कुएँ के मेढ़क
अनुपम भुवनेश्वर में रहता है। एक दिन उसकी नानी उनके घर आईं। अनुपम बहुत खुश हुआ। उसने नानी के पाँव छुए। नानी भी बहुत खुश हुईं। रात को नानी ने एक अच्छी कहानी सुनाई। बोलीं- हमारे गाँव में एक बहुत बड़ा कुआँ है। उसमें चार-छह मेढ़क रहते थे। दिन- रात उछलते कूदते और टर्र-टर्र करते थे। वे मानो कुएँ के मालिक बने हुए थे। वे ऊधमी और शरारती हो गए थे।
एक बार भारी वर्षा हुई। कुएँ में पानी भर गया और बाहर आने लगा। पानी की उस बाढ़ में मेढ़क बाहर निकल आए। बाहर की खुली दुनिया उनके सामने थी। वे खुशी से फूल उठे। इधर-उधर उछलने लगे। उनमें जो सबसे ज्यादा शरारती था, किसी की सुनता न था। वह सड़क पर फुदक रहा था। अचानक एक गाड़ी आ गई। वह ऐंठकर उछलने लगा और पहिये के नीचे जा गिरा। बच गया। दूसरा अपने को बड़ा बजरंगबली मानता था। लंबा कूदता था। इतने में एक साँप मुँह बाये आ पहुँचा। मेढ़क छिपकर बच गया। तीसरा भी बड़ा घमण्डी था। छाती फुलाकर कहता- मेरी बराबरी करने वाला अभी पैदा नहीं हुआ। तभी उधर से एक साइकिल सर्र से निकल गई। मेढ़क की पिछली टाँग टूट गई।
पास की एक ढूह पर एक मेढ़की अपने बच्चों के साथ यह सब देख रही थी। उसने अपने बच्चों से कहा- “देखो बच्चो ! खबरदार, बाहर निकलो तो अपने को बचाना सीखो। संभलकर चलो। आफत से बचो।”
यह सुनकर अनुपम दुखी हुआ। लेकिन डरा नहीं। उसने नानी से पूछा “नानी जी, हम घर से बाहर निकलें तो क्या करें?”
नानी ने समझाया – “देखो बेटे, पहली बात है कि अपने को काबू में रखना। इसका मतलब है कि अपने को बड़ा न मानना। यह विनय का भाव है। गुस्सा न करना। घमंड न करना। ऐसा बर्ताव सबको अच्छा लगता है। तुम विनयी होगे तो दूसरे तुमसे प्यार करेंगे।
दूसरी बात, कीड़े-मकोड़े और जानवर अपने को बचाते हैं। लेकिन आदमी के बच्चे दूसरों के साथ मिलजुल कर रहना सीखते हैं। घर में माता-पिता की बात मानना, भाई बहनों के साथ रहना, स्कूल में मित्रों के साथ अच्छा बर्ताव करना, उनको सीखना चाहिए। घर हो या बाहर तुम्हारा व्यवहार दूसरों को बुरा न लगे, किसी को असुविधा न हो, किसी का दिल न दुखे – इस ओर सावधान रहना। दूसरों से झगड़ना, नाराज होना, गाली-गलौज करना, चिल्लाना, जिद्द करके अकड़ना, बिना पूछे दूसरों की चीज छूना, दूसरों के काम में दखल देना जैसे आचरण अशिष्ट माना जाता है। इसका मतलब है अपनी बुरी आदतों को रोकना, अपने मन और भावों को काबू में रखना जरूरी है। यह भद्र व्यवहार कहलाता है।
अनुपम बोला- इसीलिए हमें स्कूल में कई बातें सिखाते हैं। जोर-जोर से नहीं बोलना चाहिए। बड़ों और गुरुजनों का सम्मान करना, सहपाठियों से सौहार्द भाव रखना, छोटों को स्नेह करना, अपनी बारी का इंतजार करना, अनुशासन मानकर लाईन बनाकर चलना चाहिए। स्कूल के नियम, ट्रैफिक के कानून नहीं तोड़ना चाहिए। हैं न?
नानी बोली- हाँ बेटा। तुम तो होशियार हो। जान लो। अपने अच्छे बर्ताव से लोग दोस्त बनेंगे, बुरे आचरण से दुश्मन बन जाएँगे। यह तुम्हारा काम है। जानवर से आदमी अच्छा है, क्योंकि उसका आचरण सभ्य होता है। सारा विश्व उसका मित्र हो सकता है।
शब्दार्थ :
नानी – माँ की माँ
ऊधमी – शरारती दुष्ट
ढूह – मिट्टी का टीला
काबू – संयम
घमंड – गर्व
अशिष्ट – असभ्य, अभद्र
अभद्र – असभ्य
सौहार्द – मित्रता
दुश्मन – शत्रु।
पहिये – चक्के
टाँग – पैर
आफत – मुसीबत
आचरण – व्यवहार
सहपाठियों – साथ में पढ़ने वाले
अनुशासन – नियम
विनयी – अच्छे स्वभाव वाला
विचार विश्लेषण :
आदमी के घर से बाहर निकलते ही उसे दूसरों के साथ मिलना-जुलना पड़ता है। दूसरे लोगों के साथ मिलने पर उसका व्यवहार कैसा हो, यह सवाल है। यह आवश्यक है कि सबको समान मौका मिले और समाज में शांति रहे। सभी का आचरण भी अच्छा होना चाहिए। यह शिष्टता, भद्रता और सभ्यता का तकाजा है।
1. इन प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(क) भारी वर्षा हुई तो कुएँ में पानी भर गया और पानी बाहर आने लगा।
उत्तर – भारी वर्षा हुई तो क्या हुआ
(ख) बाहर निकले मेढ़कों की क्या हालत हुई?
उत्तर – बाहर निकले मेढ़कों की हालत खराब होने लगी क्योंकि एक मेढक गाड़ी की चपेट में आने से बचा। दूसरा मेढक साँप का भोजन बनते-बनते बचा और तीसरे मेढक की टाँग साइकिल के चक्के के नीचे आ जाने के कारण टूट गई।
(ग) आदमी घर से निकले तो पहले क्या करे?
उत्तर – आदमी घर से निकले तो जिससे भी वह मिले सभी के साथ विनयपूर्वक व्यवहार करे।
(घ) कैसा व्यवहार अशिष्ट समझा जाता है?
उत्तर – दूसरों से झगड़ना, नाराज होना, गाली-गलौज करना, चिल्लाना, जिद्द करके अकड़ना, बिना पूछे दूसरों की चीजें छूना, दूसरों के काम में दखल देना जैसे व्यवहार को अशिष्ट माना जाता है।
(ङ) शिष्टता किन-किन कामों में है?
उत्तर – हमें किसी से जोर-जोर से नहीं बोलना चाहिए। बड़ों और गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए। सहपाठियों से सौहार्द भाव रखना चाहिए। छोटों को स्नेह करना चाहिए। इन सब कामों में ही शिष्टता है।
(च) आदमी के दोस्त या दुश्मन कैसे बनते हैं?
उत्तर – जब हम दूसरों के साथ अच्छे बर्ताव करेंगे तो वे हमारे दोस्त बनेंगे, और इसके विपरीत अगर हम दूसरों के साथ बुरे आचरण से पेश आएँगे तो वे हमारे दुश्मन बन जाएँगे।
2. निम्न प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए :
(क) अनुपम कहाँ रहता है?
उत्तर – अनुपम भुवनेश्वर में रहता है।
(ख) एक दिन क्या हुआ?
उत्तर – एक दिन अनुपम की नानी उसके घर आई।
(ग) कुएँ में कौन थे?
उत्तर – कुएँ में चार-छह मेंढक रहते थे।
(घ) बाढ़ आने पर मेढ़कों की क्या दशा हुई?
उत्तर – बाढ़ आने पर कुएँ में पानी भर गया और मेढ़क कुएँ से बाहर निकल आए।
(ङ) पहले मेढ़क की क्या हालत हुई?
उत्तर – पहला मेढ़क बहुत शरारती था। वह किसी की बात नहीं सुनता था। कुएँ से निकलने के बाद वह फुदकने लगा और गाड़ी के पहिये के नीचे आते-आते बचा।
(च) तीसरे मेढ़क का स्वभाव कैसा था?
उत्तर – तीसरा मेढ़क स्वभाव से बड़ा घमंडी था।
(छ) मेढ़की ने अपने बच्चों से क्या कहा?
उत्तर – मेढ़की ने अपने बच्चों से कहा- “देखो बच्चो ! खबरदार, बाहर निकलो तो अपने को बचाना सीखो। संभलकर चलो। आफत से बचो।”
(ज) विनयी होने का क्या मतलब क्या है?
उत्तर – विनयी होने का क्या मतलब है कि अपने को काबू में रखना। घमंड न करना गुस्सा न
(झ) आदमी के बच्चों को क्या करना चाहिए?
उत्तर – आदमी के बच्चों को घर में माता-पिता की बात मानना, भाई बहनों के साथ रहना, स्कूल में मित्रों के साथ अच्छा बर्ताव करना आदि गुण सीखने चाहिए।
3. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
3. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) किसने कहानी सुनाई?
उत्तर – नानी ने कहानी सुनाई।
(ख) मेढ़क सड़क पर क्या करने लगे?
उत्तर – मेढ़क सड़क पर खुशी से उछल-कूद करने लगे थे।
(ग) मेंढ़क की कौन-सी टाँग टूट गई?
उत्तर – मेंढ़क की पिछली टाँग टूट गई थी।
(घ) अपने अच्छे बर्ताव से लोग क्या बनेंगे?
उत्तर – हमारे अच्छे बर्ताव से लोग हमसे प्रेम करेंगे और हमारे दोस्त बनेंगे।
4. निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए:
(क) आदमी जानवर से अच्छा है, क्योंकि उसमें ज्यादा
(i) बल है
(ii) बुद्धि है
(iii) सुन्दरता है
(iv) नम्रता है
उत्तर – (ii) बुद्धि है
(ख) विनय का भाव क्या है?
(i) अपने को बड़ा मानना
(ii) अपने को बड़ा न मानना
(iii) दूसरे को पीटना
(iv) दूसरे के साथ नाचना
उत्तर – (ii) अपने को बड़ा न मानना
(ग) बड़ों और गुरुजनों का क्या करना चाहिए?
(i) सम्मान करना
(ii) स्नेह करना
(iii) आदर करना
(iv) इंतजार करना
उत्तर – (i) सम्मान करना
भाषाकार्य
5. इन शब्दों को देखिए। इनके दो रूप होते हैं :
आयी – आई
गये – गए
चाहिये – चाहिए
नयी – नई
दीजिये – दीजिए
हुयी – हुई
आये – आए
लिखिये – लिखिए
सुनायी – सुनाई
कीजिये – कीजिए
गया, आया, हुआ रूप सही है।
गआ, आआ, हुया नहीं होता।
6. सही वर्तनी लिखिए :
पहिआ – पहिया
विस्व – विश्व
सोहाद्र – सौहार्द
बजरगं – बजरंग
छाति – छाती
एंठ – ऐंठ
काबु – काबू
नानि – नानी
पुछा – पूछा
भाइ – भाई
र्बताव – बर्ताव
असिस्ट – अशिष्ट
भर्द – भद्र
दुसरा – दूसरा
7. निम्नलिखित वाक्यों को सुधार कर लिखिए :
(i) एक बार भारी वर्षा हुआ।
उत्तर – एक बार भारी वर्षा हुई।
(ii) दूसरों के झगड़ना अच्छी बात नहीं।
उत्तर – दूसरों से झगड़ना अच्छी बात नहीं।
(iii) आदमी के आचरण सभ्य होता है।
उत्तर – आदमी का आचरण सभ्य होता है।
(iv) उसका पिछला टाँग टूट गया।
उत्तर – उसकी पिछली टाँग टूट गई।
(v) वह मेरा ओर देखने लगा।
उत्तर – वह मेरी ओर देखने लगा।
जानिए :
निम्नलिखित शब्दों को देखिए। इन्हें ‘संज्ञा’ शब्द कहते हैं। संज्ञा शब्द कर्ता या कर्म हो सकते हैं।
कुआँ, मेढ़क, वर्षा, बाढ़, पानी, रात, कहानी, अनुपम, भुवनेश्वर, मालिक, साँप, बच्चा, खुशी, टोली, आदत, सौहार्द, मित्रता, कक्षा
इन संज्ञा शब्दों :
को निम्नलिखित वर्गों में सजाइए :
(क) व्यक्तिवाचक – अनुपम, भुवनेश्वर
(ख) द्रव्यवाचक – पानी
(ग) जातिवाचक – कुआँ, मेढ़क, वर्षा, बाढ़, रात, कहानी, मालिक साँप, बच्चा
(घ) समूहवाचक – टोली, कक्षा
(ङ) भाववाचक – आदत, सौहार्द, खुशी, मित्रता
निम्नलिखित वाक्यों को पढ़िए :
उसने नानी के पाँव छुए।
उसमें चार-छह मेढ़क रहते थे।
वे शरारती हो गए थे।
वह सड़क पर फुदक रहा था।
तुम तो होशियार हो।
इन वाक्यों में रेखांकित पद हैं: उसने, उसमें, वे, वह, तुम। ऐसे शब्दों को सर्वनाम कहते हैं।
8. उचित संज्ञा और विशेषण शब्दों को जोड़िए –
‘क’ ‘ख’
अच्छी कहानी
भद्र व्यवहार
भारी वर्षा
बड़ा साँप
बुरी आदत
खुली दुनिया
उदाहरण के अनुसार वचन बदलिए:
(i) घर – घर
मेढ़क – मेढ़क
पाँव – पाँव
साँप – साँप
स्कूल – स्कूल
दुश्मन – दुश्मन
(ii) रात – रातें
सड़क – सड़कें
साइकिल – साइकिल
टाँग – टाँगें
ढूह – ढूहें
आदत – आदतें
(iii) कुआँ – कुएँ
पहिया – पहिये
बेटा – बेटे
बच्चा – बच्चे
कीड़ा – कीड़े
लड़का – लड़के
(iv) कहानी – कहानियाँ
गाड़ी – गाड़ियाँ
डाली – डालियाँ
नदी – नदियाँ
लड़की – लड़कियाँ
10. समानार्थी शब्द लिखिए:
दुश्मन – शत्रु
सौहार्द – स्नेह
अशिष्ट – अभद्र
ढूह – टीला
ऊधमी – शरारती
11. निम्नलिखित शब्दों के लिंग बदलिए:
नानी – नाना
मेढ़की – मेढक
बहन – भाई
माँ – पिता
12. विशेषण छाँटिए:
(क) बाहर, अचानक, दु:खी
उत्तर – दु:खी
(ख) मतलब, अशिष्ट, व्यवहार
उत्तर – अशिष्ट
(ग) जरूरी, बात, उसने
उत्तर – जरूरी
(घ) शरारती, खुशी, के साथ
उत्तर – शरारती
(ङ) सम्मान, गुरुजन, होशियार
उत्तर – होशियार
(च) अच्छा, जानवर, चाहिए
उत्तर – अच्छा
(छ) कुआँ, बड़ा, चिल्लाना
उत्तर – बड़ा