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मुल्ला नसरुद्दीन का भाषण

mulaa naseruddeen ka bhashan hindi short story

एक बार शहर के लोगों ने मुल्ला नसरुद्दीन को किसी विषय पर भाषण देने के लिए आमंत्रित किया। मुल्ला जब बोलने के लिए मंच पर गया तो उसने देखा कि वहाँ उसे सुनने के लिए आए लोग उत्साह में नहीं दिख रहे थे।

मुल्ला ने उनसे पूछा “क्या आप लोग जानते हैं कि मैं आपको किस विषय पर बताने जा रहा हूँ?” श्रोताओं ने कहा “नहीं।”

मुल्ला चिढ़ते हुए बोला “मैं उन लोगों को कुछ भी नहीं सुनाना चाहता जो ये तक नहीं जानते कि मैं किस विषय पर बात करनेवाला हूँ।” यह कहकर मुल्ला वहाँ से चलता बना।

भीड़ में मौजूद लोग यह सुनकर शर्मिंदा हुए और अगले हफ्ते मुल्ला को एक बार और भाषण देने के लिए बुलाया। मुल्ला ने उनसे दुबारा वही सवाल पूछा – “क्या आप लोग जानते हैं कि मैं आपको किस विषय पर बताने जा रहा हूँ?

लोग इस बार कोई गलती नहीं करना चाहते थे। सबने एक स्वर में कहा – “हाँ।”

मुल्ला फिर से चिढ़कर बोला- “यदि आप लोग इतने ही जानकार हैं तो मैं यहाँ आप सबका और अपना वक्त बर्बाद नहीं करना चाहता।” मुल्ला वापस चला गया।

लोगों ने आपस में बातचीत की और मुल्ला को तीसरी बार भाषण देने के लिए बुलाया। मुल्ला ने तीसरी बार उनसे वही सवाल पूछा। भीड़ में मौजूद लोग पहले ही तय कर चुके थे कि वे क्या जवाब देंगे। इस बार आधे लोगों ने “हाँ” कहा और आधे लोगों ने “नहीं” कहा।

मुल्ला ने उनका जवाब सुनकर कहा “ऐसा है तो जो लोग जानते हैं वे बाकी लोगों को बता दें कि मैं किस बारे में बात करनेवाला था।” यह कहकर मुल्ला अपने घर चला गया।

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