Prerak Prasang

स्वामी सत्यदेव परिव्राजक

Swami_Satyadev paribrajak hindi short story

एक दिन सियेटल (अमरीका) में अखबार बेचने वाले एक छह वर्ष के बालक ने मेरे पास आकर पूछा क्या आप अख़बार खरीदेंगे?”

मैंने उत्तर दिया- “नहीं, मुझे अख़बार नहीं चाहिए।” “केवल एक सेंट ज्यादा नहीं।” बड़े करुण स्वर में वह बोला।

और तब मैंने एक सेंट उसकी ओर बढ़ाते हुए पूछा “क्या तुम्हारे माता-पिता बहुत गरीब हैं?”

उसने तीक्ष्ण विस्मय के साथ मेरी ओर देखा और पूछा- “क्यों?”

“क्योंकि तुम अख़बार बेच रहे हो !” मैंने जवाब दिया।

“क्षमा कीजिएगा, मेरे माता-पिता काफी सम्पन्न है; लेकिन उनकी सम्पत्ति पर निर्भर रहकर में सपने को पंगु बनाना नहीं चाहता।” कहकर यह आगे एक दूसरे सज्जन को और बढ़ गया।

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