जर्मन तानाशाह और विलक्षण राजनयिक प्रतिभा के धनी एडॉल्फ हिटलर को 20वीं सदी का सर्वाधिक विवादास्पद व्यक्तित्व माना जा सकता है। सन् 1931 से 1941 तक के 10 वर्षों में उन्होंने शायद ही कोई राजनीतिक भूल की और नेपोलियन द्वारा जीते गए यूरोप से भी बड़ा क्षेत्र अपने अधिकार में कर लिया।
एक कस्टम अधिकारी के पुत्र हिटलर का जन्म 20 अप्रैल, 1889 को आस्ट्रिया में हुआ। सोलह वर्ष की अवस्था में इन्होंने स्कूली शिक्षा छोड़ दी। सन् 1908 से 1913 तक ये पोस्टकार्डों पर चित्र बनाकर अपना निर्वाह करते रहे। प्रथम विश्वयुद्ध छिड़ने पर हिटलर सेना में भरती हो गए। उन्हें दो बार ‘आयरन क्रॉस’ से सम्मानित किया गया। सन् 1919 में उन्होंने जर्मन वर्कर्स पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। फिर इस पार्टी को उन्होंने नेशनल सोशलिस्ट वर्कर्स पार्टी (नाज़ी) के रूप में नया नाम दिया। दूरदर्शिता, कड़ी मेहनत और लगन के कारण हिटलर ने सन् 1932 में नाज़ी पार्टी को जर्मनी का सबसे बड़ा राजनीतिक दल बना दिया और सन् 1933 में ये इस नाज़ी पार्टी के सर्वेसर्वा और तानाशाह बन बैठे।
युद्ध के मैदान में हिटलर ने सन् 1936 में राइनलैंड को पुनः प्राप्त किया। सन् 1938 में आस्ट्रिया तथा सन् 1939 में चेकोस्लोवाकिया के कुछ भाग को भी इन्होंने जीता। सितंबर 1938 में पोलैंड पर हमला कर हिटलर ने द्वितीय विश्वयुद्ध की शुरुआत की। प्रारंभ में तो इन्हें सफलता मिलती रही, लेकिन सन् 1941 में जब उन्होंने रूस पर हमला किया तो उन्हें मुँह की खानी पड़ी।
सन् 1944 में हिटलर पर कातिलाना हमला हुआ। ये बच तो गए, पर बहुत बीमार पड़ गए और विक्षिप्त से हो गए। 30 अप्रैल, 1945 को हिटलर ने आत्महत्या कर ली।