जर्मनी : द्वितीय विश्वयुद्ध का महान योद्धा
जन्म : 1891
मृत्यु : 1944
जनरल अर्विन रोमेल (Erwin Rommel) का नाम यूरोप के प्रमुख सेनानायकों में गिना जाता है। वह द्वितीय विश्वयुद्ध में नाजी जर्मनी का सबसे महान योद्धा था, जिसने मित्र राज्यों को पराजय की गर्त में ढकेल दिया था। आज भी उसके शौर्य की कहानियाँ पाठकों को रोमांच से भर देती हैं। वह एक अनुभवी, कुशल, फुर्तीला एवं साहसी जनरल था तथा पोलैंड और फ्रांस में हिटलर को शानदार विजय दिलाने में उसका पूरा योगदान था। त्रिपोली (Tripoly) के युद्ध में उसने अंग्रेज सेना को मात्र 11 दिन में 500 मील पीछे हटाकर दुनिया को चमत्कृत कर दिया था। अपने समय में वह विश्व का सबसे सफल सैन्य-संचालक था। ब्रिटिश सेना के लिये रोमेल एक हौव्वा बन गया था। उत्तरी अफ्रीका की विजय उसकी एक महत्त्वपूर्ण सफलता थी, जब उसने ब्रिटिश सेना को स्वेज नहर से दूर रेगिस्तानों में खदेड़ दिया थ। यदि हिटलर रोमेल को पूर्ण सैनिक सहायता देता तो शायद द्वितीय महायुद्ध की कहानी ही कुछ और होती लेकिन हिटलर ने रोमेल जैसे महान सैनिक पुरुष को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया। उस पर यह अभियोग लगाया गया था कि वह हिटलर के प्राण लेने के षड्यंत्र में शामिल था।
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रोमेल का जन्म एक अध्यापक परिवार में हुआ था। वह स्वभाव से ही साहसी था और वीरतापूर्ण कार्य ही उसे पसंद थे। शिक्षा पूर्ण करके वह सेना में भर्ती हो गया और प्रगति करता हुआ ‘फील्ड मार्शल’ के पद तक जा पहुँचा। अपने परिश्रम तथा कौशल से उसने युद्ध क्षेत्र में सदैव अभूतपूर्व सफलताएँ प्राप्त की। यहाँ तक कि उसका नाम विजय का पर्याय बन गया था, लेकिन उसके विरोधी उसके प्राण लेकर ही रहे।
रोमेल का नाम उसके शौर्य और उपलब्धियों के साथ ही अनुशासनप्रियता एवं स्वामीभक्ति के कारण भी सदैव स्मरणीय रहेगा।
रोमेल का नाम उसके शौर्य और उपलब्धियों के साथ ही अनुशासनप्रियता एवं स्वामीभक्ति के कारण भी सदैव स्मरणीय रहेगा।