Personalities

अकबर कौन थे

Akbar Mughal Emperor

भारत : उदारमना शासक

जन्म : 1542

मृत्यु : 1605

भारत के प्रसिद्ध शासकों में मुगल सम्राट् अकबर अग्रगण्य हैं। वे एकमात्र ऐसे मुगल शासक थे, जिन्होंने हिन्दू बहुसंख्यकों के प्रति कुछ उदारता का परिचय दिया। 14 फरवरी,1556 को वे सिंहासन पर बैठे और 5 नवंबर, 1556 को उन्होंने पानीपत की लड़ाई में विजय प्राप्त की। मालवा, गुजरात, काबुल, कश्मीर एवं दक्षिण भारत के कुछ भागों को भी उन्होंने जीता। अकबर का विशाल साम्राज्य केन्द्रीय शासन प्रणाली पर आधारित था। उन्होंने अपने संपूर्ण राज्य को 15 सूबों में बाँट रखा था। राजपूतों से उन्होंने वैवाहिक संबंध स्थापित कर अपनी -मैत्री को दृढ़ बनाया। उनकी एक रानी जोधाबाई राजपूत थी।

हिन्दुओं के प्रति अपनी धार्मिक सहिष्णुता का परिचय देते हुए उन्होंने उन पर लगा ‘जजिया’ नामक कर हटा लिया। अकबर ने अपने जीवन में जो सबसे महान् कार्य करने का प्रयास किया, वह था ‘दीन-ए-इलाही’ नामक धर्म की स्थापना। इसे उन्होंने सर्वधर्म के रूप में स्थापित करने की चेष्टा की थी। 1575 में उन्होंने एक ऐसे इबादतखाने (प्रार्थनाघर) की स्थापना की, जो सभी धर्मावलम्बियों के लिये खुला था। वे अन्य धर्मों के प्रमुखों से धर्म-चर्चाएँ भी किया करते थे। साहित्य एवं कला को उन्होंने बहुत अधिक प्रोत्साहन दिया। अनेक ग्रंथों, चित्रों एवं भवनों का निर्माण उनके शासनकाल में ही हुआ। उनके दरबार में विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ नौ विद्वान थे, जिन्हें ‘नवरत्न’ कहा जाता था।

अकबर का जन्म नवंबर, 1542 में अमरकोट में हुआ था। वे हुमायूँ के पुत्र थे। अकबर अल्पशिक्षित होने पर भी सैन्य विद्या में अत्यंत प्रवीण थे। 1556 में 13 वर्ष की आयु में वे सिंहासन पर बैठे और उसी वर्ष पानीपत की लड़ाई में विजय प्राप्त कर उन्होंने अपने को कुशल सेनापति होने का परिचय दिया।

अकबर को भारत के उदार शासकों में गिना जाता है। संपूर्ण मध्यकालीन इतिहास में वे एकमात्र ऐसे मुस्लिम शासक हुए हैं जिन्होंने हिन्दू-मुस्लिम एकता के महत्व को समझकर एक अखंड भारत का निर्माण करने की चेष्टा की। अक्तूबर, 1605 में इस उदारमना शासन का देहावसान हो गया।

About the author

हिंदीभाषा

Leave a Comment

You cannot copy content of this page