अमेरिका : विख्यात उपन्यासकार
जन्म : 1899
मृत्यु : 1961
आधुनिक युग के प्रमुख साहित्य-शिल्पियों में अर्नेस्ट हेमिंग्वे का नाम अग्रगण्य है। साहित्य-जगत में प्रवेश करने से पूर्व वे एक पत्रकार थे तथा प्रथम विश्व युद्ध में भी उन्होंने सैन्य सेवा की थी। इन अनुभवों की गहरी छाप उनके साहित्य पर पाई जाती है। युद्ध में लड़ते समय उन्हें अपने साथियों, युद्ध की प्रवृत्तियों तथा मानवमात्र के सहज आक्रामक स्वभाव आदि के बारे में बड़ी निराशा की अनुभूति हुई और उन्होंने युद्ध से ही संबंधित तीन उत्कृष्ट उपन्यास लिखे, ‘दि सन आलसो राइज़ेज़’, ‘मेन विदाउट विमेन’ तथा ‘फेयरवेल टु आर्म्स’ और इन विश्वस्तरीय रचनाओं ने हेमिंग्वे को आज का शीर्षस्थ उपन्यासकार बना दिया। हेमिंग्वे ने अपने पत्रकारिता – कौशल का उपयोग एक उत्तम कहानी को सशक्त तथा नाटकीय ढंग से कहने में किया, जिससे उनकी शैली अत्यंत प्रखर और प्रभावोत्पादक बन गई। 1954 में उन्हें साहित्य के लिए ‘नोबेल पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
हेमिंग्वे की अन्य विशिष्ट रचनाएँ हैं, ‘एक्रास दॅ रिवर ऐंड इण्टू द ट्रीज’, ‘फिएस्टा’, ‘डेथ इन दॅ आफ्टरनून’, ‘दॅ ओल्ड मैन ऐंड दॅ सी’, ‘इन ऑवर टाइम’, ‘ग्रीन हिल्स ऑफ़ अफ्रीका’, ‘विनर टेक नथिंग’, ‘फार हूम द बेल टॉल्स’, ‘टू हैव ऐंड हैव नॉट’, ‘द फ़िफ्थ कॉलम’, ‘द टोरेंट्स ऑफ स्प्रिंग’ तथा ‘ए मूवेबल फ़ीस्ट’। उन्हें 1953 में ‘द ओल्ड मैन ऐंड दॅ सी’ के लिए ‘प्यूलिट्जर पुरस्कार’ (साहित्य) प्रदान किया गया था। ‘ब्रॉन्ज़ स्टार’ से भी वे सम्मानित हुए थे।
अर्नेस्ट हेमिंग्वे का जन्म 21 जुलाई, 1899 को अमेरिका में हुआ था परन्तु उनका सारा जीवन विदेशों में ही व्यतीत हुआ। प्रारंभ में वे एक वाहन चालक थे पर बाद में एक समाचार-पत्र के संवाददाता हो गए। दुर्भाग्यवश हेमिंग्वे ने आसन्न वृद्धावस्था की कल्पना मात्र से त्रस्त होकर 2 जुलाई, 1961 को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।