SEBA, Assam Class X Hindi Book, Alok Bhaag-2, Ch. 10 – Kalam Aur Talwaar, Ramdhari Singh, Dinkar,  कलम और तलवार, रामधारी सिंह ‘दिनकर’

रामधारी सिंह दिनकर‘ (1908-1974)

राष्ट्रीयता भावनाओं के मुखर गायक कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का जन्म मुंगेर जिले के सिमरिया गाँव में सन् 1908 में हुआ था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्रामीण पाठशाला में हुई। पटना विश्वविद्यालय से सन् 1933 में आपने बी.ए. की डिग्री हासिल की। एक उच्च विद्यालय के प्रधानाचार्य से लेकर उप रजिस्ट्रार, युद्ध प्रचार विभाग के उप निदेशक, मुजफ्फरपुर के लंगट सिंह कॉलेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष, भागलपुर विश्वविद्यालय के उपकुलपति, भारत सरकार के शिक्षा सलाहकार आदि पदों पर आपने कार्य किया। बाद में वे राज्यसभा के सदस्य मनोनीत किये गये। राष्ट्रीय सेवाओं के लिए आपको ‘पद्मभूषण’ की उपाधि से सम्मानित किया गया। ‘उर्वशी’ महाकाव्य पर आपको ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला था। 1974 ई. में दिनकर जी का निधन हुआ।

बचपन से ही आप ने कविता लिखी थी। ‘दिनकर’ एक विचारक तथा गतिशील कवि थे। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के बाद दिनकर को राष्ट्रकवि के रूप में माना जाता है। रेणुका, हुँकार, रसवंती, सामधेनी, नील कुसुम, कुरुक्षेत्र, रश्मिरथी, उर्वशी, परशुराम की प्रतीक्षा, चक्रवाल आदि दिनकर जी की काव्य कृतियाँ हैं। दिनकरजी की भाषा सरल एवं स्पष्ट है। भावों के अनुकूल शब्दों के प्रयोग में आप निपुण हैं।

कलम और तलवार पाठ का परिचय

‘कलम और तलवार’ नामक प्रस्तुत कविता में राष्ट्रकवि दिनकर ने कलम और तलवार— दोनों की स्वतंत्र सत्ता तथा महत्ता पर प्रकाश डाला है। कलम ज्ञानशक्ति का तथा तलवार दैहिक शक्ति का प्रतीक है। एक ओर, जहाँ कलम के द्वारा मनुष्य ज्ञान का दीप जला सकता है तथा विचारों की शक्ति के द्वारा समाज में नयी चेतना पैदा कर सकता है; वहीं दूसरी ओर युद्ध में विजयी होने के लिए तथा हिंसक पशुओं से आत्मरक्षा हेतु तलवार की आवश्यकता पड़ती है।

कलम और तलवार

दो में से क्या तुम्हें चाहिये, कलम या कि तलवार?

मन में ऊँचे भाव कि तन में शक्ति अजेय अपार?

अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे, मीठे गान?

 या तलवार पकड़ जीतोगे बाहर जा मैदान?

जला ज्ञान का दीप सिर्फ फैलाओगे उजियाली?

अथवा उठा कृपाण करोगे घर की भी रखवाली?

कलम देश की बड़ी शक्ति है भाव जगानेवाली,

दिल ही नहीं दिमागों में भी आग लगाने वाली।

पैदा करती है कलम विचारों के जलते अंगारे,

और प्रज्वलित प्राण देश क्या कभी मरेगा मारे?

लहू गर्म रखने को रखो मन में ज्वलित विचार

हिंस्र जीव से बचने को चाहिये किन्तु, तलवार।

एक भेद है और, जहाँ निर्भय होते नर-नारी,

कलम उगलती आग, जहाँ अक्षर बनते चिनगारी।

जहाँ मनुष्यों के भीतर हरदम जलते हैं शोले,

बाँहों में बिजली होती, होते दिमाग में गोले।

जहाँ लोग पालते लहू में हलाहल की धार,

क्या चिन्ता यदि वहाँ हाथ में हुई नहीं तलवार?

 

कलम और तलवार – व्याख्या सहित

01

दो में से क्या तुम्हें चाहिये, कलम या कि तलवार?

मन में ऊँचे भाव कि तन में शक्ति अजेय अपार?

अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे, मीठे गान?

 या तलवार पकड़ जीतोगे बाहर जा मैदान?

जला ज्ञान का दीप सिर्फ फैलाओगे उजियाली?

अथवा उठा कृपाण करोगे घर की भी रखवाली?

कलम देश की बड़ी शक्ति है भाव जगानेवाली,

दिल ही नहीं दिमागों में भी आग लगाने वाली।

शब्दार्थ

शब्द

हिंदी अर्थ

English Meaning

कलम

लेखन का साधन; विचार, ज्ञान और सृजन की प्रतीक

Pen (symbol of knowledge and expression)

तलवार

युद्ध का हथियार; शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक

Sword (symbol of power and defense)

भाव

भावना, संवेदना, विचार

Emotion, sentiment

अजेय

जिसे कोई हरा न सके, अपराजेय

Invincible, undefeatable

अंध कक्ष

अंधेरा कमरा, जहाँ रोशनी नहीं

Dark room

रचना

बनाना, लिखना, सृजन करना

To compose, to create

मीठे गान

मधुर गीत या कविता

Sweet songs or verses

मैदान

युद्ध या प्रतियोगिता की खुली जगह

Battlefield, open field

ज्ञान का दीप

ज्ञान का प्रतीक दीपक, जो अज्ञान का अंधकार दूर करता है

Lamp of knowledge

उजियाली

रोशनी, प्रकाश

Brightness, light

कृपाण

तलवार या खंजर, रक्षा के लिए हथियार

Sword/dagger

रखवाली

सुरक्षा, रक्षा करना

Guarding, protecting

शक्ति

ताक़त, सामर्थ्य

Strength, power

देश

राष्ट्र, अपनी मातृभूमि

Country, nation

भाव जगानेवाली

भावनाओं को उत्पन्न करने वाली

Emotion-evoking

दिल

हृदय, भावना का स्थान

Heart

दिमाग

मस्तिष्क, सोचने की शक्ति

Mind, intellect

आग लगाने वाली

जो जोश और क्रांति पैदा करे

One that ignites fire or revolution

 

व्याख्या –

यह कविता विचारों और शक्ति के चुनाव पर आधारित है। कवि पाठक से सवाल करते हैं – तुम्हें क्या चाहिए – कलम या तलवार?

कलम का संबंध विचारों की शक्ति है, जो लोगों के मन और दिमाग को बदल सकती है। यह शिक्षा, प्रेरणा और क्रांति का माध्यम है। वहीं तलवार शक्ति और साहस का प्रतीक है, जो युद्ध और रक्षा में काम आती है। कवि पाठक से सवाल करते हैं क्या तुम्हारे अंदर महान विचार हैं या फिर शरीर में अजेय ताक़त? वास्तव में कवि यह दर्शाते हैं कि दोनों ही शक्तियाँ ज़रूरी हैं। वे कहते हैं कि क्या तुम अकेले अँधेरे में बैठकर सुंदर विचार रचोगे या मैदान में उतरकर तलवार से जीत पाओगे? क्या तुम केवल ज्ञान का दीप जलाकर उजियाला फैलाओगे, या जरूरत पड़ने पर हथियार उठाकर घर की रक्षा भी करोगे? यहाँ कवि पाठक की मानसिकता से भी रू-ब-रू होना चाहते हैं। वे पुनः कहते हैं कि कलम बहुत शक्तिशाली है – यह केवल दिल नहीं, दिमाग में भी क्रांति लाती है। यह भावनाओं को प्रेरित करती है और सोच में बदलाव लाती है। एक ओर ज्ञान और भावनाओं की उजियाली फैलाने वाली कलम है, तो दूसरी ओर रक्षा और संघर्ष की प्रतीक तलवार। अंत में, कवि कलम को बड़ी शक्ति मानते हैं क्योंकि यह दिलों और दिमागों में क्रांति ला सकती है।

 

मुख्य संदेश

यह कविता विचार और शक्ति के बीच संतुलन की बात करती है। कवि यह नहीं कहता कि केवल कलम या केवल तलवार ही सही है, बल्कि वह यह दिखाना चाहते हैं कि –

कलम विचारों की, परिवर्तन की शक्ति है।

तलवार रक्षण की, साहस की प्रतीक है।

दोनों का संतुलन ज़रूरी है।

 

 

02

पैदा करती है कलम विचारों के जलते अंगारे,

और प्रज्वलित प्राण देश क्या कभी मरेगा मारे?

लहू गर्म रखने को रखो मन में ज्वलित विचार

हिंस्र जीव से बचने को चाहिये किन्तु, तलवार।

एक भेद है और, जहाँ निर्भय होते नर-नारी,

कलम उगलती आग, जहाँ अक्षर बनते चिनगारी।

जहाँ मनुष्यों के भीतर हरदम जलते हैं शोले,

बाँहों में बिजली होती, होते दिमाग में गोले।

जहाँ लोग पालते लहू में हलाहल की धार,

क्या चिन्ता यदि वहाँ हाथ में हुई नहीं तलवार?

शब्दार्थ

शब्द

हिंदी में अर्थ

English Meaning

पैदा करती है

जन्म देती है, उत्पन्न करती है

Creates, gives birth

विचारों के जलते अंगारे

तीव्र और गर्म विचार, जो क्रांति और उत्साह पैदा करते हैं

Burning sparks of thoughts (fiery ideas)

प्रज्ज्वलित

जलता हुआ, प्रज्वलित, चमकता हुआ

Ignited, blazing

प्राण

जीवन, आत्मा

Life, soul

लहू

खून

Blood

ज्वलित विचार

जलते हुए, जोशीले और ऊर्जावान विचार

Fiery, passionate thoughts

हिंस्र जीव

हिंसा करने वाला प्राणी, क्रूर और आक्रामक व्यक्ति या पशु

Violent creature

भेद

अंतर, फर्क

Difference

निर्भय

बिना डर के, निडर

Fearless

उगलती

बाहर निकालना, प्रकट करना (यहाँ आग उगलना = तीव्र प्रभाव डालना)

Spits out, emits

अक्षर

शब्दों के छोटे इकाई, वर्ण

Letters

चिनगारी

छोटी सी आग की चिंगारी, आरंभिक ज्वाला

Spark

शोले

आग की लपटें, प्रज्वलित भावनाएँ

Flames

बाँहों में बिजली

ताकतवर बाहें, तेज़ और ऊर्जावान शरीर

Power in arms (like electricity)

गोले

विस्फोटक गोलियाँ, यहाँ – विचारों की तीव्रता

Bombs (symbolic for explosive thoughts)

हलाहल

बहुत ज़हरीला विष (पौराणिक सन्दर्भ), यहाँ – बहुत तीव्र भावना या क्रोध का प्रतीक

Deadly poison (Halahal, symbol of rage)

धार

तेज़ी, धारदार होना

Edge, sharpness

चिन्ता

फिक्र, चिंता

Worry

तलवार

शस्त्र, युद्ध का औज़ार

Sword

 

व्याख्या

कविता के इस अंश में कवि कलम और तलवार के महत्त्व को गहराई से प्रस्तुत करते हैं। वे कहते हैं कि कलम केवल शब्द नहीं, बल्कि विचारों के जलते अंगारे अर्थात् तेज और प्रभावशाली विचार पैदा करती हैं जो देशभक्ति और चेतना को प्रज्वलित करते हैं।

कवि मानते हैं कि रक्त को गर्म बनाए रखने अर्थात् उत्साह और जोश से भरपूर रहने के लिए ज्वलित विचार ज़रूरी हैं, लेकिन जब सामने हिंसक दुश्मन हो, तो उससे रक्षा के लिए तलवार का होना भी आवश्यक है।

जहाँ लोग निर्भय और आत्मनिर्भर होते हैं, वहाँ कलम से निकलने वाले शब्द भी आग की तरह होते हैं और अक्षर चिनगारियाँ बन जाते हैं। ऐसे लोगों के अंदर क्रांति की ज्वाला और बाहों में ताक़त होती है; उनके विचार विस्फोटक अर्थात् बम की तरह शक्तिशाली होते हैं।

अंत में, कवि कहते हैं कि अगर लोगों के खून में ही हलाहल अर्थात् ज़हर जैसी शक्ति हो, तो तलवार की अनुपस्थिति कोई चिंता की बात नहीं— क्योंकि उनका मन, विचार और आत्मबल ही सबसे बड़ी शक्ति है।

 

मुख्य संदेश –

कलम विचारों की आग है

तलवार रक्षण की शक्ति है

लेकिन जहाँ विचार ही हथियार बन जाएँ, वहाँ तलवार की जरूरत नहीं होती।

  1. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो :-

(क) कलम किसका प्रतीक है?

उत्तर – कलम विचारों, ज्ञान, सृजन और भावनात्मक शक्ति का प्रतीक है।

(ख) तलवार किसका प्रतीक है?

उत्तर – तलवार शक्ति, साहस, रक्षा और युद्ध के बल का प्रतीक है।

(ग) संसार में कलम और तलवार में से किसकी शक्ति असीम है?

उत्तर – संसार में कलम की शक्ति असीम मानी जाती है क्योंकि यह दिलों और दिमागों में क्रांति ला सकती है।

(घ) मीठे गान की सृष्टि किसके द्वारा होती है?

उत्तर – मीठे गान की सृष्टि कलम के द्वारा होती है, जो सुंदर विचारों और भावनाओं को शब्दों में ढालती है।

(ङ) युद्ध किसके बल पर जीता जा सकता है?

उत्तर – युद्ध तलवार के बल पर जीता जा सकता है, क्योंकि यह बाहुबल और रक्षण की शक्ति का प्रतीक है।

(च) किसमें विचारों की शक्ति होती है?

उत्तर – कलम में विचारों की शक्ति होती है, जो समाज और राष्ट्र को बदलने की क्षमता रखती है।

 

  1. अति संक्षिप्त उत्तर दो (लगभग 25 शब्दों में):-

(क) कलम हमारे किस काम आती है?

उत्तर – कलम हमारे विचारों को व्यक्त करने, ज्ञान फैलाने और समाज में जागरूकता लाने के काम आती है। यह संवेदना, सृजन और क्रांति की शक्ति है।

(ख) तलवार की क्या उपयोगिता है?

उत्तर – तलवार की उपयोगिता देश और समाज की रक्षा में होती है। यह साहस, सुरक्षा और अन्याय के विरुद्ध संघर्ष का प्रतीक मानी जाती है।

(ग) अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे मीठे गानका आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – इसका अर्थ है – एकांत में बैठकर सुंदर और प्रेरणादायक रचनाएँ करना। यह संकेत देता है कि रचनात्मक कार्य मौन, ध्यान और आत्मचिंतन से उपजते हैं।

(घ) कलम विचारों के अंगारे कैसे पैदा करती है?

उत्तर – कलम से निकले शब्द लोगों के मन को झकझोरते हैं। ये विचारों को आंदोलित करते हैं और समाज में बदलाव लाने की चिंगारी बन सकते हैं।

(ङ) अक्षर चिनगारी कैसे बनते हैं?

उत्तर – जब विचार प्रखर और भावनाएँ तीव्र होती हैं, तो लेखन इतना शक्तिशाली हो जाता है कि हर अक्षर आग जैसी चिनगारी बनकर पाठक को प्रभावित करता है।

 

  1. संक्षेप में उत्तर दो (लगभग 50 शब्दों में) :-

(क) हाथों में शस्त्रास्त्र न होने पर भी कलम के द्वारा समाज में फैले भ्रष्टाचार-अनाचार को कैसे दूर किया जा सकता है?

उत्तर – कलम के माध्यम से हम लोगों को जागरूक कर सकते हैं, सच्चाई उजागर कर सकते हैं और अन्याय के विरुद्ध जनमत तैयार कर सकते हैं। लेख, भाषण, कविताएँ और समाचारों के ज़रिए भ्रष्टाचार-अनाचार के विरुद्ध आवाज़ उठाई जा सकती है, जिससे समाज में सुधार संभव है।

(ख) कलम और तलवार में से तुम क्या लेना पसंद करोगे और क्यों?

उत्तर – मैं कलम को लेना पसंद करूँगा क्योंकि यह ज्ञान, विचार और संवेदनशीलता की शक्ति है। कलम से न केवल लोगों को बदला जा सकता है बल्कि समाज में शांति, न्याय और क्रांति लाई जा सकती है। जहाँ तलवार तोड़ती है, वहीं कलम जोड़ने का कार्य करती है।

(ग) इस कविता से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?

उत्तर – इस कविता से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि कलम और विचारों की शक्ति तलवार से भी बड़ी होती है। यदि हमारे विचार सशक्त हैं तो बिना हथियार के भी हम बदलाव ला सकते हैं। यह कविता हमें अपने भीतर की आग को पहचानने और उसे समाजहित में प्रयोग करने की प्रेरणा देती है।

 

  1. सम्यक उत्तर दो (लगभग 100 शब्दों में)

(क) कलम और तलवारकविता का सारांश लिखो।

उत्तर – इस कविता में कवि ने कलम और तलवार के महत्त्व को दर्शाया है। कलम ज्ञान, विचार और भावनाओं की शक्ति है, जबकि तलवार शक्ति, साहस और रक्षा का प्रतीक है। कवि कहते हैं कि कलम दिलों और दिमागों में क्रांति ला सकती है, समाज को जागरूक बना सकती है। वहीं, जब शत्रु सामने हो, तो तलवार भी आवश्यक हो जाती है। अर्थात् कमोबेश आवश्यकता तो कलम और तलवार दोनों की ही बनी रहती हैं पर हमें सभी स्थितियों में प्रयास यही करना चाहिए कि हमारी निर्भरता कलम पर अधिक बनी रहे। 

(ख) कलम और तलवार में किसकी शक्ति अधिक है? तर्क सहित अपना विचार प्रस्तुत करो।

उत्तर – मेरे अनुसार कलम की शक्ति अधिक है, क्योंकि यह समाज को दिशा देती है, अन्याय के विरुद्ध जनमत बनाती है और मानसिक क्रांति लाती है। तलवार क्षणिक विजय दिला सकती है, परंतु कलम स्थायी परिवर्तन लाती है। इसके अलावा भारत देश के लोग सदा से शांतिप्रिय और अहिंसा का पालन करने वालों में से रहे हैं। इस दृष्टि से भी भारतवासी कलम का साथ देना और कलम के सान्न्धिय में रहना ज्यादा हितकर मानते हैं।

 

  1. सप्रसंग व्याख्या करो :-

(क) अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे मीठे गान?

या तलवार पकड़ जीतोगे बाहर जा मैदान?

उत्तर – प्रसंग – प्रस्तुत कविता के अंश कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी की कविता ‘कलम और तलवार’ से उद्धृत है।

व्याख्या-

यह पंक्तियाँ कवि द्वारा प्रस्तुत द्वंद्व को दर्शाती हैं — क्या व्यक्ति एकांत में बैठकर सुंदर रचनाएँ करेगा या साहस दिखाकर मैदान में उतरेगा और विजय प्राप्त करेगा?

कवि का भाव यह है कि जीवन में कभी–कभी केवल कलम से नहीं, बल्कि तलवार जैसे साहसिक कदमों की भी ज़रूरत पड़ती है। समाज को बदलने के लिए कलम की शक्ति आवश्यक है, परंतु जब संघर्ष सामने हो, तो मैदान में उतरना भी ज़रूरी है। यह प्रश्न शैली में प्रेरणादायक आह्वान है – आत्ममंथन करने के लिए।

(ख) लहू गर्म रखने को रखो मन में ज्वलित विचार,

हिंस्र जीव से बचने को चाहिए किंतु, तलवार।

उत्तर – प्रसंग – प्रस्तुत कविता के अंश कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी की कविता ‘कलम और तलवार’ से उद्धृत है।

व्याख्या –

इस पंक्ति में कवि कहते हैं कि मन में सदैव तेज़, ऊर्जावान और प्रखर विचार होने चाहिए ताकि जीवन में उत्साह बना रहे। ये विचार लहू को ‘गर्म’ यानी जोशीला बनाए रखते हैं। लेकिन साथ ही, कवि यह भी मानते हैं कि जब हिंसक, अमानवीय शक्तियाँ सामने हों, तो केवल विचार पर्याप्त नहीं, तब आत्मरक्षा के लिए तलवार अर्थात् बाहुबल की आवश्यकता भी होती है। कहने का आशय यह है कि यह संतुलन की बात है — विचारों से जीवन जीओ, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर शक्ति का प्रयोग भी करो।

(ग) जहाँ लोग पालते लहू में हलाहल की धार,

क्या चिंता यदि वहाँ हाथ में हुई नहीं तलवार?

उत्तर – प्रसंग – प्रस्तुत कविता के अंश कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी की कविता ‘कलम और तलवार’ से उद्धृत है।

व्याख्या –

यहाँ कवि उन लोगों की बाते करते हैं जिनमें आत्मबल, साहस और प्रतिकार की भावना स्वयं के रक्त में ही प्रवाहित होती है। ‘हलाहल की धार’ से तात्पर्य है – ऐसा विषैला क्रोध या शक्ति, जो अन्याय को सहन नहीं करता। ऐसे लोगों को बाहरी हथियार की ज़रूरत नहीं पड़ती, क्योंकि उनका आत्मबल ही तलवार के समान तेज़ होता है। कहने का आशय यह है कि यदि मनुष्य के भीतर आंतरिक शक्ति, विचारों का विष और प्रतिरोध का जज़्बा हो, तो उसे बाहरी हथियार की आवश्यकता नहीं होती।

भाषा एवं व्याकरण ज्ञान

  1. निम्नांकित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखो-

घर, तलवार, दीप, लहू, बिजली, तन, अपार, शक्ति

उत्तर – घर – निवास, भवन

तलवार – कृपाण, शमशीर

दीप – दीया, प्रदीप

लहू – रक्त, शोणित

बिजली – विद्युत, तड़ित

तन – शरीर, काया

अपार – अथाह, असीम

शक्ति – बल, सामर्थ्य

  1. एक ही शब्द के कई-कई अर्थ होते हैं इन्हें अनेकार्थी शब्दकहते हैं।

यथा- पानीके चार अर्थ होते हैं- जल, शान, चमक और प्रतिष्ठा।

निम्नांकित शब्दों के दो-दो अर्थ लिखो-

कलम, कक्षा, मैदान, अक्षर

उत्तर – 1. कलम

लेखन का उपकरण —  मैं कलम से कविता लिखता हूँ।

लेखनी / विचारों की शक्ति —  उनकी कलम ने समाज को जागरूक किया।

  1. कक्षा

पढ़ाई का कमरा (क्लासरूम) —  विद्यार्थी कक्षा में पढ़ रहे हैं।

मार्ग/रास्ता  —  पृथ्वी की कक्षा में अनेक उल्काएँ पिंड आती रहतीं है।

  1. मैदान

खुली समतल जगह —  बच्चे मैदान में खेल रहे हैं।

संघर्ष या प्रतियोगिता की जगह —  राजनीति का मैदान गर्म है।

  1. अक्षर

वर्ण या वर्णमाला का इकाई —  ‘अ’ एक अक्षर है।

अमिट या नाशरहित (जो कभी न मिटे) —  उसकी बातें मेरे मन में अक्षर हो गईं।

 

योग्यता- विस्तार

  1. कलम और तलवार की उपयोगिताविषय पर एक निबंध लिखने का प्रयास करो।

उत्तर – कलम और तलवार की उपयोगिता

भूमिका –

मानव सभ्यता के विकास में दो शक्तियों की भूमिका सबसे महत्त्वपूर्ण रही है – कलम और तलवार। ये दोनों प्रतीक हैं — एक विचारों और ज्ञान का, तो दूसरी साहस और शक्ति का। इतिहास गवाह है कि कभी तलवारों ने साम्राज्य बनाए, तो कभी कलम ने क्रांतियाँ और नवचेतना की लहरें पैदा कीं।

कलम की उपयोगिता –

कलम विचारों की शक्ति है। यह समाज को दिशा देती है, नई सोच को जन्म देती है और बदलाव की नींव रखती है। महापुरुषों ने कलम के माध्यम से लोगों के दिलों-दिमागों को जागरूक किया। समाचार पत्र, पुस्तकें, भाषण, कविताएँ — सब कलम की देन हैं। यह शांति, शिक्षा और संस्कृति की वाहक है।

तलवार की उपयोगिता –

तलवार साहस, बल और सुरक्षा का प्रतीक है। जब अन्याय, अत्याचार या युद्ध जैसी स्थितियाँ आती हैं, तो देश और धर्म की रक्षा के लिए तलवार आवश्यक हो जाती है। इतिहास में महाराणा प्रताप, शिवाजी, और रानी लक्ष्मीबाई जैसे वीरों ने तलवार के बल पर स्वतंत्रता की रक्षा की।

द्वंद्व नहीं, संतुलन जरूरी –

कलम और तलवार में कोई श्रेष्ठ नहीं है, दोनों की उपयोगिता अपने-अपने स्थान पर महत्त्वपूर्ण है। जहाँ कलम मन को जीतती है, वहीं तलवार समय आने पर देश को सुरक्षित रखती है। बुद्धि और बल का संतुलन ही सही मार्ग है।

निष्कर्ष –

समाज के निर्माण और रक्षण के लिए कलम और तलवार दोनों आवश्यक हैं। कलम विचारों से क्रांति लाती है, और तलवार आवश्यकता पड़ने पर उसे सुरक्षित रखती है। अतः हमें दोनों की शक्ति को समझकर सही समय पर सही उपयोग करना चाहिए।

  1. कलम देश की बड़ी शक्ति है।इस विषय पर अपनी कक्षा में एक परिचर्चा आयोजित करो।

उत्तर – प्रस्तावना (संचालक द्वारा) –

नमस्कार साथियों!

आज की हमारी परिचर्चा का विषय है – “कलम देश की बड़ी शक्ति है।”

यह विषय न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि हमें सोचने पर मजबूर करता है कि विचारों, लेखन और ज्ञान का समाज पर कितना गहरा प्रभाव पड़ता है। आइए, इस विषय पर हम सभी अपने-अपने विचार प्रस्तुत करें।

विद्यार्थी 1 –

मेरा मानना है कि कलम एक शांत परंतु शक्तिशाली अस्त्र है। यह समाज में क्रांति ला सकती है। महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, डॉ. अम्बेडकर जैसे नेताओं ने अपने विचारों से देश को नई दिशा दी, और यह सब उन्होंने कलम की ताकत से किया।

विद्यार्थी 2 –

मैं जोड़ना चाहूँगा कि कलम शिक्षा का माध्यम है। जब कोई बच्चा लिखना सीखता है, तो वह अपने जीवन की सबसे बड़ी ताकत को पकड़ लेता है — ज्ञान। यह ज्ञान ही आगे चलकर उसे देश का एक जिम्मेदार नागरिक बनाता है।

विद्यार्थी 3 –

कलम न केवल ज्ञान देती है, बल्कि समाज में व्याप्त बुराइयों के खिलाफ आवाज भी उठाती है। पत्रकार, लेखक, कवि — सब कलम के माध्यम से सच को सामने लाते हैं। यही वजह है कि कलम को “क्रांति की जननी” भी कहा गया है।

विद्यार्थी 4 –

मेरा मत है कि जहाँ तलवार एक समय पर सीमित जीत दिला सकती है, वहीं कलम की विजय स्थायी होती है। कलम लोगों के दिल और दिमाग को बदलती है। यह परिवर्तन दीर्घकालीन और शांतिपूर्ण होता है।

उपसंहार (संचालक द्वारा) –

सभी के विचार बहुत प्रेरणादायक और विचारोत्तेजक थे। हम कह सकते हैं कि कलम सचमुच देश की सबसे बड़ी शक्ति है। यह विचारों को, संघर्षों को और भविष्य को आकार देने का माध्यम है। हमें अपनी लेखनी का सदुपयोग कर समाज को बेहतर बनाना चाहिए।

  1. कवि दिनकर ने प्रस्तुत कविता में कहा है हिंस्र जीव से बचने को चाहिए किंतु तलवार।परंतु आज के संदर्भ में यदि देखा जाए तो उन हिंसक पशुओं को मनुष्य से ही खतरा उत्पन्न हो गया है। क्या तुम बता सकते हो कि आज मानव उन हिंसक पशुओं को किस प्रकार हानि पहुँचा रहा है?

उत्तर – बहुत अच्छा और विचारशील प्रश्न है। कवि दिनकर ने कविता में कहा है कि हिंस्र जीव से बचने के लिए तलवार चाहिए, लेकिन आज के समय में हालात बिलकुल उलट हो गए हैं — अब हिंस्र पशु नहीं, बल्कि स्वयं मनुष्य ही पशुओं के लिए ख़तरा बन गया है। आइए देखें कि आज मानव कैसे इन जीवों को हानि पहुँचा रहा है –

  1. वनों की अंधाधुंध कटाई (Deforestation) –

मनुष्य अपने लाभ के लिए जंगल काट रहा है, जिससे वन्य पशुओं का प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहा है। वे भोजन और पानी की तलाश में गाँवों और शहरों की ओर आने को मजबूर हो जाते हैं।

  1. अवैध शिकार (Poaching) –

कई हिंस्र पशुओं जैसे बाघ, शेर, हाथी आदि का शिकार सिर्फ उनकी खाल, दाँत या सींग के लिए किया जाता है। यह न केवल अमानवीय है, बल्कि उनकी प्रजातियों को भी संकट में डाल रहा है।

  1. प्रदूषण और प्लास्टिक –

नदियों, जंगलों और वातावरण में फैलाया गया प्रदूषण और प्लास्टिक वन्य जीवों के जीवन को सीधे प्रभावित कर रहा है। वे प्लास्टिक खाकर बीमार हो जाते हैं या मर जाते हैं।

  1. चिड़ियाघर और सर्कस में कैद –

मनुष्य अपने मनोरंजन के लिए इन पशुओं को बंदी बनाकर चिड़ियाघरों और सर्कस में रखता है, जो उनकी स्वतंत्रता और जीवन के मूल स्वभाव का अपमान है।

  1. जलवायु परिवर्तन (Climate Change) –

मानव गतिविधियों के कारण जलवायु में जो बदलाव आ रहे हैं, वे भी वन्यजीवों के जीवन को संकट में डाल रहे हैं। तापमान बढ़ने से उनकी जीवनशैली और पर्यावरण प्रभावित होता है।

निष्कर्ष –

आज के समय में मनुष्य ही हिंस्र पशुओं के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है। दिनकर जी की पंक्ति अब एक नए अर्थ में हमें चेतावनी देती है कि हमें अपनी ताकत को संयमित करना चाहिए और वन्य जीवन की रक्षा करनी चाहिए, वरना प्रकृति हमसे बदला जरूर लेगी।

 

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