श्री रामकृष्ण परमहंस ने एक बार एक किस्सा सुनाया।
एक योगी अपने गुरु के पास गया और कहने लगा- “मैंने चौदह वर्ष जंगल में रहकर योगाभ्यास किया। फलस्वरूप मैंने पानी के ऊपर चलने की दैवी शक्ति पा ली है— मेरी योग साधना सफल हुई।”
गुरु ने उत्तर दिया- “तुमने क्यों चौदह वर्ष का व्यर्य कष्ट झेला? डेढ़ पैसे में माँझी तुम्हें पार पहुँचा सकता है। तुमने जो सिद्धि पाई है, वह तो सिर्फ डेढ़ पैसे की है।”