Personalities

जवाहरलाल नेहरू

भारत : भारत के प्रथम प्रधानमंत्री

जन्म 1889 मृत्यु 1964

धनिक भारत के निर्माता एवं विश्व शांति के अग्रदूत के रूप में आ पं. जवाहरलाल नेहरू का नाम सदैव इतिहास में अमर रहेगा। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उन्होंने दुनिया के देशों को शांति का मार्ग दिखाया। उन्होंने ‘पंचशील’ का सिद्धान्त विश्व के समक्ष रखा तथा अविकसित और विकासशील देशों को महाशक्तियों (Super Powers) के शिविर से अलग रह कर परस्पर सहयोग से विकास करने की प्रेरणा देने के लिए ‘गुटनिरपेक्ष आन्दोलन’ (Non-aligned Movement) का प्रवर्तन और नेतृत्व किया, जो उनकी महान उपलब्धियों में से एक है। पं नेहरू, मार्शल टीटो (यूगोस्लाविया) और कर्नल नासेर (मिस्र) गुट निरपेक्ष आंदोलन के मूल संस्थापक थे, जिसके लिए वे सदैव स्मरणीय रहेंगे। 1912 के कांग्रेस अधिवेशन के साथ वे राजनीतिक दृश्यपटल पर आये तथा 1916 में उनकी भेंट गांधीजी से हुई। तबसे वे बराबर राष्ट्रीय आंदोलनों में उनका हाथ बंटाते रहे और अनेक बार जेल गए। नेहरू जी 5 बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) के अध्यक्ष भी रहे। 1935 में कांग्रेस की विजय के वे प्रमुख शिल्पी थे। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद वे देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने और अत्यन्त लोकप्रिय सिद्ध हुए। पं. नेहरू ने ही गांधीजी के सिद्धांतों पर भारत की विदेश नीति की नींव रखी थी।

उनका जन्म 14 नवंबर, 1889 को प्रयाग (उ.प्र.) में हुआ था। उनके पिता श्री मोतीलाल नेहरू एक प्रसिद्ध वकील तथा देशभक्त व्यक्ति थे। पं. नेहरू ने इंग्लैंड में भी शिक्षा प्राप्त की तथा 1912 में भारत आये। भारत आकर उनका रुझान राष्ट्रीय आन्दोलन की ओर हो गया। 1916 में उनका विवाह कमला देवी के साथ हुआ था। 1922 में नेहरू जी इलाहाबाद नगरपालिका के अध्यक्ष और 1929 में कांग्रेस अधिवेशन (लाहौर) के अध्यक्ष चुने गये। कई बार राष्ट्रीय आंदोलनों में भाग लेकर जेल जाने वाले नेहरू जी ने ‘पिता के पत्र पुत्री के नाम’, ‘विश्व इतिहास की झलक’ एवं ‘भारत की कहानी’ जैसी विख्यात पुस्तकें भी लिखीं। 27 मई, 1964 को दोपहर 2 बजे यह महापुरुष सदा के लिए चला गया। प्रतिवर्ष पं. नेहरू की जन्मतिथि 14 नवंबर को ‘बालदिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

About the author

हिंदीभाषा

Leave a Comment

You cannot copy content of this page