प्रश्न
- चित्र में क्या दिखायी दे रहा है?
उत्तर – चित्र में एक छात्रा कुत्ते के पिल्ले को उठाए हुए हैं।
- जीव-जंतुओं के प्रति हमें कैसी भावना रखनी चाहिए?
उत्तर – जीव-जंतुओं के प्रति हमें ममता और अपनत्व की भावना रखनी चाहिए।
- प्रकृति के संरक्षण में हम क्या योगदान दे सकते हैं?
उत्तर – प्रकृति के संरक्षण में हम अनेक तरह से योगदान दे सकते हैं, जैसे- कचरा कूड़ेदान में डालें, वृक्षों को न काटें वरन् वृक्षारोपण करें, प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग न के बराबर करें, जल का अपव्यव करने से बचें इत्यादि।
उद्देश्य
भाषण की जानकारी प्राप्त कर भाषण कला में निपुण बनना।
पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयास करना।
बदलें अपनी सोच
संयुक्त राष्ट्र संघ में पहली बार ऐसा हुआ। तेरह वर्ष की एक लड़की ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया। किसी के पास भी उसके सवालों का जवाब नहीं था। अपने सवालों से सबको सोचने पर मजबूर करने वाली उस लड़की का नाम युगरत्ना श्रीवास्तव है। भारत की इस लाड़ली पर सबको गर्व है।
सितंबर, 2009 में संयुक्त राष्ट्र संघ में युगरत्ना श्रीवास्तव ने भाषण देते हुए इस तरह कहा- “हिमालय पिघलता जा रहा है। ध्रुवीय भालू मरते जा रहे हैं। हर पाँच में से दो व्यक्तियों को पीने का साफ़ पानी नहीं मिलता है। आज हम उन पेड़-पौधों को खोने की कगार पर हैं, जो लुप्त होते जा रहे हैं। प्रशांत महासागर के पानी का स्तर बढ़ता ही जा रहा है।
क्या हम अपने भविष्य की पीढ़ी को यही देने जा रहे हैं? बिल्कुल नहीं। हमारे पूर्वजों ने हमें स्वच्छ और स्वस्थ ग्रह दिया था और हम क्या कर रहे हैं? हम अपने भविष्य की पीढ़ी को प्रदूषित और बिगड़ी हुई धरती देने जा रहे हैं? क्या ऐसा करना ठीक है? सोचो ध्यान लगाकर सोचो।
आदरणीय सभाजनो! अब समय आ गया है कि हम कुछ क़दम उठायें। हमें अपनी धरती बचानी होगी। अपने लिए ही नहीं, बल्कि भविष्य के लिए भी।
यह काम यहाँ नहीं होगा, तो कहाँ होगा? अब नहीं होगा, तो कब होगा? हम नहीं करेंगे, तो कौन करेगा? हमारा आपसे निवेदन है- आप हमारी आवाज़ सुनें। भविष्य के लिए मज़बूत इरादों की ज़रूरत है। मज़बूत नेतृत्व की ज़रूरत है।
हाइटेक समाज बना लेने या बैंकों में करोड़ों रुपये जमा करने से हम अपनी धरती नहीं बचा सकते।
यहाँ हम पर्यावरण की समस्या सुलझाने के लिए ही एकत्रित नहीं हुए बल्कि लोगों की सोच बदलने के लिए भी एकत्रित हुए हैं।
अब हर बालक को पर्यावरण की शिक्षा के प्रति जागरूक करना होगा। हर कक्षा की किताबों में पर्यावरण के पाठ अवश्य होने चाहिए। विकास को रोकने के लिए मैं नहीं कहती। मैं यह कहना चाहती हूँ- जैवमित्र तकनीकों में बढ़ोतरी होनी चाहिए जो सस्ती और अच्छी हो। ऐसे संसाधनों का उपयोग होना चाहिए जो पुनः प्राप्त किये जा सकते हैं।
मैं दुनिया के सभी नेताओं से दो प्रश्न पूछना चाहती हूँ-
क्या पर्यावरणीय समस्याओं की पहचान किसी भौगोलिक, राजनैतिक सीमाओं और आयु समूहों के दायरे में होती है? मेरा उत्तर निश्चित तौर पर नहीं है। इसीलिए तो संयुक्त राष्ट्र संघ है। वे ऐसे मुद्दों पर एक-दूसरे से बातचीत करवायें। इस बातचीत में बच्चों और युवकों की आवाज़ भी शामिल की जाय।
यदि राष्ट्र की सुरक्षा, शांति और आर्थिक विकास ही आप के लिए ज़रूरी है, तो पर्यावरण बदलाव ज़रूरी मुद्दा क्यों नहीं होना चाहिए? मैं आशा करती हूँ कि संयुक्त राष्ट्र संघ मानवीय दृष्टिकोण से सोचेगा। पुरानी बातों को भुलाकर नये क़दम उठायेगा। अब हमारे हाथ में केवल वर्तमान और भविष्य हैं। अब हमें कुछ ऐसा करना होगा, जिससे भविष्य का संरक्षण हो।
आदरणीय नेता गण ! जब आप कोई नीति बनायें तो हम नादान बच्चों और लुप्त होते जानवरों के बारे में भी सोचें।
महात्मा गाँधी ने कहा था- “धरती के पास सभी की आवश्यकताओं की पूर्ति करने की क्षमता है। किसी के लालच की नहीं।”
पक्षी आसमान में उड़ता है, मछली पानी में तैरती है, चीता तेज़ी से दौड़ता है लेकिन ईश्वर ने हमें वरदान के रूप में सोचने के लिए बुद्धि दी है। इससे हम परिवर्तन और सुधार दोनों ला सकते हैं। चलो अब हम आगे बढ़ें। अपनी जन्मभूमि को बचा लें … अपने घर को बचा लें … अपनी धरती माँ को बचा लें …
धन्यवाद।”
शब्द | हिंदी अर्थ | तेलुगु अर्थ | अंग्रेज़ी अर्थ |
संयुक्त राष्ट्र संघ | राष्ट्रों का संगठन | ఐక్యరాజ్యసమితి | United Nations |
भाषण | वक्तव्य, प्रवचन | ప్రసంగం | Speech |
ध्रुवीय | ध्रुव संबंधी | ధ్రువ | Polar |
भालू | रीछ | ఎలుగుబంటి | Bear |
लुप्त | विलुप्त, समाप्त | నశించిపోయిన | Extinct |
प्रशांत महासागर | सबसे बड़ा महासागर | శాంత సముద్రం | Pacific Ocean |
पीढ़ी | नस्ल, वंश | తరం | Generation |
पर्यावरण | वातावरण, प्रकृति | పర్యావరణం | Environment |
प्रदूषित | दूषित, गंदा | కలుషితమైన | Polluted |
बिगड़ी हुई | खराब, असंतुलित | క్షీణించిన | Deteriorated |
सभाजनों | उपस्थित लोग, सदस्य | సభ సభ్యులు | Assembly Members |
नेतृत्व | अगुवाई, मार्गदर्शन | నాయకత్వం | Leadership |
हाइटेक | अत्याधुनिक तकनीक | అధునాతన సాంకేతికత | High-tech |
सुलझाना | हल निकालना | పరిష్కరించు | Solve |
जागरूक | सचेत, सतर्क | అప్రమత్తమైన | Aware |
कक्षा | पाठशाला का कमरा | తరగతి | Classroom |
पाठ | अध्याय, विषय | పాఠం | Lesson |
विकास | उन्नति, प्रगति | అభివృద్ధి | Development |
जैवमित्र | पर्यावरण हितैषी | జీవహితైషి | Eco-friendly |
संसाधन | स्रोत, उपाय | వనరులు | Resources |
पुनः प्राप्त | फिर से पाना | మళ్లీ పొందుట | Reusable |
भौगोलिक | भूगोल संबंधी | భౌగోళిక | Geographical |
राजनीतिक | सत्ता से जुड़ा | రాజకీయ | Political |
सीमा | हद, परिधि | హద్దు | Boundary |
दायरा | क्षेत्र, परिधि | పరిధి | Scope |
सुरक्षा | रक्षा, बचाव | భద్రత | Security |
शांति | शांति, सुकून | శాంతి | Peace |
आर्थिक | वित्तीय, धन संबंधी | ఆర్థిక | Economic |
बदलाव | परिवर्तन | మార్పు | Change |
दृष्टिकोण | विचार, नजरिया | దృష్టికోణం | Perspective |
नादान | भोला, अनुभवहीन | అజ్ఞాని | Innocent |
महात्मा | संत, पूजनीय व्यक्ति | మహాత్మా | Great Soul |
आवश्यकता | ज़रूरत, मांग | అవసరం | Necessity |
लालच | लोभ, स्वार्थ | దురాశ | Greed |
आसमान | गगन, नभ | ఆకాశం | Sky |
वरदान | आशीर्वाद, उपहार | వరం | Blessing |
बुद्धि | समझ, विवेक | బుద్ధి | Intelligence |
परिवर्तन | बदलाव, संशोधन | మార్పు | Transformation |
सुधार | उन्नति, संशोधन | మెరుగుదల | Improvement |
जन्मभूमि | जन्म स्थान | జన్మభూమి | Motherland |
संरक्षण | बचाव, रक्षा | రక్షణ | Conservation |
बदलें अपनी सोच – पाठ का सार
सितंबर 2009 में संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की युगरत्ना श्रीवास्तव ने एक प्रभावशाली भाषण दिया, जिसमें उन्होंने पर्यावरण संकट पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि हिमालय पिघल रहा है, ध्रुवीय भालू विलुप्त हो रहे हैं, लाखों लोगों को साफ पानी नहीं मिल रहा है, और प्रशांत महासागर का जलस्तर बढ़ रहा है। उन्होंने नेताओं से सवाल किया कि क्या वे आने वाली पीढ़ियों को एक प्रदूषित और असंतुलित धरती सौंपना चाहते हैं? उन्होंने आग्रह किया कि पर्यावरण को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ, और शिक्षा प्रणाली में पर्यावरण जागरूकता को अनिवार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि जैवमित्र तकनीकों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और नवीकरणीय संसाधनों का अधिक उपयोग होना चाहिए। युगरत्ना ने संयुक्त राष्ट्र से अनुरोध किया कि वे पर्यावरणीय मुद्दों को भी उतना ही महत्त्वपूर्ण समझें जितना कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास। उन्होंने महात्मा गांधी के शब्दों को याद दिलाते हुए कहा कि धरती सभी की जरूरतें पूरी कर सकती है, लेकिन किसी के लालच को नहीं। अंत में, उन्होंने सभी से अपनी सोच बदलने और धरती को बचाने का आह्वान किया।
अर्थग्राह्यता-प्रतिक्रिया
(अ) प्रश्नों के उत्तर बताइए।
- इस धरती पर पेड़-पौधों का होना क्यों आवश्यक है? प्रकृति संरक्षण के लिए आप कौन- कौन से क़दम उठायेंगे?
उत्तर – पेड़-पौधे पृथ्वी पर जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं क्योंकि वे ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, जलवायु संतुलन बनाए रखते हैं और जीव-जंतुओं को आश्रय देते हैं। प्रकृति संरक्षण के लिए मैं पेड़ लगाऊँगा, जल और ऊर्जा की बचत करूँगा, प्लास्टिक का कम उपयोग करूँगा और लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करूँगा।
- युगरत्ना के सवालों के बारे में अपने विचार बताइए।
उत्तर – युगरत्ना के सवाल बहुत गहरे और सोचने पर मजबूर करने वाले हैं। उन्होंने पर्यावरण की गंभीर समस्याओं को सामने रखते हुए भविष्य की पीढ़ियों की चिंता जताई। उनके विचार प्रेरणादायक हैं और हमें अपनी सोच और आदतों में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करते हैं।
(आ) पाठ के आधार पर वाक्यों का सही क्रम पहचानिए।
- हमें अपनी धरती बचानी होगी।
उत्तर – (2)
- अपने घर को बचा लें… अपनी धरती माँ को बचा लें…
उत्तर – (4)
- हर कक्षा की किताबों में पर्यावरण के पाठ अवश्य होने चाहिए।
उत्तर – (3)
- हमारे पूर्वजों ने हमें स्वच्छ और स्वस्थ ग्रह दिया था।
उत्तर – (1)
(इ) अनुच्छेद पढ़िए। इसके आधार पर तीन प्रश्न बनाइए।
कहाँ से आता है हमारा पानी और फिर कहाँ चला जाता है हमारा पानी? हमने कभी इसके बारे में कुछ सोचा है? सोचा तो नहीं होगा शायद, पर इस बारे में पढ़ा ज़रूर है। भूगोल की किताब पढ़ते समय जलचक्र जैसी बातें हमें बतायी जाती हैं। बताते समय सूरज, समुद्र, बादल, हवा, धरती फिर बरसात की बूँदें और लो फिर बहती हुई एक नदी और उसके किनारे बसा तुम्हारा, हमारा घर, गाँव या शहर। चित्र के दूसरे भाग में यही नदी अपने चारों तरफ़ का पानी लेकर उसी समुद्र में मिलती दिखाई देती है।
प्रश्न 01- पानी कहाँ से आता है और कहाँ चला जाता है?
प्रश्न 02- जलचक्र के कौन-कौन से चरण होते हैं?
प्रश्न 03- नदी के पानी का उपयोग कैसे किया जाता है?
(ई) इन प्रश्नों के उत्तर तीन वाक्यों में दीजिए।
- पर्यावरण के बिगड़ने से क्या हानि होती है?
उत्तर – पर्यावरण के बिगड़ने से जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाएँ और जीव-जंतुओं का विनाश होता है। प्रदूषण के कारण शुद्ध हवा और पानी की कमी हो जाती है। इससे मानव जीवन और कृषि उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
- प्रदूषण रोकने के उपाय क्या हैं?
उत्तर – प्रदूषण रोकने के लिए अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए और वाहनों से निकलने वाले धुएँ को कम करना चाहिए। कारखानों से निकलने वाले रसायनों का उचित निपटान करना चाहिए। प्लास्टिक का कम उपयोग करके और जल संसाधनों की रक्षा करके प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
अभिव्यक्ति-सृजनात्मकता
(अ) इन प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
- पर्यावरण के बिगड़ने से आगामी भविष्य में और कैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं?
उत्तर – यदि पर्यावरण की स्थिति नहीं सुधारी गई, तो ग्लोबल वार्मिंग बढ़ेगी, जिसके कारण बर्फ पिघलने से समुद्र का जलस्तर बढ़ जाएगा। जल संकट उत्पन्न होगा, वायु प्रदूषण के कारण बीमारियाँ बढ़ेंगी और जैव विविधता नष्ट हो जाएगी।
- जल संरक्षण कैसे किया जा सकता है?
उत्तर – जल संरक्षण के लिए वर्षा जल संचयन करना चाहिए और नदियों को स्वच्छ रखना चाहिए। पानी के दुरुपयोग को रोकने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना चाहिए। कृषि और घरेलू कार्यों में जल का सीमित और पुन: उपयोग करना चाहिए। कारखानों का कचरा न ही समुद्र में और न ही किसी जलाशयों में फेंका जाना चाहिए।
- युगरत्ना के स्थान पर आप होते तो कौन-कौन से प्रश्न उठाते?
उत्तर – मैं नेताओं से पूछता कि वे पर्यावरण संरक्षण के लिए कौन-कौन सी नीतियाँ बना रहे हैं? मैं यह भी पूछता कि प्रदूषण रोकने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वे किस तरह की तकनीकों को बढ़ावा दे रहे हैं? इसके अलावा, मैं चाहता कि पर्यावरण शिक्षा को स्कूलों में अनिवार्य किया जाए।
(आ) इस भाषण – लेख का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर – युगरत्ना श्रीवास्तव ने संयुक्त राष्ट्र संघ में पर्यावरण को बचाने के लिए एक प्रभावशाली भाषण दिया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण जैसी समस्याओं पर सभी को सोचने पर मजबूर किया। उन्होंने कहा कि हमें अपनी धरती को बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने होंगे। उन्होंने नेताओं से अनुरोध किया कि वे नीतियाँ बनाते समय पर्यावरण और भविष्य की पीढ़ियों का ध्यान रखें। उनका भाषण हमें यह सीख देता है कि हम सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और धरती को बचाने के लिए एकजुट होकर कार्य करना चाहिए।
(इ) ‘प्रकृति संरक्षण‘ पर पाँच नारे लिखिए।
उत्तर – “पेड़ लगाओ, धरती बचाओ!”
“स्वच्छ पर्यावरण, स्वस्थ जीवन!”
“जल है तो कल है!”
“प्रकृति की रक्षा, जीवन की सुरक्षा!”
“धरती को हरा-भरा बनाओ, प्रदूषण को दूर भगाओ!”
(ई) युगरत्ना के भाषण में तुम्हें कौन-सी बात सबसे अच्छी लगी और क्यों?
उत्तर – युगरत्ना के भाषण में सबसे अच्छी बात यह थी कि उन्होंने पर्यावरणीय समस्याओं को सिर्फ वैज्ञानिक दृष्टि से नहीं, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी समझाया। उन्होंने सभी को यह सोचने पर मजबूर किया कि हम अपनी अगली पीढ़ी के लिए कैसी दुनिया छोड़ रहे हैं। उनका यह कथन – “अगर हम अभी नहीं करेंगे, तो कब करेंगे?” – हमें तुरंत कार्यवाही करने की प्रेरणा देता है।
भाषा की बात
(अ) नीचे दिए गए शब्दों के वाक्य प्रयोग कीजिए।
- संघ – हमारे विद्यालय में विज्ञान संघ का गठन किया गया है।
- ध्रुवीय – वैज्ञानिकों का मानना है कि ध्रुवीय क्षेत्रों में ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है।
- लुप्त – कई दुर्लभ प्रजातियाँ तेजी से लुप्त होती जा रही हैं।
- तकनीक – आधुनिक तकनीक के उपयोग से हमारे जीवन में कई सुविधाएँ बढ़ गई हैं।
- वरदान – इंटरनेट आज के समय में ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक वरदान साबित हुआ है।
(आ) सही अर्थ वाले शब्द से जोड़ी बनाइए।
पानी – जल, वारि, नीर
भूमि – धरा, पृथ्वी, धरती
इकट्ठा – एकत्रित, संचय, जमा करना
खुशहाल – आनंद, पुलकित, प्रफुल्लित
(इ) नीचे दिए गए वाक्य पढ़िए। रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए।
- हमारे पूर्वजों ने हमें स्वच्छ और स्वस्थ ग्रह दिया।
- अब समय आ गया है कि हम कुछ क़दम उठायें।
- वर्तमान के लिए ही नहीं बल्कि भविष्य के लिए भी
- यह काम यहाँ नहीं होगा तो कहाँ होगा।
रेखांकित शब्दों में और, कि, बल्कि, तो आदि शब्द, दो शब्दों या दो वाक्यों को जोड़ते हैं। इस तरह प्रयुक्त होने वाले शब्दों को समुच्चय बोधक कहते हैं।
- किसी के पास भी लड़की के सवालों का जवाब नहीं था।
- धरती के ऊपर प्रकृति है।
- प्रकृति के भीतर जीवन है।
रेखांकित शब्दों में के पास, के ऊपर, के भीतर आदि शब्द स्थान का संबंध प्रकट करते हैं। इन्हें संबंध बोधक कहते हैं।
- वाह! कितनी सुंदर प्रकृति है।
- 2. हाय! कितना प्रदूषण फैला है।
- ओह! यह क्या हो गया।
रेखांकित शब्दों में वाह, हाय, ओह आदि शब्द आश्चर्य का बोध करते हैं। इन्हें विस्मयादि बोधक कहते हैं।
(ई) रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित अव्ययों से कीजिए।
(वाह!, के नीचे, और)
- जंगल में साधु जानवर और खूँख्वार जानवर रहते हैं।
- पेड़ के नीचे उसकी जड़ें होती हैं।
- वाह! मुझे अच्छे अंक मिले।
परियोजना कार्य
पर्यावरण और प्रदूषण से संबंधित किसी निबंध, कहानी या नाटक का संकलन कीजिए।
सोचिए
आपके घर से जो कचरा निकलता है, उसे कैसे और कहाँ फेंका जाता है? फेंकने के बाद उसे कहाँ ले जाया जाता है? प्लास्टिक जलाने से पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है?
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए –
प्रश्न – युगरत्ना श्रीवास्तव कौन हैं?
उत्तर – युगरत्ना श्रीवास्तव एक भारतीय पर्यावरण कार्यकर्ता हैं जिन्होंने 2009 में संयुक्त राष्ट्र संघ में भाषण दिया था।
प्रश्न – युगरत्ना ने संयुक्त राष्ट्र संघ में किस विषय पर भाषण दिया?
उत्तर – युगरत्ना श्रीवास्तव ने पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन पर भाषण दिया।
प्रश्न – युगरत्ना ने अपने भाषण में किस महासागर का उल्लेख किया?
उत्तर – युगरत्ना ने प्रशांत महासागर का उल्लेख किया।
प्रश्न – युगरत्ना ने हिमालय के बारे में क्या कहा?
उत्तर – युगरत्ना ने बताया कि हिमालय लगातार पिघलता जा रहा है।
प्रश्न – पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान कैसे किया जा सकता है?
उत्तर – जैवमित्र तकनीकों और नवीकरणीय संसाधनों का उपयोग करके पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
प्रश्न – युगरत्ना ने किसे जागरूक करने पर जोर दिया?
उत्तर – युगरत्ना ने बच्चों और युवाओं को पर्यावरण शिक्षा के प्रति जागरूक करने पर जोर दिया।
प्रश्न – महात्मा गांधी के किस विचार का उल्लेख किया गया?
उत्तर – “धरती के पास सभी की आवश्यकताओं की पूर्ति करने की क्षमता है, किसी के लालच की नहीं।”
प्रश्न – युगरत्ना ने किस संगठन को संबोधित किया था?
उत्तर – युगरत्ना ने संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) को संबोधित किया था।
प्रश्न – युगरत्ना के अनुसार हमें भविष्य की पीढ़ी के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर – युगरत्ना के अनुसार हमें धरती को बचाना चाहिए और प्रदूषण को कम करना चाहिए।
प्रश्न – क्या पर्यावरणीय समस्याएँ किसी सीमा में बँधी होती हैं?
उत्तर – नहीं, पर्यावरणीय समस्याएँ किसी भी भौगोलिक, राजनीतिक या आयु सीमा में नहीं बंधी होतीं।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन पंक्तियों में दीजिए-
प्रश्न – युगरत्ना श्रीवास्तव ने अपने भाषण में जलवायु परिवर्तन से जुड़ी कौन-कौन सी समस्याओं का उल्लेख किया?
उत्तर – युगरत्ना श्रीवास्तव ने अपने भाषण में जलवायु परिवर्तन से जुड़ी हिमालय के पिघलने, ध्रुवीय भालुओं की मृत्यु, प्रशांत महासागर के जलस्तर में वृद्धि और साफ पानी की कमी जैसी समस्याओं का उल्लेख किया।
प्रश्न – युगरत्ना ने पर्यावरण संरक्षण के लिए क्या सुझाव दिए?
उत्तर – युगरत्ना ने जैवमित्र तकनीकों के उपयोग, नवीकरणीय संसाधनों की बढ़ोतरी और पर्यावरण शिक्षा को अनिवार्य करने का सुझाव दिया।
प्रश्न – संयुक्त राष्ट्र संघ में युगरत्ना ने नेताओं से क्या अपील की?
उत्तर – संयुक्त राष्ट्र संघ में युगरत्ना ने नेताओं से अपील की कि वे पर्यावरणीय समस्याओं को राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास जितना ही महत्त्वपूर्ण मानें और ठोस कदम उठाएँ।
प्रश्न – युगरत्ना ने अपनी बात को प्रभावी बनाने के लिए कौन-से प्रश्न पूछे?
उत्तर – युगरत्ना ने अपनी बात को प्रभावी बनाने के लिए यह प्रश्न पूछा कि क्या हम अपनी आने वाली पीढ़ी को प्रदूषित और असंतुलित धरती देने जा रहे हैं? और अगर हम अभी कदम नहीं उठाएँगे, तो कब उठाएँगे?
प्रश्न – युगरत्ना ने पर्यावरणीय संकट को रोकने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में क्या बदलाव सुझाए?
उत्तर – युगरत्ना ने पर्यावरणीय संकट को रोकने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में ये बदलाव सुझाए कि हर कक्षा की किताबों में पर्यावरण संबंधी पाठ होने चाहिए और बच्चों को पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जागरूक किया जाना चाहिए।