Telangana, Class X, Sugandha -02, Hindi Text Book, Ch. 12, Dharti Ke Sawaal Antariksha Ke Jawaab, The Best Solutions, धरती के सवाल अंतरिक्ष के ज़वाब (साक्षात्कार) संकलित

  1. हवाई जहाज़ का आविष्कार किसने किया?

उत्तर – . हवाई जहाज़ का आविष्कार अमेरिका के विलबर राइट व ओरोविन राइट बंधुओं ने किया।

  1. उड़ते हवाई जहाज़ को देखकर आपको क्या लगता है? क्यों?

उत्तर – उड़ते हवाई जहाज़ को देखकर मुझे भी कुछ आविष्कार करने की इच्छा होती है क्योंकि मैं भी दुनिया में अमर होना चाहता हूँ।

  1. पशु-पक्षी और मानव गुणों में क्या अंतर है?

उत्तर – पशु-पक्षी अपने जीवन में उतना ही काम करते हैं जितने से उनका जीवन चल सके। सामान्य रूप से खाना-पीना और प्रजनन करना यही उनके काम है जबकि इंसान इन कामों के अतिरिक्त अपने मस्तिष्क का प्रयोग करके बहुत सारी चीजों का आविष्कार करते हैं खोज करते हैं। 

देश की सुरक्षा का कार्य अत्यंत महान कार्य है। इसके लिए अनेक प्रकार के नवीन तथा वैज्ञानिक उपकरण अपना विशेष दायित्व निभाते हैं। उन्हीं में कृत्रिम उपग्रह, रॉकेट, मिज़ाइल तथा रासायनिक वायु आदि का आविष्कार हुआ है। इस पाठ के द्वारा छात्रों में देश की सुरक्षा की भावना जागृत कराना और उपकरणों का आविष्कार करने वाले वैज्ञानिकों की जानकारी देना इस पाठ का मुख्य उद्देश्य है।

प्रस्तुत पाठ साक्षात्कार विधा में है। प्रश्नोत्तर द्वारा की जाने वाली प्रक्रिया ही साक्षात्कार है। साक्षात्कार के लिए उद्देश्ययुक्त प्रश्नावली का होना आवश्यक है।

विषय प्रवेश :

“आज हमारे यहाँ जब भी अंतरिक्ष विज्ञान और मिज़ाइल की बात की जाती है, तो सभी के मस्तिष्क में एक ही नाम गूँजता है- ‘ए. पी. जे. अब्दुल कलाम। सच्चे अर्थों में वे देश के ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के आदर्श हैं। उन्होंने दुनिया के मानचित्र में भारत को जो स्थान दिलाया है, उसके लिए भारतवासी उनके ऋणी हैं। मैं गर्व के साथ कहना चाहती हूँ कि वे मेरे गुरु हैं।” इतने सुंदर विचार रखने वाली भारत की प्रथम ‘मिज़ाइल वुमन’ शिष्या टेसी थॉमस और उनके गुरु ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें…

धरती के सवाल – अंतरिक्ष के ज़वाब

तमिलनाडु के रामेश्वरम की गलियों में समाचार पत्र बेचने वाला एक निर्धन बालक एक दिन सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक तथा भारत का राष्ट्रपति बनेगा, ऐसा किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। किंतु उस ग़रीब बालक ने अपनी प्रतिभा, परिश्रम और लगन से यह सिद्ध कर दिखाया कि मनुष्य के लिए विश्व में कुछ भी असंभव नहीं है। मन में अगर चाह हो तो उसे राह अपने आप मिल जाती है। जी हाँ, यह बालक कोई और नहीं बल्कि हमारे पूर्व राष्ट्रपति और मिज़ाइल मैन के नाम से प्रसिद्ध ‘भारत रत्न’ अबुल फ़कीर जैनुलाबुद्दीन अब्दुल कलाम हैं।

राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान कुछ बालकों ने उनका साक्षात्कार लिया था। प्रस्तुत हैं उसी की कुछ झलकियाँ-

बालक : बढ़ती जनसंख्या और अन्य कई प्रकार की सामाजिक समस्याएँ हैं, जो हमारे देश में किसी महामारी की तरह फैली हुई हैं। उनके बारे में जागरूकता लाने के लिए हम छात्र क्या कर सकते हैं?

अब्दुल कलाम : इसमें दो राय नहीं कि हमारे देश के सामने बढ़ती जनसंख्या और अन्य कई सामाजिक समस्याएँ हैं। पर साथ ही हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि पूरे विश्व में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जहाँ 50 प्रतिशत से भी अधिक युवाशक्ति है। जो देश के आर्थिक विकास में प्रमुख योगदान दे रही है। यह भी देखने में आया है कि जहाँ कहीं भी महिला साक्षरता दर अधिक है, वहाँ यह साक्षरता दर बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने में कारगर साबित हुई है। एक छात्र होने के नाते आप सब कम से कम पाँच महिलाओं को शिक्षित करें, जो पढ़ना-लिखना नहीं जानतीं। साथ ही आप उन्हें समाज की उन प्रमुख समस्याओं के बारे में भी बताएँ, जिनसे आजकल की महिलाओं को संकट का सामना करना पड़ रहा है।

बालक : भारत के राष्ट्रपति के रूप में आप बाल मज़दूरी की समस्या को समाप्त करने के लिए क्या सुझाव देना चाहेंगे?

अब्दुल कलाम : क़ानूनन बाल मज़दूरी करवाना एक अपराध है। इस दशक के अंत तक हमें इसे जड़ से समाप्त करने का प्रयास करना चाहिए। भारतीय संसद ने भी संविधान संशोधन अधिनियम 2002 के माध्यम से 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए शिक्षा पाने के अधिकार को मौलिक अधिकार के रूप में घोषित कर दिया गया है। यह बहुत ज़रूरी है कि बच्चे अभिभावकों को नशाख़ोरी से मुक्ति दिलाने के लिए मुहिम चलाएँ और प्रौढ़ शिक्षा के माध्यम से उन्हें शिक्षित करने की व्यवस्था भी करें। ऐसी समस्या से तीन अलग-अलग उपायों से निपटा जा सकता है- (क) बच्चा स्वयं अपनी पढ़ाई जारी रखने में रुचि दिखाएँ। (ख) माता-पिता को शिक्षित करके और (ग) बच्चों से काम लेने वाले मालिकों में आत्म-नियंत्रण की प्रवृत्ति का विकास करके, ताकि वे उन बच्चों को अपने बच्चे जैसा ही समझें।

बालक : वर्तमान में भ्रष्टाचार सार्वजनिक जीवन में लगभग सभी स्तरों पर व्याप्त है। छात्र समुदाय सन् 2020 तक भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने के लिए क्या – क्या कर सकता है?

अब्दुल कलाम : सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए व्यापक आंदोलन की आवश्यकता है। यह आंदोलन अपने घर और विद्यालय से ही आरंभ करना होगा। भ्रष्टाचार उन्मूलन में मेरी दृष्टि में केवल तीन ही तरह के लोग सहायक सिद्ध हो सकते हैं। वे हैं – (क) माता, (ख) पिता और (ग) प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक। यदि ये तीनों बच्चों को ईमानदारी और सच्चाई का पाठ पढाते हैं तो इसके बाद जीवन में शायद ही कोई उनको हिला पाएगा। अतः हर घर में इस तरह के आंदोलन की आवश्यकता है, सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार को मिटा सकें। आप सब यह संकल्प लें कि आप सदैव ईमानदार एवं भ्रष्टाचारमुक्त जीवन का निर्वाह करेंगे और दूसरों के लिए आदर्शवान बने रहेंगे।

बालक : बड़े हमेशा बच्चों को कुछ न कुछ उपदेश देते रहते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि अनुशासित रहना चाहिए, कुछ लोग कहते हैं खूब पढ़ाई करनी चाहिए, तो कुछ लोग कहते हैं कि ईमानदार बनना चाहिए, कड़ी मेहनत करनी चाहिए आदि। वैसे तो इन बातों का पालन करना महत्त्वपूर्ण है, किंतु एक छात्र के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण गुण क्या है?

अब्दुल कलाम : एक छात्र के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण है- उसकी अपने प्रति ईमानदारी और दूसरों के प्रति आदर का गुण। ये गुण आपको निस्संदेह आदर्श नागरिक बनाएँगे।

छात्र : एक अंतिम प्रश्न। एक छात्र के रूप में मैं विकसित भारत के आपके स्वप्न को साकार करने की दिशा में क्या कर सकता हूँ?

अब्दुल कलाम : एक छात्र होने के नाते, आप जिस कक्षा में भी पढ़ते हो, उसमें आगे बढ़ने के लिए खूब परिश्रम करें। अपने जीवन में पहले एक लक्ष्य बनाएँ। फिर उसे प्राप्त करने के लिए आवश्यक ज्ञान और अनुभव प्राप्त करें। बाधाओं से लड़ते हुए उन पर विजय प्राप्त करें। निरंतर प्रयत्नशील रहते हुए सबसे बढ़िया काम करने की ओर बढ़ते रहें। साथ ही नैतिक मूल्यों को भी ग्रहण करें। छात्रों को हमेशा परिश्रमी बनने का प्रयास करना चाहिए। छुट्टी के दिनों में छात्र ग़रीब और सुविधाओं से वंचित बच्चों को पढ़ाने का काम करें और इसे अपने जीवन में एक उद्देश्य के रूप में लें। छात्र अधिक से अधिक पौधे लगाएँ। इससे पर्यावरण को संतुलित बने रहने में सहायता मिलेगी। हमारे ये कार्य न केवल हमको, बल्कि हमारे राष्ट्र को भी विकास और समृद्धि के पथ पर ले जाएँगे।

(साभारः हम होंगे कामयाब, ए. पी. जे. अब्दुल कलाम)

दूसरा

बड़ी मुश्किल से मुझे टेसी थॉमस का साक्षात्कार करने का मौका मिला था। मैं सुबह – सुबह ही हैदराबाद के डिफेंस क्वार्टर्स में स्थित उनके घर पहुँच गई।

घर में देखा तो पुरस्कारों और सम्मानों का भंडार पड़ा था। किंतु इसमें भी विशेष था ‘हाथी वाला स्मारक’ जो उन्हें उनके इंजीनियरिंग की पढ़ाई के समय कॉलेज की ओर से

दिया गया था। उनकी शिक्षा-दीक्षा केरल स्थित अलप्पुझा में हुई। यहीं पर उनका जन्म हुआ था। रक्षा अनुसंधान और विज्ञान को पुरुषों का क्षेत्र माना जाता था। मगर टेसी जी ने अपने मेहनत लगन और दृढ़ निश्चय से इस क्षेत्र में मेहनत की। निरंतर श्रम से टेसी जी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डी. आर.डी.ओ) के अग्नि-5 कार्यक्रम की निदेशक बनीं। उन्होंने देश के किसी मिज़ाइल प्रॉजेक्ट की पहली महिला प्रमुख बनने का गौरव प्राप्त किया। चलिए उन्हीं से उनके बारे में जानते हैं।

मैं – आप अपने आरंभिक जीवन के बारे में क्या बता सकती हैं?

टेसी जी – मुझे बचपन से ही कुछ अलग करने की चाह थी। मैं अंतरिक्ष के सपने देखती थी। यही कारण रहा कि मैंने गणित और विज्ञान विषय को अपने तन-मन में बसा लिया। इसमें मेरी पाठशाला (अलप्पुझा) और अध्यापकों का बहुत बड़ा योगदान रहा। अध्यापकों के सहयोग और सच्ची लगन से सफलता की बुलंदियों को प्राप्त किया जा सकता है।

मैं – जब कभी कोई आपको भारत की ‘प्रथम मिज़ाइल वुमन’ और ‘अग्नि-पुत्री’ कहते हैं, तो आपको कैसा लगता है?

टेसी जी – मुझे बेहद खुशी होती है। मेरे पास बयान करने के लिए कोई शब्द नहीं है। सन् 1985 में डी. आर. डी. ओ द्वारा देशभर के दस युवा वैज्ञानिकों को चुना गया उसमें मेरा नाम भी था। उस दिन मेरी खुशी की कोई सीमा नहीं थी। मानो मेरे सपनों को पंख मिल गए थे। मैंने ‘अग्नि मिज़ाइल’ के अभियान से जुड़कर जो आनंद प्राप्त किया, वह सदा याद रहेगा।

मैं – आप अपना आदर्श किसे मानती हैं?

टेसी जी – आज हमारे यहाँ जब भी अंतरिक्ष विज्ञान और मिज़ाइल की बात की जाती है, तो सभी के मस्तिष्क में एक ही नाम गूँजता है- ‘ए.पी.जे. अब्दुल कलाम’। सच्चे अर्थों में वे देश के ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के आदर्श हैं। उन्होंने दुनिया के मानचित्र में भारत को जो स्थान दिलाया है, उसके लिए भारतवासी उनके ऋणी हैं। मैं गर्व के साथ कहना चाहती हूँ कि वे मेरे गुरु हैं। (डी. आर. डी. ओ में टेसी थॉमस, ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के नेतृत्व में काम कर चुकी हैं।) उन्होंने ही मुझे प्रेरणा के ‘अग्नि पंख’ दिये हैं। वे महान थे, महान हैं और महान रहेंगे। उनकी नेतृत्व क्षमता बेमिसाल है। उन्हें मैं अपना आदर्श मानने में गर्व अनुभव करती हूँ।

मैं – बच्चों को आप क्या सुझाव देना चाहती हैं?

टेसी जी – बच्चों से मैं यही कहना चाहती हूँ कि वे जो भी पढ़ें ध्यान से पढ़ें, मेहनत करें और लक्ष्य प्राप्त करने तक रुके नहीं। जो उन्हें पसंद हैं उसमें अपना जी-जान लगा दें। कमर कसकर तैयारी करें। सफलता अवश्य उनके क़दम चूमेगी।

शब्द

हिंदी अर्थ

तेलुगु अर्थ

अंग्रेज़ी अर्थ

समाचार पत्र

अख़बार

వార్తాపత్రిక

Newspaper

निर्धन

गरीब

పేద

Poor

प्रतिभा

योग्यता, कौशल

ప్రతిభ

Talent

परिश्रम

मेहनत

కష్టపడటం

Hard work

लगन

समर्पण, निष्ठा

తపన

Dedication

असंभव

जो संभव न हो

అసాధ్యం

Impossible

विश्व

संसार

ప్రపంచం

World

अभिभावक

माता-पिता या संरक्षक

తల్లిదండ్రులు

Guardian

साक्षरता

पढ़ने-लिखने की क्षमता

అక్షరాస్యత

Literacy

समस्या

कठिनाई, संकट

సమస్య

Problem

महामारी

व्यापक बीमारी

మహమ్మారి

Epidemic

जागरूकता

सचेतना, सतर्कता

అవగాహన

Awareness

संविधान

कानूनों का समूह

రాజ్యాంగం

Constitution

अधिकार

हक़, स्वतंत्रता

హక్కు

Right

भ्रष्टाचार

बेईमानी, अनैतिकता

అవినీతి

Corruption

उन्मूलन

समाप्ति, नष्ट करना

నిర్మూలనం

Eradication

आंदोलन

अभियान, संघर्ष

ఉద్యమం

Movement

शिक्षक

अध्यापक, गुरु

ఉపాధ్యాయుడు

Teacher

अनुशासन

नियमों का पालन

క్రమశిక్షణ

Discipline

ईमानदारी

सच्चाई, निष्ठा

నిజాయితీ

Honesty

पर्यावरण

प्राकृतिक वातावरण

పర్యావరణం

Environment

समृद्धि

उन्नति, धन-वैभव

సమృద్ధి

Prosperity

नेतृत्व

मार्गदर्शन, अगुवाई

నాయకత్వం

Leadership

प्रेरणा

उत्साह, हौसला

ప్రేరణ

Inspiration

सफलता

जीत, उपलब्धि

విజయం

Success

ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के साक्षात्कार का संक्षिप्त सार

डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम, जो कभी रामेश्वरम की गलियों में समाचार पत्र बेचने वाले एक निर्धन बालक थे, अपनी मेहनत, लगन और प्रतिभा के बल पर भारत के राष्ट्रपति और ‘मिसाइल मैन’ बने। उन्होंने यह साबित कर दिया कि इच्छाशक्ति और परिश्रम से कुछ भी असंभव नहीं है।

बालकों द्वारा लिए गए साक्षात्कार में उन्होंने कई महत्त्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने बढ़ती जनसंख्या और सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए छात्र-छात्राओं को महिलाओं की शिक्षा पर ध्यान देने की सलाह दी। बाल श्रम को समाप्त करने के लिए उन्होंने माता-पिता को शिक्षित करने और बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रेरित करने पर बल दिया।

भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए उन्होंने माता-पिता और प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की भूमिका को अहम बताया और छात्रों को ईमानदारी तथा सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। उन्होंने छात्रों को परिश्रम, अनुशासन और नैतिकता के महत्त्व को समझाते हुए विकसित भारत के निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।

उनका संदेश था कि हर छात्र को अपने जीवन का एक लक्ष्य बनाकर ज्ञान और अनुभव प्राप्त करना चाहिए, समाज सेवा में भाग लेना चाहिए, गरीब बच्चों को शिक्षित करना चाहिए और पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए। इस तरह, हमारे प्रयास न केवल हमें बल्कि हमारे राष्ट्र को भी विकास और समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ाएंगे।

टेसी थॉमस का साक्षात्कार – संक्षेप में

टेसी थॉमस, जो भारत की ‘प्रथम मिसाइल वुमन’ और ‘अग्नि-पुत्री’ के नाम से जानी जाती हैं, ने कठिन परिश्रम और दृढ़ निश्चय के बल पर रक्षा अनुसंधान और मिसाइल विकास में एक महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया। उनका जन्म केरल के अलप्पुझा में हुआ था और उन्होंने बचपन से ही गणित और विज्ञान में रुचि ली।

टेसी थॉमस को डी.आर.डी.ओ. द्वारा 1985 में दस युवा वैज्ञानिकों में चुना गया, जिससे उनके सपनों को पंख मिले। वे ‘अग्नि-5’ कार्यक्रम की निदेशक बनीं और किसी मिसाइल प्रोजेक्ट की पहली महिला प्रमुख बनने का गौरव प्राप्त किया। उन्होंने ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को अपना गुरु और आदर्श माना, जिनसे उन्होंने प्रेरणा प्राप्त की।

टेसी थॉमस का मानना है कि मेहनत और लगन से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। वे बच्चों को सुझाव देती हैं कि वे पूरी ईमानदारी से पढ़ाई करें, अपने लक्ष्य को तय करें और उसे पाने के लिए कड़ी मेहनत करें। उनका संदेश है कि सफलता उन्हीं को मिलती है जो उसे पाने के लिए पूरी तरह समर्पित होते हैं।

  1. निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए सरकार द्वारा क्या-क्या क़दम उठाये जा रहे हैं?

उत्तर – निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए सरकार विभिन्न योजनाएँ और कार्यक्रम चला रही है। इनमें प्रमुख हैं-

सर्व शिक्षा अभियान (SSA) 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा सुनिश्चित करने की योजना।

राष्ट्रीय साक्षरता मिशन (NLM)- वयस्कों और महिलाओं को साक्षर बनाने के लिए चलाई गई योजना।

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY)- निरक्षरों को व्यावसायिक शिक्षा देकर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास।

समग्र शिक्षा अभियान – प्राथमिक से लेकर उच्चतर शिक्षा तक के लिए सहायता प्रदान करने की योजना।

स्वयं और दीक्षा पोर्टल – ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफ़ॉर्म, जो शिक्षा को डिजिटल रूप में सुलभ बनाते हैं।

  1. एक छात्र में कौन-कौन से महत्त्वपूर्ण गुण होने चाहिए?

उत्तर – एक छात्र में निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण गुण होने चाहिए –

ईमानदारी और नैतिकता – अपने प्रति ईमानदार रहना और सच्चाई का पालन करना।

अनुशासन – समय का सही उपयोग और जीवन में अनुशासन बनाए रखना।

परिश्रम – अपने लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत करना।

सम्मान – अपने माता-पिता, गुरुजनों और अन्य लोगों के प्रति आदर भाव रखना।

सेवा भाव – समाज और जरूरतमंदों की सहायता करना।

सीखने की जिज्ञासा – नए ज्ञान और कौशल को प्राप्त करने की इच्छा रखना।

पर्यावरण के प्रति जागरूकता – अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना।

दूसरा साक्षात्कार

  1. बच्चों के लिए टेसी जी का संदेश क्या है?

उत्तर – टेसी जी का संदेश है कि बच्चे जो भी पढ़ें, उसे ध्यान से पढ़ें, मेहनत करें और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने तक रुकें नहीं। उन्हें जो पसंद है, उसमें पूरी लगन और मेहनत से काम करें, सफलता अवश्य मिलेगी।

  1. टेसी जी को अग्नि पुत्री क्यों कहा गया होगा?

उत्तर – टेसी जी को ‘अग्नि पुत्री’ इसलिए कहा गया क्योंकि उन्होंने ‘अग्नि मिज़ाइल’ परियोजना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई और वे इस परियोजना की प्रमुख रही हैं।

(अ) प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

  1. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम जैसे कुछ और महापुरुषों के नाम बताइए।

उत्तर –

  1. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम और टेसी थॉमस में आपको सबसे अच्छी बात कौन-सी लगी और क्यों?

उत्तर – ए. पी. जे. अब्दुल कलाम और टेसी थॉमस में मुझे सबसे अच्छी बात यह लगी कि दोनों ने अपने कठिन परिश्रम, लगन और दृढ़ संकल्प से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।

ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने भारत के मिसाइल कार्यक्रम को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया और अपने प्रेरणादायक विचारों से युवाओं को प्रोत्साहित किया।

टेसी थॉमस, जिन्हें “मिसाइल वुमन ऑफ इंडिया” कहा जाता है, ने अग्नि मिसाइल परियोजना में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय रक्षा अनुसंधान में महिलाओं की शक्ति को साबित किया।

दोनों ही व्यक्तित्व हमें यह सिखाते हैं कि मेहनत, आत्मविश्वास और समर्पण से कोई भी सफलता प्राप्त कर सकता है।

(आ) पाठ पढ़िए। अभ्यास कार्य कीजिए।

  1. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का साक्षात्कार किसने लिया?

उत्तर – ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का साक्षात्कार कुछ बालकों ने लिया था।

  1. टेसी थॉमस का साक्षात्कार किसने लिया?

उत्तर – टेसी थॉमस का साक्षात्कार एक पत्रकार ने लिया।

  1. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने बाल मज़दूरी को समाप्त करने के लिए क्या उपाय बताए?

उत्तर – ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने बाल मज़दूरी को समाप्त करने के लिए तीन प्रमुख उपाय बताए –

बच्चों की शिक्षा में रुचि – बच्चों को स्वयं अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित किया जाए ताकि वे शिक्षा के महत्त्व को समझें और बाल मज़दूरी से दूर रहें।

माता-पिता को शिक्षित करना – माता-पिता को शिक्षित करके यह समझाया जाए कि बच्चों को स्कूल भेजना क्यों ज़रूरी है और उन्हें बाल मज़दूरी में लगाने के दुष्प्रभाव क्या हैं।

मालिकों में आत्म-नियंत्रण की प्रवृत्ति – जो लोग बच्चों से काम करवाते हैं, उनमें यह भावना विकसित की जाए कि वे इन बच्चों को अपने ही बच्चों के समान समझें और उनसे मज़दूरी न करवाएँ।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को अपने अभिभावकों को नशाखोरी से मुक्त कराने के लिए जागरूक करना चाहिए और प्रौढ़ शिक्षा के माध्यम से उन्हें शिक्षित करने की व्यवस्था करनी चाहिए।

  1. टेसी थॉमस की स्कूली पढ़ाई कहाँ हुई? उन्हें किन विषयों में रुचि थी?

उत्तर – टेसी थॉमस की स्कूली पढ़ाई केरल के अलप्पुझा में हुई। उन्हें गणित और विज्ञान में विशेष रुचि थी।

(इ) निम्नलिखित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए।

  1. सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए व्यापक आंदोलन की आवश्यकता

उत्तर – ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के अनुसार, सार्वजनिक जीवन से भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए एक व्यापक आंदोलन की जरूरत है, जिसे घर और विद्यालय से ही आरंभ किया जाना चाहिए। उनका मानना था कि भ्रष्टाचार उन्मूलन में तीन प्रमुख लोग सहायक सिद्ध हो सकते हैं,

माता – बच्चों को ईमानदारी और सच्चाई का पाठ पढ़ाने में माता की अहम भूमिका होती है।

पिता – पिता यदि ईमानदार होंगे, तो बच्चे भी उनसे यह गुण सीखेंगे।

प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक – शिक्षक नैतिक शिक्षा देकर बच्चों को सही मार्ग दिखा सकते हैं।

यदि माता-पिता और शिक्षक बच्चों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाएँ, तो उनके जीवन में कोई भी उन्हें भ्रष्टाचार की ओर नहीं मोड़ सकता। इसलिए हर घर में इस तरह के आंदोलन की आवश्यकता है, जिससे लोग स्वयं ईमानदार रहें और दूसरों को भी प्रेरित करें।

  1. सच्चे अर्थों में वे देश के ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के आदर्श हैं।

उत्तर – यह कथन भारत के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के संदर्भ में कहा गया है। टेसी थॉमस, जो भारत की ‘प्रथम मिसाइल वुमन’ के रूप में जानी जाती हैं, ने उनका उल्लेख अपने आदर्श और प्रेरणास्रोत के रूप में किया है। टेसी थॉमस, जो डॉ. कलाम के नेतृत्व में डी.आर.डी.ओ. में कार्य कर चुकी हैं, उन्हें अपने गुरु और मार्गदर्शक के रूप में मानती हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. कलाम महान थे, महान हैं और महान रहेंगे। उनके नेतृत्व और योगदान ने न केवल भारत, बल्कि वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिकों और नवाचार में रुचि रखने वाले युवाओं को प्रेरित किया। इसीलिए, वे सिर्फ भारत के नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक आदर्श व्यक्तित्व हैं।

(गद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

विज्ञान की भी एक भाषा होती है। यदि आप ध्यान से देखें तो आपको पता चलेगा कि किस तरह ऋतुएँ बदलती रहती हैं। किस तरह किसी बीज से नन्हा पौधा निकलता है। किस तरह पानी पर कागज़ की नावें तैरती हैं। किस तरह पक्षी उड़ते हैं। किस तरह तितली फूल का रस पीती है। किस तरह गुब्बारा हवा से फूलता है। चारों ओर विज्ञान ही विज्ञान है। विज्ञान किताबों में कम आपकी समझ में ज़्यादा बसता है। इसीलिए कुछ जानने की इच्छा हमेशा रहनी चाहिए। जो जानने की इच्छा नहीं रखता वह किताबें पढ़कर भी कुछ नहीं सीख सकता।

  1. विज्ञान कैसा विषय है?

उत्तर – विज्ञान एक ऐसा विषय है जो हमारे चारों ओर फैला हुआ है और जिसे हम प्रकृति में विभिन्न परिवर्तनों और घटनाओं के माध्यम से समझ सकते हैं।

  1. विज्ञान के कुछ उदाहरण दीजिए।

उत्तर – ऋतुओं का बदलना, बीज से पौधा निकलना, पानी पर कागज़ की नाव का तैरना, पक्षियों का उड़ना, तितली का फूल का रस पीना, और गुब्बारे का हवा से फूलना विज्ञान के उदाहरण हैं।

  1. जानने की इच्छा न हो तो क्या होगा?

उत्तर – यदि जानने की इच्छा न हो तो व्यक्ति किताबें पढ़कर भी कुछ नहीं सीख सकता और वह नए ज्ञान से वंचित रह जाएगा।

 

अभिव्यक्ति- सृजनात्मकता

(अ) इन प्रश्नों के उत्तर तीन-चार पंक्तियों में लिखिए।

  1. कलाम के विचार में ‘आदर्श छात्र’ के गुण क्या हैं?

उत्तर – कलाम के विचार में ‘आदर्श छात्र’ के दो प्रमुख गुण होने चाहिए –

अपने प्रति ईमानदारी – छात्र को स्वयं के प्रति सच्चा और ईमानदार होना चाहिए।

पढ़ाई के प्रति संकल्पित – एक छात्र को अपनी पढ़ाई के प्रति हमेशा जागरूक रहना चाहिए।

दूसरों के प्रति आदर – सभी के प्रति सम्मानभाव रखना चाहिए।

ये गुण छात्र को एक आदर्श नागरिक बनने में सहायता करते हैं।

  1. टेसी थॉमस के जीवन से हमें क्या संदेश मिलता है?

उत्तर – टेसी थॉमस के जीवन से हमें यह संदेश मिलता है कि कड़ी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उनका जीवन यह साबित करता है कि महिलाएँ भी विज्ञान और रक्षा अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में उच्च पदों तक पहुँच सकती हैं।

(आ) इन प्रश्नों के उत्तर आठ-दस पंक्तियों में लिखिए।

  1. अच्छे नागरिक बनने के लिए कौन से गुण होने चाहिए?

उत्तर – अच्छे नागरिक बनने के लिए ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के अनुसार निम्नलिखित गुण होने चाहिए-

ईमानदारी – हमेशा सत्य और नैतिक मूल्यों का पालन करना।

अनुशासन – जीवन में नियमों और कर्तव्यों का पालन करना।

परिश्रम – अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करना।

सम्मान – माता-पिता, शिक्षकों और समाज के प्रति आदर भाव रखना।

समाज सेवा – गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करना, महिलाओं को शिक्षित करना।

पर्यावरण संरक्षण – अधिक से अधिक पौधे लगाना और प्रकृति का संरक्षण करना।

ये गुण न केवल व्यक्ति को बल्कि पूरे राष्ट्र को विकास और समृद्धि की ओर ले जाते हैं।

  1. टेसी थॉमस अब्दुल कलाम को अपना आदर्श क्यों मानती हैं? किसी एक साक्षात्कार को उचित शीर्षक देते हुए निबंध के रूप में लिखिए।

उत्तर – अग्नि पंखों के प्रेरणास्रोत: ए. पी. जे. अब्दुल कलाम

भारत की प्रसिद्ध वैज्ञानिक टेसी थॉमस को ‘अग्नि-पुत्री’ कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने अग्नि मिसाइल प्रोजेक्ट में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानती हैं और उनके विचारों से प्रेरित होकर अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हुईं।

अब्दुल कलाम – एक महान प्रेरणास्रोत

टेसी थॉमस का मानना है कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं महान वैज्ञानिक डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने न केवल भारत को मिसाइल टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि युवाओं के लिए एक आदर्श प्रस्तुत किया। वे कहती हैं कि कलाम साहब की नेतृत्व क्षमता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अद्वितीय थे। उन्होंने हमेशा युवाओं को आगे बढ़ने और अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित किया।

टेसी थॉमस की यात्रा और अब्दुल कलाम का प्रभाव

टेसी थॉमस बचपन से ही विज्ञान में रुचि रखती थीं। वे कहती हैं कि कलाम सर ने उन्हें “अग्नि पंख” दिए, अर्थात् उनके विचारों और प्रेरणा ने उन्हें उच्च शिखर तक पहुँचाया। डी.आर.डी.ओ. में काम करने के दौरान उन्होंने अब्दुल कलाम के नेतृत्व में कार्य किया, जिससे उन्होंने तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ समर्पण और परिश्रम का मूल्य भी सीखा।

टेसी थॉमस का संदेश

टेसी थॉमस बच्चों को संदेश देती हैं कि वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें, मेहनत करें और अपने लक्ष्य को पाने के लिए निरंतर प्रयास करें। वे कहती हैं कि जो व्यक्ति अपनी रुचि के क्षेत्र में पूरी लगन से मेहनत करता है, सफलता उसके कदम जरूर चूमती है।

(ई) ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के विचार आदर्श योग्य हैं। इन विचारों को अमल में लाने के लिए आप क्या करेंगे?

उत्तर – ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के विचार वास्तव में आदर्श योग्य हैं, और इन्हें अमल में लाने के लिए मैं निम्नलिखित कार्य करूँगा –

शिक्षा के प्रति जागरूकता – अपने आसपास के गरीब और निरक्षर बच्चों को शिक्षित करने का प्रयास करूँगा।

ईमानदारी और अनुशासन – अपने जीवन में सच्चाई, ईमानदारी और अनुशासन को अपनाऊँगा।

परिश्रम और लक्ष्य निर्धारण – अपने लक्ष्य को निर्धारित कर, उसे पाने के लिए मेहनत और समर्पण से कार्य करूँगा।

भ्रष्टाचार के खिलाफ संकल्प – स्वयं ईमानदार रहूँगा और दूसरों को भी भ्रष्टाचार से दूर रहने के लिए प्रेरित करूँगा।

पर्यावरण संरक्षण – अधिक से अधिक वृक्षारोपण करूँगा और पर्यावरण बचाने के लिए दूसरों को भी प्रेरित करूँगा।

समाज सेवा – जरूरतमंदों की मदद करूँगा और महिलाओं की शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाऊँगा।

इन कार्यों को अपनाकर मैं कलाम सर के सपनों के अनुसार एक बेहतर नागरिक बनने की दिशा में आगे बढ़ूँगा।

भाषा की बात

(अ) कोष्ठक में दी गई सूचना पढ़िए और उसके अनुसार कीजिए।

  1. प्रतिभा, परिश्रम, छात्र, शिक्षा (पर्याय शब्द लिखिए।)

प्रतिभा – मेधा, योग्यता, कौशल

परिश्रम – मेहनत, श्रम, उद्यम

छात्र – विद्यार्थी, शिष्य, शिक्षार्थी

शिक्षा – विद्या, ज्ञान, अध्ययन, शिक्षण

  1. संभव, ज्ञान, बढ़िया, साकार (विलोम शब्द लिखिए।)

संभव – असंभव

ज्ञान – अज्ञान

बढ़िया – घटिया

साकार – निराकार

  1. छात्रा, छुट्टी, पौधा, बात (वचन बदलिए।)

छात्रा – छात्राएँ

छुट्टी – छुट्टियाँ

पौधा – पौधे

बात – बातें

(आ) सूचना पढ़िए। उसके अनुसार कीजिए।

  1. निर्धन, विद्यालय (संधि विच्छेद कीजिए।)

निर्धन – नि: + धन

विद्यालय = विद्या + आलय

  1. सुबह – शाम, युवाशक्ति (समास पहचानिए।)

सुबह – शाम = सुबह और शाम (द्वंद्व सामस)

युवाशक्ति – युवाओं की शक्ति (तत्पुरुष सामास)

(इ) रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए और इन्हें समझिए।

  1. राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान कुछ बालकों ने उनका साक्षात्कार लिया था।
  2. निरंतर प्रयत्नशील रहते हुए सबसे बढ़िया काम करने की ओर बढ़ते रहें।

(ई) रेखांकित शब्दों के स्थान पर कोष्ठक में दिये गये शब्दों का प्रयोग कर वाक्य बनाइए।

एक छात्र होने के नाते आप जिस कक्षा में भी पढ़ते हों, उसमें आगे बढ़ने के लिए खूब परिश्रम करें।

(नागरिक – देश, खिलाड़ी – खेल, कलाकार-कला, अध्यापक- विषय, परीक्षार्थी – परीक्षा)

एक नागरिक होने के नाते आप जिस देश में भी रहते हैं, उसमें आगे बढ़ने के लिए खूब परिश्रम करें।

एक खिलाड़ी होने के नाते आप जिस खेल को खेलते हैं, उसमें आगे बढ़ने के लिए खूब परिश्रम करें।

एक कलाकार होने के नाते आप जो कला करते हैं, उसमें आगे बढ़ने के लिए खूब परिश्रम करें।

एक अध्यापक होने के नाते आप जिस विषय को पढ़ाते हैं, उसमें आगे बढ़ने के लिए खूब परिश्रम करें।

एक परीक्षार्थी होने के नाते आप जिस परीक्षा में भी बैठते हैं, उसमें आगे बढ़ने के लिए खूब परिश्रम करें।

परियोजना कार्य

किसी एक वैज्ञानिक के बारे में जानकारी संकलित कीजिए।

उत्तर – जगदीश चंद्र बसु – भारत के महान वैज्ञानिक

परिचय

जगदीश चंद्र बसु भारत के महान वैज्ञानिक, भौतिकविद् और जीवविज्ञानी थे। उनका जन्म 30 नवंबर 1858 को बंगाल के मेमनसिंह (अब बांग्लादेश में) में हुआ था। वे विज्ञान में अपने योगदान के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं, विशेष रूप से वनस्पति विज्ञान और रेडियो विज्ञान के क्षेत्र में।

शिक्षा और प्रारंभिक जीवन

जगदीश चंद्र बसु की प्रारंभिक शिक्षा बंगाल में हुई। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर उच्च शिक्षा के लिए लंदन विश्वविद्यालय और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय गए। वे भौतिकी और जीवविज्ञान में गहरी रुचि रखते थे।

वैज्ञानिक उपलब्धियाँ

रेडियो विज्ञान में योगदान –

उन्होंने रेडियो तरंगों की खोज और प्रसारण पर काम किया।

मार्कोनी से पहले उन्होंने माइक्रोवेव संचार के प्रयोग किए थे।

वे पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने मिलीमीटर-वेव तकनीक पर शोध किया।

वनस्पति विज्ञान में योगदान –

उन्होंने सिद्ध किया कि पौधों में भी जीवन होता है और वे संवेदनशील होते हैं।

उन्होंने क्रेस्कोग्राफ (Crescograph) नामक यंत्र का आविष्कार किया, जिससे पौधों की वृद्धि और उनकी प्रतिक्रिया को मापा जा सकता है।

उनके शोधों ने वनस्पति विज्ञान में नई क्रांति ला दी।

राष्ट्रवादी वैज्ञानिक –

वे भारतीय संस्कृति और विज्ञान के बड़े समर्थक थे।

उन्होंने अपनी खोजों का पेटेंट नहीं करवाया ताकि उनके कार्य से सभी वैज्ञानिक लाभ उठा सकें।

पुरस्कार और सम्मान

‘नाइट’ की उपाधि (1917) – ब्रिटिश सरकार द्वारा सम्मानित।

रॉयल सोसाइटी के फेलो (1920) – विज्ञान में उत्कृष्ट योगदान के लिए।

भारतीय विज्ञान कांग्रेस के संस्थापक सदस्य।

निधन

23 नवंबर 1937 को इस महान वैज्ञानिक का निधन हो गया, लेकिन उनका योगदान विज्ञान की दुनिया में अमर रहेगा।

निष्कर्ष

जगदीश चंद्र बसु ने रेडियो विज्ञान और वनस्पति विज्ञान में अद्वितीय योगदान दिया। वे न केवल एक महान वैज्ञानिक थे, बल्कि एक राष्ट्रवादी विचारक भी थे। उनका जीवन बताता है कि ज्ञान को साझा करना और देश के लिए काम करना ही सच्ची उपलब्धि है।

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक एक वाक्य में दीजिए –  

प्रश्न: अब्दुल कलाम का जन्म कहाँ हुआ था?

उत्तर: उनका जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था।

प्रश्न: अब्दुल कलाम को किस नाम से प्रसिद्धि मिली?

उत्तर: वे ‘मिज़ाइल मैन’ के नाम से प्रसिद्ध हुए।

प्रश्न: टेसी थॉमस किस क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं?

उत्तर: वे रक्षा अनुसंधान और मिसाइल विकास के क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं।

प्रश्न: अब्दुल कलाम किस विषय में विशेषज्ञ थे?

उत्तर: वे एरोस्पेस इंजीनियरिंग में विशेषज्ञ थे।

प्रश्न: टेसी थॉमस को ‘अग्नि-पुत्री’ क्यों कहा जाता है?

उत्तर: वे अग्नि मिसाइल परियोजना की निदेशक थीं, इसलिए उन्हें ‘अग्नि-पुत्री’ कहा जाता है।

प्रश्न: अब्दुल कलाम को कौन सा सर्वोच्च सम्मान मिला?

उत्तर: उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।

प्रश्न: अब्दुल कलाम का प्रमुख उद्देश्य क्या था?

उत्तर: उनका उद्देश्य भारत को विकसित राष्ट्र बनाना था।

प्रश्न: टेसी थॉमस का जन्म कहाँ हुआ था?

उत्तर: उनका जन्म केरल के अलप्पुझा में हुआ था।

प्रश्न: अब्दुल कलाम का राष्ट्रपति कार्यकाल कब था?

उत्तर: वे 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे।

प्रश्न: अब्दुल कलाम ने छात्रों को क्या संदेश दिया?

उत्तर: उन्होंने छात्रों को मेहनत करने और बड़े सपने देखने का संदेश दिया।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दोतीन वाक्यों में दीजिए –  

प्रश्न: अब्दुल कलाम ने बाल मजदूरी समाप्त करने के लिए क्या सुझाव दिया?

उत्तर: उन्होंने शिक्षा को बढ़ावा देने और माता-पिता को शिक्षित करने पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने बाल श्रम करवाने वालों में आत्म-नियंत्रण की प्रवृत्ति विकसित करने की सलाह दी।

प्रश्न: टेसी थॉमस ने अपने जीवन में कौन-कौन सी कठिनाइयों का सामना किया?

उत्तर: टेसी थॉमस ने एक पुरुष-प्रधान क्षेत्र में काम करते हुए कई चुनौतियों का सामना किया। लेकिन अपनी मेहनत, लगन और निष्ठा से उन्होंने रक्षा अनुसंधान और मिसाइल विकास में एक प्रमुख स्थान प्राप्त किया।

प्रश्न: अब्दुल कलाम भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए क्या उपाय बताते हैं?

उत्तर: वे मानते थे कि भ्रष्टाचार मिटाने के लिए माता-पिता और शिक्षक बच्चों को ईमानदारी और नैतिकता का पाठ पढ़ाएँ। उन्होंने कहा कि अगर हर घर से यह आंदोलन शुरू होगा, तो समाज से भ्रष्टाचार खत्म किया जा सकता है।

प्रश्न: टेसी थॉमस अब्दुल कलाम को अपना आदर्श क्यों मानती हैं?

उत्तर: टेसी थॉमस अब्दुल कलाम के साथ काम कर चुकी हैं और उनकी नेतृत्व क्षमता से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा कि कलाम ने उन्हें ‘अग्नि पंख’ दिए और उनके दिखाए मार्ग पर चलकर वे मिसाइल विकास में आगे बढ़ीं।

प्रश्न: अब्दुल कलाम ने छात्रों को क्या सलाह दी कि वे भारत को एक विकसित राष्ट्र बना सकें?

उत्तर: उन्होंने छात्रों को मेहनत करने, लक्ष्य निर्धारित करने और अनुशासन बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों को गरीब बच्चों को पढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना चाहिए।

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