फ्रांस : ‘लिटिल कॉरपोरल’
जन्म : 1769
मृत्यु : 1821
नेपोलियन बोनापार्ट (Napoleon Bonaparte) का फ्रांस ही नहीं, बल्कि विश्व के महान युद्धनायकों में अग्रणी स्थान है। वह वास्तव में क्रांतिपुत्र था और उसने यूरोप का नक्शा ही बदल दिया था। उसके जीवन में एक समय ऐसा भी आया था, जब वह लगभग पूरे यूरोप का शासक बन बैठा था। फ्रांस की क्रांति के पश्चात् अस्थिरता और अशांति के दौर में नेपोलियन, जो एक सामान्य सैनिक था, तेजी से उभर कर सामने आया। 1975 में सरकार के अनुरोध पर उसने प्रति-आंदोलनकारियों (Counter Revolutionaries) को कुचल कर रख दिया था। 1796 में उसने इटली के राज्यों को परास्त किया और यहीं से उसके उद्भव की कहानी प्रारम्भ होती है। उसकी प्रसिद्ध उक्ति है, “असंभव शब्द मूर्खों के शब्द-कोष में पाया जाता है।”
फ्रांस में उसकी निरंतर बढ़ती लोकप्रियता एवं शक्ति से आशंकित हो तत्कालीन सरकार ने उसे 1798 में मिस्र भेज दिया था। 1799 में वह फ्रांस लौटा और त्रिसदस्यीय मंत्रिपरिषद (three man consulate) का अंग बना दिया गया। फिर नेपोलियन ने स्वयं को दस वर्ष के लिए प्रथम कौंसल (First Consul) घोषित करके अन्ततः 1804 में सम्राट की उपाधि धारण कर ली। फ्रांस का सम्राट बनने से पूर्व वह अनेक युद्धों में विजय प्राप्त कर चुका था। 2 दिसंबर, 1805 में आस्ट्रिया और रूस पर विजय प्राप्त करने के बाद 14 अक्टूबर, 1806 को उसने प्रशा (Prussia) को पराजित किया। इससे लगभग सम्पूर्ण यूरोप पर उसका आधिपत्य हो गया। नेपोलियन ‘टिलसिट की संधि’ (1807) के समय शिखर पर था। उसने देश में अनेक नई व्यवस्थाएं भी आरंभ कीं। ‘सिविल कोड’, ‘लीजियन ऑफ ऑनर’, ‘इम्पीरियल बैंक’, ‘कॉन्कार्डेट’, ‘राइन संघ’ आदि नेपोलियन की ही अमर देन हैं। उसने सरकार तथा न्याय व्यवस्था में भी कई प्रकार के सुधार किए। नेपोलियन ने ‘महाद्वीपीय मैत्री संघ’ (Continental Alliance) की स्थापना द्वारा ब्रिटेन के व्यापार को क्षति पहुंचा कर उसे पराजित करने की योजना बनाई। रूस द्वारा इसका विरोध करने पर नेपोलियन ने 1812 में उस पर आक्रमण कर दिया। रूस पराजित हुआ पर इस युद्ध में नेपोलियन की सैन्यशक्ति क्षीण हो गई। यूरोप के अनेक देश अब उसके विरुद्ध अपनी सैन्यशक्ति बढ़ाने लगे। 1813 में लीपज़िग (Leipzig) के युद्ध में नेपोलियन की पराजय हुई और उसे फ्रांस छोड़कर एल्बा (Elba) द्वीप में बसना पड़ा। परंतु दूसरे ही वर्ष वह पुनः लौट कर सत्ता में आ गया। पर अब उसका स्वास्थ्य गिर चुका था। अन्ततः 1815 में वाटरलू (Waterloo) के युद्ध में बहुराष्ट्रीय संयुक्त सेना ने उसे पराजित कर सैंट हेलेना द्वीप भेज दिया गया जहाँ 5 मई, 1821 को उदर कैंसर से उसकी मृत्यु हो गई ।
नेपोलियन का जन्म 15 अगस्त को कोर्सिका (Corsica) फ्रांस में एक गरीब परिवार में हुआ था। अपनी योद्धा प्रवृत्ति के कारण वह सेना में भर्ती हो गया और 1792 में उसने टूलों का विद्रोह सफलतापूर्वक दबाकर अपनी योग्यता का परिचय दिया। पहली पत्नी जोसफीन को तलाक देने के बाद उसने आस्ट्रिया की राजकुमारी मेरी लुईस से भी विवाह किया। अधिनायकवादी नेपोलियन ‘असंभव’ शब्द का विरोधी था, यही कारण है कि वह इतिहास को एक नया मोड़ देने मेंसफल रहा था।
नेपोलियन ने फ्रांस को ‘समानता’ का सिद्धांत दिया। वह विश्व इतिहास का एक अद्वितीय योद्धा था। उसकी ऊँचाई कम (लगभग 5.1″) होने के कारण उसे ‘लिटिल कॉरपोरल’ (Little Corporal) भी कहते थे, पर शौर्य की जिन ऊँचाइयों को उसने छुआ, उसे चुनौती देना किसी भी वीर के लिए सहज नहीं।