इंग्लैंडः विश्वविख्यात हास्य अभिनेता
जन्म : 1889
मृत्यु : 1977
चार्ली चैपलिन एक विश्वविख्यात हास्य अभिनेता एवं फिल्म निर्देशक थे। वे एक समर्पित कलाकार थे और उन्होंने अनेक अविस्मरणीय फिल्में दी हैं जो फिल्मों के इतिहास में अमर रहेंगी। चार्ली ने अपने सर पर हैट, चेहरे पर छोटी-छोटी मूँछों और हाथ में छड़ी के साथ एक निराला अंदाज दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया था। वे अपने रूप, वेशभूषा, स्फूर्ति एवं बुद्धिमानी से देखने वालों को विस्मयविमुग्ध कर देते थे। मूक फिल्मों के उस युग में अपनी मुख मुद्राओं तथा इशारों से चार्ली ऐसा अभिनय करते थे कि उसमें आवाज की कमी महसूस ही नहीं होती थी। 1920 के बाद वे सवाक् (बोलती) फिल्मों की ओर मुड़े और लोकप्रियता के नए आयाम छूते चले गए। 86 वर्ष की आयु में 1975 में उन्हें ‘सर’ की उपाधि दी गई। चार्ली चैपलिन की प्रत्येक फिल्म अब ऐतिहासिक फिल्म बन चुकी है। उन्हें देखना एक अलग प्रकार का अनुभव होता है। चार्ली ने अभिनय, निर्देशन एवं फिल्मों की अन्य सभी विधाओं में अपनी प्रतिभा प्रदर्शित की थी। ‘दि किड’, ‘दि गोल्ड रश’, ‘दि चैंपियन’ तथा ‘शेल्डर आर्म्स’ चार्ली की विख्यात मूक फिल्में हैं। 1920 में बोलती फिल्मों का आविष्कार हुआ तो चार्ली ने ‘सिटी लाइट्स’ (1931), ‘मॉडर्न टाइम्स’ (1936), ‘दि ग्रेट डिक्टेटर’ (1940), ‘लाइम लाइट’ (1952), आदि बनाईं।
चार्ली चैपलिन का जन्म लंदन (ब्रिटेन) में हुआ था। उसने अपनी माँ के साथ एक लंबे समय तक अथाह कष्ट झेले थे। उनका पिता शराबी था और मां थिएटर में नर्तकी थीं। चार्ली ने पाँच वर्ष की आयु में ही संगीत सभाओं में स्टेज पर प्रदर्शन किए और आठ वर्ष की आयु तक वे चतुर कलाकार हो गए थे। 1914 में वे हॉलीवुड चले गए और वहाँ एक वर्ष में 35 फिल्में बना डालीं।
विश्व सिनेमा में वह एक ‘मसखरे’ पात्र होने पर भी हमेशा बादशाह की तरह छाये रहे। उनके बराबर अन्य कोई उतना लोकप्रिय, सफल या बड़ा फिल्म कलाकार नहीं हुआ है। चार्ली पर्दे पर बहुधा एक बच्चे की तरह हरकतें करते थे और लाखों दर्शकों का दिल जीत लेते थे। यह अद्भुत अभिनय भंगिमा ही चार्ली की सबसे बड़ी विशेषता थी ।
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