Prachalit Muhavare the best Study Material, पुटक तथा प्रचलित मुहावरे का संपूर्ण अध्ययन अभ्यास कार्य के साथ

कबीर

  1. अँधियारा मिटना- अज्ञान समाप्त होना।

ईश्वर स्मरण से मन का अँधियारा मिट जाता है।

  1. मंत्र न लगना – उपाय काम न आना।

पारिवारिक मतभेद के कारण भाइयों एकता स्थापित करने के प्रयास व्यर्थ हो गए और कोई भी मंत्र न लग सका।

  1. अपना घर जलाना – सर्वस्व न्योछावर कर देना।

अपना घर जलाकर दूसरों का भला करने वाले संसार में बहुत कम हैं।

मीरा

लाज रखना – सम्मान की रक्षा करना।

कृष्ण ने द्रौपदी की लाज रखी थी।

वीरेन डंगवाल

मुँह बंद होना – शांत हो जाना।

जिस दिन से वह रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया, उस दिन से उसका मुँह बंद हो गया है।

कैफ़ी आज़मी

  1. मौत से गले मिलना – सहर्ष बलिदान देना।

देश की रक्षा के लिए सैनिकों को मौत से गले मिलने में भी खुशी की अनुभूति होती है।

  1. सिर पर कफ़न बाँधना- बलिदान के लिए तैयार रहना।

सैनिक सिर पर कफ़न बाँधकर देश की रक्षा के लिए तैयार रहते हैं।

बड़े भाई साहब

  1. प्राण सूखना – डर लगना।

परीक्षा में विज्ञान का प्रश्नपत्र देखते ही मेरे प्राण सूख जाते हैं।

  1. पहाड़ होना बड़ी मुश्किल होना।

कक्षा में अव्वल आना मेरे लिए पहाड़ था।

  1. हँसी-खेल होना – छोटी-मोटी बात।

100 मीटर की दौड़ में प्रथम आना कोई हँसी-खेल नहीं है।

  1. गाढ़ी कमाई – मेहनत की कमाई।

कुछ छात्र अपने माता-पिता की गाढ़ी कमाई को सार्थक रूप देते हैं।

  1. खून जलाना – कष्ट उठाना।

मेरे माता-पिता मुझे सुख-सुविधा देने के लिए दिन-रात खून जलाते हैं।

  1. आँखें फोड़ना – ध्यान से पढ़ना।

वह रात-रातभर पढ़ाई में आँखें फोड़ता रहा इसलिए अपनी कक्षा में अव्वल आया है।

  1. पास फटकना – नज़दीक आना।

पहले के समय में डर के मारे छात्र अपने शिक्षकों के पास नहीं फटकते थे।

  1. जिगर के टुकड़े-टुकड़े होना – दिल पर भारी आघात लगना।

युद्ध में बेटे के शहीद होने का समाचार सुनकर पिता के जिगर के टुकड़े-टुकड़े हो गए।

  1. लगती बात कहना – चुभती बात कहना।

पिताजी हमेशा लगती बात कहती है, जिससे मैं कभी-कभी उदास हो जाता हूँ।

  1. हाथ डालना – काम आरंभ करना।

राकेश जिस काम में हाथ डालता है, उसे लाभ ही होता है।

  1. हिम्मत टूटना – साहस टूटना।

शेयर मार्केट में हुए घाटे की खबर सुनकर राजीव की हिम्मत टूट गई।

  1. जी तोड़ मेहनत करना – खूब मेहनत करना।

रमेश कक्षा में प्रथम आने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहा है।

  1. नक्शा बनाना – योजना बनाना।

आलसी लोग काम पूरा करने के लिए रोज़ नक्शा बनाते हैं, पर उसे पूरा नहीं कर पाते।

  1. दबे पाँव आना – चोरी-चोरी आना।

उमेश दबे पाँव कमरे में आया और माँ का मोबाइल उठाकर चला गया।

  1. साये से भागना – नाम से ही डरना।

आजकल ऑफिस में बॉस जी इतने अधिक क्रोधित हैं कि सभी उनके साये से भी दूर भागते हैं।

  1. घुड़कियाँ खाना – डाँट-डपट सहना।

पिता जी की घुड़कियाँ लगभग सबको खानी पड़ती हैं।

17.आड़े हाथों लेना- कठोरतापूर्ण व्यवहार करना।

अधिकारी के सही तरह से काम  पूरा न करने पर जनता ने अधिकारी जी को आड़े हाथों लिया।

  1. घाव पर नमक छिड़कना – दुखी को और दुखी करना।

दुख की घड़ी में दुष्टों की बातें घावों पर नमक छिड़कने का काम करती हैं।

19 .तीर मारना – बड़ी सफलता पाना।

परीक्षा परिणाम सुनकर राजीव इयतना प्रसन्न हुआ मानो उसने कोई तीर मार लिया हो।

  1. 2 तलवार खींचना – लड़ाई के लिए तैयार रहना ।

जयदाद के बँटवारे पर विवाद होते ही दोनों सगे  भाइयों ने तलवारें खींच लीं।

  1. हेकड़ी जताना – घमंड दिखाना।

वह कम अंकों से उत्तीर्ण होने पर भी मेधावी महेश के सामने हेकड़ी जता रहा है।

22.टूट पड़ना- तेज़ी से झपटना।

भारतीय सेना शत्रुओं पर टूट पड़ी।

  1. 23. नामोनिशान मिटाना- सब कुछ नष्ट करना।

सैनिकों ने जंगल मे छिपे अपराधियों का नामोनिशान मिटा दिया।

  1. 24. चुल्लू भर पानी देने वाला न होना – कठिन समय कोई साथ देने वाला न होना।

कभी पूरे क्षेत्र में चौधरी जी का वर्चस्व था, परंतु आज उसे कोई चुल्लू भर पानी देने वाला नहीं है।

  1. 25. दीन-दुनिया से जाना – कहीं का न रहना।

समझदारी के साथ कार्य करो अन्यथा दीन-दुनिया से जाओगे।

  1. 26. सिर फिरना- घमंड होना।

जब से उसकी सरकारी नौकरी लगी है, उसका सिर फिर गया है।

27.अंधे के हाथ बटेर लगना – बिना प्रयास के संयोग से कोई महत्त्वपूर्ण वस्तु मिलना।

राजीव को मेडिकल में प्रवेश मिलना अंधे के हाथ बटेर लगने जैसा है।

  1. हाथ लगना – प्राप्त होना।

बड़ी मुश्किल से यह कोंट्रेक्ट मेरे हाथ लगा है।

  1. दाँतों पसीना आना – अधिक परेशानी होना।

प्रश्नपत्र हल करने में मुकेश को दाँतों पसीना आ गया।

  1. चक्कर खाना – भ्रम में पड़ना।

गणित के प्रश्न देखकर दिमाग चक्कर खा जाता है।

  1. बे सिर-पैर की बातें करना – बेकार की बातें करना।

सतीश की बे सिर-पैर की बातें सुनकर मैं ऊब गया हूँ।

  1. अपनी राह लेना – चले जाना।

अगर तुम्हारा काम हो गया है, तो समय न गँवाते हुए अपनी राह लो।

  1. पन्ने रंगना – बेकार में लिखना।

परीक्षा में पन्ने रंगने से अंक नहीं मिलते हैं।

  1. आटे-दाल का भाव मालूम होना – कठिनाई का सामना करना।

जब नौकरी करोगे, तब तुम्हें आटे-दाल का भाव मालूम होगा।

  1. ज़मीन पर पाँव न रखना – बहुत खुश होना।

जब से वह अमेरिका से आया है, वह ज़मीन पर पाँव नहीं रख रहा है।

  1. गिरह बाँधना – सदा याद रखना।

यह बात गिरह बाँध लो कि ईमानदारी का रास्ता ही सर्वश्रेष्ठ है।

  1. हाथ से जाना चूकना।

यह मौका हाथ से मत जाने दो, अन्यथा पछताओगे।

  1. शब्द चाटना – अच्छी तरह से पढ़ना।

गौरव को पढ़ने का इतना अधिक शौक है कि वह पुस्तक का एक-एक शब्द चाट जाता है।

  1. मुठभेड़ होना – सामना होना।

आज सुबह घर से निकलते ही वर्मा जी से मेरी मुठभेड़ हो गई।

  1. हाथ-पाँव फूल जाना – परेशानी देखकर घबरा जाना।

ओड़िशा के बालासोर की ट्रेन दुर्घटना में घायल लोगों को देखकर मेरे हाथ-पाँव फूल गए।

42.पैसे-पैसे को मुहताज होना – अधिक गरीब और मजबूर होना।

दिनेश की नौकरी छूट गई और वह पैसे-पैसे को मुहताज हो गया।

43.मुँह चुराना – शर्म के मारे बचना।

उधार न चुकाने के कारण पीयूष सबसे मुँह चुराता फिरता है।

44.ज़हर लगना – बहुत बुरा लगना।

आजकल पारिवारिक संस्कारों की बातें बच्चों को ज़हर लगती हैं।

  1. जी ललचाना – मन में लोभ आना।

जलेबियों से उठती महक से मेरा जी ललचाने लगा।

डायरी का एक पन्ना

  1. रंग दिखाना – असली प्रभाव या स्वरूप दिखाना।

अधिकारी द्वारा समझाए जाने पर भी लिपिक ने अपना रंग दिखा ही दिया।

  1. ठंडा पड़ना – ढीला पड़ना, शांत हो जाना।

न्याय व्यवस्था अपराधियों को सज़ा देने के मामले में न जाने क्यों ठंडी पड़ जाती है?

  1. टूट जाना – बिखर जाना या निराश हो जाना।

अंग्रेज़ी अत्याचार के समक्ष देशभक्तों का टूट जाना असंभव था।

  1. जुल्म ढाना – अत्याचार करना।

अंग्रेज़ों ने भारतीय जनता पर अनगिनत जुल्म ढाए थे।

तताँरा-वामीरो कथा

  1. सुध-बुध खोना – अपने वश में न रहना।

वामीरो का गीत सुनकर तताँरा अपनी सुध-बुध खो बैठा था।

  1. आँखों में तैरना – मन में सदा मौजूद रहना।

वामीरो का चेहरा तताँरा की आँखों में तैरता रहता था।

  1. खुशी का ठिकाना न रहना – अधिक खुशी होना।

वामीरो को अपने पास देखकर तताँरा की खुशी का ठिकाना न रहा।

  1. आग-बबूला होना- बहुत क्रोधित होना

बेटे को मनमानी करते देख पिता आग-बबूला हो गए।

  1. राह न सूझना – उपाय न मिलना।

मैं वाद-विवाद में ऐसा उलझ गया कि उससे निकलने की कोई राह नहीं सूझ रहा था।

  1. सुराग न मिलना – पता न मिलना।

अपराधियों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला।

  1. आवाज़ उठाना- विरोध करना।

आज की जनता शोषण के विरुद्ध आवाज़ उठाने लगे हैं।

  1.  एक-एक पल पहाड़ होना- प्रतीक्षा का समय मुश्किल से बीतना।

शहर से अपने पुत्र के आने की खबर सुनने के बाद माँ के लिए एक-एक पल पहाड़ हो रहा था।

  1. एकटक निहारना – देखते ही रह जाना।

विदेशी पर्यटक ताजमहल को एकटक निहारते रहते हैं।

  1. अपना राग अलापना – अपनी ही बात कहना।

अहंकारी रावण ने विभीषण की बात भी  नहीं सुनी, वह अपना राग अलापता रहा।

अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले

  1. दीवार खड़ी करना – बाधा उत्पन्न करना।

रवि मेरा दुश्मन है इसलिए मैं जो भी काम करता हूँ, वही मेरे सामने दीवार खड़ी कर देता है।

  1. डेरा डालना – अस्थायी रूप से कहीं पर रहना।

वज़ीर अली को पकड़ने के लिए अंग्रेज़ी फ़ौज ने एक वर्ष से गोरखपुर के जंगल में डेरा डाल रखा है।

  1. मारे-मारे फिरना – परेशान रहना।

आजकल ग्रेजुएट नौकरी की तलाश में साल से मारे-मारे फिर रहे हैं।  

पतझर में टूटी पत्तियाँ

  1. हवा में उड़ना – यथार्थ/सच्चाई से दूर होना।

अभी सुमित हवा में उड़ रहा है। बाद में उसे सब कुछ समझ में आ जाएगा।

कारतूस

  1. ‘बुरा-भला कहना – खरी-खोटी सुनाना।

कंपनी के वकील ने वज़ीर अली को बुरा-भला कह दिया।

  1. जान-बख़्श देना – जीवनदान देना।

वज़ीर अली ने कर्नल कालिंज की जान बख़्श दी।

  1. हक्का-बक्का रहना – आश्चर्यचकित होना।

वज़ीर अली की बहादुरी देखकर कर्नल हक्का-बक्का रह गया।

4.कूट-कूटकर भरना – पूरी तरह से भरना।

वज़ीर अली के मन में अंग्रेज़ों के प्रति नफ़रत कूट-कूट कर भरी थी।

5.काम तमाम कर देना – मार देना।

वज़ीर अली ने कंपनी के सरकारी वकील का काम तमाम कर दिया।

  1. हाथ न आना – पकड़ा न जाना।

कई सालों की खोज के बाद भी वज़ीर अली हाथ न आया।

7.मुट्ठी भर – थोड़े से।

मुट्ठी भर लोग भी यदि दृढ़-संकल्प कर लें, तो समाज में क्रांति ला सकते हैं।

  1. नज़र रखना – निगरानी करना।

आजकल प्राय: हर जगह सीसीटीवी से लोगों पर नज़र रखना ज़रूरी है।

संचयन (पूरक पुस्तक)

हरिहर काका

  1. मुँह खोलना – रहस्योद्घाटन करना।

सुधीर ने अपने शरारती मित्रों से अध्यापक के सामने मुँह खोल देने की धमकी दी।

  1. गूँगेपन का शिकार होना – भयवश बोल न पाना।

हरिहर काका अपने भाइयों और महंत की करतूतों की वजह से गूँगेपन का शिकार हो गए।

  1. फूटी आँखों न सुहाना – अच्छा न लगना।

जवान बेटों को अपनी बूढ़ी माँ अब फूटी आँखों नहीं सुहाती है।

  1. खोज-खबर लेना जानकारी प्राप्त करना।

तीन भाइयों ने अपने गुमशुदा भाई हरिहर की खोज-खबर लेनी शुरू कर दी।

  1. धमा-चौकड़ी मचाना – शोर-शराबा करना।

अध्यापक के कक्षा से बाहर आते ही छात्रों ने धमा-चौकड़ी मचानी शुरू कर दी।

  1. तन-बदन में आग लगना – क्रोधित होना।

निरपराध पर अत्याचार होते देख मेरे तन-बदन में आग लग गई।

  1. कान खड़े होना – सचेत होना।

रात को कदमों की आहटें सुनकर हम सब के कान खड़े हो गए।

  1. हाथ से निकलना – अवसर चूकना।

महंत किसी भी सूरत में 15 बीघे ज़मीन हाथ से निकलने नहीं देना चाहता था।

  1. भनक तक न लगना – आभास भी न होना।

भाइयों की गुप्त योजना के बारे में  हरिहर काका को भनक तक न लगी।

  1. जी-जान से जुटना – सख्त मेहनत करना।

महंत जी अपनी योजना को पूर्ण रूप देने के लिए जी-जान से जुट गए।

  1. खून खौलना – क्रोधित होना।

अपने भाई को लहू-लुहान देखकर रमेश का खून खौल उठा

  1. पर्दाफाश होना – भेद खुलना।

एक-न-एक दिन महंत के षड्यंत्र का पर्दाफाश हो ही जाएगा।

  1. दूध की मक्खी होना – अनावश्यक होना।

बुढ़ापे में माँ-बाप परिवार वालों के लिए दूध की मक्खी हो जाते हैं।

  1. पाँव पखारना – चापलूसी करना।

ज़मीन के लालच में महंत हरिहर के पाँव पखारने लगे।

  1. गिद्ध-दृष्टि होना- लालची दृष्टि होना।

हरिहर काका की ज़मीन पर महंत गिद्ध-दृष्टि जमाए बैठे थे।

  1. आँख भर जाना- आँसू आना।

बच्चे को पीड़ा से बिलखते देख मेरी आँखों में आँसू आ गए।

सपनों-के-से दिन

  1. तार-तार होना – बिखर जाना।

उस निर्धन बालक के कपड़े तार-तार हो गए थे।

  1. तरस खाना – दया करना।

अनिल ने भिखारी पर तरस खाकर उसे ऊनी कपड़े दे दिए।

  1. आँख बचाना- छिपाना/छिपना।

चोर ने आँख बचाकर बटुआ उठाने की कोशिश की, लेकिन पकड़ लिया गया।

  1. ढाढ़स बँधाना- तसल्ली देना।

पिता की मृत्यु से दुखी श्याम को ढाढ़स बँधाने वालों की लाइन लग गई।

  1. दिन गिनना – अधीर होना।

विदेश में नौकरी करने वाला सुनील भारत लौटने के लिए दिन गिन रहा है।

  1. सस्ता सौदा – आसान काम।

पहले ज़माने में बच्चे होमवर्क करने की बजाय अध्यापकों की मार को सस्ता सौदा समझते थे।

  1. खाल खींचना – बुरी तरह पिटाई करना।

पीटी मास्टर प्रीतम चंद परेड में गलती करने वाले छात्रों की खाल खींच लेते थे।

  1. चमड़ी उधेड़ना- बहुत पीटना।

पीटी मास्टर प्रीतम चंद परेड में गलती करने वाले छात्रों की चमड़ी उधेड़ देते थे।

  1. छाती धक्-धक् करना – भयभीत होना।

परीक्षा के नाम से मेरी छाती धक्-धक् करने लगती है।

 

टोपी शुक्ला

  1. दिल फड़कना – बेचैन होना।

जब पोते की शादी के दिन आए, तो गाने-बजाने के लिए दादी का दिल फड़कने लगा।

  1. दिल मसोसकर रहना – इच्छा को मन में दबाकर रहना।

मैं शिमला जाना चाहथा था पर पिताजी के मना करने के कारण मुझे दिल मसोसकर घर ही रहना पड़ा।

  1. बरस पड़ना – एकदम से क्रोधित हो जाना।

शिक्षक बच्चों के अत्यधिक शोर मचाने के कारण उन पर बरस पड़े।

  1. मुँह न लगाना – प्यार न करना।

उदंड गौरव को मुहल्ले में कोई भी मुँह नहीं लगाता।

  1. जुल्म ढाना – अत्याचार करना।

अंग्रेज़ों ने भारतीयों पर बहुत जुल्म ढाए थे।

  1. आत्मा में उतरना – गहराई में उतरना।

लालबहादुर शास्त्री की सादगी सभी की आत्मा में उतर गई थी।

  1. स्वर्ग सिधारना – मृत्यु होना।

इफ़्फ़न की दादी स्वर्ग सिधार गईं।

मुहावरे 

  1. अपना उल्लू सीधा करना – स्वार्थ सिद्ध करना
  2. अपनी खिचड़ी अलग पकाना – सबसे अलग रहना
  3. अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना – अपनी प्रशंसा स्वयं करना
  4. अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मारना – स्वयं को हाँनि पहुँचाना
  5. अपने पैरों पर खड़े होना – आत्मनिर्भर होना
  6. अक्ल पर पत्थर पड़ना – बुद्धि भ्रष्ट होना
  7. अक्ल के पीछे लट्ठ लेकर फिरना – मूर्खता प्रदर्शित करना
  8. अँगूठा दिखाना – कोई वस्तु देने या काम करने से इनकार करना
  9. अँधे की लकड़ी होना – एकमात्र सहारा
  10. अच्छे दिन आना – भाग्य खुलना
  11. अंग-अंग फूले न समाना – बहुत खुशी होना
  12. अंगारों पर पैर रखना – साहसपूर्ण तरीके से खतरे में उतरना
  13. आँख का तारा होना – बहुत प्यारा
  14. आँखें बिछाना – अत्यंत प्रेमपूर्वक स्वागत करना
  15. आँखें खुलना – वास्तविकता का बोध होना
  16. आँखों से गिरना – आदर कम होना
  17. आँखों में धूल झोंकना – धोखा देना
  18. आँख दिखाना – क्रोध करना या डराना
  19. आटे-दाल का भाव मालूम होना – बड़ी कठिनाई में पड़ना/ महँगाई का पता चलना
  20. आग बबूला होना – बहुत गुस्सा होना
  21. आग से खेलना – जानबूझ कर मुसीबत मोल लेना
  22. आग में घी डालना – क्रोध भड़काना
  23. आँच न आने देना – हानि या कष्ट न होने देना
  24. आड़े हाथों लेना – खरी-खरी सुनाना
  25. आनाकानी करना – टालमटोल करना
  26. आँचल पसारना – याचना करना
  27. आस्तीन का साँप होना – कपटी मित्र
  28. आकाश के तारे तोड़ना – असंभव कार्य करना
  29. आसमान से बातें करना – बहुत ऊँचा होना
  30. आकाश सिर पर उठाना – बहुत शोर करना
  31. आकाश-पाताल एक करना – कठिन प्रयत्न करना
  32. आँखों की किरकिरी होना – खटकना
  33. आँसू पीकर रह जाना – भीतर ही भीतर दुखी होना
  34. आठ-आठ आँसू गिराना – पश्चात्ताप करना
  35. इधर-उधर की हाँकना – बेमतलब की बातें करना
  36. इतिश्री होना – समाप्त होना
  37. इस हाथ लेना उस हाथ देना – हिसाब-किताब साफ़ करना
  38. ईद का चाँद होना – बहुत दिनों बाद दिखाई देना
  39. ईंट से ईंट बजाना – नष्ट कर देना
  40. ईंट का जवाब पत्थर से देना – कड़ाई से पेश आना
  41. आँसू पोंछना – सांत्वना देना
  42. आँखें तरेरना – क्रोध से देखना
  43. आकाश टूट पड़ना – अचानक विपत्ति आना
  44. आग लगने पर कुआँ खोदना – ऐन मौके पर उपाय करना
  45. उँगली उठाना – निंदा करना/लाँछन लगाना
  46. उन्नीस-बीस का फर्क होना – मामूली फर्क होना
  47. उल्टी गंगा बहाना – प्रचलन के विपरीत कार्य करना
  48. उड़ती चिड़िया के पर गिनना – बहुत अनुभवी होना
  49. उल्लू बनाना – मूर्ख बनाना
  50. उँगली पर नचाना – वश में करना
  51. उल्लू सीधा करना – अपना स्वार्थ देखना
  52. एक और एक ग्यारह होना – एकता में शक्ति होना
  53. एक लाठी से हाँकना – सबसे एक जैसा व्यवहार करना
  54. एक आँख से देखना – समदृष्टि होना/भेदभाव न करना
  55. एड़ी-चोटी का जोर लगाना – बहुत कोशिश करना
  56. एक ही थाली के चट्टे-बट्टे होना – एक प्रवृत्ति के होना
  57. ओखली में सिर देना – जानबूझ कर विपत्ति में फँसना
  58. ओढ़ लेना – जिम्मेदारी लेना
  59. और का और होना – एकदम बदल जाना
  60. औने-पौने बेचना – हानि उठाकर बेचना/जैसे-तैसे बेचना
  61. औघट घाट चलना – सही रास्ते पर न चलना
  62. कंचन बरसना – चारों ओर खूब धन मिलना
  63. काट खाना – सूनेपन का अनुभव
  64. किस्मत ठोकना – भाग्य को कोसना
  65. कंठ का हार होना – प्रिय बनना
  66. काम में हाथ डालना – काम शुरू करना
  67. कूप मंडूक होना – अल्पज्ञ होना
  68. कुएँ में भाँग पड़ना – सब की बुद्धि मारी जाना
  69. कन्नी काटना – आँख बचाकर खिसक जाना
  70. कसौटी पर कसना – परीक्षण करना
  71. कलेजा मुँह को आना – व्याकुल होना/बहुत परेशान होना
  72. कलेजा ठंडा होना – संतुष्ट होना
  73. काम आना – युद्ध में मारा जाना
  74. कान खाना – शोर करना/परेशान करना
  75. कान भरना – चुगली करना
  76. कान में तेल डालना – शिक्षा पर ध्यान न देना/अनसुना करना
  77. कफन सिर पर बाँधना – लड़ने मरने को तैयार होना
  78. किंकर्तव्य विमूढ़ होना – कोई निर्णय न कर पाना
  79. कमर कसना – तैयार होना
  80. कोल्हू का बैल होना – हर समय श्रम करने वाला
  81. कलेजा टूक-टूक होना – दुख पहुँचना
  82. कान कतरना – बहुत चतुराई दिखाना
  83. काम तमाम कर देना – मार देना
  84. कीचड़ उछालना – कलंक लगाना/नीचा दिखाना
  85. कंधे से कंधा मिलाकर चलना – साथ देना
  86. कच्चा-चिट्ठा खोलना – भेद खोलना
  87. कौड़ी के मोल बिकना – बहुत सस्ता होना
  88. कान का कच्चा होना – जल्दी बहकावे में आना
  89. कान पर जूँ न रेंगना – कोई असर न होना
  90. खून खौलना – गुस्सा आना
  91. खून के घूँट पीना – गुस्सा मन में दबा लेना
  92. खून-पसीना एक करना – बहुत मेहनत करना
  93. खाक छानना – भटकना/काफी खोज करना
  94. खेत रहना – युद्ध में मारे जाना
  95. खाक में मिलना – बर्बाद होना
  96. खाक में मिलाना – बर्बाद करना
  97. खून-सूखना – भयभीत होना
  98. कठपुतली की तरह नाचना – किसी के वश में होना
  99. कब्र में पाँव लटकना – मौत के करीब होना
  100. कलम तोड़ना – अत्यधिक मर्मस्पर्शी रचना करना
  101. कलेजा छलनी करना – ताने मारना/व्यंग्य करना
  102. कलेजा थामकर रह जाना – असह्य बात सहन कर रह जाना
  103. कलेजे का टुकड़ा होना – अत्यंत प्रिय/आत्मिक होना
  104. कागज की नाव होना – क्षण-भंगुर होना
  105. कागजी घोड़े दौड़ाना – केवल कागजी कार्यवाही करना
  106. कानों कान खबर न होना – किसी को पता न चलना
  107. कुत्ते की मौत मरना – बुरी दशा में प्राणों का अंत होना
  108. कमर टूटना – सहारा न रहना
  109. कान भरना – किसी के विरूद्ध शिकायत करते रहना
  110. किसी का घर जलाकर अपना हाथ सेंकना – अपने छोटे से स्वार्थ के लिए दूसरों को हाँनि पहुँचाना
  111. कटे पर नमक छिड़कना – दुखी को और अधिक दुखी करना
  112. गुदड़ी का लाल होना – गरीब किंतु गुणवान
  113. गड़े मुर्दे उखाड़ना – बीती बातें छेड़ना
  114. गले पड़ना – जबरन आश्रय लेना
  115. गंगा नहाना – दायित्व से मुक्ति पाना
  116. गिरगिट की तरह रंग बदलना – अवसरवादी होना/निश्चय बदलना
  117. गुड़ गोबर होना – काम बिगड़ना
  118. गुड़ गोबर करना – काम बिगाड़ना/ किया कराया नष्ट करना
  119. गुलछर्रे उड़ाना – मौज उड़ाना
  120. गाल बजाना – अपनी प्रशंसा करना
  121. गागर में सागर भरना – थोड़े में बहुत कुछ कह देना
  122. गाँठ में कुछ न होना – पैसा पास न होना
  123. गला काटना – लोभ में पड़कर हाँनि पहुँचाना
  124. गर्दन पर छुरी फेरना – अत्याचार करना
  125. घाट-घाट का पानी पीना – स्थान-स्थान का अनुभव होना
  126. घाव पर नमक छिड़कना – दुखी को और दुखी करना
  127. घड़ों पानी पड़ना – बहुत लज्जित होना
  128. घी के दीये जलाना – बहुत खुश होना/खुशियाँ मनाना
  129. घर फूँक कर तमाशा देखना – अपना लुटाकर भी मौज करना
  130. घर सिर पर उठाना – बहुत शोर करना
  131. घोड़े बेचकर सोना – निश्चिंत होना
  132. घुटने टेक देना – हार मान लेना
  133. चादर के बाहर पैर पसारना – आय से अधिक व्यय करना
  134. चंगुल में फँसना – किसी के काबू में होना
  135. चोली-दामन का साथ होना – घनिष्ट संबंध होना
  136. चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना – घबरा जाना
  137. चिकनी-चुपड़ी बातें करना – चापलूसी करना/कपट व धोखा
  138. चुल्लूभर पानी में डूब मरना – बहुत शर्मिन्दा होना
  139. चिकना घड़ा होना – अत्यंत बेशर्म
  140. चूड़ियाँ पहनना – कायरता दिखाना
  141. चकमा देना – धोखा देना
  142. चौपट करना – पूर्णरूप से नष्ट करना
  143. चारों खाने चित्त होना – बुरी तरह हारना
  144. चैन की वंशी बजाना – आराम से रहना
  145. चूना लगाना – धोखा देकर ठगना
  146. चार चाँद लगाना – शोभा बढ़ाना
  147. चंपत होना – गायब होना
  148. छठी का दूध याद आना – बड़ी मुसीबत में फँसना
  149. छाती ठोकना – उत्साहित होना
  150. छप्पर फाड़कर देना – बिना परिश्रम के बहुत कुछ पा जाना
  151. छाती पर मूँग दलना – बहुत परेशान करना
  152. छोटे मुँह बड़ी बात करना – अपनी हैसियत से ज्यादा बात करना
  153. छाती पर साँप लोटना – अत्यंत ईर्ष्या करना
  154. छक्के छुड़ाना – पैर उखाड़ देना/बेहाल करना
  155. छाती पर पत्थर रखना – हृदय कठोर करना
  156. जले पर नमक छिड़कना – दुखी का दुख बढ़ाना
  157. जान हथेली पर रखना – मरने की परवाह न करना
  158. जमीन पर पैर न पड़ना – बहुत गर्व करना
  159. जान में जान आना – धीरज बँधना/मुसीबत से छुटकारा पाना
  160. जबानी जमा खर्च करना – गप्पें लड़ाना
  161. जबान पर लगाम लगाना – बहुत कम बोलना
  162. जहर का घूँट पीना – कड़वी बात सुनकर सहन कर लेना
  163. जीती मक्खी निगलना – जान-बूझ कर बेईमानी करना
  164. जान पर खेलना – साहसपूर्ण कार्य करना
  165. जूता चाटना – चापलूसी करना
  166. जहर उगलना – कड़वी बात कहना
  167. झख मारना – समय नष्ट करना
  168. झगड़ा मोल लेना – विवाद में जानबूझ कर पड़ना
  169. जी तोड़ कर काम करना – बहुत मेहनत करना
  170. जी भर आना – दया उमड़ना/चित्त में दुख होना
  171. पगड़ी उछालना – अपमानित करना
  172. टेढ़ी-खीर होना – कठिन काम (कहावत)
  173. टका-सा जवाब देना – साफ़ इनकार करना
  174. टेक निभाना – वचन पूरा करना
  175. टट्टी की आड़ में शिकार खेलना – छिपकर षड्यंत्र रचना
  176. टाट उलट देना – दिवाला निकाल देना
  177. टाँग अड़ाना – व्यर्थ दखल देना
  178. ठगा-सा रह जाना – विस्मित रह जाना
  179. ठकुरसुहाती बातें करना – चापलूसी करना
  180. ठिकाने लगाना – नष्ट कर देना
  181. डूबते को तिनके का सहारा देना – मुसीबत में थोड़ी सहायता भी लाभप्रद
  182. डकार जाना – हड़प लेना/हजम कर जाना
  183. डींग हाँकना – झूठी बड़ाई करना
  184. डूब मरना – शर्म से झुक जाना
  185. डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाना – अपना मत अलग ही रखना
  186. डंका बजना – प्रभाव होना
  187. ढिंढोरा पीटना – प्रचार करना/सूचना देना
  188. ढोल में पोल होना – थोथा या सारहीन
  189. ढोल पीटना – अत्यधिक प्रचार करना
  190. तलवे चाटना – खुशामद करना
  191. तिल का ताड़ करना – छोटी-सी बात को बहुत बढ़ा देना
  192. तूती बोलना – खूब प्रभाव होना
  193. तोते उड़ जाना – घबरा जाना
  194. तेवर चढ़ाना – नाराज होना/त्यौंरी बदलना
  195. तलवार के घाट उतारना – मार डालना
  196. तिलांजलि देना – त्याग देना/छोड़ देना
  197. तितर-बितर होना – अलग-अलग होना
  198. तारे गिनना – बेचैनी में रात काटना
  199. तीन-तेरह करना – तितर-बितर करना
  200. थूक कर चाटना – अपने वचन से मुकरना
  201. थैली खोलना – जी खोलकर खर्च करना
  202. थू-थू करना – घृणा प्रकट करना
  203. दूध का दूध पानी का पानी करना – ठीक न्याय करना
  204. दौड़-धूप करना – खूब प्रयत्न करना
  205. दाँत खट्टे करना – परेशान करना/हरा देना
  206. दाने-दाने को तरसना – बहुत गरीब होना
  207. दाल में काला होना – छल/कपट होना/संदेहपूर्ण होना
  208. दीया लेकर ढ़ूँढ़ना – अच्छी तरह खोजना
  209. दुम दबाकर भागना – डर कर भाग जाना
  210. दाल गलना – काम बनना
  211. दिन में तारे दिखाई देना – घबरा जाना
  212. दाँतों तले उँगली दबाना – आश्चर्यचकित होना
  213. दो-दो हाथ करना – द्वंद्व युद्ध/अंतिम निर्णय हेतु तैयार होना
  214. दो टूक जवाब देना – स्पष्ट कहना
  215. दिन-रात एक करना – खूब परिश्रम करना
  216. द्रौपदी का चीर होना – अनंत/अंतहीन/ बहुत लंबा होना
  217. दिमाग आसमान पर चढ़ना – अत्यधिक गर्व होना
  218. दाँत काटी रोटी होना – अत्यधिक स्नेह होना
  219. दोनों हाथों में लड्डू होना – सर्वत्र लाभ ही लाभ होना
  220. दूसरे के कंधे पर रखकर बंदूक चलाना – दूसरे को माध्यम बनाकर काम करना
  221. दिल छोटा करना – दुखी होना, निराश होना
  222. दिन फिरना – अच्छा समय आना
  223. धूप में बाल पकाना – अनुभव हीन होना
  224. धाक जमाना – रोब जमाना/प्रभाव जमाना
  225. धूल में मिलाना – नष्ट करना
  226. धरती पर पाँव न पड़ना – फूला न समाना अभिमानी होना
  227. धूल फाँकना – दर-दर की ठोकरें खाना
  228. धज्जियाँ उड़ाना – दुर्गति करना, कड़ा विरोध करना
  229. बरस पड़ना – बहुत क्रोधित होकर
  230. नमक-मिर्च लगाना – बात को आकर्षक बनाकर कहना
  231. नानी याद आना – बड़ी कठिनाई में पड़ना/ घबरा जाना
  232. निन्यानवे के फेर में पड़ना – धन इकट्ठा करने की चिंता में रहना
  233. नाम कमाना – प्रसिद्ध होना
  234. नौ-दो ग्यारह होना – भाग जाना
  235. नीला-पीला होना – क्रोध करना
  236. नाक रगड़ना – दीनता प्रदर्शित करना, खुशामद करना
  237. नाक में दम करना – बहुत परेशान करना
  238. नाक-भौं सिकोड़ना – घृणा करना
  239. नाकों चने चबाना – खूब परेशान करना
  240. नाक कटना – बदनामी होना
  241. नुक्ताचीनी करना – दोष निकालना
  242. नाक रख लेना – इज्जत बचाना
  243. नाम निशान तक न बचना – पूर्णरूप से नष्ट हो जाना
  244. नचा देना – बहुत परेशान कर देना
  245. नींव की ईंट होना – प्रमुख आधार होना
  246. पानी मरना – किसी की तुलना में निकृष्ट ठहरना
  247. पैर पटकना – खूब कोशिश करना
  248. पगड़ी उछालना – बेइज्जत करना
  249. पेट पालना – जीवन निर्वाह करना
  250. पहाड़ टूट पड़ना – बहुत मुसीबत आना
  251. पानी पीकर जात पूछना – काम करके फिर जानकारी लेना
  252. पेट में दाढ़ी होना – लड़कपन में बहुत चतुर होना
  253. पैरों तले से जमीन खिसकना – बहुत घबरा जाना, अचानक परेशानी आना
  254. पापड़ बेलना – कड़ी मेहनत करना, विषम परिस्थितियों से गुजरना
  255. प्राण हथेली पर रखना – जान देने के लिए तैयार रहना
  256. पिंड छुड़ाना – पीछा छुड़ाना या बचना
  257. पानी-पानी होना – लज्जित होना
  258. पेट में चूहे कूदना – तेज भूख लगना
  259. पाँचों उँगलियाँ घी में होना – सब ओर से लाभ होना
  260. पीठ ठोकना – शाबाशी देना, हिम्मत बँधाना
  261. फूँक-फूँक कर कदम रखना – सावधानीपूर्वक कार्य करना
  262. फूटी आँखों न सुहाना – बिल्कुल पसंद न होना
  263. फूला न समाना – अत्यधिक खुश होना
  264. पट्टी पढ़ाना – बहका देना, उल्टी राय देना
  265. पेट काटना – बहुत कंजूसी करना
  266. पानीदार होना – इज्जतदार होना
  267. पाँवों में बेड़ी पड़ जाना – बंधन में बँध जाना
  268. बाँह पकड़ना – सहायता करना/सहारा देना
  269. बीड़ा उठाना – कठिन कार्य करने का उत्तरदायित्व लेना
  270. बाल की खाल निकालना – नुक्ताचीनी करना
  271. बात बनाना – बहाना करना
  272. बाँछे खिलना – अत्यधिक प्रसन्न होना
  273. बाल बाँका न होना – कुछ भी नुकसान न होना
  274. बाज न आना – आदत न छोड़ना
  275. बगलें झाँकना – इधर-उधर देखना/निरुत्तर होना
  276. बाएँ हाथ का खेल होना – सरल कार्य
  277. मन में लड्डू फूटना – अत्यधिक प्रसन्न होना
  278. बछिया का ताऊ होना – महामूर्ख होना
  279. भौंह चढ़ाना – क्रुद्ध होना
  280. भूत सवार होना – हठ पकड़ना/काम करने की धुन लगना
  281. भीगी बिल्ली बनना – डरपोक होना
  282. भाड़-झोंकना – तुच्छ कार्य करना/व्यर्थ समय गुजारना
  283. भरी थाली को लात मारना – जीविकोपार्जन के साधन ठुकरा देना
  284. भैंस के आगे बीन बजाना – मूर्ख के समक्ष बुद्धिमानी की बातें करना व्यर्थ
  285. बाल-बाल बचना – कुछ भी हानि न होना
  286. दिन-रात एक करना – बहुत परिश्रम करना
  287. मन खट्टा होना – मन फिर जाना/जी उचाट होना
  288. मन के लड्डू खाना – कोरी कल्पनाएँ करना
  289. मुँह में पानी भर आना – इच्छा होना/जी ललचाना
  290. मुँह में लगाम न लगाना – अनियंत्रित बातें करना
  291. मुट्ठी गर्म करना – रिश्वत देना, लेना
  292. मुँह की खाना – हार जाना/हार मानना
  293. मक्खियाँ मारना – बेकार भटकना/बैठना
  294. मक्खीचूस होना – बहुत कंजूस होना
  295. मुँह पर हवाइयाँ उड़ना – चेहरा फीका पड़ जाना
  296. मन मसोस कर रह जाना – इच्छा को रोकना
  297. मुँह काला करना – कलंकित होना
  298. मुँह की खाना – बातों में हारना/अपमानित होना
  299. मुँहतोड़ जवाब देना – कठोर शब्दों में कहना
  300. मन मारना – उदास होना/इच्छाओं पर नियंत्रण
  301. मुँह मोड़ना – ध्यान न देना
  302. रंग में भंग होना – मजा किरकिरा होना/बाधा होना
  303. राई का पहाड़ बनाना – बात को बढ़ा-चढ़ा देना
  304. रंगा-सियार होना – ढोंगी/धोखेबाज
  305. रोम-रोम खिल उठना – प्रसन्न होना
  306. रौंगटे खड़े होना – डर से रोमांचित होना
  307. रफूचक्कर होना – भाग जाना
  308. रंग दिखाना/जमाना – प्रभाव जमाना
  309. रंगे हाथों पकड़ना – अपराध करते हुए पकड़े जाना
  310. लकीर का फकीर होना – परंपरावादी होना/ अंधानुकरण करना
  311. लोहे के चने चबाना – बहुत कठिन कार्य करना/ संघर्ष करना
  312. लाल-पीला होना – क्रोधित होना
  313. लोहा मानना – बहादुरी स्वीकार करना
  314. खून का घूँट पीना – अपमान सहन करना
  315. लोहा बजाना – शस्त्रों से युद्ध करना
  316. लुटिया डूबो देना – काम बिगाड़ देना
  317. लोहा लेना – युद्ध करना/मुकाबला करना
  318. खून-पसीना एक करना – कठिन परिश्रम करना
  319. लंबा हाथ मारना – धोखाधड़ी से बहुत पैसे बनाना
  320. विष उगलना – किसी के खिलाफ बुरी बात कहना
  321. शहद लगाकर चाटना – तुच्छ वस्तु को महत्त्व देना
  322. शैतान के कान कतरना – बहुत चतुर होना
  323. समझ पर पत्थर पड़ना – अक्ल मारी जाना
  324. सिर धुनना – पछताना/चिंता करना
  325. सिर हथेली पर रखना – मृत्यु की चिंता न करना
  326. सिर उठाना – विद्रोह करना
  327. सितारा चमकना – भाग्यशाली होना
  328. सूरज को दीपक दिखाना – अत्यधिक प्रसिद्ध व्यक्ति का परिचय देना
  329. सब्ज-बाग दिखाना – लोभ देकर बहकाना लालच देकर धोखा देना
  330. सिर पर कफ़न बाँधना – मरने को प्रस्तुत रहना
  331. सिर से बला टालना – मुसीबत से पीछा छुड़ाना
  332. सिर आँखों पर रखना – आदर सहित आज्ञा मानना
  333. सोने की चिड़िया हाथ से निकलना – लाभपूर्ण वस्तु से वंचित रहना
  334. सिक्का जमाना – प्रभाव डालना/प्रभुत्व स्थापित करना
  335. सोने की चिड़िया होना – बहुत धनवान होना
  336. साँप छछुन्दर की गति होना – दुविधा में पड़ना
  337. सीधे मुँह बात तक न करना – बहुत इतराना
  338. सोने में सुगंध होना – एक गुण में और गुण मिलना
  339. सौ-सौ घड़े पानी पड़ना – अत्यंत लज्जित होना
  340. सिर-मूँडना – ठगना/ धोखा देना
  341. हवा से बातें करना – बहुत तेज दौड़ना
  342. हाथ धोकर पीछे पड़ना – बुरी तरह पीछे पड़ना
  343. हाथ तंग होना – धन की कमी या दिक्कत होना
  344. होम करते हाथ जलना – भलाई करने में नुकसान होना
  345. होंठ काट लेना – क्रोध पी जाना
  346. हवाई किले बनाना – थोथी कल्पना करना
  347. हवा हो जाना – भाग जाना
  348. हाथ पाव मारना – प्रयत्न करना
  349. हथियार डाल देना – हार मान लेना/आत्मसमर्पण करना
  350. हाथ पर हाथ धर कर बैठना – निष्क्रिय बनना/बेकार बैठे रहना
  351. हवा के घोड़ों पर सवार होना – बहुत जल्दी में होना
  352. हवा का रूख देखना – समय की गति पहचान कर काम करना
  353. हाथ के तोते उड़ जाना – भौंचक्का रह जाना/होश गँवाना
  354. हाथ खींचना – सहायता बंद करना
  355. हाथ पाँव फूलना – घबरा जाना / विपत्ति में पड़ना
  356. हाथ पैर मारना – मेहनत करना/प्रयत्न करना
  357. हाथ साफ करना – चोरी करना/ठगना/माल मारना
  358. हुक्का पानी बंद करना – बिरादरी से बाहर करना
  359. हथेली पर सरसों जमाना – जल्दबाजी करना
  360. हाथ खींचना – साथ न देना/मदद बंद करना
  361. हाथ धो बैठना – गँवा देना
  362. हाथ पीले करना – विवाह करना
  363. श्री गणेश करना – आरंभ करना

 

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