सोवियत संघ : रूस के अग्रणी उपन्यासकार
जन्म : 1828
मृत्यु : 1910
काउंट लियो निकोलाइविच टॉल्सटॉय रूस के प्रतिनिधि उपन्यासकार माने जाते हैं। जिस एक रचना के कारण वे आज विश्वविख्यात हो गए हैं वह ते ‘वार एंड पीस’ उपन्यास। यह 1812 के आसपास के रूसी समाज का तथा नेपोलियन के आक्रमण के प्रति समाज के विभिन्न वर्गों की प्रतिक्रियाओं एवं विडम्बनाओं को चित्रण करने वाली लंबी कहानी है जिससे लेखक की मानवमन में गहरे उतरने वाली अंतर्दृष्टि का परिचय मिलता है। उनकी अन्य प्रसिद्ध कृतियाँ हैं- ‘अन्ना कैरेन्निा’, ‘दि स्लेवरी ऑफ़ ऑवर टाइम’, ‘टीचिंग्स ऑफ़ क्राइस्ट’, ‘विज़्डम ऑफ चिल्ड्रेन’ आदि। टॉल्स्टॉय की आत्मकथा भी उनके जीवन दर्शन को उद्घोषित करती है।
टॉल्सटॉय ने एक नए प्रकार के ईसाई धर्म का प्रतिपादन किया था, जो रूढ़िवादी चर्च की मान्यताओं से हटकर था। उनकी धार्मिक मान्यताओं को उनके साहित्य द्वारा भी समर्थन प्राप्त हुआ है। बड़ी संख्या में लोग उनके मत के अनुयायी बन गए थे, फिर भी, एक दार्शनिक से अधिक, एक साहित्यकार के रूप में उन्हें ख्याति प्राप्त हुई है।
टॉल्सटॉय का साहित्य सामाजिक विषमता तथा सत्तावाद की बुराइयों को दूर कर सदाचार एवं नैतिकता की शिक्षा देता है। सामाजिक आडम्बर के वे कट्टर विरोधी थे तथा आत्मा को पवित्र बनाने के लिए आस्तिकता को अत्यावश्यक मानते थे। व्यक्ति तथा समाज की उन्नति के लिए टॉल्सटॉय द्वारा सुझाया गया, सदाचार और आध्यात्मिकता पर बल देने वाला मार्ग महात्मा गांधी के सिद्धान्तों से बहुत कुछ समानता रखता है। संभवतः इसीलिए लियो टॉल्सटॉय को भारत में भी बड़े सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। उनका साहित्य देश और काल की सीमाओं से परे है तथा उसमें व्यक्त मानवीय संवेदनाएँ प्रत्येक युग के, प्रत्येक देश के, निवासियों के मानस के साथ एकाकार हो जाती हैं।