जीवन परिचय – हेक्टर ह्यू मुनरो ‘साकी‘
(1870-1916)
साकी का जन्म 18 जनवरी, 1870 में बर्मा में हुआ। स्कॉटिश परिवार के हेक्टर साकी प्रारंभ में पत्रकार थे। वे कई वर्षो तक विदेश संवाददाता के रूप में काम करते रहे। 1908 से वे लंदन में बस गए। उनकी कहानियों में तत्कालीन समाज पर तीखा व्यंग्य निहित है। उनकी रचनाएँ अपने प्लॉट और झटकेदार अंत के लिए जानी जाती हैं। साकी का निधन 1916 में फ्रांस में हुआ।
गोधूलि
नार्मन गॉर्टस्बी पार्क में एक बेंच पर बैठा हुआ था। उसके दाहिनी ओर शोर-शराबे से भरा हाइड पार्क स्थित था। मार्च का महीना, गोधूलि की बेला थी। सड़क पर अधिक लोग नहीं थे, फिर भी कई लोग विभिन्न मनःस्थितियों में इधर से उधर, एक बेंच से दूसरी तक घूमते नजर आ रहे थे।
गॉर्टस्बी को यह दृश्य पसंद आया, उसकी मौजूदा मनःस्थिति से वह मेल खाता था। गोधूलि, उसके अनुसार पराजय की घड़ी थी, जब पराजित तथा निराश स्त्री-पुरुष अपने को लोगों की नजरों से छिपा कर यहाँ आ बैठते थे। ऐसी घड़ी में उनके हाव-भाव, वेश-भूषा में कोई कृत्रिमता नहीं होती थी। उलटे वे उनकी ओर से उदासीन रहते थे, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि उस मनःस्थिति में लोग उन्हें पहचान पाएँ। वहाँ बैठा-बैठा गॉर्टस्बी भी अपने को पराजित लोगों में मानने लगा। उसे धनाभाव नहीं था और यदि वह चाहता, तो अपने को समृद्धिशाली वर्ग में गिनवा सकता था। उसे तो पराजय का अनुभव हुआ था, अपनी किसी महत्वाकांक्षा को लेकर।
बेंच पर उसके बगल में ही एक वृद्ध बैठा था। उसके कपड़े-लत्ते विशेष अच्छे नहीं थे। फिर वह उठा और थोड़ी देर में आँखों से ओझल हो गया। अब उसकी जगह आकर बैठा एक युवक, जिसकी वेश-भूषा तो अच्छी थी, किन्तु जिसके चेहरे पर पहले वाले वृद्ध व्यक्ति की तरह ही खिन्नता तथा रुष्टता झलक रही थी।
आप बहुत अच्छे मूड में नहीं लगते! गॉर्टस्बी ने उससे कहा। युवक ने बिना झिझक उसकी ओर ऐसे देखा कि वह संभल गया।
आपका मूड भी अच्छा हरगिज नहीं होता, अगर आप मेरी तरह असहाय बन गए होते। मैंने अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी मूर्खता कर डाली है।
ऐसा? गॉर्टस्बी ने उदासीनता से कहा।
इस दोपहर में वर्कशायर स्क्वायर के पैंटागोनियन होटल में ठहरने के ख्याल से आया था। वहाँ पहुँचा, तो क्या देखता हूँ कि उसकी जगह पर एक थियेटर खड़ा है। टैक्सी ड्राइवर ने कुछ दूर पर एक दूसरे होटल की सिफारिश की। वहाँ पहुँच कर मैने घर पर होटल का पता देते हुए एक पत्र लिखा और साबुन की एक टिकिया खरीदने के विचार से निकला। साबुन साथ लाना मैं भूल गया था और होटल का साबुन इस्तेमाल में लाना मुझे पसंद नहीं। साबुन खरीद कर जब होटल लौटने को हुआ, तो सहसा खयाल आया कि न तो मुझे होटल का नाम याद है और न ही उस सड़क का, जिस पर वह स्थित है। मैं एक शिलिंग लेकर बाहर निकला था और साबुन की टिकिया खरीदने के बाद एक ही पेंस मेरे पास रह गया है। अब मैं रात को कहाँ जा सकता हूँ।
यह कहानी सुनाई जाने के बाद निस्तब्धता छाई रही।
शायद आप सोच रहे हैं कि मैंने एक अनहोनी बात आपसे कह सुनाई है ! युवक ने कुछ झुंझलाहट भरे स्वर में कहा।
बिलकुल असंभव तो नही! गॉर्टस्बी ने दार्शनिक ढंग से कहा- मुझे याद है कि कुछ वर्ष पहले एक विदेशी राजधानी में मैंने भी ऐसा ही किया था।
अब युवक उत्साहित होकर बोला- विदेशी नगर में यह परेशानी नहीं। यहाँ अपने ही देश में ऐसा हो जाने पर बात बिल्कुल भिन्न हो जाती है। जब तक कोई ऐसा भद्र व्यक्ति नहीं मिल जाता, जो मेरी आपबीती को सत्य समझ कर मुझे कुछ रकम कर्ज के तौर पर दे, तब तक मुझे रात खुले आकाश में गुजारनी पड़ेगी। मुझे खुशी है कि आप मेरी आपबीती को सफेद झूठ नहीं मान रहे हैं।
बात तो ठीक है, किन्तु आपकी कहानी का सबसे कमजोर मुद्दा यह है कि आप वह साबुन की टिकिया नहीं पेश कर सकते।
युवक जल्दी से आगे को सरक कर बैठ गया, जल्दी-जल्दी उसने जेबें टटोलीं और फुसफसाया – मैंने उसे खो दिया लगता है।
होटल और साबुन की टिकिया, दोनों को एक ही अपराह्न में खो देना तो लापरवाही का ही सूचक माना जाएगा। किन्तु वह युवक उसकी अंतिम बात सुनने के लिए रुका नहीं।
बेचारा ! गॉर्टस्बी ने सोचा, सारी कहानी में अपने लिए साबुन की टिकिया लेने जाना ही सच्चाई को प्रकट करने वाली एकमात्र बात थी और उसी ने बेचारे को दुखी कर दिया।
इन विचारों के साथ वहाँ से जाने के लिए गॉर्टस्बी उठा ही था कि ठिठक कर रह गया। क्या देखता है कि बेंच के बगल में नए रैपर में लिपटी हुई कोई वस्तु जमीन पर पड़ी है। वह वस्तु साबुन की टिकिया है, उसने सोचा। युवक की खोज में वह तेजी से लपका। अभी वह कुछ ही दूर चल पाया होगा कि उसने उस युवक को एक स्थान पर विमूढ़ावस्था में खड़ा पाया।
आपकी कहानी का महत्त्वपूर्ण गवाह मिल गया है। गॉर्टस्बी ने रेपर में लिपटी टिकिया उसकी ओर बढ़ाते हुए कहा- आप मुझे मेरे अविश्वास के लिए क्षमा करें। यदि एक गिनी से आपका काम चल सके, तो……
युवक ने उसके द्वारा बढ़ाई गई गिनी को जेब में रखते हुए उसके संदेह को तत्काल दूर कर दिया।
‘यह लीजिए मेरा कार्ड, पते के साथ। इस सप्ताह में किसी भी दिन मेरा कर्ज आप लौटा सकते हैं। हाँ यह टिकिया भी लीजिए।
“भाग्यवश ही यह आपको मिल पाई। कहने के साथ ही युवक नाइट ब्रिज की दिशा में तेजी से लुप्त हो गया।
‘बेचारा!’ गॉर्टस्बी ने सोचा।
अभी वापस लौटकर वह अपनी बेंच पर, जहाँ उपरोक्त नाटक घटित हुआ था, बैठने ही वाला था कि उसने एक वृद्ध को बेंच के चारों ओर झुककर कुछ तलाश करते पाया। उसने यह जान लिया कि वह वही वृद्ध था, जो कुछ देर पहले उस बेंच का सहभागी था।
क्या आपका कुछ खो गया है? उसने सहानुभूतिपूर्वक पूछा।
हाँ, साबुन की एक टिकिया।
पाठ का सार
“गोधूलि” कहानी में नार्मन गॉर्टस्बी गोधूलि बेला में हाइड पार्क की बेंच पर बैठा पराजित लोगों का अवलोकन करता है। एक युवक अपनी आपबीती सुनाता है कि वह होटल का पता और साबुन की टिकिया खो चुका है, केवल एक पेंस बचा है। गॉर्टस्बी उसकी कहानी पर संदेह करता है, क्योंकि वह साबुन की टिकिया नहीं दिखा सका। बाद में गॉर्टस्बी को बेंच के पास साबुन की टिकिया मिलती है, वह युवक को ढूँढकर एक गिनी देता है। युवक कर्ज लौटाने का वादा कर चला जाता है। अंत में, एक वृद्ध व्यक्ति उसी बेंच पर साबुन की टिकिया खोजता मिलता है, जिससे पता चलता है कि टिकिया उसकी थी। कहानी मानवीय भूल, संदेह और सहानुभूति को दर्शाती है।
शब्दार्थ
शब्द | हिंदी अर्थ | English Meaning |
गोधूलि | सूर्यास्त का समय | Twilight or dusk |
मनःस्थिति | मन की अवस्था | State of mind |
पराजय | हार या असफलता | Defeat |
खिन्नता | उदासी या निराशा | Dejection or sadness |
रुष्टता | नाराजगी या क्रोध | Anger or irritation |
उदासीन | बेपरवाह | Indifferent |
धनाभाव | धन की कमी | Lack of money |
महत्वाकांक्षा | बड़ी इच्छा या आकांक्षा | Ambition |
वेश-भूषा | कपड़े या पहनावा | Attire or clothing |
असहाय | लाचार या बेबस | Helpless |
मूर्खता | बेवकूफी | Foolishness |
आपबीती | व्यक्तिगत अनुभव या कहानी | Personal story or ordeal |
अनहोनी | असंभव या अविश्वसनीय | Improbable or incredible |
झुंझलाहट | चिड़चिड़ापन | Irritation |
दार्शनिक | तत्वज्ञान से संबंधित | Philosophical |
लापरवाही | असावधानी | Carelessness |
विमूढ़ावस्था | भ्रमित स्थिति | State of confusion |
गिनी | पुरानी ब्रिटिश मुद्रा (21 शिलिंग) | Guinea (old British currency) |
सहानुभूतिपूर्वक | सहानुभूति के साथ | Sympathetically |
नाइट ब्रिज | लंदन का एक क्षेत्र | Knightsbridge (a place in London) |
पाठ से
- युवक की बात पर गार्टस्बी को विश्वास क्यों नहीं हुआ?
उत्तर – गार्टस्बी को युवक की बात पर इसलिए विश्वास नहीं हुआ क्योंकि वह साबुन की टिकिया नहीं दिखा सका, जो उसकी कहानी का मुख्य हिस्सा थी। गार्टस्बी ने इसे कहानी का सबसे कमजोर बिंदु माना और इसे लापरवाही का सूचक माना। युवक की जेब टटोलने पर भी टिकिया न मिलने से संदेह बढ़ा।
- गॉर्टस्बी को कैसे विश्वास हुआ कि युवक सच बोल रहा है?
उत्तर – बेंच के पास नए रैपर में लिपटी साबुन की टिकिया मिली। उसने इसे युवक की कहानी का सबूत माना, क्योंकि युवक ने साबुन खरीदने की बात कही थी। इसीलिए उसने युवक को ढूंढकर एक गिनी कर्ज में दी और अपने अविश्वास के लिए माफी माँगी।
- कहानी सुनाए जाने के बाद निस्तब्धता क्यों छा गई?
उत्तर – युवक की आपबीती सुनाने के बाद निस्तब्धता छा गई क्योंकि उसकी कहानी असामान्य और दुखद थी, जिसने गार्टस्बी को सोच में डाल दिया। गार्टस्बी उसकी बात पर पूरी तरह विश्वास नहीं कर रहा था, और युवक की निराशा और असहायता ने माहौल को गंभीर बना दिया।
- साबुन की टिकिया वास्तव में किसकी थी? और क्यों?
उत्तर – युवक की आपबीती सुनाने के बाद निस्तब्धता छा गई क्योंकि उसकी कहानी असामान्य और दुखद थी, जिसने गार्टस्बी को सोच में डाल दिया। गार्टस्बी उसकी बात पर पूरी तरह विश्वास नहीं कर रहा था, और युवक की निराशा और असहायता ने माहौल को गंभीर बना दिया।
- कहानी में से वे बिन्दु छाँटकर लिखिए जहाँ पर परिस्थिति बदलती है।
उत्तर – वृद्ध के जाने और युवक के बेंच पर बैठने से माहौल बदलता है।
युवक की आपबीती सुनाने से गार्टस्बी का संदेह जागता है।
साबुन की टिकिया न दिखाने से गार्टस्बी का अविश्वास बढ़ता है।
बेंच के पास साबुन की टिकिया मिलने से गार्टस्बी का विश्वास पक्का होता है।
अंत में वृद्ध के टिकिया खोजने से गार्टस्बी की भूल उजागर होती है।
पाठ से आगे
- गॉर्टस्बी को एक दृश्य पसंद आया। उसका वर्णन कहानी में मिलता है। आपको भी कई बार कुछ दृश्य पसंद आए होंगे। उनमें से किसी एक दृश्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर – मुझे एक बार सूर्यास्त का दृश्य बहुत पसंद आया। समुद्र तट पर लाल-नारंगी आकाश, लहरों की आवाज और ठंडी हवा मन को शांति दे रही थी। पक्षी लौट रहे थे, और लोग चुपचाप इस सुंदरता को निहार रहे थे। यह दृश्य मेरे मन में गहरी शांति और प्रकृति के प्रति प्रेम जगा गया।
- कहानी के घटनाक्रम में स्थिति कई बार बदलती है। ऐसा जीवन में भी होता है। आप भी ऐसा कोई उदाहरण लिखिए।
उत्तर – एक बार मैं परीक्षा की तैयारी में व्यस्त था, लेकिन अचानक मेरे दोस्त को आपातकाल में मदद चाहिए थी। मैंने पढ़ाई छोड़कर उसकी मदद की, जिससे मेरा समय बर्बाद हुआ, लेकिन दोस्ती निभी। बाद में पता चला कि परीक्षा स्थगित हो गई, जिससे मेरी चिंता दूर हुई।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
- गॉर्टस्बी कहाँ बैठा था?
a) घर में
b) पार्क की बेंच पर
c) होटल में
d) थियेटर में
उत्तर – b) पार्क की बेंच पर - कहानी का समय क्या था?
a) सुबह
b) दोपहर
c) गोधूलि
d) रात
उत्तर – c) गोधूलि - गॉर्टस्बी को गोधूलि का समय किसका प्रतीक लगता था?
a) खुशी
b) पराजय
c) उत्साह
d) सफलता
उत्तर – b) पराजय - गॉर्टस्बी की मनःस्थिति कैसी थी?
a) उत्साहित
b) उदास और पराजित
c) क्रोधित
d) प्रसन्न
उत्तर – b) उदास और पराजित - गॉर्टस्बी के बगल में पहले कौन बैठा था?
a) एक युवक
b) एक वृद्ध
c) एक बच्चा
d) एक महिला
उत्तर – b) एक वृद्ध - युवक के चेहरे पर क्या भाव थे?
a) खुशी और उत्साह
b) खिन्नता और रुष्टता
c) शांति
d) आश्चर्य
उत्तर – b) खिन्नता और रुष्टता - युवक ने गॉर्टस्बी से क्या कहा?
a) वह भूखा है
b) उसने मूर्खता की है
c) वह अमीर है
d) वह नौकरी ढूंढ रहा है
उत्तर – b) उसने मूर्खता की है - युवक किस होटल में ठहरने का इरादा रखता था?
a) पैंटागोनियन होटल
b) हाइड पार्क होटल
c) नाइट ब्रिज होटल
d) वर्कशायर होटल
उत्तर – a) पैंटागोनियन होटल - युवक ने साबुन की टिकिया क्यों खरीदी?
a) होटल का साबुन पसंद न था
b) उपहार के लिए
c) बेचने के लिए
d) संग्रह के लिए
उत्तर – a) होटल का साबुन पसंद न था - युवक के पास कितना पैसा बचा था?
a) एक शिलिंग
b) एक पेंस
c) एक गिनी
d) दस पेंस
उत्तर – b) एक पेंस - गॉर्टस्बी ने युवक की कहानी को शुरू में क्या माना?
a) पूरी तरह सच
b) असंभव नहीं
c) सफेद झूठ
d) मजाक
उत्तर – b) असंभव नहीं - गॉर्टस्बी ने युवक की कहानी का कमजोर बिंदु क्या बताया?
a) होटल का नाम न याद होना
b) साबुन की टिकिया न दिखाना
c) पत्र न लिखना
d) टैक्सी ड्राइवर का उल्लेख
उत्तर – b) साबुन की टिकिया न दिखाना - गॉर्टस्बी को बेंच के पास क्या मिला?
a) एक पत्र
b) साबुन की टिकिया
c) पैसे
d) कार्ड
उत्तर – b) साबुन की टिकिया - गॉर्टस्बी ने युवक को क्या दिया?
a) एक शिलिंग
b) एक गिनी
c) एक पाउंड
d) एक पेंस
उत्तर – b) एक गिनी - युवक ने गॉर्टस्बी को क्या दिया?
a) साबुन की टिकिया
b) अपना कार्ड
c) पत्र
d) टैक्सी का किराया
उत्तर – b) अपना कार्ड - कहानी के अंत में वृद्ध क्या खोज रहा था?
a) अपना बटुआ
b) साबुन की टिकिया
c) अपना कार्ड
d) अपनी छड़ी
उत्तर – b) साबुन की टिकिया - गॉर्टस्बी ने वृद्ध से क्या पूछा?
a) आप कौन हैं?
b) आपका कुछ खो गया है?
c) आप यहाँ क्यों हैं?
d) आपका नाम क्या है?
उत्तर – b) आपका कुछ खो गया है? - कहानी का मुख्य विषय क्या है?
a) प्रेम और दोस्ती
b) संदेह और सहानुभूति
c) धन और समृद्धि
d) यात्रा और साहसिकता
उत्तर – b) संदेह और सहानुभूति - गॉर्टस्बी ने साबुन की टिकिया को क्या माना?
a) युवक की कहानी का सबूत
b) वृद्ध का सामान
c) बेकार वस्तु
d) होटल का सामान
उत्तर – a) युवक की कहानी का सबूत - कहानी का अंत क्या दर्शाता है?
a) गॉर्टस्बी की मूर्खता
b) युवक की चालाकी
c) वृद्ध की ईमानदारी
d) पार्क की शांति
उत्तर – b) युवक की चालाकी
उनके पूर्ण-वाक्य वाले प्रश्न – उत्तर
- प्रश्न – नार्मन गॉर्टस्बी शाम के समय कहाँ बैठा हुआ था?
उत्तर – नार्मन गॉर्टस्बी शाम के समय पार्क में एक बेंच पर बैठा हुआ था।
- प्रश्न – गॉर्टस्बी के अनुसार गोधूलि की बेला किसकी घड़ी होती है?
उत्तर – गॉर्टस्बी के अनुसार गोधूलि की बेला पराजय की घड़ी होती है।
- प्रश्न – गॉर्टस्बी को पार्क का दृश्य क्यों पसंद आया?
उत्तर – गॉर्टस्बी को पार्क का दृश्य इसलिए पसंद आया क्योंकि वह उसकी मौजूदा मनःस्थिति से मेल खाता था।
- प्रश्न – गॉर्टस्बी के बगल में पहले कौन बैठा था?
उत्तर – गॉर्टस्बी के बगल में पहले एक वृद्ध व्यक्ति बैठा था।
- प्रश्न – वृद्ध व्यक्ति के जाने के बाद बेंच पर कौन आकर बैठा?
उत्तर – वृद्ध व्यक्ति के जाने के बाद बेंच पर एक खिन्न चेहरे वाला युवक आकर बैठा।
- प्रश्न – युवक किस होटल में ठहरने के इरादे से शहर आया था?
उत्तर – युवक वर्कशायर स्क्वायर के पैंटागोनियन होटल में ठहरने के इरादे से शहर आया था।
- प्रश्न – युवक अपने होटल से बाहर क्या खरीदने के लिए निकला था?
उत्तर – युवक अपने होटल से बाहर साबुन की एक टिकिया खरीदने के लिए निकला था।
- प्रश्न – युवक अपने होटल का रास्ता क्यों भूल गया था?
उत्तर – युवक अपने होटल का रास्ता इसलिए भूल गया था क्योंकि उसे न तो होटल का नाम याद था और न ही उस सड़क का पता।
- प्रश्न – युवक ने गॉर्टस्बी से मदद में क्या माँगा?
उत्तर – युवक ने गॉर्टस्बी से मदद में कुछ रकम कर्ज के तौर पर माँगी।
- प्रश्न – गॉर्टस्बी ने युवक की कहानी का सबसे कमजोर मुद्दा क्या बताया?
उत्तर – गॉर्टस्बी ने युवक की कहानी का सबसे कमजोर मुद्दा यह बताया कि वह अपने द्वारा खरीदी गई साबुन की टिकिया नहीं पेश कर सकता।
- प्रश्न – गॉर्टस्बी को युवक की कहानी पर दोबारा विश्वास कैसे हुआ?
उत्तर – जब गॉर्टस्बी को बेंच के बगल में नए रैपर में लिपटी साबुन की एक टिकिया मिली, तो उसे युवक की कहानी पर दोबारा विश्वास हो गया।
- प्रश्न – गॉर्टस्बी ने युवक को कर्ज के तौर पर कितनी रकम दी?
उत्तर – गॉर्टस्बी ने युवक को कर्ज के तौर पर एक गिनी दी।
- प्रश्न – युवक ने अपना कर्ज लौटाने का वादा करते हुए गॉर्टस्बी को क्या दिया?
उत्तर – युवक ने अपना कर्ज लौटाने का वादा करते हुए गॉर्टस्बी को पते के साथ अपना कार्ड दिया।
- प्रश्न – युवक पैसे और साबुन की टिकिया लेकर किस दिशा में चला गया?
उत्तर – युवक पैसे और साबुन की टिकिया लेकर नाइट ब्रिज की दिशा में तेजी से लुप्त हो गया।
- प्रश्न – जब गॉर्टस्बी अपनी बेंच पर वापस लौटा तो उसने किसे देखा?
उत्तर – जब गॉर्टस्बी अपनी बेंच पर वापस लौटा तो उसने एक वृद्ध व्यक्ति को बेंच के चारों ओर झुककर कुछ तलाश करते हुए देखा।
- प्रश्न – बेंच के पास कुछ तलाश करने वाला वृद्ध व्यक्ति कौन था?
उत्तर – बेंच के पास कुछ तलाश करने वाला वृद्ध व्यक्ति वही था जो कहानी की शुरुआत में गॉर्टस्बी के बगल में बैठा था।
- प्रश्न – वह वृद्ध व्यक्ति क्या चीज खोज रहा था?
उत्तर – वह वृद्ध व्यक्ति साबुन की एक टिकिया खोज रहा था।
- प्रश्न – साबुन की वह टिकिया वास्तव में किसकी थी?
उत्तर – साबुन की वह टिकिया वास्तव में उस वृद्ध व्यक्ति की थी।
- प्रश्न – क्या गॉर्टस्बी धनाभाव से पीड़ित था?
उत्तर – नहीं, गॉर्टस्बी धनाभाव से पीड़ित नहीं था और वह अपने को समृद्धिशाली वर्ग में गिनवा सकता था।
- प्रश्न – कहानी के अंत से यह कैसे पता चलता है कि युवक धोखेबाज था?
उत्तर – कहानी के अंत में जब वृद्ध व्यक्ति अपनी खोई हुई साबुन की टिकिया ढूंढने आता है, तो इससे पता चलता है कि युवक ने एक झूठी कहानी बनाकर गॉर्टस्बी को ठग लिया था।
40-50 शब्दों वाले प्रश्नोत्तर
- प्रश्न – गॉर्टस्बी को गोधूलि का समय किसका प्रतीक क्यों लगता था?
उत्तर – गॉर्टस्बी को गोधूलि पराजय का प्रतीक लगता था, क्योंकि इस समय निराश और पराजित लोग अपनी उदासी छिपाने पार्क में आते थे। उनकी वेश-भूषा और हाव-भाव में कृत्रिमता नहीं होती, जो उनकी मनःस्थिति को दर्शाता था। - प्रश्न – गॉर्टस्बी की अपनी मनःस्थिति कैसी थी?
उत्तर – गॉर्टस्बी उदास और पराजित महसूस कर रहा था। उसे धनाभाव नहीं था, लेकिन किसी महत्वाकांक्षा में असफलता ने उसे पराजय का अनुभव कराया। वह पार्क में बैठकर निराश लोगों को देखता और खुद को भी उनमें गिनता था। - प्रश्न – बेंच पर गॉर्टस्बी के बगल में पहले कौन बैठा था?
उत्तर – गॉर्टस्बी के बगल में पहले एक वृद्ध बैठा था, जिसके कपड़े अच्छे नहीं थे। वह कुछ देर बाद उठकर चला गया और आँखों से ओझल हो गया। उसकी जगह बाद में एक युवक आकर बैठा। - प्रश्न – युवक ने अपनी आपबीती में क्या बताया?
उत्तर – युवक ने बताया कि वह पैंटागोनियन होटल में ठहरने आया, लेकिन वहाँ थियेटर था। दूसरे होटल में गया, पत्र लिखा, साबुन खरीदने निकला, लेकिन होटल का नाम-पता भूल गया। एक पेंस बचा, अब रात कहाँ गुजारेगा। - प्रश्न – गॉर्टस्बी ने युवक की कहानी पर शुरू में क्यों संदेह किया?
उत्तर – गॉर्टस्बी ने संदेह किया क्योंकि युवक साबुन की टिकिया नहीं दिखा सका, जो उसकी कहानी का मुख्य हिस्सा थी। गॉर्टस्बी ने इसे कहानी का कमजोर बिंदु माना और युवक की लापरवाही का सूचक बताया। - प्रश्न – गॉर्टस्बी को बेंच के पास क्या मिला और उसने क्या किया?
उत्तर – गॉर्टस्बी को बेंच के पास रैपर में लिपटी साबुन की टिकिया मिली। उसने इसे युवक की कहानी का सबूत मानकर उसे ढूंढा, टिकिया दी और एक गिनी कर्ज में दी, ताकि उसकी मदद हो सके। - प्रश्न – युवक ने गॉर्टस्बी को क्या दिया?
उत्तर – युवक ने गॉर्टस्बी को अपना कार्ड दिया, जिसमें उसका पता लिखा था। उसने वादा किया कि वह सप्ताह में किसी दिन कर्ज लौटा देगा। इसके बाद वह साबुन की टिकिया लेकर नाइट ब्रिज की ओर चला गया। - प्रश्न – कहानी के अंत में वृद्ध क्या खोज रहा था?
उत्तर – कहानी के अंत में वृद्ध साबुन की टिकिया खोज रहा था। वह बेंच के चारों ओर झुककर तलाश कर रहा था, जिससे पता चला कि गॉर्टस्बी ने जिस टिकिया को युवक की माना, वह वृद्ध की थी। - प्रश्न – कहानी का अंत क्या दर्शाता है?
उत्तर – कहानी का अंत युवक की चालाकी दर्शाता है। गॉर्टस्बी ने साबुन की टिकिया को उसकी कहानी का सबूत माना, लेकिन वृद्ध की खोज से पता चला कि टिकिया उसकी थी। युवक ने गॉर्टस्बी को धोखा दिया। - प्रश्न – गॉर्टस्बी ने वृद्ध से सहानुभूतिपूर्वक क्या पूछा?
उत्तर – गॉर्टस्बी ने वृद्ध से सहानुभूतिपूर्वक पूछा, “क्या आपका कुछ खो गया है?” यह देखकर कि वृद्ध बेंच के आसपास कुछ तलाश रहा था। जवाब में वृद्ध ने बताया कि वह साबुन की टिकिया खोज रहा है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
- प्रश्न – गॉर्टस्बी को गोधूलि का समय और पार्क का दृश्य क्यों पसंद था?
उत्तर – गॉर्टस्बी को गोधूलि पराजय की घड़ी लगती थी, जब निराश लोग अपनी उदासी छिपाने पार्क में आते। उनकी वेश-भूषा और हाव-भाव में कृत्रिमता न होना उसे अपनी उदास मनःस्थिति से मेल खाता लगता। वह खुद को पराजित महसूस करता था, क्योंकि उसकी महत्वाकांक्षा पूरी नहीं हुई थी, हालाँकि धनाभाव नहीं था। यह दृश्य उसे अपने भावों का प्रतिबिंब लगता था। - प्रश्न – युवक ने अपनी आपबीती में क्या बताया और गॉर्टस्बी ने उस पर शुरू में क्या प्रतिक्रिया दी?
उत्तर – युवक ने बताया कि वह पैंटागोनियन होटल में ठहरने आया, लेकिन वहाँ थियेटर था। दूसरे होटल में गया, पत्र लिखा, साबुन खरीदा, पर होटल का नाम-पता भूल गया। केवल एक पेंस बचा। गॉर्टस्बी ने इसे असंभव नहीं माना, लेकिन साबुन की टिकिया न दिखाने को कहानी का कमजोर बिंदु बताया, क्योंकि यह लापरवाही दर्शाता था। - प्रश्न – गॉर्टस्बी ने साबुन की टिकिया मिलने के बाद क्या किया और क्यों?
उत्तर – गॉर्टस्बी को बेंच के पास साबुन की टिकिया मिली, जिसे वह युवक की कहानी का सबूत मानकर उत्साहित हुआ। उसने युवक को ढूँढा, टिकिया दी और एक गिनी कर्ज में दी, ताकि उसकी मदद हो। उसने अपने अविश्वास के लिए माफी माँगी, क्योंकि टिकिया ने उसे युवक की कहानी पर भरोसा दिलाया था। - प्रश्न – कहानी का अंत कैसे गॉर्टस्बी की भूल को दर्शाता है?
उत्तर – कहानी के अंत में वृद्ध साबुन की टिकिया खोज रहा था, जिससे पता चला कि गॉर्टस्बी ने जिस टिकिया को युवक की माना, वह वृद्ध की थी। गॉर्टस्बी ने जल्दबाजी में युवक पर भरोसा कर गिनी दे दी। यह उसकी भूल थी, क्योंकि युवक ने संभवतः चालाकी से उसे धोखा दिया, जिससे कहानी संदेह और सहानुभूति के बीच तनाव को दर्शाती है। - प्रश्न – कहानी “गोधूलि” का मुख्य विषय और संदेश क्या है?
उत्तर – कहानी का मुख्य विषय मानवीय संदेह, सहानुभूति और भूल है। गॉर्टस्बी की उदासी और युवक की आपबीती सहानुभूति जगाती है, लेकिन साबुन की टिकिया की गलतफहमी से उसकी भूल उजागर होती है। संदेश है कि जल्दबाजी में भरोसा करना धोखा दे सकता है; सच्चाई की जाँच जरूरी है। कहानी मानव स्वभाव की जटिलता को दर्शाती है।

