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स्वामी विवेकानंदजी मिस्र के काहिरा शहर में

swami viveknand jeein Egypt kahira hindi shrt story

मिस्र के काहिरा शहर में एक बार स्वामी विवेकानंद रास्ता भूल गए और भटकते-भटकते वेश्याओं के गंदे मोहल्ले में जा निकले। दुसंयोग यों रहा कि वेश्याओं ने ग्राहक समझकर उनका भी आह्वान किमा। स्वामीजी निस्संकोच उनके पास गए। किंतु उन तक पहुँचते-पहुँचते उनके अंतर्यामी की करुणा आँखों से टपकने लगी थी। रुद्ध कण्ठ से अपने साथियों को संबोधित करके स्वामीजी बोले,“ये ईश्वर की हतभाग्य सन्तानें हैं। शैतान की उपासना में भगवान को भूल गई हैं।”

करुणा-विह्वल स्वामीजी के इस दिव्य रूप को देखकर वेश्याएँ भी फूट-फूटकर रोने लगीं। एक सप्ताह बाद ही उस मोहल्ले की वेश्याओं ने अपनी नमस्त सम्पत्ति लगाकर उस गन्दी गली को एक सुंदर सड़क में परिणत कर लिया और शीघ्र ही वहाँ एक पार्क, एक मठ ओर एक महिलाश्रम भी निर्मित हो गया।

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