भिक्षुकवह आता-दो टूक कलेजे के करता पछतातापथ पर आता।पेट-पीठ दोनों मिलकर हैं एक,चल रहा लकुटिया...
Latest Articles
महाकवि नागार्जुन की कविता ‘सिंदूर तिलकित भाल’ कविता...
सिंदूर तिलकित भालघोर निर्जन में परिस्थिति ने दिया है डाल!याद आता तुम्हारा सिंदूर तिलकित भाल!कौन है...
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कविता ‘तोड़ती पत्थर’ का...
तोड़ती पत्थरवह तोड़ती पत्थर;देखा उसे मैंने इलाहाबाद के पथ पर-वह तोड़ती पत्थर। कोई न छायादारपेड़ वह...
नागार्जुन की कविता ‘अकाल और उसके बाद’ का संपूर्ण...
अकाल और उसके बादकई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदासकई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पासकई दिनों...
नागार्जुन की कविता ‘कालिदास’ का संपूर्ण अध्ययन
कालिदास कालिदास सच-सच बतलाना ! इंदुमती के मृत्युशोक से अज रोया या तुम रोए थे कालिदास सच-सच बतलाना ...
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कविता ‘बादल राग’ का...
बादल राग तिरती है समीर-सागर परअस्थिर सुख पर दुख की छाया –जग के दग्ध हृदय परनिर्दय विप्लव की...
‘ग्रंथि’ सुमित्रानंदन पंत की श्रेष्ठ रचना का अध्ययन
‘ग्रंथि’ - कविता परिचय पंत जी की प्रारंभिक रचनाएँ हैं – ‘ग्रंथि’...
जाहिल से ज़हीन
चोरी सबने की थी, लेकिन मेरी चोरी पकड़ी गई। सबकी चोरी की सजा इक मुझको ही दी गई। चोरी क्या कलंक थी...
सुमित्रानंदन की कविता ‘यह धरती कितना देती है!’ का...
कविता परिचय — यह धरती कितना देती है ! इस कविता की रचना सन् 1954 में हुई थी। यह कविता पंत जी की उन...
‘सदाचार का तावीज’ हरिशंकर परसाई जी की रचना का सम्पूर्ण अध्ययन
मूल भाव सचिव वैद गुरु तीनि जो, प्रिय बोलहिं भयु आस।राज, धर्म, तन तीनि कर, होइ बेगिही नास॥ पाठ परिचय...
स्वयं से शपथ
कुछ भी अप्राप्य नहीं जगत में इसे तुम आत्मसात कर जाओ अपने सपने को पूरा करने बस जज़्बातों से भर जाओ।...
सुमित्रानंदन की कविता ‘पल्लव’ का सम्पूर्ण अध्ययन
पाठ परिचय ‘पल्लव’ आपने एक तीर से दो निशान की उक्ति तो सुनी होगी लेकिन एक तीर से तीन निशान कैसे साधा...