Telangana, Class X, Sugandha -02, Hindi Text Book, Ch. 03, Maa Mujhe Aane Do, Mrudul Joshi, The Best Solutions,  माँ मुझे आने दे ! (कविता) मृदुल जोशी

  1. अनदेखी बिटियाँ क्या कहती हैं?

उत्तर – अनदेखी बिटियाँ कहती हैं कि मुझपर अत्याचार मत करो। मुझे भी जीने का हक है इसलिए मुझे इस दुनिया में आने दो।

  1. इन पंक्तियों से क्या संदेश मिलता है?

उत्तर – इन पंक्तियों से संदेश मिलता है कि हमें कन्या भ्रूण हत्या नहीं करवानी चाहिए।

  1. नारी के बिना समाज की कल्पना असंभव है।’ इस पर अपने विचार बताइए।

उत्तर – ‘नारी के बिना समाज की कल्पना असंभव है।’ यह शत-प्रतिशत सत्य कथन है क्योंकि नारी नहीं होगी तो नीवन सृष्टि नहीं होगी और नवीन सृष्टि नहीं होगी तो दुनिया का अंत हो जाएगा।

उद्देश्य

छात्रों को छंदमुक्त कविताओं से परिचय करवाना है। इस कविता के माध्यम से भ्रूण हत्याओं का विरोध करने का प्रयास किया जा रहा है। लिंगभेद का डटकर विरोध करना, भ्रूण हत्याओं पर रोक लगाकर बालिका शिक्षा की प्रेरणा देना इसका उद्देश्य है।

विधा विशेष

यह एक छंदमुक्त कविता है। इसमें प्रत्येक पंक्ति कविता विषय के ईर्द-गिर्द घूमती रहती है। सटीक और प्रभावशाली शब्दावली ऐसी कविताओं की पहली माँग होती है।

मृदुल जोशी – कवयित्री परिचय

कवयित्री मृदुल जोशी का जन्म सन् 1960 में उत्तराखंड के काठगोदाम में हुआ। इनकी रचनाओं का मुख्य विषय नारी चेतना व समसमाज का निर्माण है। इनकी चर्चित रचनाएँ ‘समकालीन हिंदी काव्य में आम आदमी’, ‘गुम हो गए अर्थ की तलाश में’, ‘शब्दों के क्षितिज से’, ‘इन दिनों’ आदि हैं।

विषय प्रवेश –

स्त्री और पुरुष दोनों समाज रूपी शक्ति के दो रूप हैं। दोनों कार्य कुशल, गुणी और बुद्धिमान होते हैं। समाज के निर्माण में दोनों का समान महत्त्व है। वेदों में स्त्री की तुलना देवी से की गई है। कहते हैं जहाँ नारी का वास होता है वहाँ देवता बसते हैं। लेकिन सामाजिक विषमताओं के कारण आज भी भ्रूणहत्याएँ देखी जा रही हैं। ऐसी घटनाएँ सामाजिक, मानवीय अपराध है। ऐसे अपराध को समाप्त करना बेहद ज़रूरी है।

माँ मुझे आने दे

माँ मुझे आने दे, डर मत आने दे।

फैलूँगी तेरे आँगन में हरियाली बनकर

लिपटूँगी तेरे आँचल में खुशबू बनकर

मेरी किलक और ठुमकते कदमों में

घर का सन्नाटा बिखर जाएगा

जो पसरा है पिता के दंभ

भाई की उद्दंडता के कारण सदियों से।

पोछ दूँगी अँधेरा, जो तेरे माथे की सिलवटों में सिमटा है

कभी-कभी झर जाता है ओस की बूँदों-सा, आँखों की कोरों से।

आने तो दे, धुल जाएगा सारा का सारा रुखीला अहसास

अकड़ीला मिज़ाज जो चिपका है घर की सारी की सारी दीवारों

बंद दरवाज़ों खिड़कियों में।

तेरी आँखों में तैरते ये समुंदर ये आसमान के अक्स

मैंने देख लिए हैं माँ।

माँ… जा सकती हूँ मैं दूर-पार, उस झिलमिलाती दुनिया में

ला सकती हूँ वहाँ से चमकीले टुकड़े तेरे सपनों के,

समुंदर की लहरों के थपेड़ों में ढूँढ़ सकती हूँ मैं

मोती और सीपी और नाविकों के किस्से।

कर सकती हूँ माँ, मैं सब कुछ जो रोशनी – सा चमकीला

रंगों-सा चटकीला हो, पर आने तो दे, डर मत माँ… मुझे आने दे।

मृदुल जोशी

शब्द (हिंदी)

अर्थ (हिंदी – समानार्थी शब्द)

अर्थ (तेलुगु)

अर्थ (अंग्रेज़ी)

माँ

जननी, मातृ, अम्मा

తల్లి

Mother

आने दे

प्रवेश करने दे, अनुमति दे

రావనీదు

Let me come

डर

भय, आशंका, घबराहट

భయం

Fear

फैलूँगी

विस्तृत हो जाऊँगी, फैल जाऊँगी

విస్తరించాను

I will spread

आँगन

प्रांगण, चौबारा

ప్రాంగణం

Courtyard

हरियाली

हरा-भरा, वनस्पति

ఆకుపచ్చదనం

Greenery

लिपटूँगी

आलिंगन करूँगी, गले लगूँगी

పొదుగుతాను

I will embrace

आँचल

पल्लू, ओढ़नी

ఒడ్డు

Pallu (part of saree)

खुशबू

सुगंध, महक, सुवास

సువాసన

Fragrance

किलक

हर्षध्वनि, आनंद का स्वर

చిరుచిరువు

Cheerful laughter

ठुमकते

नाचते, झूमते

ఊగుతూ నడవడం

Dancing steps

कदम

पग, चरण

అడుగు

Steps

सन्नाटा

शांति, मौन, स्तब्धता

నిశ్శబ్దత

Silence

बिखर जाएगा

फैल जाएगा, टूट जाएगा

చిందరవిందర అవుతుంది

Will scatter

पसरा है

फैला हुआ है, व्याप्त है

వ్యాపించిందా

Spread across

पिता

जनक, बाबा

తండ్రి

Father

दंभ

अहंकार, घमंड

గర్వం

Arrogance

भाई

भ्राता, सखा

అన్నయ్య

Brother

उद्दंडता

दुष्टता, उद्दंड स्वभाव

అహంకారం

Stubbornness

सदियों

युगों, वर्षों

శతాబ్దాలు

Centuries

पोछ दूँगी

साफ कर दूँगी, मिटा दूँगी

తుడిచేస్తాను

I will wipe away

अँधेरा

अंधकार, तमस

చీకటి

Darkness

माथे

ललाट, शिर

నుదురు

Forehead

सिलवटें

शिकन, झुर्रियाँ

మడతలు

Wrinkles

झर जाता है

गिर जाता है, टपक जाता है

పడిపోతుంది

Falls like drops

ओस

हिमबिंदु, नमी

మంచు బిందువులు

Dewdrops

बूँदें

जलकण, कण

చుక్కలు

Drops

आँखें

नेत्र, नयन

కళ్ళు

Eyes

धुल जाएगा

साफ हो जाएगा, मिट जाएगा

శుభ్రం అవుతుంది

Will be cleansed

अहसास

अनुभूति, भावना

అనుభూతి

Feelings

अकड़ीला

कठोर, जिद्दी

గట్టిపడిన

Rigid

मिज़ाज

स्वभाव, प्रकृति

స్వభావం

Temperament

दीवारें

भित्ति, चारदीवारी

గోడలు

Walls

दरवाज़े

कपाट, द्वार

తలుపులు

Doors

खिड़कियाँ

झरोखे, वातायन

కిటికీలు

Windows

तैरते

बहते, प्रवाहित होते

ఈత కొట్టే

Floating

समुंदर

सागर, महासागर

సముద్రం

Ocean

आसमान

नभ, गगन

ఆకాశం

Sky

अक्स

प्रतिबिंब, छवि

ప్రతిబింబం

Reflection

झिलमिलाती

चमकती, टिमटिमाती

మెరుస్తున్న

Shimmering

चमकीले

उजले, दमकते

మెరుగు

Bright

सपने

स्वप्न, कल्पना

కలలు

Dreams

लहरें

तरंगें, धाराएँ

అలలు

Waves

थपेड़े

झटके, प्रहार

దెబ్బలు

Slaps

मोती

मणि, रत्न

ముత్యాలు

Pearls

सीपी

शंख, खोल

షెల్

Shell

नाविक

मल्लाह, समुद्री यात्री

నావికుడు

Sailor

किस्से

कथाएँ, दंतकथाएँ

కథలు

Stories

रोशनी

प्रकाश, ज्योति

వెలుగు

Light

रंग

वर्ण, छटा

రంగులు

Colors

चटकीला

चमकीला, गाढ़ा

ప్రకాశవంతమైన

Vibrant

डर मत

मत घबरा, न डर

భయపడవద్దు

Do not fear

 

 

माँ मुझे आने दे कविता का सार

यह कविता एक बेटी की पुकार को दर्शाती है, जो अपनी माँ से अपने अस्तित्व को स्वीकारने और उसे दुनिया में आने देने का आग्रह कर रही है। वह माँ से डर को त्यागने की विनती करती है और आश्वासन देती है कि उसके आने से घर में खुशहाली और प्रेम का संचार होगा।

बेटी कहती है कि वह आँगन में हरियाली, आँचल में खुशबू और पूरे घर में खुशियाँ फैलाएगी। वह उस सन्नाटे को तोड़ने का वादा करती है, जो पितृसत्ता और भाई की उद्दंडता के कारण घर में पसरा हुआ है। वह माँ की आँखों में छिपे दुख और चिंताओं को पहचानती है और उन्हें दूर करने का संकल्प लेती है। वह माँ को आश्वस्त करती है कि अगर उसे अवसर दिया जाए, तो वह न केवल अपने सपनों को पूरा कर सकती है बल्कि माँ के अधूरे सपनों को भी साकार कर सकती है। वह दुनिया के रंग-बिरंगे अनुभवों को समेटकर घर वापस ला सकती है, समंदर से मोती और जीवन की अनमोल कहानियाँ खोज सकती है।

कविता एक गहरी सामाजिक संदेश देती है, जिसमें बेटी के महत्त्व को उजागर किया गया है और लिंग भेदभाव के प्रति एक सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा दी गई है।

 

प्रश्न –

  1. बेटी माँ की सबसे अच्छी सहेली है, कैसे?

उत्तर – बेटी माँ की सबसे अच्छी सहेली होती है क्योंकि वह माँ की भावनाओं को सबसे अधिक समझती है। वह उसके दुख-सुख की साथी बनती है, उसकी चिंताओं को बाँटती है, उसका हौसला बढ़ाती है और उसे खुश रखने की कोशिश करती है। बेटी माँ के अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लेती है और उसे स्नेह व सम्मान देती है। माँ के अकेलेपन और संघर्ष में वह सहारा बनकर हमेशा उसके साथ खड़ी रहती है, इसलिए बेटी माँ की सबसे अच्छी सहेली होती है।

  1. बेटी घर की खुशी है, कैसे?

उत्तर – बेटी घर की खुशी है क्योंकि वह प्रेम, स्नेह और उल्लास का संचार करती है। उसकी हँसी से घर का सन्नाटा टूटता है, वह परिवार में सामंजस्य बनाए रखती है और माता-पिता का सहारा बनती है। अपने स्नेह, समझदारी और देखभाल से वह घर का माहौल खुशनुमा बना देती है। बेटी के आने से पितृसत्तात्मक परिवार में मातृसत्तात्मक भावनाओं का भी संचार होता है। बेटी के घर में रहने से घर के पुरुष भी अपनी उद्दंडता पर अंकुश लगाते हैं।  इसलिए बेटी को घर की खुशी कहा जाता है।

अर्थग्राहयता-प्रतिक्रिया

(अ) प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

  1. माँ मुझे आने दे’ कविता आपको कैसी लगी और क्यों?

उत्तर – ‘माँ मुझे आने दे’ कविता अत्यंत मार्मिक, संवेदनशील और सशक्त भावनाओं से भरी हुई है। यह कविता न केवल एक बेटी के जन्म की प्रार्थना है, बल्कि समाज में व्याप्त लैंगिक असमानता, पितृसत्ता और रूढ़ियों पर एक प्रभावी प्रहार भी करती है। इन्हीं सभी कारणों से मुझे यह कविता बहुत अच्छी लगी। यह कविता एक सामाजिक संदेश है, जो हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि बेटियों को बोझ नहीं, बल्कि आशीर्वाद समझना चाहिए। यह कविता आशा, प्रेम, सशक्तीकरण और बदलाव का प्रतीक है, जो समाज की रूढ़ियों को तोड़ने का आह्वान करती है।

  1. भ्रूण हत्या एक सामाजिक अपराध है।’ क्या भ्रूण हत्या का दहेज प्रथा से संबंध है? विषय पर चर्चा कीजिए।

उत्तर – हाँ, भ्रूण हत्या और दहेज प्रथा का गहरा संबंध है। समाज में बेटी को बोझ समझने की मानसिकता के कारण कई लोग कन्या भ्रूण हत्या करते हैं। दहेज प्रथा के चलते माता-पिता को बेटी के विवाह में बड़ी धनराशि खर्च करनी पड़ती है, जिससे वे बेटी के जन्म को आर्थिक बोझ मानने लगते हैं। इस भय के कारण भ्रूण हत्या को बढ़ावा मिलता है, जो एक गंभीर सामाजिक अपराध है। हालाँकि, इसकी रोकथाम के लिए कई कड़े कानून बनाए गए हैं पर फिर भी हमें ‘भ्रूण हत्या’ और दहेज के मामले देखने को मिलते ही हैं।

(आ) पाठ पढ़िए। प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

  1. इस कविता की कवयित्री क्या कहना चाहती हैं?

उत्तर – इस कविता में कवयित्री कहना चाहती हैं कि बेटी घर में खुशियाँ, प्रेम और स्नेह लाने वाली होती है। वह माँ से जन्म लेने की विनती कर रही है और विश्वास दिला रही है कि उसका आगमन घर के रूखेपन, पिता के अहंकार और भाई की उद्दंडता को मिटाकर एक सुखद माहौल बनाएगा। कविता नारी सशक्तीकरण, भ्रूण हत्या के विरोध और समाज में बेटियों की महत्ता को उजागर करती है। वास्तव में यह कविता समाज में लैंगिक समानता लाना चाहती है।

  1. माँ के लिए बेटी क्या-क्या करना चाहती है?

उत्तर – बेटी अपनी माँ के लिए कई चीजें करना चाहती है, जैसे –

घर में हरियाली और खुशबू लाना – वह माँ के आँगन को खुशियों से भरना चाहती है।

माँ के दर्द को मिटाना – उसके माथे की चिंताओं और आँखों के आँसुओं को पोछना चाहती है।

घर का माहौल बदलना – पिता के अहंकार और भाई की उद्दंडता से बने सन्नाटे को तोड़ना चाहती है।

माँ के सपने पूरे करना – वह दूर जाकर माँ के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए चमकीले टुकड़े लाने की बात करती है।

नई दुनिया से कुछ सीखकर लौटना – समुंदर की लहरों में मोती और नए अनुभव ढूँढ़कर माँ को देना चाहती है।

कुल मिलाकर, बेटी अपनी माँ के जीवन में खुशियाँ और सुकून लाना चाहती है।

 

(इ) निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए।

  1. आने तो दे, धुल जाएगा सारा का सारा रुखीला अहसास

उत्तर – इस पंक्ति में कवयित्री यह कहना चाहती हैं कि यदि बेटी को जन्म लेने का अवसर दिया जाए, तो घर की सारी उदासी, कठोरता और बेरुखी समाप्त हो जाएगी। बेटी अपने प्रेम, मासूमियत और आनंद से घर के माहौल को मधुर और सुखद बना सकती है। यहाँ ‘धुल जाएगा’ शब्द का प्रयोग इस बात को दर्शाने के लिए किया गया है कि जैसे बारिश की बूँदें मिट्टी की धूल को साफ कर देती हैं, वैसे ही बेटी का आगमन घर की रूखी और नीरस भावनाओं को समाप्त कर देगा।

  1. तेरी आँखों में तैरते ये समुंदर ये आसमान के अक्स

मैंने देख लिए है माँ

उत्तर – इस पंक्ति में बेटी अपनी माँ के दर्द और इच्छाओं को महसूस कर रही है। वह कहती है कि माँ की आँखों में जो दुख और सपने झलकते हैं, वह सब उसने देख लिए हैं। यहाँ ‘समुंदर’ और ‘आसमान’ का प्रतीकात्मक प्रयोग किया गया है – ‘समुंदर’ माँ के भीतर छिपे हुए गहरे दर्द और संघर्ष को दर्शाता है। जबकि ‘आसमान’ माँ की अनगिनत इच्छाओं और सपनों का प्रतीक है। बेटी यह समझ चुकी है कि उसकी माँ ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किए हैं और वह इन सपनों को पूरा करने के लिए तैयार है।

(ई) नीचे दिया गया पद्यांश पढ़कर सही उत्तर पहचानिए।

यह मेरी गोदी की शोभा,

सुख सुहाग की है लाली।

शाही शान भिखारिन की है

मनोकामना मतवाली॥

दीपशिखा है अंधकार की,

बनी घटा की उजियाली।

उषा है यह कमलभृंग की,

है पतझड़ की हरियाली॥ – सुभद्रा कुमारी चौहान

  1. कवयित्री बेटी को किसकी शोभा मानती है?

उत्तर – कवयित्री बेटी को अपने गोद की शोभा मानती हैं।

  1. वह अपनी शान का कारण किसे मानती है?

उत्तर – वह अपनी शान का कारण अपनी बेटी को मानती हैं।

  1. बेटी किसकी हरियाली है?

उत्तर – बेटी पतझड़ की हरियाली है.

  1. यह’ का प्रयोग कवयित्री ने किसके लिए किया है?

उत्तर – ‘यह’ का प्रयोग कवयित्री ने अपनी बेटी के लिए किया है।

  1. इस पद्यांश की कवयित्री कौन हैं?

उत्तर – इस पद्यांश की कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान जी हैं।

अभिव्यक्ति-सृजनात्मकता

(अ) ‘माँ मुझे आने दे’ कविता समाज की किस स्थिति के बारे में बताती है? लिखिए।

उत्तर – ‘माँ मुझे आने दे’ कविता समाज में बेटियों के प्रति नकारात्मक सोच और भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथा पर प्रकाश डालती है। यह कविता बताती है कि कैसे समाज में बेटियों को बोझ समझा जाता है और उनके जन्म से पहले ही उन्हें मार दिया जाता है। साथ ही, यह कविता इस बात को भी दर्शाती है कि बेटी केवल बोझ नहीं, बल्कि वह घर में खुशियाँ, प्रेम और उजाला लाने वाली होती है। यह कविता नारी सशक्तीकरण, लैंगिक भेदभाव और पितृसत्तात्मक मानसिकता पर चोट करती है और समाज को सोच बदलने का संदेश देती है।

(आ) ‘भ्रूणहत्या एक सामाजिक, मानवीय अपराध है।’ अपने विचार लिखिए।

उत्तर – भ्रूण हत्या एक गंभीर सामाजिक और मानवीय अपराध है, जो समाज में लैंगिक भेदभाव और पितृसत्तात्मक सोच को दर्शाता है। यह कुप्रथा मुख्य रूप से दहेज प्रथा, आर्थिक बोझ और बेटियों को कमतर आँकने की मानसिकता के कारण होती है। यह न केवल एक अजन्मे बच्चे के जीवन के अधिकार का हनन है, बल्कि समाज में लैंगिक असंतुलन को भी बढ़ावा देता है। हर बच्चे को जन्म लेने और अपना जीवन जीने का हक है। भ्रूण हत्या को रोकने के लिए समाज और सरकार द्वारा और भी कड़े कानूनों, जागरूकता और मानसिकता में बदलाव लाने की आवश्यकता है ताकि बेटियों को समान अवसर और अधिकार मिल सकें।

(इ) इस विषय पर किसी महिला का साक्षात्कार लेने के लिए एक प्रश्नावली तैयार कीजिए।

उत्तर – महिला साक्षात्कार के लिए प्रश्नावली –

  1. क्या आपको लगता है कि समाज में अभी भी बेटियों को बोझ समझा जाता है? यदि हाँ, तो क्यों?
  2. आपके अनुसार भ्रूण हत्या के मुख्य कारण क्या हैं?
  3. क्या दहेज प्रथा भ्रूण हत्या को बढ़ावा देती है? कृपया अपना विचार साझा करें।
  4. क्या आपको लगता है कि बेटा-बेटी में भेदभाव अब भी मौजूद है? यदि हाँ, तो यह किन रूपों में देखा जाता है?
  5. सरकार द्वारा भ्रूण हत्या रोकने के लिए कई कानून बनाए गए हैं। क्या ये प्रभावी हैं?
  6. इस समस्या को रोकने के लिए समाज और परिवार को क्या कदम उठाने चाहिए?
  7. क्या बेटियों को समान अवसर और अधिकार मिल रहे हैं? यदि नहीं, तो क्या सुधार होने चाहिए?
  8. आपके अनुसार भ्रूण हत्या रोकने के लिए महिलाओं की क्या भूमिका हो सकती है?
  9. क्या आपने अपने आसपास कभी भ्रूण हत्या के मामले के बारे में सुना या देखा है? यदि हाँ, तो आपकी प्रतिक्रिया क्या थी?
  10. आप समाज को भ्रूण हत्या रोकने के लिए क्या संदेश देना चाहेंगी?

(ई) समाज के निर्माण में स्त्री और पुरुष दोनों का समान महत्त्व है। इस पर अपने विचार बताइए।

स्त्री और पुरुष समान होते हैं।

दहेज लेना या देना नारी का अपमान तथा क़ानूनी अपराध है। शादी के लिए उन्हें ही चुनें जो दहेज न लें और न दें। पुत्र और पुत्री दोनों का ही पैतृक संपत्ति पर समान अधिकार है। अपने बलबूते पर पैसा कमाएँ। माता-पिता पर बोझ न बनें।

उत्तर – समाज एक गाड़ी के दो पहियों की तरह स्त्री और पुरुष दोनों के योगदान से आगे बढ़ता है। दोनों का अस्तित्व एक-दूसरे के बिना अधूरा है। पुरुष जहाँ समाज के संरक्षक और रक्षक के रूप में कार्य करते हैं, वहीं स्त्रियाँ संस्कार, प्रेम और संवेदनशीलता का संचार करती हैं। स्त्री माता, बहन, बेटी और पत्नी के रूप में परिवार और समाज की नींव को मजबूत बनाती है, जबकि पुरुष सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और संरचना में योगदान देते हैं। किसी भी विकसित समाज के लिए समानता, शिक्षा और समान अधिकार आवश्यक हैं। स्त्री और पुरुष दोनों के सामूहिक प्रयासों से ही समाज उन्नति करता है। इसलिए, दोनों का समान महत्त्व स्वीकार करना आवश्यक है।

भाषा की बात

(अ) कोष्ठक में दी गई सूचना पढ़िए और उसके अनुसार कीजिए।

  1. खुशबू, समुंदर, दंभ (पर्यायवाची शब्द लिखिए।)

खुशबू – सुगंध, महक, गंध, सुवास

समुंदर – सागर, जलधि, महीधर, रत्नाकर

दंभ – अहंकार, घमंड, अभिमान, आत्मश्लाघा

  1. सदी, मोती, किस्सा (वचन बदलिए।)

सदी – सदियाँ

मोती – मोतियाँ

किस्सा – किस्से

(आ) सूचना पढ़िए और उसके अनुसार कीजिए।

  1. मोती – सीपी (विग्रह कर समास पहचानिए।)

उत्तर – मोती और सीपी – द्वंद्व समास

  1. उदंडता, विशेषता, कोमलता, मधुरता (‘ता’ प्रत्यय का प्रयोग समझिए। तीन और शब्द बनाइए।)

महान + ता = महानता

मम + ता = ममता

सुंदर  + ता = सुंदरता

(इ) कविता से तीन भाववाचक संज्ञा शब्द ढूँढ़कर लिखिए।

अहसास

डर

सन्नाटा

(ई) रुखीला, अकड़ीला जैसे शब्दों में ‘ईला’ प्रत्यय है। इसी तरह के दो शब्द लिखिए।

चमक + इला = चमकीला

रंग + इला = रंगीला

 

परियोजना कार्य

भ्रूणहत्या के उन्मूलन के लिए सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। किसी एक कार्यक्रम के बारे में जानकारी इकट्ठी कीजिए और उसे अपनी कॉपी में लिखकर कक्षा में प्रदर्शित कीजिए।

उत्तर – भ्रूणहत्या के उन्मूलन के लिए सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं

पीएनडीटी अधिनियम (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques Act, 1994) – गर्भ में लिंग परीक्षण पर रोक लगाने के लिए लागू किया गया।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना (2015) – बालिका शिक्षा और जन्म दर में सुधार के लिए।

सुकन्या समृद्धि योजना – बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए।

कन्या भ्रूण हत्या रोकथाम अभियान – जागरूकता फैलाने और सख्त कानून लागू करने के लिए।

राष्ट्रीय बालिका दिवस (24 जनवरी) – समाज में बेटियों के महत्त्व पर जागरूकता बढ़ाने के लिए।

इन कार्यक्रमों का उद्देश्य स्त्री-पुरुष अनुपात में सुधार, बेटियों की शिक्षा व सुरक्षा सुनिश्चित करना और भ्रूणहत्या जैसी सामाजिक बुराई को समाप्त करना है।

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर एक वाक्य में दीजिए –

प्रश्न – कविता में बेटी माँ से क्या अनुरोध कर रही है?

उत्तर – बेटी माँ से जन्म लेने की अनुमति माँग रही है।

प्रश्न – कविता में बेटी का आगमन घर के लिए क्या लाएगा?

उत्तर – बेटी घर में हरियाली, खुशबू और खुशी लाएगी।

प्रश्न – बेटी किसे चुनौती दे रही है?

उत्तर – वह पिता के अहंकार और भाई की उद्दंडता को चुनौती दे रही है।

प्रश्न – माँ की आँखों में क्या प्रतिबिंबित होता है?

उत्तर – माँ की आँखों में समुंदर और आसमान के सपने प्रतिबिंबित होते हैं।

प्रश्न – कविता में ‘रुखीला अहसास’ और ‘अकड़ीला मिज़ाज’ किसका प्रतीक हैं?

उत्तर – ये घर के कठोर वातावरण और पुरुषसत्ता का प्रतीक हैं।

प्रश्न – बेटी खुद को माँ के लिए क्या कहती है?

उत्तर – बेटी खुद को माँ की खुशबू, हरियाली और रोशनी कहती है।

प्रश्न – बेटी माँ को क्यों कहती है, “डर मत माँ”?

उत्तर – क्योंकि वह माँ के डर को दूर कर, घर में बदलाव लाना चाहती है।

प्रश्न – कविता का मुख्य संदेश क्या है?

उत्तर – यह कविता बेटी के अस्तित्व, सपनों और सशक्तिकरण का संदेश देती है।

 

निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दीजिए –

प्रश्न – बेटी का जन्म माँ के जीवन में क्या बदलाव ला सकता है?

उत्तर – बेटी माँ के जीवन में खुशियाँ, सुकून और एक नया आशा का संचार कर सकती है। वह घर की सन्नाटे को तोड़कर प्रेम और उत्साह भर सकती है।

प्रश्न – कविता में पिता और भाई के व्यवहार को कैसे दर्शाया गया है?

उत्तर – पिता का दंभ (अहंकार) और भाई की उद्दंडता घर में वर्षों से व्याप्त कठोरता और असमानता का प्रतीक हैं, जिसे बेटी अपने प्रेम और ऊर्जा से बदलना चाहती है।

प्रश्न – बेटी समुंदर और आसमान के सपनों को कैसे साकार करना चाहती है?

उत्तर – वह कहती है कि वह दुनिया में जाकर माँ के सपनों को पूरा करेगी, समुंदर की लहरों से मोती और सीपियाँ लाएगी और नाविकों की कहानियाँ ढूँढेगी।

प्रश्न – “अँधेरा पोछ दूँगी” पंक्ति का क्या अर्थ है?

उत्तर – इसका अर्थ है कि बेटी माँ के दुख, संघर्ष और तकलीफों को दूर कर देगी, जिससे माँ का जीवन उज्ज्वल और सुखद हो जाएगा।

प्रश्न – कविता में घर की दीवारों और खिड़कियों का क्या प्रतीकात्मक अर्थ है?

उत्तर – वे घर में व्याप्त पुरानी रूढ़ियों, बंदिशों और जड़ मानसिकता का प्रतीक हैं, जिन्हें बेटी अपने आगमन से मिटाना चाहती है।

प्रश्न – बेटी खुद को माँ की सबसे बड़ी ताकत कैसे बताती है?

उत्तर – वह कहती है कि वह माँ के सपनों को पूरा करेगी, उसकी खुशियों को लौटाएगी और घर में नई रोशनी लाएगी।

प्रश्न – ‘रंगों-सा चटकीला’ से क्या तात्पर्य है?

उत्तर – यह जीवन में उमंग, उत्साह और सकारात्मकता का प्रतीक है, जिसे बेटी माँ के जीवन में लाना चाहती है।

 

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