Prerak Prasang

महात्मा सुकरात का ज्ञान

mahatma sukarat ka gyan hindi short story

जब मुकरात जेल में विष का प्याला पीकर मरने को ही थे, एक शिष्य ने पूछा – “प्रभो, आपको नहलाकर, कफन ओढ़ाकर फिर कहाँ दफन करें?” सुकरात यह सुनकर मुस्कराए, बोले- “शिष्यो, अगर तुम मुझे पा सको, तो जहाँ भी चाहो दफना दो। लेकिन सोचता हूँ, तमाम जिन्दगी-भर मैं स्वयं अपने आपको नहीं पा सका तो तुम मेरी मृत्यु के बाद मुझे कैसे पा सकोगे! मैं इस तरह जिया हूँ कि इस अंतिम वक्त में मुझे यही लगता है कि अपने बारे मे मुझे बाल-भर भी ज्ञान नहीं है।”

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