Path 7.2: Aa Rahi Ravi Ki Sawari, Kavita, Harivansh Rai Bachchan, Class IX, Hindi Book, Chhattisgarh Board, The Best Solutions.

हरिवंश राय बच्चन – कवि परिचय

हिंदी के लोकप्रिय कवि हरिवंश राय बच्चन का जन्म सन् 1907 ई. में इलाहाबाद में हुआ था। बच्चन को हालावाद का प्रवर्तक कहा जाता है। उन्होंने अपनी सुदीर्घ साहित्यिक यात्रा में कई महत्त्वपूर्ण रचनाएँ की। मधुशाला उनकी सर्वाधिक चर्चित रचना है। इसके अतिरिक्त उनकी अन्य रचनाएँ मधुबाला, मधुकलश, मिलन यामिनी, प्रणय पत्रिका, निशा निमंत्रण, दो चट्टानें हैं। दो चट्टानें के लिए उन्हें सन् 1968 में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। सन् 2003 में 96 वर्ष की अवस्था में उनका निधन हो गया।

आ रही रवि की सवारी – कविता परिचय

आधुनिक युग के कवि बच्चन ने प्रकृति का मोहक वर्णन किया है और प्रातः कालीन दृश्य को जीवंत कर दिया है। शुक्ल की कविता पूरी तरह छंदमुक्त व आंतरिक लय से युक्त हैं तथा वर्तमान में मानव जीवन में व्याप्त अभाव, चिंता, संघर्ष और अन्याय को व्यक्त करती है।

आ रही रवि की सवारी

आ रही रवि की सवारी।

नव- किरण का रथ सजा है,

कलि- कुसुम से पथ सजा है,

बादलों से अनुचरों ने स्वर्ण की पोशाक धारी।

आ रही रवि की सवारी।

विहग, बंदी और चारण,

गा रहे हैं कीर्ति गायन, कीर्ति-गायन,

छोड़कर मैदान भागी, तारकों की फौज सारी।

आ रही रवि की सवारी।

चाहता, उछलूँ विजय कह,

पर ठिठकता देखकर यह-

रात का राजा खड़ा है, राह में बनकर भिखारी।

आ रही रवि की सवारी।

व्याख्या सहित

पद – 01

“आ रही रवि की सवारी।

नव- किरण का रथ सजा है,

कलि- कुसुम से पथ सजा है,

बादलों से अनुचरों ने स्वर्ण की पोशाक धारी।”

अर्थ – देखिए, सूर्य (रवि) की सवारी आ रही है। उसका रथ नई किरणों से सजा हुआ है। उसके रास्ते को कलियों और फूलों (कलि-कुसुम) से सजाया गया है।

भाव – कवि कल्पना करते हैं कि सुबह के समय जब सूर्य निकलता है, तो उसकी किरणें एक सुंदर रथ के समान हैं और धरती पर खिले हुए फूल उसके स्वागत के लिए बिछे हुए हैं। आकाश में छाए बादल उसके सेवक (अनुचर) हैं जिन्होंने सूर्य की सुनहरी रोशनी पड़ने के कारण सोने के रंग (स्वर्ण) के वस्त्र पहन रखे हैं।

 

पद – 02

“विहग, बंदी और चारण,

गा रहे हैं कीर्ति गायन,

छोड़कर मैदान भागी,

तारकों की फौज सारी।

आ रही रवि की सवारी।”

अर्थ – पक्षी (विहग), स्तुतिगान करने वाले (बंदी) और कवि/गायक (चारण) मिलकर सूर्य की प्रशंसा के गीत (कीर्ति गायन) गा रहे हैं। सूर्य के आने के डर से, तारों की सारी सेना (तारकों की फौज) मैदान छोड़कर भाग गई है।

भाव – जैसे ही सुबह होती है, पक्षियों का चहचहाना शुरू हो जाता है, जो कवि को राजा रवि की स्तुति जैसा लगता है। रात के तारे सूर्य की रोशनी के सामने छिप जाते हैं, मानो राजा के आगमन पर उसकी विरोधी सेना (तारों की फौज) हार मानकर भाग गई हो।

 

पद – 03

“चाहता, उछलूँ विजय कह,

पर ठिठकता देखकर यह-

रात का राजा खड़ा है,

राह में बनकर भिखारी।

आ रही रवि की सवारी।”

अर्थ – कवि का मन करता है कि वह खुशी से उछल पड़े और सूर्य की विजय का जयकारा करे, पर वह अचानक रुक जाता (ठिठकता) है। वह देखता है कि रात का राजा यानी चन्द्रमा, अब रास्ते में एक भिखारी बनकर खड़ा है।

भाव – यह सबसे मार्मिक और गहरा भाव है। सूर्य की जीत निश्चित है, लेकिन कवि उस जीत का शोर नहीं मचाता क्योंकि वह देखता है कि कल तक जो चन्द्रमा अपनी चाँदनी के साथ रात का राजा था, वह अब सूर्य की प्रचंड रोशनी के सामने फीका पड़कर बेचारा और निर्बल (भिखारी) जैसा लग रहा है। यह दृश्य कवि को विनम्र बना देता है और वह राजा की विजय का उद्घोष करने से रुक जाता है। यह बताता है कि समय और शक्ति हमेशा बदलती रहती है।

शब्दार्थ

अनुचर – सेवक

बंदी और चारण – पुराने समय में राजा के यश गाने वाले

विहग – पंछी।

हिंदी शब्द

हिंदी अर्थ

अंग्रेजी अर्थ (English Meaning)

रवि

सूर्य

Sun

सवारी

यात्रा या जुलूस

Procession or ride

नव-किरण

नई किरणें

New rays

रथ

घोड़ों वाला वाहन

Chariot

कलि-कुसुम

कलियाँ और फूल

Buds and flowers

अनुचर

सेवक या अनुयायी

Attendants or followers

स्वर्ण

सोना

Gold

पोशाक

वस्त्र या परिधान

Attire or costume

धारी

धारण करने वाला

Wearing or bearer

विहग

पक्षी

Birds

बंदी

स्तुति गायक या बंदी

Bards or captives (in poetic sense – praise singers)

चारण

कवि या गायक

Bards or poets

कीर्ति गायन

प्रशंसा के गीत

Songs of praise

तारकों

तारों

Of stars

फौज

सेना

Army

उछलूँ

कूदना या उछलना

To jump or leap

विजय

जीत

Victory

ठिठकता

रुकना या हिचकिचाना

Hesitates or pauses

भिखारी

माँगने वाला

Beggar

 

पाठ से

  1. बादलों से अनुचरों ने स्वर्ण की पोशाक धारी पंक्ति का क्या आशय है?

उत्तर – इस पंक्ति का आशय है कि सूर्योदय के समय बादल सूर्य के सेवक के रूप में दर्शाए गए हैं। सूर्य की सुनहरी किरणें बादलों पर पड़ने से वे स्वर्ण जैसी पोशाक पहने हुए प्रतीत होते हैं। यह कवि की कल्पना है जो सूर्योदय की भव्यता को रंगीन बनाती है।

  1. रात का राजा किसे कहा गया है और वह भिखारी बनकर क्यों खड़ा है?

उत्तर – रात का राजा चंद्रमा को कहा गया है। वह भिखारी बनकर खड़ा है क्योंकि सूर्योदय के समय उसकी चाँदनी फीकी पड़ जाती है। सूर्य की प्रचंड रोशनी के सामने चंद्रमा की शक्ति कमजोर हो जाती है, जिससे वह निर्बल और दयनीय प्रतीत होता है।

  1. रवि की सवारी आने पर क्या-क्या हो रहा है? उसे अपनी भाषा में लिखिए।

उत्तर – जब सूर्य की सवारी (सूर्योदय) होती है, तो नई किरणों से सजा रथ आता है, रास्ता फूलों और कलियों से सजाया जाता है। बादल सुनहरी पोशाक पहनकर सूर्य के सेवक बनते हैं। पक्षी, गायक और कवि सूर्य की प्रशंसा में गीत गाते हैं, जबकि तारे डरकर भाग जाते हैं।

  1. चाहता, उछलूँ विजय कह,

पर ठिठकता देखकर यह-

रात का राजा खड़ा है, राह में बनकर भिखारी।”

उपर्युक्त पंक्तियों को कुछ इस प्रकार भी लिखा जा सकता है-

मैं चाहता हूँ कि विजय कहकर उछल पडू लेकिन यह देखकर ठिठक जाता हूँ कि रात का राजा (चंद्रमा) राह में भिखारी बन कर खड़ा हुआ है।”

इसी प्रकार आप अपनी भाषा में नीचे दी गई पंक्तियों को लिखिए।

विहग, बंदी और चारण,

गा रहे हैं कीर्ति-गायन,

छोड़कर मैदान भागी, तारकों की फौज सारी।”

उत्तर – पक्षी, गायक और कवि सूर्य की प्रशंसा में गीत गा रहे हैं, और सूर्य के आगमन से डरकर तारों की पूरी सेना मैदान छोड़कर भाग गई है।

 

पाठ से आगे

  1. तारों को फौज, पक्षियों को चारण और चाँद को रात का राजा कहकर संबोधित किया गया है। इसी तरह इन्हें आप क्या कहेंगे? कल्पना कर लिखिए।

जंगल के पेड़ों को

फूलों के बगीचे को

बगुलों की कतार को

सूरज को

धूप को

चाँदनी को

उत्तर – जंगल के पेड़ों को – प्रकृति के प्रहरी

फूलों के बगीचे को – रंगों का संसार

बगुलों की कतार को – श्वेत सैनिकों की टोली

सूरज को – दिन का सम्राट

धूप को – स्वर्णिम आलिंगन

चाँदनी को – रात की रानी

 

भाषा के बारे में

  1. (क) कलि-कुसुम, कीर्ति-गायन में दो शब्दों के बीच का चिह्न लगा है। इस तरह के पदों को सामासिक पद कहते हैं। इनमें बीच के कुछ शब्दों का लोप होता है और उनके स्थान पर इस (-) चिह्न का उपयोग किया जाता है। इसे सामासिक चिह्न (योजक चिह्न) भी कहा जाता है।

उदाहरण-

कीर्ति – गायन – कीर्ति का गायन

माता-पिता – माता और पिता

उत्तर – सामासिक पद वे शब्द हैं जिनमें दो शब्दों के बीच योजक चिह्न (-) लगाकर उनके बीच के शब्दों का लोप किया जाता है।

उदाहरण –

नर-नारी – नर और नारी

दीन-दुखी – दीन और दुखी

देश-विदेश – देश और विदेश

राजा-रानी – राजा और रानी

(ख) इसी तरह के और भी सामासिक पद खोजकर लिखिए।

उत्तर – भाई-बहन – भाई और बहन

सुख-दुख – सुख और दुख

दिन-रात – दिन और रात

जल-थल – जल और थल

  1. कविता से उन पंक्तियों को छाँट कर लिखिए जिनमें मानवीकरण किया गया है?

जैसे- विहग, बंदी और चारण, गा रहे हैं कीर्ति – गायन।

उत्तर – मानवीकरण (Personification) वह अलंकार है जिसमें निर्जन तत्वों को मानवीय गुणों से जोड़ा जाता है। कविता में निम्नलिखित पंक्तियों में मानवीकरण है –

“बादलों से अनुचरों ने स्वर्ण की पोशाक धारी।” (बादलों को सेवक के रूप में मानवीय गुण दिया गया)

“विहग, बंदी और चारण, गा रहे हैं कीर्ति-गायन।” (पक्षियों को गायक के रूप में चित्रित किया गया)

“छोड़कर मैदान भागी, तारकों की फौज सारी।” (तारों को सेना के रूप में दर्शाया गया)

“रात का राजा खड़ा है, राह में बनकर भिखारी।” (चंद्रमा को राजा और भिखारी के रूप में मानवीय गुण दिया गया)

 

योग्यता विस्तार

  1. इस कविता की एक धुन बनाइए और समूह गीत के रूप में अपने दोस्तों के साथ गाइए।

उत्तर – इस कविता की धुन बनाने के लिए आप इसे भक्ति या उत्साहपूर्ण राग (जैसे राग भैरवी या यमन) पर आधारित कर सकते हैं। प्रत्येक पद को छोटे-छोटे छंदों में बाँटकर मधुर स्वर में गाया जा सकता है। उदाहरण –

प्रथम पद – उत्साहपूर्ण स्वर में सूर्य की भव्यता को दर्शाते हुए।

दूसरा पद – पक्षियों की चहचहाहट जैसी लय में।

तीसरा पद – भावुक और चिंतनशील स्वर में।

समूह में गाने के लिए दोस्तों को अलग-अलग छंद बाँटें और हारमोनियम या गिटार का उपयोग करें। अभ्यास के बाद स्कूल या सामुदायिक कार्यक्रम में प्रस्तुति दें।

  1. कविता में सूर्योदय का वर्णन किया गया है। इसी तरह आप सूर्यास्त का वर्णन कीजिए।

उत्तर – सूर्यास्त के समय आकाश नारंगी और गुलाबी रंगों से सज जाता है, मानो सूर्य अपनी दिन की यात्रा समाप्त कर विश्राम के लिए तैयार हो। क्षितिज पर बादल लालिमा की चादर ओढ़ लेते हैं। पक्षी घोंसलों की ओर लौटते हैं, और चारों ओर शांति छा जाती है। हल्की हवा पेड़ों से फुसफुसाती है, जैसे प्रकृति सूर्य को विदाई दे रही हो। यह दृश्य मन को शांत और चिंतनशील बनाता है।

  1. हरिवंश राय बच्चन की अन्य रचनाएँ अपनी पुस्तकालय से लेकर पढ़िए और उन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

उत्तर – हरिवंश राय बच्चन की प्रमुख रचनाएँ जैसे मधुशाला, मधुबाला, और मधुकलश पढ़ने योग्य हैं।

मधुशाला – यह कविता संग्रह जीवन के विभिन्न पहलुओं को मधुशाला के प्रतीक के माध्यम से दर्शाता है। रूबाइयों के रूप में लिखी गई यह रचना भावनात्मक और दार्शनिक है।

मधुबाला – इसमें प्रेम और सौंदर्य का सुंदर चित्रण है, जो पाठक को भावुक करता है।

मधुकलश – यह जीवन की आध्यात्मिक खोज को व्यक्त करता है, जो गहन चिंतन को प्रेरित करता है।

ये रचनाएँ बच्चन जी की भावनात्मक गहराई और भाषा की सरलता को दर्शाती हैं। इन्हें पुस्तकालय से प्राप्त कर कक्षा में चर्चा करें।

 

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

कविता के पहले पद में “रवि की सवारी” से क्या तात्पर्य है?

A) चंद्रमा का उदय

B) सूर्य का उदय

C) पक्षियों का उड़ना

D) बादलों का आना

उत्तर – B) सूर्य का उदय

 

“कलि-कुसुम से पथ सजा है” में “कलि-कुसुम” का अर्थ क्या है?

A) पुराने फूल

B) कलियाँ और फूल

C) पत्तियाँ

D) जड़ें

उत्तर – B) कलियाँ और फूल

 

दूसरे पद में “विहग, बंदी और चारण” क्या कर रहे हैं?

A) भाग रहे हैं

B) कीर्ति गायन गा रहे हैं

C) लड़ रहे हैं

D) सो रहे हैं

उत्तर – B) कीर्ति गायन गा रहे हैं

 

“तारकों की फौज सारी” किसके आने से भाग रही है?

A) चंद्रमा के

B) सूर्य के

C) बादलों के

D) पक्षियों के

उत्तर – B) सूर्य के

 

तीसरे पद में कवि क्यों ठिठकता है?

A) सूर्य की जीत देखकर

B) चंद्रमा को भिखारी जैसा देखकर

C) पक्षियों को गाते देखकर

D) बादलों को देखकर

उत्तर – B) चंद्रमा को भिखारी जैसा देखकर

 

कविता में “अनुचर” किसके सेवक हैं?

A) चंद्रमा के

B) सूर्य के

C) तारों के

D) पक्षियों के

उत्तर – B) सूर्य के

 

“स्वर्ण की पोशाक धारी” किस पर लागू होता है?

A) फूलों पर

B) पक्षियों पर

C) बादलों पर

D) तारों पर

उत्तर – C) बादलों पर

 

कविता का मुख्य भाव क्या दर्शाता है?

A) रात की सुंदरता

B) सूर्योदय की कल्पना और समय की बदलती शक्ति

C) पक्षियों का जीवन

D) बादलों का महत्त्व

उत्तर – B) सूर्योदय की कल्पना और समय की बदलती शक्ति

 

“राह में बनकर भिखारी” किसका वर्णन है?

A) सूर्य का

B) चंद्रमा का

C) तारों का

D) पक्षियों का

उत्तर – B) चंद्रमा का

 

कविता में सूर्य को किस रूप में चित्रित किया गया है?

A) भिखारी के रूप में

B) राजा के रूप में

C) सेवक के रूप में

D) योद्धा के रूप में

 उत्तर – B) राजा के रूप में

 

अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. कवि ने सूर्य के आने की कल्पना किस रूप में की है?

उत्तर – कवि ने सूर्य के आने की कल्पना एक राजा की सवारी के रूप में की है, जिसका रथ नई किरणों से सजा हुआ है और जिसके स्वागत में पूरी प्रकृति तैयार है।

प्रश्न 2. “कलि-कुसुम से पथ सजा है” पंक्ति से क्या अभिप्राय है?

उत्तर – इस पंक्ति का अभिप्राय है कि जब सूर्य उदित होता है तो धरती पर खिले हुए फूल मानो उसके स्वागत के लिए मार्ग में बिछे हुए प्रतीत होते हैं।

प्रश्न 3. अनुचर किसे कहा गया है और उन्होंने क्या धारण किया है?

उत्तर – अनुचर शब्द से तात्पर्य बादलों से है, जिन्होंने सूर्य की स्वर्णिम किरणों के प्रभाव से सोने की पोशाक धारण कर ली है।

प्रश्न 4. पक्षी, बंदी और चारण किसकी स्तुति कर रहे हैं?

उत्तर – पक्षी, बंदी और चारण मिलकर सूर्य अर्थात् रवि की स्तुति और उसकी कीर्ति का गायन कर रहे हैं।

प्रश्न 5. तारकों की फौज क्यों भाग गई है?

उत्तर – तारकों की फौज यानी रात के तारे सूर्य की तेजस्वी किरणों के सामने टिक नहीं पाते, इसलिए वे मैदान छोड़कर भाग जाते हैं।

प्रश्न 6. कवि “विजय कह” क्यों उछलना चाहता है?

उत्तर – कवि सूर्य की उज्ज्वल किरणों और उसकी विजय देखकर प्रसन्न होकर उसकी जीत का जयकारा करना चाहता है, इसलिए वह “विजय कह” उछलना चाहता है।

प्रश्न 7. कवि अचानक ठिठक क्यों जाता है?

उत्तर – कवि ठिठक जाता है क्योंकि वह देखता है कि रात का राजा चन्द्रमा अब सूर्य के सामने एक भिखारी की तरह खड़ा है, यह दृश्य उसे करुणा और विनम्रता से भर देता है।

प्रश्न 8. “रात का राजा खड़ा है, राह में बनकर भिखारी” पंक्ति से क्या भाव प्रकट होता है?

उत्तर – इस पंक्ति से यह भाव प्रकट होता है कि समय का चक्र बदलते देर नहीं लगती, कल का राजा आज भिखारी बन सकता है, इसलिए व्यक्ति को अभिमान नहीं करना चाहिए।

प्रश्न 9. कविता में सूर्य और चन्द्रमा के माध्यम से कवि क्या शिक्षा देना चाहता है?

उत्तर – कवि यह शिक्षा देना चाहता है कि संसार में किसी का भी वर्चस्व स्थायी नहीं होता; समय के साथ स्थिति बदल जाती है, इसलिए विनम्रता बनाए रखनी चाहिए।

प्रश्न 10. “आ रही रवि की सवारी” कविता का मुख्य संदेश क्या है?

उत्तर – इस कविता का मुख्य संदेश यह है कि प्रकृति में परिवर्तन अनिवार्य है; शक्ति और गौरव अस्थायी हैं, इसलिए सफलता और सामर्थ्य के समय भी विनम्र रहना चाहिए।

 

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

  1. प्रश्न – कविता के पहले पद में सूर्योदय की कल्पना कैसे की गई है?

उत्तर – पहले पद में सूर्य को एक राजा के रूप में दर्शाया गया है जिसकी सवारी आ रही है। उसका रथ नई किरणों से सजा है, रास्ता कलियों और फूलों से सुसज्जित है, तथा बादल उसके सेवक हैं जो सुनहरी पोशाक पहने हुए हैं। यह दृश्य सूर्योदय की भव्यता को उजागर करता है।

  1. प्रश्न – दूसरे पद में पक्षियों और तारों का वर्णन किस भाव से किया गया है?

उत्तर – दूसरे पद में पक्षी, बंदी और चारण सूर्य की प्रशंसा में गीत गा रहे हैं, जो सुबह की चहचहाहट को राजकीय स्तुति के रूप में दर्शाता है। तारों की फौज सूर्य के आगमन से मैदान छोड़कर भाग जाती है, जो रात की समाप्ति और दिन की विजय को प्रतीकित करता है।

  1. प्रश्न – तीसरे पद का मुख्य भाव क्या है?

उत्तर – तीसरे पद में कवि सूर्य की विजय पर उछलना चाहता है लेकिन ठिठक जाता है क्योंकि वह चंद्रमा को भिखारी जैसा देखता है। यह भाव समय की बदलती शक्ति को दर्शाता है, जहाँ कल का राजा आज निर्बल हो जाता है, और कवि को विनम्रता सिखाता है।

  1. प्रश्न – कविता में बादलों की भूमिका क्या है?

उत्तर – कविता में बादल सूर्य के अनुचर या सेवक के रूप में चित्रित हैं। वे सूर्य की किरणों से स्वर्णिम पोशाक धारण करते हैं, जो आकाश में सूर्योदय के समय बादलों पर पड़ने वाली सुनहरी रोशनी को दर्शाता है। यह सूर्य की भव्य सवारी का हिस्सा बनाता है।

  1. प्रश्न – कविता समग्र रूप से किस संदेश को व्यक्त करती है?

उत्तर – कविता सूर्योदय की कल्पनाशील सुंदरता के माध्यम से प्रकृति की लय को दर्शाती है। यह समय की अस्थिरता, शक्ति के बदलाव और विजयी के प्रति विनम्रता का संदेश देती है, जहाँ सूर्य की जीत चंद्रमा की हार से संतुलित होती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

  1. प्रश्न – कविता के तीनों पदों में सूर्योदय को किस प्रकार की कल्पनाओं से जोड़ा गया है और इसका क्या महत्त्व है?

उत्तर – पहले पद में सूर्योदय को राजकीय सवारी के रूप में कल्पित किया गया है, जहाँ रथ किरणों से सजा है और बादल सेवक हैं। दूसरे पद में पक्षी स्तुति गाते हैं तथा तारे भागते हैं, जो विजय का प्रतीक है। तीसरे पद में चंद्रमा की दयनीय स्थिति कवि को ठिठका देती है। यह कल्पनाएँ प्रकृति की गतिशीलता और समय की क्षणभंगुरता को उजागर करती हैं, जो जीवन में शक्ति के उतार-चढ़ाव का दर्शन प्रदान करती हैं।

  1. प्रश्न – कविता में रात और दिन के तत्वों (जैसे चंद्रमा, तारे, सूर्य) को किस भाव से चित्रित किया गया है और इससे क्या सीख मिलती है?

उत्तर – कविता में सूर्य को विजयी राजा, तारों को भागती फौज और चंद्रमा को भिखारी के रूप में दर्शाया गया है। रात के तत्व निर्बल हो जाते हैं जबकि दिन की किरणें प्रबल। यह चित्रण समय की चक्रीय प्रकृति को दिखाता है, जहाँ कोई भी शक्ति स्थायी नहीं है। इससे सीख मिलती है कि विजय में विनम्र रहना चाहिए, क्योंकि कल का शासक आज का निर्बल हो सकता है, जो जीवन की अनिश्चितता पर विचार करने को प्रेरित करता है।

  1. प्रश्न – कवि की भावनाएँ कविता के विकास में कैसे परिवर्तित होती हैं और इसका काव्यात्मक प्रभाव क्या है?

उत्तर – कविता की शुरुआत में कवि सूर्योदय की भव्यता से उत्साहित है, दूसरे पद में स्तुति और विजय की खुशी व्यक्त करता है, लेकिन तीसरे पद में चंद्रमा की दशा देखकर ठिठक जाता है और विनम्र हो जाता है। यह भाव-परिवर्तन कविता को गहराई प्रदान करता है, जो मात्र उत्सव से आगे बढ़कर दार्शनिक चिंतन तक पहुँचता है। काव्यात्मक प्रभाव यह है कि पाठक प्रकृति की सुंदरता के साथ जीवन की क्षणभंगुरता को अनुभव करता है, जो भावनात्मक जुड़ाव बढ़ाता है।

 

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