Telangana, Class X, Sugandha -02, Hindi Text Book, Ch. 10, Neeti Ke Dohe, Raheem Aur Bihari, The Best Solutions, नीति दोहे (कविता) रहीम, बिहारी

  1. कवि ने बिना फल वाले वृक्षों के विषय में क्या कहा है?

उत्तर – कवि ने बिना फल वाले वृक्षों के विषय में कहा है कि वे व्यर्थ ही अकड़ दिखते रहते हैं।

  1. फलदार वृक्ष की विशेषता बताइए।

उत्तर – फलदार वृक्षों की विशेषता यह है कि वे फल लगने पर विनीत भाव से झुक जाते हैं।

  1. बुलबुल और कौए में अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – बुलबुल की आवाज़ मीठी होती है इसीलिए सभी उससे स्नेह करते हैं जबकि कौए की ध्वनि कर्कश होती है और इस वजह से उसकी अवहेलना होती रहती है।

छात्रों को काव्य रचना में दोहों से परिचित कराना, सृजन करने की प्रेरणा देना और उनमें नैतिक मूल्यों का विकास करना इस पाठ का मुख्य उद्देश्य है।

विधा विशेष

पद्य रचना में दोहा एक विशेष पद्धति है। दोहे बहुत प्रभावशाली होते हैं।

विषय प्रवेश :

नैतिक गुणों के विकास द्वारा ही हम अच्छे-बुरे, सही-ग़लत में भेद कर सकते हैं।

कवि परिचय – रहीम

रहीम का जन्म लाहौर (अब पाकिस्तान) में सन् 1556 में हुआ। इनका पूरा नाम अब्दुर्रहीम खानखाना था। रहीम अरबी, फ़ारसी, संस्कृत और हिंदी के अच्छे जानकार थे। इनकी नीतिपरक उक्तियों पर संस्कृत कवियों की स्पष्ट छाप परिलक्षित होती है। रहीम मध्ययुगीन दरबारी संस्कृति के प्रतिनिधि कवि माने जाते हैं। अकबर के दरबार में हिंदी कवियों में इनका महत्त्वपूर्ण स्थान था। रहीम अकबर के नवरत्नों में से एक थे।

रहीम के काव्य का मुख्य विषय शृंगार, नीति और भक्ति है। रहीम बहुत लोकप्रिय कवि थे। इनके दोहे सर्वसाधारण को आसानी से याद हो जाते हैं। इनके नीतिपरक दोहे ज़्यादा प्रचलित हैं, जिनमें दैनिक जीवन के दृष्टांत देकर कवि ने उन्हें सहज, सरल और बोधगम्य बना दिया है। रहीम को अवधी और ब्रज दोनों भाषाओं पर समान अधिकार था। इन्होंने अपने काव्य में प्रभावपूर्ण भाषा का प्रयोग किया है।

रहीम की प्रमुख कृतियाँ हैं: रहीम सतसई, शृंगार सतसई, मदनाष्टक, रास पंचाध्यायी, रहीम रत्नावली, बरवै, भाषिक भेदवर्णन। ये सभी कृतियाँ ‘रहीम ग्रंथावली’ में समाहित हैं।

नीति दोहे –

कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत।

बिपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत॥  

शब्दार्थ

शब्द

हिंदी में अर्थ

तेलुगु में अर्थ

अंग्रेज़ी में अर्थ

रहीम

रहीम कवि का नाम

రహీమ్ కవి పేరు

Name of the poet Rahim

संपति

धन, संपत्ति, वैभव

సంపద, ధనం

Wealth, riches, prosperity

सगे

रिश्तेदार, संबंधी, करीबी

బంధువులు, కుటుంబసభ్యులు

Relatives, close ones

बनत

बनते हैं, होते हैं

అవుతారు, ఏర్పడతారు

Become, are formed

बहु

बहुत, अधिक

ఎక్కువ, అనేక

Many, numerous

रीत

तरीका, विधि, रूप

విధానం, పద్ధతి

Method, way, manner

बिपति

विपत्ति, परेशानी, संकट

కష్టం, విపత్తు, సమస్య

Adversity, trouble, crisis

कसौटी

परखने का तरीका, परीक्षा

పరీక్ష, అర్హత నిర్ధారణ

Test, trial, standard of evaluation

जे

जो, वे

అవి, వారు

Those who

कसे

परखा जाता है, जाँचा जाता है

పరీక్షించబడుతుంది, తూకం వేయబడుతుంది

Tested, examined

तेई

वही, वे ही

ఆవే, వారే

They only, those

सांचे

सच्चे, वास्तविक

నిజమైన, సత్యమైన

True, real

मीत

मित्र, सच्चा साथी

మిత్రుడు, నమ్మకస్తుడు

Friend, true companion

 

व्याख्या –

इस दोहे में रहीम बताते हैं कि जब व्यक्ति के पास धन होता है, तब कई लोग उससे संबंध बनाने का दिखावा करते हैं, लेकिन जब विपत्ति आती है, तब वही लोग दूर हो जाते हैं। रहीम जी यहाँ इस सत्य का उद्घाटन करते हैं कि सच्चे मित्र वही होते हैं जो कठिन समय में साथ निभाते हैं।

 

रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।

पानी गए न ऊबरै, मोती मानुष चून ॥

शब्दार्थ

शब्द

हिंदी में अर्थ

तेलुगु में अर्थ

अंग्रेज़ी में अर्थ

रहिमन

रहीम (कवि का नाम)

రహీమ్ (కవి పేరు)

Rahim (poet’s name)

पानी

जल, मर्यादा, प्रतिष्ठा

నీరు, గౌరవం, ప్రతిష్ట

Water, respect, dignity

राखिए

बनाए रखिए, बचाइए

కాపాడండి, ఉంచండి

Preserve, maintain

बिन

बिना

లేకుండా

Without

सब

सभी, सारा

అన్నీ, మొత్తం

All, everything

सून

शून्य, व्यर्थ

శూన్యం, వ్యర్థం

Empty, worthless

गए

चला गया, समाप्त हो गया

పోయింది, నశించింది

Gone, lost

न ऊबरै

वापस नहीं आ सकता, पुनः प्राप्त नहीं हो सकता

తిరిగి రాదు, పునరుద్ధరించలేరు

Cannot be regained, cannot be restored

मोती

मूल्यवान रत्न, समुद्र में पाया जाने वाला रत्न

ముత్యం, సముద్రంలో లభించే రత్నం

Pearl, precious gem found in the sea

मानुष

मनुष्य, इंसान

మనిషి, మానవుడు

Human, person

चून

चूना, मिट्टी, धूल

చూనా, ధూళి, మట్టి

Lime, dust, worthless powder

 

व्याख्या –

इस दोहे में रहीम पानी को भौतिक रूप के साथ-साथ सम्मान, प्रतिष्ठा और जीवन के लिए आवश्यक तत्त्व के रूप में प्रस्तुत करते हैं। उनका कहना है कि पानी (चमक, सम्मान और जीवन) के बिना सब कुछ व्यर्थ है, क्योंकि यदि पानी अर्थात् सम्मान, चमक और जीवन चला जाए तो उसे वापस पाना असंभव है। अपने कथन को पुष्ट करने के लिए वे कहते हैं कि अगर मोती की चमक चली जाए तो उसका कोई मूल्य नहीं रहता, अगर मनुष्य की इज्ज़त चली जाए तो वह आँखें उठाकर नहीं चल सकता और अंत में अगर मनुष्य को आटे से रोटी बनानी है तो भी पानी के बिना यह संभव नहीं हो सकता।  

  1. रहीम के अनुसार सच्चे मित्र की पहचान कब होती है?

उत्तर – रहीम के अनुसार सच्चे मित्र की पहचान विपत्ति के समय होती है क्योंकि जो हमारे सच्चे बंधु होंगे वे हमारी विपरीत परिस्थितियों में हमारा साथ नहीं छोड़ेंगे।

  1. पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून- पंक्ति का भाव बताइए।

उत्तर – इस पंक्ति का भाव यह है कि अगर एक बार मोती की चमक (पानी) चली जाए तब उसका कोई मोल नहीं रह जाता, उसी प्रकार अगर मनुष्य की इज्ज़त (पानी) चली जाए तो वह समाज में अपनी प्रतिष्ठा खो देता है और अंत में यदि हमें आटे से रोटियाँ बनानी हैं तो हमें पानी का इस्तेमाल करना ही पड़ेगा। सभी दृष्टियों से पानी की आवश्यकता बनी हुई है।

कवि परिचय – बिहारी

बिहारी जी का जन्म 1595 में ग्वालियर में हुआ था। जब बिहारी सात—आठ साल के ही थे तभी इनके पिता ओरछा चले आए जहाँ बिहारी ने आचार्य केशवदास से काव्य शिक्षा पाई। यहीं बिहारी रहीम के संपर्क में आए। बिहारी ने अपने जीवन के कुछ वर्ष जयपुर में भी बिताए। बिहारी रसिक जीव थे पर इनकी रसिकता नागरिक जीवन की रसिकता थी। उनका स्वभाव विनोदी और व्यंग्यप्रिय था।

1663 में इनका देहावसान हुआ। बिहारी की एक ही रचना ‘सतसई’ उपलब्ध है जिसमें उनके लगभग 700 दोहे संगृहीत हैं। लोक ज्ञान और शास्त्र ज्ञान के साथ ही बिहारी का काव्य ज्ञान भी अच्छा था। रीति का उन्हें भरपूर ज्ञान था। इन्होंने अधिक वर्ण्य सामग्री शृंगार से ली है।इनकी कविता शृंगार रस की है इसलिए नायक, नायिका या नायिकी की वे चेष्टाएँ जिन्हें हाव कहते हैं, इनमें पर्याप्त मात्रा में मिलती हैं। बिहारी की भाषा बहुत कुछ शुद्ध ब्रज है पर है वह साहित्यिक। इनकी भाषा में पूर्वी प्रयोग भी मिलते हैं। बुंदेलखंड में अधिक दिनों तक रहने के कारण बुंदेलखंडी शब्दों का प्रयोग मिलना भी स्वाभाविक है।      

नीति दोहे –

कनक – कनक तैं सौ गुनी, मादकता अधिकाय।

उहि खाए बौराइ जग, इहिं पाए बौराय॥

शब्दार्थ

शब्द

हिंदी में अर्थ

तेलुगु में अर्थ

अंग्रेज़ी में अर्थ

कनक

सोना, धतूरा (एक नशीला पौधा)

బంగారం, ధతూరా (ఒక మత్తుపదార్థ మొక్క)

Gold, Datura (a poisonous plant)

तैं

से, तुलना में

కంటే, తో పోల్చితే

Than, in comparison to

सौ गुनी

सौ गुना अधिक

నూరింత ఎక్కువ

Hundred times more

मादकता

नशा, मोहकता

మత్తు, ఆకర్షణ

Intoxication, enchantment

अधिकाय

अधिक, बढ़ा हुआ

ఎక్కువ, పెరిగిన

More, excessive

उहि

वही, वह

అదే, అది

That same

खाए

खाकर, सेवन करके

తిన్న తరువాత, తాగిన తరువాత

After consuming, eating

बौराइ

पागल हो जाना

పిచ్చివాడు కావడం

To become mad, insane

जग

दुनिया, संसार

ప్రపంచం, లోకం

World, society

इहिं

इसमें, इस चीज़ से

ఇందులో, దీనివల్ల

In this, due to this

पाए

पाकर, प्राप्त करके

పొందిన తర్వాత

After getting, obtaining

 

व्याख्या –

इस दोहे में बिहारी जी ने एक सुंदर उपमा दी है। वे कहते हैं कि ‘कनक’ (सोना) और ‘कनक’ (धतूरा) में एक विशेष अंतर है। धतूरा खाने से आदमी पागल हो जाता है, और सोने (धन) को पाने के बाद भी व्यक्ति पागलपन या अहंकार से भर जाता है। अर्थात्, अत्यधिक संपत्ति और नशा दोनों ही व्यक्ति को मानसिक रूप से असंतुलित कर सकते हैं।

नर की अरु नल नीर की गति एकै कर जोय।

जेतौ नीचौ हवै चलै, तेतौ ऊँचौ होय॥

शब्दार्थ

शब्द

हिंदी में अर्थ

तेलुगु में अर्थ

अंग्रेज़ी में अर्थ

नर

मनुष्य, आदमी

మనిషి, వ్యక్తి

Man, human being

अरु

और, तथा

మరియు, అలాగే

And, as well as

नल

नाली, जल प्रवाह का साधन

గొట్టం, నీటి ప్రవాహ మార్గం

Pipe, water flow system

नीर

पानी, जल

నీరు, జలం

Water

गति

चाल, प्रवाह, स्थिति

వేగం, ప్రవాహం, పరిస్థితి

Motion, flow, condition

एकै

समान, एक जैसा

ఒకేలా, సమానంగా

Same, alike

कर

करना, बनाना

చేయడం, తయారు చేయడం

To do, to make

जोय

जानना, देखना

తెలుసుకోవడం, చూడటం

To know, to see

जेतौ

जितना

ఎంత, ఎంతగా

As much as, how much

नीचौ

नीचे की ओर, निम्न

దిగువన, తక్కువగా

Lower, downward

हवै

होता है, रहता है

అవుతుంది, ఉంటుంది

Happens, remains

चलै

चलता है, बहता है

సాగుతుంది, ప్రవహిస్తుంది

Moves, flows

तेतौ

उतना ही, उसी अनुपात में

అంతే, అదే రీతిలో

Just as much, in the same proportion

ऊँचौ

ऊँचा, बड़ा

ఎత్తుగా, ఎక్కువగా

High, elevated

होय

होता है, बनता है

అవుతుంది, ఏర్పడుతుంది

Becomes, happens

 

व्याख्या –

इस दोहे में बिहारी जी ने मनुष्य के चरित्र और पानी के प्रवाह की तुलना की है। वे कहते हैं कि जिस प्रकार जल (पानी) जितना नीचे जाता है, उतना ही ऊँचा उठता है (जैसे नहरों और कुओं से पानी निकालकर ऊपर पहुँचाया जाता है), उसी प्रकार जो मनुष्य जितना विनम्र और सरल होता है, वह समाज में उतना ही अधिक ऊँचा उठता है। अहंकार से कुछ नहीं मिलता, बल्कि विनम्रता ही व्यक्ति को महान बनाती है।

  1. बिहारी ने नर की तुलना किससे की है?

उत्तर – बिहारी ने नर की तुलना पानी के की है।

  1. बिहारी के अनुसार व्यक्ति को कैसा होना चाहिए?

उत्तर – बिहारी के अनुसार व्यक्ति को स्वभाव से सरल, चरित्र से उत्तम और आचरण से श्रेष्ठ और विनम्र होना चाहिए।

अर्थग्राह्यता-प्रतिक्रिया

(अ) प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

  1. नीति वचनों का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव होता है?

उत्तर – नीति वचनों का हमारे जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वे हमें सही और गलत में भेद करना सिखाते हैं, नैतिकता और आदर्शों की सीख देते हैं तथा जीवन में सफलता और सदाचार की राह दिखाते हैं। इनसे हमारा व्यवहार विनम्र, समझदार और सतर्क बनता है, जिससे हम जीवन में अच्छे निर्णय ले पाते हैं और समाज में सम्मान प्राप्त करते हैं।

  1. मनुष्य को विनम्र क्यों रहना चाहिए?

उत्तर – मनुष्य को विनम्र रहना चाहिए क्योंकि विनम्रता एक महान गुण है जो उसे समाज में सम्मान दिलाती है और सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचने में सहायता करती है। विनम्र व्यक्ति दूसरों के प्रति आदर और सहानुभूति रखता है, जिससे वह अपने जीवन में अच्छे संबंध बना पाता है।

(आ) पाठ पढ़िए। अभ्यास कार्य कीजिए।

  1. पाठ से ‘ध्वनि साम्य’ वाले शब्द चुनकर लिखिए। जैसे : रीत, मीत

उत्तर – पाठ से ध्वनि साम्य (तुकांत) वाले शब्द निम्नलिखित हैं-

रीत – मीत

जोय – होय

सून – चून

अधिकाय – बौराय

  1. रहीम के दोहे में ‘पानी’ शब्द का प्रयोग कितनी बार हुआ है? उसके अलग-अलग अर्थ क्या है?

उत्तर – रहीम के दोहे में ‘पानी’ शब्द का प्रयोग तीन बार हुआ है। पहले ‘पानी’ का ‘मोती’ के संदर्भ में ‘चमक’, दूसरे ‘पानी’ का ‘इंसानों’ के संदर्भ में ‘सम्मान’ और तीसरे ‘पानी’ का ‘आटे’ या ‘चून’ के संदर्भ में ‘पानी’ से है।

(इ) भाव स्पष्ट कीजिए।

  1. रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।

पानी गए न ऊबरै, मोती मानुष चून॥

उत्तर – इस दोहे में रहीम ने ‘पानी’ शब्द का बहुआयामी अर्थ बताया है। पानी का अर्थ केवल जल ही नहीं, बल्कि मोती के संदर्भ में चमक, इंसानों के संदर्भ में सम्मान, और आटे या चून के संदर्भ में पानी से है। रहीम कहते हैं कि जीवन में पानी (चमक, सम्मान, आवश्यकता) बनाए रखना आवश्यक है, क्योंकि इसके बिना सब कुछ सूना (निरर्थक) हो जाता है। एक बार यदि यह चला जाए, तो फिर उसे वापस पाना संभव नहीं होता, ठीक वैसे ही जैसे बिना पानी के मोती, मनुष्य और आटा सब नष्ट हो जाते हैं।

  1. कनक – कनक तैं सौ गुनी, मादकता अधिकाय।

उहि खाए बौराइ जग, इहिं पाए बौराय॥

उत्तर – इस दोहे में बिहारी जी ने ‘कनक’ अर्थात् सोना और ‘कनक’ अर्थात् धतूरा – एक विषैला पौधे के माध्यम से एक सुंदर तुलना प्रस्तुत की है। वे कहते हैं कि धतूरे के सेवन से व्यक्ति मदहोश हो जाता है, लेकिन असली सोने का आकर्षण भी किसी नशे से कम नहीं। लोग धन-संपत्ति को प्राप्त करने के बाद अहंकारी, लोभी और मदमस्त हो जाते हैं, जिससे उनका विवेक नष्ट हो जाता है। इस दोहे का मूल संदेश यह है कि अत्यधिक धन और संपत्ति भी मनुष्य के व्यवहार में नकारात्मक परिवर्तन ला सकती है, इसलिए इसे संभलकर और संतुलन में रखना चाहिए।

अभिव्यक्ति-सृजनात्मकता

(अ) इन प्रश्नों के उत्तर तीन-चार पंक्तियों में लिखिए।

  1. अच्छे मित्र की क्या विशेषता है?

उत्तर – अच्छे मित्र की यह विशेषता है कि वह हमारे भलाई के बारे में सोचता है। वास्तव में वह हमारा शुभचिंतक होता है। हमारे बुरे समय में भी वह हमारा साथ नहीं छोड़ता है।

  1. बिहारी ने सोने की तुलना धतूरे से क्यों की होगी?

उत्तर – बिहारी यह कहना चाहते हैं कि जिस प्रकार धतूरा खाने से व्यक्ति पागल हो सकता है, उसी प्रकार धन का अत्यधिक मोह भी व्यक्ति को अंधा बना सकता है। जब किसी को बहुत अधिक संपत्ति मिल जाती है, तो वह अपने विवेक को खो सकता है और सही-गलत का भेद भूल सकता है। इसलिए उन्होंने सोने की तुलना धतूरे से की होगी।

(आ) किन्हीं दो दोहों का भाव अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर – बिहारी जी ने अपने पहले दोहे में कवि ने मनुष्य और जल की प्रवृत्ति की तुलना की है। जैसे जल निम्न स्थान की ओर बहता है और फिर ऊँचाई तक उठता है, वैसे ही विनम्र और सहज स्वभाव वाला व्यक्ति ही उन्नति करता है। अहंकारी व्यक्ति अपनी उन्नति में बाधा डालता है। इस दोहे का संदेश है कि विनम्रता और सहनशीलता से ही व्यक्ति जीवन में ऊँचाइयों को प्राप्त कर सकता है।

बिहारी जी ने अपने दूसरे दोहे में सोने (कनक) और धतूरे (कनक) की तुलना की है। धतूरा खाने से व्यक्ति मतिभ्रष्ट हो जाता है, जबकि सोने को प्राप्त करने पर भी व्यक्ति लोभ और अहंकार में पड़कर पागल हो जाता है। अर्थात्, अत्यधिक संपत्ति और नशा, दोनों ही व्यक्ति के विवेक को नष्ट कर सकते हैं। इसलिए संतुलित जीवन जीना आवश्यक है।

(इ) पाठ में दिए गए दोहों के आधार पर कुछ सूक्तियाँ लिखिए।

उत्तर – 1. रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।

सूक्तियाँ –

विनम्रता और मधुर वाणी इंसान का सबसे बड़ा गुण है।

जीवन में सम्मान बनाए रखने के लिए शालीनता आवश्यक है।

बिना सद्गुणों के व्यक्ति का अस्तित्व शून्य हो जाता है।

  1. कनक – कनक तैं सौ गुनी, मादकता अधिकाय।

सूक्तियाँ –

धन और नशा, दोनों विवेक हर लेते हैं।

अधिक संपत्ति अहंकार और पतन का कारण बन सकती है।

लालच और लोभ व्यक्ति को सही मार्ग से भटका सकते हैं।

  1. नर की अरु नल नीर की गति एकै कर जोय।

सूक्तियाँ –

विनम्रता से व्यक्ति महान बनता है।

जितना झुकेगा, उतना ऊँचा उठेगा।

सरलता और विनम्रता ही सच्ची महानता की पहचान हैं।

(ई)पाठ में दिए गए दोहों में आपको कौन-सा दोहा बहुत अच्छा लगा? क्यों?

उत्तर – इस पाठ में मुझे रहीम जी के अच्छे और साचे मित्रों की पहचान से जुड़ा दोहा बहुत अच्छा लगा क्योंकि यह दोहा हमारे जीवन में हमेशा से प्रासंगिक बना रहा है।

भाषा की बात

(अ) अर्थ के अनुसार बेमेल शब्द पहचानिए।

  1. नीर, पीर, जल, पानी –

उत्तर – पीर

  1. मीत, रीत, मित्र, दोस्त

उत्तर – रीत

  1. जग, संसार, विश्व, मग

उत्तर – मग

(आ) 1. संपत्ति, 2 विपत्ति, 3. गति (समानार्थी शब्द लिखिए।)

  1. संपत्ति – धन, दौलत, ऐश्वर्य, पूंजी

2 विपत्ति – संकट, समस्या, मुसीबत

  1. गति – तीव्रता, तेजी, चाल

(इ) मनुस्य, समाझ, झल (वर्तनी सुधार कर लिखिए।)

मनुष्य

समझ

जल

(ई) 1. लौकिक 2. नैतिक 3. पौराणिक (वाक्य प्रयोग कीजिए।)

  1. लौकिक – इस लौकिक जगत में दुखों का होना अनिवार्य है।
  2. नैतिक – मुझे नैतिक कहानियाँ पढ़ना पसंद है।
  3. पौराणिक – राम और लक्ष्मण पौराणिक पात्र हैं।

परियोजना कार्य

इस पुस्तक में हर पृष्ठ पर एक-एक नीति वाक्य दिया गया है। उनमें से अपने मनपसंद दस नीतियों की सूची बनाकर कक्षा में प्रदर्शन कीजिए।

उत्तर – इस प्रश्न का उत्तर छात्र अपने स्तर पर करें।

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए –

प्रश्न – रहीम के अनुसार सच्चा मित्र कौन होता है?

उत्तर – जो विपत्ति की कसौटी पर खरा उतरता है, वही सच्चा मित्र होता है।

प्रश्न – रहीम ने पानी को क्यों महत्वपूर्ण बताया?

उत्तर – क्योंकि पानी के बिना न मोती, न मनुष्य और न ही आटा (चून) टिक सकता है।

प्रश्न – कवि ने सोने की तुलना धतूरे से क्यों की?

उत्तर – कवि ने सोने की तुलना धतूरे से की है क्योंकि धतूरा खाने से और सोने को प्राप्त कर लेने से दोनों ही व्यक्ति को मदहोश कर सकते हैं।

प्रश्न – जल की गति और मनुष्य की प्रकृति में क्या समानता बताई गई है?

उत्तर – जल की गति और मनुष्य की प्रकृति में यह समानता बताई गई है कि जैसे जल नीचे जाकर ऊँचाई प्राप्त करता है, वैसे ही विनम्र व्यक्ति आगे बढ़ता है।

 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दीजिए –

प्रश्न – विपत्ति सच्चे मित्र की पहचान कैसे कराती है?

उत्तर – जब व्यक्ति संपन्न होता है, तब कई लोग उसका साथ देते हैं, लेकिन विपत्ति में केवल सच्चे मित्र ही सहारा देते हैं। इसलिए विपत्ति को मित्रता की कसौटी कहा गया है।

प्रश्न – “रहिमन पानी राखिए” दोहे का मुख्य संदेश क्या है?

उत्तर – इस दोहे में पानी का तात्पर्य मान-सम्मान और विनम्रता से है। यदि व्यक्ति इन्हें खो देता है, तो वह अपना अस्तित्व भी खो देता है।

प्रश्न – कवि ने सोने को धतूरे से अधिक मादक क्यों बताया है?

उत्तर – धतूरा खाने से व्यक्ति कुछ समय के लिए पागल हो सकता है, लेकिन सोने (धन) का नशा व्यक्ति को हमेशा के लिए अहंकारी बना सकता है, इसलिए यह अधिक घातक है।

प्रश्न – “नर की अरु नल नीर” दोहे में कवि क्या समझाना चाहते हैं?

उत्तर – इस दोहे में बताया गया है कि जैसे जल नीचे गिरकर ऊँचा उठता है, वैसे ही जो व्यक्ति विनम्र रहता है, वह जीवन में ऊँचाइयाँ प्राप्त करता है।

 

 

 

 

 

 

 

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