संकेत बिंदु-(1) जीवन चलने का नाम (2) सड़क में लापरवाड़ी दुर्घटना का कारण (3) सावधानीपूर्वक सड़क पर चलना (4) सड़क संकेतों की जानकारी (5) उपसंहार।
वैसे तो जीवन चलने का नाम है और बच्चा जब जन्म लेता है तो उसके माँ-बाप बच्चे के चलने पर मिठाई बाँटते हैं। घुटनों चलकर पाँव चलता हुआ बच्चा घर के आँगन में कितना अच्छा लगता है। चलने के बारे में मेरी कविता की कुछ पंक्तियाँ-
पाँव चलें मंजिल मिलती है, रुकने से जीवन रुक जाता।
देश का बचपन चलते-चलते, उच्च शिखर पर है चढ़ पाता॥
‘रत्नम्’ चलना सावधान हो, भीड़-काफला बढ़ता आता।
नियम के भीतर जो चलता है, वो अपनी मंजिल को पाता॥
‘सड़क पर कैसे चलें’ इस विषय में इतना कहना काफी रहेगा कि सड़क पर चलने के लिए बड़ी सावधानी की आवश्यकता होती है। जब हम घर से बाहर कहीं भी जाते हैं तो जानते हो हमारे घर वापिस आने का इंतज़ार होता हैं। बच्चों का इंतज़ार उसके माँ-बाप करते हैं और बड़ों का इंतज़ार बच्चे करते हैं। चलते समय सावधानी न होने पर भयंकर दुर्घटनाएँ होती हैं, कभी-कभी एकसीडेन्ट हो जाने से आदमी मर भी जाते हैं।
जो लोग सड़क पर गलत चलते हैं वह अख़बारों के लिए कभी-कभी ख़बर बन जाते हैं, जैसे सड़क दुर्घटना में कई व्यक्ति घायल, ट्रक ने कार को टक्कर मारी, कार ने एक बालक को कुचल दिया, स्कूटर साइकिल में टक्कर, साइकिल सवार मरा, बस दुकान में घुसी आदि-आदि ऐसी ख़बरें अख़बारों में रोज़ आती हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि वह लोग दुर्घटना का शिकार होते हैं जो सड़क पर चलने के नियम का पालन नहीं करते और दूसरों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर प्रशासन को भी मुसीबत में डाल देते हैं। जो लोग कार-स्कूटर मोटर साइकिल आदि चलाते हैं उन्हें अपने से छोटी सवारी, पैदल यात्रियों और बच्चों का ध्यान रखना चाहिए, साथ ही उन्हें अपने से बड़ी सवारी बस-ट्रक, टैम्पो आदि से भी बचकर चलना चाहिए। कुछ लोग शराब पीकर गाड़ियाँ चलाते हैं जो कानूनन गलत है। ऐसे लोग भीषण दुर्घटना कर बैठते हैं। कुछ छोटे-छोटे बच्चे भी गलियों में स्कूटर, मोटर साइकिल, साइकिल गलत ढंग से चलाते हैं जो उनके जीवन के लिए हितकर नहीं होता। कुछ साइकिल सवार ट्रक-टैम्पों को पीछे से पकड़ कर चलते हैं जो सबसे गलत होता है। ऐसे लोग किसी भी क्षण जीवन से हाथ धो बैठते हैं। कुछ बच्चे तो सड़क पर ही खेलना शुरू कर देते हैं जिसके कारण भीषण दुर्घटना हो जाती है। भागकर, बिना देखे सड़क पार करना भी मौत को पास बुलाने वाली बात हो जाती है।
हमारी सुरक्षा के लिए ही सड़कों पर ‘लेन’ बनाई गई हैं। सड़क पर चलते समय हमें ‘लेन’ का हमेशा ध्यान रखना चाहिए। सड़क पर गाड़ी चलाते समय उतावलापन नहीं दिखाना चाहिए, ऐसा करने से जान तक भी जा सकती है। चौराहों पर लगे संकेतों के अनुसार ही हम सबको सड़क पार करनी चाहिए। सड़क पार करते समय हमें ‘ जेबरा क्रासिंग’ का उपयोग करना चाहिए। पैदल चलने वालों को सड़क के बाईं ओर चलना चाहिए। जहाँ भूमिगत पैदल पथ या ऊपर के पुल बने हों तो सड़क पार करते समय उनका प्रयोग करना चाहिए। सड़क पर चलते हुए दाय ओर मुड़ते समय अधिक सावधान रहना चाहिए। दाईं ओर मुड़ने से पहले पीछे आते वाहनों को देखकर फिर हाथ का संकेत देकर ही दाई ओर मुड़ना अच्छा रहता है। चौराहा पार करते समय भी हमें विशेष सावधान रहने की आवश्यकता होती है। चौराहे पर खड़ी गाड़ियों के बीच में फँसकर निकलने से भी दुर्घटना हो सकती है। कुछ लोग साइकिल पर ढेर सा सामान लेकर चलते हैं जिससे उन्हें सड़क पर चलने पर स्वयं तो परेशानी होती है, बाकी दूसरे लोगों के लिए भी सड़क पर परेशानी का कारण बन जाते हैं। कुछ कार वाले सड़क पर कार खड़ी करके बिना पीछे देखे ही कार का दाईं ओर का दरवाज़ा खोल देते हैं जो सड़क पर चलने के नियम के खिलाफ़ होता है, ऐसा करने से कभी भी पीछे से आने वाली सवारी टकरा कर गिर सकती है। कुछ लोग सड़क पर स्वयं गलत चलते हैं और दुर्घटना हो जाने पर दूसरों को दोष देते हैं।
चलें नियम से यदि सड़क पर, कभी न टक्कर हो पाये।
सावधान हम चलकर ‘रत्नम्- अपने घर वापिस आयें॥
अब मैं ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी ‘सड़क संकेत’ के बारे में चर्चा करूँ जिसमें हमें यह पता चलता है कि ‘सड़क पर कैसे चलें। “सड़क संकेत’ नामक इस चार्ट पर लिखा है “ संकेत व चिह्न सड़क की भाषायें हैं, इन्हें याद कीजिए और उनका पालन कीजिए। “इस नक्शे में आदेशात्मक’ 36 चिह्न हैं जो गोलाकार में दिखाये गए हैं। ‘चेतावनी’ शीर्षक में 41 चित्र हैं जो त्रिभुज आकार के हैं। ‘सूचनात्मक’ शीर्षक में 19 चित्र हैं जो वर्गाकार हैं। बच्चों के लिए यह चार्ट बड़ा रोचक है और आसानी से “सड़क पर कैसे चलें” सभी संकेत याद किए जा सकते हैं। दिल्ली में यह चार्ट पुलिस मुख्यालय में उपलब्ध है। इसके साथ दिल्ली में बने चार ट्रैफिक पार्कों, पंजाबी बाग, रोशनारा बाग, प्रगति मैदान और बाबा खडग सिंह मार्ग पर बने ट्रैफिक पार्कों में देखने को मिल सकता है।
सभी बच्चों को सड़क पर चलने के नियम को जानने के लिए इन पार्कों में अवश्य जाना चाहिए और सड़क पर चलने के नियम अवश्य सीखने चाहिए। बच्चे अपने स्कूल के अध्यापकों के साथ या अपने माँ-बाप के साथ अपने निकटवर्ती ट्रैफिक पार्क में जाकर सड़क पर चलने के नियम की जानकारी प्राप्त करें जिससे भविष्य में होने वाली भीषण सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में सहायता मिल सकती है। इन पार्कों में बताये गए चार्ट के अतिरिक्त अन्य सामग्री भी मिलती है जिससे हमें ‘सड़क पर कैसे चलें’ इसकी जानकारी मिलती है। इसी बारे में एक कवि ने कहा है-
जीवन चलने का नाम, चलते रहो सुबह शाम।