भारत : प्रथम भारतीय एवरेस्ट विजेता
जन्म : 1914
मृत्यु : 1986
तेनजिंग नार्वे विश्व के सबसे ऊँचे पर्वतशिखर माउंट एवरेस्ट पर पहुँचने वाले सर्वप्रथम व्यक्ति थे। उनकी इस महान विजययात्रा में सर एडमंड हिलेरी उनके सहयोगी थे। तेनजिंग कर्नल जॉन हंट के नेतृत्व में एक ब्रिटिश पर्वतारोही दल के सदस्य के रूप में एवरेस्ट की यात्रा पर गए थे और दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ते हुए 29 मई, 1953 को उन्होंने एवरेस्ट के शिखर को स्पर्श किया। तेनजिंग की इस ऐतिहासिक सफलता ने उन्हें इतिहास में अमर कर दिया है। भारत के अतिरिक्त इंग्लैंड एवं नेपाल की सरकारों ने भी उन्हें सम्मानित किया था। 1959 में उन्हें ‘पद्म भूषण’ से अलंकृत किया गया। वास्तव में 1936- 53 तक के सभी एवरेस्ट अभियानों में उनका सक्रिय सहयोग रहा था।
तेनजिंग का जन्म नेपाल के एक निर्धन परिवार में हुआ था। तेनजिंग बौद्ध धर्म के अनुयायी थे और 1933 में वे भारतीय नागरिक बन गए थे। कॉफी उनका प्रिय पेय और कुत्ते पालना उनका मुख्य शौक था। बचपन से ही पर्वतारोहण में रुचि होने के कारण वे एक अच्छे एवं कुशल पर्वतारोही बन गए थे। उनका प्रारंभिक नाम नामग्याल वांगडी था। वे तेनजिंग खुमजुंग भूटिया भी कहलाते थे। तेनजिंग को अपनी सफलताओं के लिए जार्ज मैडल (George Medal) भी प्राप्त हुआ था। 1954 में दार्जिलिंग में ‘हिमालय पर्वतारोहण संस्थान’ की स्थापना के समय उन्हें इसका प्रशिक्षण निर्देशक बना दिया गया था। 9 मई, 1986 को उनकी मृत्यु हो गई।
तेनजिंग ने अपने अपूर्व साहस से भारत का नाम एवरेस्ट की ऊँचाइयों पर लिख दिया है, जिसके लिए वे सदैव याद किए जाएँगे।