पुष्प की अभिलाषा (कविता) माखनलाल चतुर्वेदी

चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ,

चाह नहीं प्रेमीमाला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ,

चाह नहीं सम्राटों के शव पर हे हरि ! डाला जाऊँ,

चाह नहीं देवों के सिर पर चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊँ,

मुझे तोड़ लेना वनमाली

देना उस पथ पर फेंक।

मातृभूमि पर सीस चढ़ाने  

जिस पथ जाएँ वीर अनेक।

चाह – इच्छा।  

सुरबाला – देवकन्या।  

गहना – अलंकार।

ललचाना – प्रलोभित करना।  

शव – लाश। 

इठलाना – गर्व करना।  

भाग्य – किस्मत

पथ – रास्ता

सीस – सिर।  

वनमाली – बाग का माली।

फूल संसार में सबसे सुंदर और प्रिय वस्तु है। उसे देवकन्याएँ अपने को सजाने के लिए इस्तेमाल करती हैं। वह वर-वधू के प्रेम की निशानी के रूप में वरमाला बनता है। राजा – सम्राटों के शव पर चढ़ाया जाता है। देवताओं के सिर पर फूल शोभा पाता है। ये सब बड़े प्रतिष्ठित हैं। लेकिन फूल की इच्छा है कि वह मातृभूमि के लिए अपने प्राण देने वाले सैनिकों के पैरों के नीचे पड़ा रहे। अर्थात् वह मातृभूमि के भक्तों को सबसे ज्यादा चाहता है।

(क) पुष्प की क्या अभिलाषा नहीं है?

उत्तर – पुष्प न ही देवकन्या के गहनों में सुसज्जित होना चाहता है, न ही वर-वधू के वरमाला में सुशोभित होना चाहता है, न ही सम्राटों के शव पर पुष्पांजलि की तरह अर्पित होना चाहता है और न ही पुष्प को देवों के सिर पर चढ़ने की अभिलाषा है।

(ख) पुष्प वनमाली से क्या कहता है?

उत्तर – पुष्प वनमाली से कहता है कि मुझे उस पथ पर फेंक दिया जाए जिस पथ से देश के वीर सैनिक अपनी मातृभूमि की रक्षा करने के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग करने जा रहे हों।

(क) क्या पुष्प देवकन्या के गहने में गूँथा जाना चाहता है?

उत्तर – नहीं, पुष्प देवकन्या के गहने में नहीं गूँथा जाना चाहता है।

(ख) फूल का देवताओं के सिर पर चढ़ना कैसी बात है?

उत्तर – फूल का देवताओं के सिर पर चढ़ना बड़े भाग्य की बात है।

(ग) ‘सैनिक सीस चढ़ाते हैं’ का क्या मतलब है?

उत्तर – ‘सैनिक सीस चढ़ाते हैं’ का मतलब है सैनिक अपने देश के लिए शहीद हो जाते हैं। 

(क) पुष्प सुरबाला के क्या बनना नहीं चाहता?

(i) काजल

(ii) साड़ी

(iii) गहनों में गूँथा जाना

(iv) शीशफूल 

उत्तर – (iii) गहनों में गूँथा जाना

(ख) देवताओं के सिर पर चढ़कर फूल किस पर इठलाना नहीं चाहता?

(i) जीवन

(ii) भाग्य

(iii) उम्र

(iv) रूप

उत्तर – (ii) भाग्य

(ग) किनके शवों पर फूल चढ़ना नही चाहता?

(i) पशुओं के

(ii) पक्षियों के

(iii) सम्राटों के

(iv) नेताओं के

उत्तर – (iii) सम्राटों के

(घ) वीर अपने पथ पर क्यों जाते हैं?

(i) फूल पर पैर रखने

(ii) फूल तोड़ने

(iii) मातृभूमि पर सीस चढ़ाने

(iv) युद्ध क्षेत्र में लड़ने

उत्तर – (iii) मातृभूमि पर सीस चढ़ाने

4. खाली स्थान भरिए :

(i) सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ।

(ii) प्रेमी – माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ।

(iii) देवों के सिर पर चढूँ।

(iv) उस पथ पर तुम देना फेंक।

5. ‘क’ स्तंभ के साथ ‘ख’ स्तंभ का मिलान कीजिए:

‘क’ स्तंभ      ‘ख’ स्तंभ

सुरबाला       गहने

सम्राट         शव

प्रेमीमाला      प्यारी

मातृभूमि       वीर

इन शब्दों के अर्थ लिखिए :

सीस – सिर

सुरबाला – देवकन्या

चाह – इच्छा

वनमाली – बाग का माली

आपके लिए काम :

(क) इस कविता को कंठस्थ कीजिए।

उत्तर – छात्र कविता याद करें।  

(ख) आप मातृभूमि के लिए क्या-क्या करना चाहते हैं?

उत्तर – मैं पढ़-लिखकर एक वैज्ञानिक बनूँगा और देश की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का निर्माण करूँगा और साथ ही साथ आधुनिक हथियारों का भी निर्माण करूँगा।

(ग) आपने कई तरह के फूल देखे होंगे। सफेद, लाल, पीले। ये सुन्दर फूल मुलायम और सुगन्धित होते हैं। अपने आस-पास दीखने वाले कुछ फूलों के नाम लिखिए।

सफेद – कमल, कनेर, राजनीगंधा, अपराजिता    

लाल – कमल, गुलाब, मालती, मंदार   

पीले – सूरजमुखी, गेंदा, नर्गिस, अमलतास, टुलिप  

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