और समाज के उत्थान के लिए उन्हें क्या चुनना चाहिए— वैचारिक शक्ति (कलम) या भौतिक शक्ति (तलवार)? साथ ही, कवि दोनों की शक्ति और प्रभाव को भी स्पष्ट करते हैं।

भावार्थ – कवि अब एक ऐसे समाज की कल्पना करते हैं जहाँ केवल कलम ही काफी है। कवि कहते हैं कि दोनों शक्तियों में एक और अंतर है, जो ऐसे समाज में दिखता है जहाँ के स्त्री-पुरुष निर्भय होते हैं। ऐसे समाज में –

कलम ही आग उगलती है और उसके लिखे हुए अक्षर ही चिंगारी बनकर क्रांति लाते हैं।

मनुष्य के अंदर हर समय संघर्ष और उत्साह के शोले जलते रहते हैं।

उनकी भुजाओं में बिजली के समान शक्ति होती है और उनके दिमाग में सोचने और निर्णय लेने की क्षमता (गोले – शक्तिशाली विचार) होती है।

 

  1. II) ‘कलम और तलवार’ कविता का सारांश लिखिए।

उत्तर – राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ इस कविता में देशवासियों से प्रश्न करते हैं कि वे वैचारिक क्रांति (कलम) चुनें या भौतिक बल (तलवार)। कवि पूछते हैं कि क्या वे केवल ऊँचे गान रचेंगे या बाहर जाकर तलवार से मैदान जीतेंगे। कवि स्पष्ट करते हैं कि कलम देश की बड़ी शक्ति है, जो लोगों के मन में ऊँचे भाव और दिमाग में क्रांति की आग जगाती है। कलम विचारों के जलते अंगारे पैदा करती है, जो देश के प्राणों को प्रज्वलित रखते हैं। लेकिन, कवि यह भी मानते हैं कि खून को गर्म रखने के लिए ज्वलंत विचार आवश्यक हैं, वहीं हिंसक शक्तियों से रक्षा के लिए तलवार भी जरूरी है। अंत में, कवि कहते हैं कि जिस समाज में नर-नारी निर्भय होते हैं, जहाँ कलम आग उगलती है और लोगों की भुजाओं में बिजली तथा दिमाग में गोले होते हैं, उन्हें हाथ में तलवार न होने की कोई चिंता नहीं होती। अर्थात्, विचारों की शक्ति ही सबसे बड़ी है।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

  1. कविता में कवि ने देशवासियों से क्या चुनने का प्रश्न पूछा है?
    क) धन या सम्मान
    ख) कलम या तलवार
    ग) ज्ञान या सुख
    घ) युद्ध या शांति
    उत्तर – ख) कलम या तलवार
    व्याख्या – कवि देशवासियों से पूछते हैं कि वे वैचारिक शक्ति (कलम) या भौतिक शक्ति (तलवार) में से क्या चुनेंगे।
  2. “अंध कक्ष” का कविता में क्या अर्थ है?
    क) उजाला कमरा
    ख) अंधेरा कमरा
    ग) युद्ध का मैदान
    घ) विचारों का केंद्र
    उत्तर – ख) अंधेरा कमरा
    व्याख्या – “अंध कक्ष” का अर्थ है अंधेरा कमरा, जहाँ कवि बैठकर मधुर गीत या विचार रच सकते हैं।
  3. कलम को कविता में किस प्रकार की शक्ति कहा गया है?
    क) भौतिक शक्ति
    ख) भाव जगाने वाली शक्ति
    ग) विनाशकारी शक्ति
    घ) रक्षा करने वाली शक्ति
    उत्तर – ख) भाव जगाने वाली शक्ति
    व्याख्या – कवि कलम को देश की बड़ी शक्ति कहते हैं, जो लोगों के मन में भावनाएँ और चेतना जगाती है।
  4. “ज्वलितविचार” का अर्थ कविता में क्या है?
    क) शांत विचार
    ख) जलते हुए विचार
    ग) भौतिक शक्ति
    घ) प्रेम के विचार
    उत्तर – ख) जलते हुए विचार
    व्याख्या – “ज्वलितविचार” का अर्थ है जलते हुए विचार, जो क्रांति और कर्म के लिए प्रेरित करते हैं।
  5. कविता में “कृपाण” किसका प्रतीक है?
    क) ज्ञान का
    ख) भौतिक शक्ति का
    ग) प्रेम का
    घ) शांति का
    उत्तर – ख) भौतिक शक्ति का
    व्याख्या – “कृपाण” (तलवार) भौतिक शक्ति का प्रतीक है।
  6. कविता में “हलाहल की धार” से क्या तात्पर्य है?
    क) प्रेम की भावना
    ख) साहस और दृढ़ता
    ग) शांति का प्रवाह
    घ) ज्ञान का प्रकाश
    उत्तर – ख) साहस और दृढ़ता
    व्याख्या – “हलाहल की धार” का अर्थ है खून में साहस और दृढ़ता का प्रवाह।
  7. कविता में तलवार की आवश्यकता कब बताई गई है?
    क) विचार उत्पन्न करने के लिए
    ख) हिंसक जीवों से बचने के लिए
    ग) गीत रचने के लिए
    घ) ज्ञान फैलाने के लिए
    उत्तर – ख) हिंसक जीवों से बचने के लिए
    व्याख्या – कवि कहते हैं कि तलवार हिंसक जीवों (दुष्ट शक्तियों) से रक्षा के लिए जरूरी है।
  8. कविता में “चिंगारी” किसके प्रतीक के रूप में प्रयुक्त है?
    क) अंधकार का
    ख) क्रांति के विचारों का
    ग) शांति का
    घ) भय का
    उत्तर – ख) क्रांति के विचारों का
    व्याख्या – “चिंगारी” का अर्थ है कलम के अक्षर, जो क्रांति के विचारों का प्रतीक हैं।
  9. कविता में “प्रज्वलित-प्राण” देश का क्या अर्थ है?
    क) कमजोर देश
    ख) जागृत और उत्साही देश
    ग) पराजित देश
    घ) शांत देश
    उत्तर – ख) जागृत और उत्साही देश
    व्याख्या – “प्रज्वलित-प्राण” देश का अर्थ है ऐसा देश जिसके नागरिकों की आत्मा जागृत और उत्साही है।
  10. कविता में “बाँहों में बिजली” से क्या तात्पर्य है?
    क) शारीरिक कमजोरी
    ख) शारीरिक शक्ति
    ग) मानसिक कमजोरी
    घ) प्रेम की शक्ति
    उत्तर – ख) शारीरिक शक्ति
    व्याख्या – “बाँहों में बिजली” का अर्थ है निर्भय समाज में लोगों की शारीरिक शक्ति।
  11. कविता में कवि ने कलम और तलवार के बीच तुलना किस आधार पर की है?
    क) दोनों समान रूप से शक्तिशाली हैं
    ख) कलम वैचारिक और तलवार भौतिक शक्ति का प्रतीक है
    ग) दोनों देश को कमजोर करते हैं
    घ) दोनों केवल युद्ध के लिए हैं
    उत्तर – ख) कलम वैचारिक और तलवार भौतिक शक्ति का प्रतीक है
    व्याख्या – कवि कलम को वैचारिक शक्ति का प्रतीक बताते हैं, जो भावनाएँ और क्रांति जगाती है, जबकि तलवार भौतिक शक्ति का प्रतीक है, जो रक्षा के लिए आवश्यक है।
  12. कविता में “अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे, मुझे मीठे गान” का क्या अर्थ है?
    क) युद्ध के मैदान में गीत रचना
    ख) एकांत में वैचारिक कार्य करना
    ग) तलवार से रक्षा करना
    घ) अंधेरे में युद्ध करना
    उत्तर – ख) एकांत में वैचारिक कार्य करना
    व्याख्या – “अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे, मुझे मीठे गान” का अर्थ है एकांत में बैठकर कलम के माध्यम से उच्च विचारों और मधुर गीतों की रचना करना।
  13. कविता में कलम को “दिल ही नहीं दिमाग में भी आग लगाने वाली” क्यों कहा गया है?
    क) क्योंकि यह केवल भावनाएँ जगाती है
    ख) क्योंकि यह भावनाएँ और तर्क दोनों को प्रज्वलित करती है
    ग) क्योंकि यह केवल युद्ध को प्रेरित करती है
    घ) क्योंकि यह शांति स्थापित करती है
    उत्तर – ख) क्योंकि यह भावनाएँ और तर्क दोनों को प्रज्वलित करती है
    व्याख्या – कवि कलम को “दिल ही नहीं दिमाग में भी आग लगाने वाली” कहते हैं, क्योंकि यह न केवल भावनाओं को उभारती है, बल्कि तर्क और क्रांति के विचार भी उत्पन्न करती है।
  14. कविता में “प्रज्वलित-प्राण देश” से कवि का क्या तात्पर्य है?
    क) कमजोर और पराजित देश
    ख) जागृत और उत्साही देश
    ग) शांत और निष्क्रिय देश
    घ) केवल युद्ध करने वाला देश
    उत्तर – ख) जागृत और उत्साही देश
    व्याख्या – “प्रज्वलित-प्राण देश” से कवि का तात्पर्य ऐसे देश से है जिसके नागरिकों की आत्मा जागृत और उत्साही है।
  15. कविता में तलवार की आवश्यकता को किस संदर्भ में बताया गया है?
    क) ज्ञान फैलाने के लिए
    ख) हिंसक शत्रुओं से रक्षा के लिए
    ग) विचार उत्पन्न करने के लिए
    घ) शांति स्थापित करने के लिए
    उत्तर – ख) हिंसक शत्रुओं से रक्षा के लिए
    व्याख्या – कवि कहते हैं कि तलवार हिंसक जीवों (दुष्ट शक्तियों) से रक्षा के लिए आवश्यक है।
  16. कविता में “चिंगारी” किसके प्रतीक के रूप में प्रयुक्त है?
    क) अंधकार का
    ख) क्रांति के विचारों का
    ग) शांति का
    घ) भय का
    उत्तर – ख) क्रांति के विचारों का
    व्याख्या – “चिंगारी” का अर्थ है कलम के अक्षर, जो क्रांति के विचारों का प्रतीक हैं।
  17. कविता में “हलाहल की धार” का क्या अर्थ है?
    क) प्रेम और शांति की भावना
    ख) साहस और दृढ़ता का प्रवाह
    ग) कमजोरी और भय
    घ) ज्ञान का प्रकाश
    उत्तर – ख) साहस और दृढ़ता का प्रवाह
    व्याख्या – “हलाहल की धार” का अर्थ है खून में साहस और दृढ़ता का प्रवाह।
  18. कविता में “बाँहों में बिजली” और “दिमाग में गोले” से क्या तात्पर्य है?
    क) शारीरिक और मानसिक कमजोरी
    ख) शारीरिक और मानसिक शक्ति
    ग) केवल शारीरिक शक्ति
    घ) केवल मानसिक शक्ति
    उत्तर – ख) शारीरिक और मानसिक शक्ति
    व्याख्या – “बाँहों में बिजली” और “दिमाग में गोले” का अर्थ है निर्भय समाज में लोगों की शारीरिक और मानसिक शक्ति।
  19. कविता में निर्भय समाज में तलवार की आवश्यकता को क्यों गौण बताया गया है?
    क) क्योंकि वहाँ युद्ध नहीं होता
    ख) क्योंकि वैचारिक शक्ति पर्याप्त है
    ग) क्योंकि वहाँ शांति स्थापित है
    घ) क्योंकि वहाँ कोई शत्रु नहीं
    उत्तर – ख) क्योंकि वैचारिक शक्ति पर्याप्त है
    व्याख्या – कवि कहते हैं कि निर्भय समाज में, जहाँ लोग साहसी और वैचारिक रूप से प्रज्वलित हैं, तलवार की आवश्यकता गौण हो जाती है। कलम के अक्षर चिंगारी बनकर क्रांति लाते हैं, और लोगों की आंतरिक शक्ति (हलाहल की धार) उन्हें अजेय बनाती है। (62 शब्द)
  20. कविता में कवि ने कलम और तलवार की भूमिकाओं को कैसे संतुलित किया है?
    क) दोनों को बेकार बताया है
    ख) दोनों को पूरक के रूप में प्रस्तुत किया है
    ग) केवल कलम को महत्त्व दिया है
    घ) केवल तलवार को महत्त्व दिया है
    उत्तर – ख) दोनों को पूरक के रूप में प्रस्तुत किया है
    व्याख्या – कवि कलम को वैचारिक शक्ति और तलवार को भौतिक शक्ति के रूप में प्रस्तुत करते हैं।

 

अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

  1. प्रश्न – कविता “कलम और तलवार” के रचयिता कौन हैं?

उत्तर – कविता “कलम और तलवार” के रचयिता राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हैं।

  1. प्रश्न – “कलम और तलवार” कविता का मुख्य विषय क्या है?

उत्तर – इस कविता का मुख्य विषय मानसिक शक्ति (कलम) और भौतिक शक्ति (तलवार) के महत्त्व का तुलनात्मक विवेचन है।

  1. प्रश्न – कवि ने जनता के सामने कौन-सा प्रश्न रखा है?

उत्तर – कवि ने जनता से यह प्रश्न किया है कि देश के उत्थान के लिए उन्हें कलम की शक्ति चुननी चाहिए या तलवार की।

  1. प्रश्न – कविता में ‘कलम’ किसका प्रतीक है?

उत्तर – कविता में ‘कलम’ ज्ञान, विचार, बौद्धिकता, और मानसिक शक्ति का प्रतीक है।

  1. प्रश्न – कविता में ‘तलवार’ किसका प्रतीक है?

उत्तर – कविता में ‘तलवार’ शारीरिक बल, साहस, और देश की रक्षा के लिए प्रयुक्त भौतिक शक्ति का प्रतीक है।

  1. प्रश्न – कवि ने ज्ञान का दीप जलाने का क्या अर्थ बताया है?

उत्तर – कवि के अनुसार ज्ञान का दीप जलाने का अर्थ समाज में जागरूकता, शिक्षा और विचारों की रोशनी फैलाना है।

  1. प्रश्न – कवि के अनुसार घर की रखवाली के लिए क्या आवश्यक है?

उत्तर – कवि के अनुसार घर और देश की रक्षा के लिए तलवार या शारीरिक शक्ति आवश्यक है।

  1. प्रश्न – कवि कलम की शक्ति को कैसे वर्णित करते हैं?

उत्तर – कवि कहते हैं कि कलम देश की बड़ी शक्ति है, जो मन और मस्तिष्क में भावनाएँ और क्रांतिकारी विचार जगाती है।

  1. प्रश्न – कलम किस प्रकार विचार उत्पन्न करती है?

उत्तर – कलम ऐसे विचार उत्पन्न करती है जो जलते हुए अंगारों के समान होते हैं और लोगों के भीतर जागृति एवं जोश पैदा करते हैं।

  1. प्रश्न – कवि के अनुसार ज्वलंत विचारों का क्या महत्त्व है?

उत्तर – कवि के अनुसार ज्वलंत विचार देश का लहू गर्म रखते हैं और नागरिकों को देशभक्ति तथा संघर्ष के लिए प्रेरित करते हैं।

  1. प्रश्न – कवि ने तलवार की आवश्यकता कब बताई है?

उत्तर – कवि कहते हैं कि हिंसक और दुष्ट शक्तियों से बचने के लिए तलवार की आवश्यकता होती है।

  1. प्रश्न – निर्भय समाज में कलम की भूमिका कैसी होती है?

उत्तर – निर्भय समाज में कलम ही आग उगलती है और उसके अक्षर चिंगारी बनकर जनमानस में क्रांति की लहर पैदा करते हैं।

  1. प्रश्न – कवि के अनुसार निर्भय समाज के लोगों में कौन-से गुण पाए जाते हैं?

उत्तर – निर्भय समाज के लोगों में साहस, शक्ति, दृढ़ता, और आत्मबल का भाव होता है; उनके विचारों और भुजाओं में शक्ति होती है।

  1. प्रश्न – कवि ने “अक्षर बनते चिंगारी” पंक्ति से क्या अर्थ निकाला है?

उत्तर – इस पंक्ति का अर्थ है कि निर्भय और जागरूक समाज में लिखे गए शब्द क्रांति और परिवर्तन की चिंगारी बन जाते हैं।

  1. प्रश्न – कवि के अनुसार सच्चे ज्ञान और साहस के सामने तलवार क्यों गौण है?

उत्तर – क्योंकि जब मनुष्य के भीतर विचारों और आत्मबल की आग जलती है, तो उसे बाहरी हथियार की आवश्यकता नहीं रहती।

  1. प्रश्न – “जहाँ मनुष्य के भीतर हरदम जलते हैं शोले” — इस पंक्ति से क्या भाव व्यक्त होता है?

उत्तर – इस पंक्ति से उत्साह, जोश और निरंतर कर्मशीलता का भाव व्यक्त होता है, जो देश को सशक्त बनाती है।

  1. प्रश्न – “बाँहों में बिजली होती, होते दिमाग में गोले” — इस पंक्ति का अर्थ बताइए।

उत्तर – इसका अर्थ है कि निर्भय मनुष्य के हाथों में बल और उसके मस्तिष्क में विचारों की शक्ति होती है, जो उसे अजेय बनाती है।

  1. प्रश्न – “लहू में हलाहल की धार” का क्या तात्पर्य है?

उत्तर – इसका तात्पर्य है कि मनुष्य अपने रक्त में साहस, दृढ़ता और प्रतिकार की भावना रखता है, जिससे वह अन्याय का विरोध कर सके।

  1. प्रश्न – कवि ने कलम और तलवार दोनों की आवश्यकता क्यों मानी है?

उत्तर – कवि ने कहा है कि कलम विचार और जागरूकता देती है, जबकि तलवार दुष्ट शक्तियों से रक्षा करती है — दोनों मिलकर समाज को सशक्त बनाती हैं।

  1. प्रश्न – “कलम और तलवार” कविता का मुख्य संदेश क्या है?

उत्तर – इस कविता का मुख्य संदेश है कि समाज के उत्थान के लिए विचारों की शक्ति और रक्षा की क्षमता दोनों आवश्यक हैं; सच्ची ताकत ज्ञान और साहस के संतुलन में निहित है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न – कविता में कवि ने देशवासियों से क्या चुनने का प्रश्न पूछा है?

उत्तर – कवि देशवासियों से पूछते हैं कि वे कलम या तलवार में से क्या चुनेंगे। कलम वैचारिक शक्ति और तलवार भौतिक शक्ति का प्रतीक है। यह प्रश्न देश के उत्थान के लिए दोनों की महत्ता को उजागर करता है।

प्रश्न – “अंध कक्ष” का कविता में क्या अर्थ है?

उत्तर – “अंध कक्ष” का अर्थ है अंधेरा कमरा, जहाँ कवि एकांत में बैठकर मधुर गीत या उच्च विचार रच सकते हैं। यह कलम की वैचारिक शक्ति का प्रतीक है, जो ज्ञान और चेतना का प्रकाश फैलाती है।

प्रश्न – कविता में कलम को किस प्रकार की शक्ति कहा गया है?

उत्तर – कलम को देश की बड़ी शक्ति कहा गया है, जो लोगों के मन में भावनाएँ और चेतना जगाती है। यह दिल और दिमाग में क्रांति की आग लगाती है, विचारों को प्रज्वलित कर देश को जागृत करती है।

प्रश्न – “ज्वलितविचार” से कविता में क्या तात्पर्य है?

उत्तर – “ज्वलितविचार” का अर्थ है जलते हुए विचार, जो क्रांति और कर्म के लिए प्रेरित करते हैं। कवि कहते हैं कि ये विचार लहू को गर्म रखते हैं और देश को जीवंत और अजेय बनाते हैं।

प्रश्न – कविता में “कृपाण” किसका प्रतीक है?

उत्तर – “कृपाण” (तलवार) भौतिक शक्ति का प्रतीक है। कवि कहते हैं कि यह घर और देश की रक्षा के लिए आवश्यक है, विशेष रूप से हिंसक शत्रुओं या दुष्ट शक्तियों से बचाव के लिए।

प्रश्न – “हलाहल की धार” से कविता में क्या अभिप्राय है?

उत्तर – “हलाहल की धार” का अर्थ है खून में साहस और दृढ़ता का प्रवाह। कवि कहते हैं कि ऐसे समाज में, जहाँ लोग साहसी हैं, तलवार की आवश्यकता कम हो जाती है।

प्रश्न – कविता में तलवार की आवश्यकता कब बताई गई है?

उत्तर – कवि कहते हैं कि तलवार हिंसक जीवों (दुष्ट शक्तियों) से रक्षा के लिए जरूरी है। यह भौतिक शक्ति का प्रतीक है, जो देश और घर की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।

प्रश्न – कविता में “चिंगारी” किसके प्रतीक के रूप में प्रयुक्त है?

उत्तर – “चिंगारी” कलम के अक्षरों का प्रतीक है, जो क्रांति के विचारों को दर्शाती है। कवि कहते हैं कि निर्भय समाज में ये अक्षर चिंगारी बनकर क्रांति लाते हैं।

प्रश्न – “प्रज्वलित-प्राण देश” से कवि का क्या तात्पर्य है?

उत्तर – “प्रज्वलित-प्राण देश” से कवि का तात्पर्य जागृत और उत्साही देश से है। ऐसे देश में नागरिकों की आत्मा विचारों से प्रज्वलित होती है, जिसे कोई शत्रु पराजित नहीं कर सकता।

प्रश्न – “बाँहों में बिजली” से कविता में क्या अभिप्राय है?

उत्तर – “बाँहों में बिजली” का अर्थ है निर्भय समाज में लोगों की शारीरिक शक्ति। कवि कहते हैं कि ऐसे समाज में लोग शक्तिशाली और साहसी होते हैं, जो तलवार के बिना भी अजेय हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न – कविता में कवि ने कलम और तलवार की तुलना किस आधार पर की है?

उत्तर – कवि कलम को वैचारिक शक्ति और तलवार को भौतिक शक्ति का प्रतीक बताते हैं। कलम भावनाएँ और क्रांति जगाती है, जबकि तलवार रक्षा करती है। कवि दोनों को देश के उत्थान के लिए पूरक मानते हैं, यह दिखाते हुए कि विचार और शक्ति दोनों आवश्यक हैं।

प्रश्न – कविता में “अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे, मुझे मीठे गान” का क्या अर्थ है और यह कलम की भूमिका कैसे दर्शाता है?

उत्तर – “अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे, मुझे मीठे गान” का अर्थ है एकांत में कलम के माध्यम से उच्च विचारों और मधुर गीतों की रचना करना। यह कलम की वैचारिक शक्ति को दर्शाता है, जो ज्ञान और चेतना का प्रकाश फैलाती है, समाज को प्रेरित और जागृत करती है।

प्रश्न – कविता में कलम को “दिल ही नहीं दिमाग में भी आग लगाने वाली” क्यों कहा गया है?

उत्तर – कवि कलम को “दिल ही नहीं दिमाग में भी आग लगाने वाली” कहते हैं, क्योंकि यह भावनाओं के साथ-साथ तर्क और क्रांति के विचार उत्पन्न करती है। यह लोगों को कर्म और परिवर्तन के लिए प्रेरित करती है, जिससे देश की आत्मा जागृत और अजेय बनी रहती है।

प्रश्न – कविता में निर्भय समाज में तलवार की आवश्यकता को क्यों गौण बताया गया है?

उत्तर – कवि कहते हैं कि निर्भय समाज में, जहाँ लोग साहसी और वैचारिक रूप से प्रज्वलित हैं, तलवार की आवश्यकता गौण हो जाती है। कलम के अक्षर चिंगारी बनकर क्रांति लाते हैं, और लोगों की आंतरिक शक्ति (हलाहल की धार) उन्हें बिना तलवार के भी अजेय बनाती है।

प्रश्न – कविता में कवि ने कलम और तलवार की भूमिकाओं को कैसे संतुलित किया है?

उत्तर – कवि कलम को वैचारिक शक्ति और तलवार को भौतिक शक्ति के रूप में प्रस्तुत करते हैं। कलम विचार और क्रांति जगाती है, जबकि तलवार रक्षा करती है। कवि दोनों को पूरक मानते हैं, यह दिखाते हुए कि देश के उत्थान के लिए वैचारिक और भौतिक शक्ति दोनों की अपनी भूमिका है।

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