भारत : बैडमिंटन के खिलाड़ी
जन्म : 1955
अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन में सफलता पाने वाले भारतीय खिलाड़ियों में प्रकाश पादुकोण का नाम सबसे ऊपर आता है। वे अपनी प्रतिभा से 9 वर्षों तक लगातार (1970- 1978) राष्ट्रीय चैम्पियन रहे। जब वे 15 वर्ष के थे, तब 1971 में उन्होंने एक साथ जूनियर ब्वायज और मैन सिंगल बैडमिंटन खिताब जीतकर एक रिकॉर्ड बनाया। अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन में 22 सितंबर, 1979 को प्रकाश विश्व चैम्पियन बने। 1980 में उन्होंने तीन बड़ी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएँ जीतीं और इसी वर्ष ‘ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियनशिप’ जीत कर भारत के बैडमिंटन को इस ऊँचाई तक पहुँचाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए। ‘थॉमस कप’ मैचों में प्रकाश ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। 1974 में, तेहरान में हुए सातवें एशियन खेलों में उन्होंने तीसरा स्थान प्राप्त किया। प्रकाश ने राष्ट्रीयमंडल खेलों में ब्रिटेन के टालबोट को सीधे सेट में हराकर स्वर्णपदक हासिल किया युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका में, 1981 में हुए विश्व खेलों में प्रकाश तीसरे स्थान पर रहे, इसी वर्ष चीन के हेनचेन को हराकर उन्होंने ‘अल्बा वर्ड कप’ जीता।
प्रकाश का जन्म 10 जून, 1955 को बंगलौर (कर्नाटक) में हुआ था। कर्नाटक से ही उन्होंने बी-कॉम पास की। 14 वर्ष की उम्र में वे राष्ट्रीय जूनियर चैम्पियन बने और 15 की उम्र में राष्ट्रीय चैम्पियन। 1971 में राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाश का नाम उभरा और उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया। 1972 में उन्हें ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। पिछले कुछ वर्षों से प्रकाश विदेश में रह रहे थे, लेकिन 1986 में राष्ट्रीय बैडमिंटन में फिर से उनकी वापसी हुई है।
1980 के पूर्वार्ध में लगभग 15 अंतर्राष्ट्रीय खिताब जीतने का गौरव प्रकाश को प्राप्त है। विश्व वरीयताक्रम में, 1980-81 के दौरान, प्रकाश को सर्वोच्च स्थान प्राप्त था। देश को प्रकाश से अभी और आशाएँ हैं। इनकी सुपुत्री दीपिका पादुकोण भी भारतीय फिल्मजगत में एक जाना पहचाना नाम है।