विषय प्रवेश –
भारत प्राचीन देश है। यहाँ की संस्कृति और सभ्यता सारे विश्व को लुभाती है। सत्यवानों, अहिंसावादियों, संतों-सूफियों, कर्त्तव्यनिष्ठों, धर्मनिष्ठों और देशभक्तों की पावन भूमि भारत देश है। आज यहाँ का बच्चा- बच्चा भी इनके मार्ग पर चलकर विश्वशांति व विश्वबंधुत्व की पवित्र भावनाओं से दुनिया को पावन धाम बनाना चाहता है।
हम भारतवासी
हम भारतवासी दुनिया को पावन धाम बनाएँगे।
मन में श्रद्धा और प्रेम का अद्भुत दृश्य दिखाएँगे॥
ऊँच-नीच का भेद मिटाकर, दिल में प्यार बसाएँगे।
नफ़रत का हम तोड़ कुहासा, अमृत रस सरसाएँगे॥
हम निराशा दूर भगाकर, फिर विश्वास जगाएँगे।
हम भारतवासी दुनिया को पावन धाम बनाएँगे॥
उलझन में उलझे लोगों को, तथ्य दीप समझाएँगे।
भटक रहे जो जीवन पथ से, उनको राह दिखाएँगे॥
हम खुशियों के दीप जला, जीवनज्योत जलाएँगे।
हम भारतवासी दुनिया को पावन धाम बनाएँगे॥
मन में श्रद्धा और प्रेम का अद्भुत दृश्य दिखाएँगे।
सत्य, अहिंसा, त्याग, समर्पण की बगिया महकाएँगे॥
जग के सारे क्लेश मिटाकर, धरती को स्वर्ग बनाएँगे।
विश्वबंधुत्व का मूल मंत्र हम, दुनिया में सरसाएँगे॥
हम भारतवासी दुनिया को पावन धाम बनाएँगे।
मन में श्रद्धा और प्रेम का अद्भुत दृश्य दिखाएँगे॥॥
– आर. पी. निशंक
शब्द | हिंदी अर्थ | तेलुगु अर्थ | अंग्रेजी अर्थ |
भारतवासी | भारत में रहने वाला व्यक्ति | భారత దేశ నివాసి (Bhārata dēśa nivāsi) | Indian Citizen |
पावन | शुद्ध, पवित्र | పవిత్రం (Pavitraṁ) | Pure, Sacred |
धाम | स्थान, निवास | స్థలం (Sthalaṁ) | Abode, Place |
श्रद्धा | भक्ति, आस्था | భక్తి (Bhakti) | Devotion, Faith |
प्रेम | प्यार, स्नेह | ప్రేమ (Prema) | Love, Affection |
अद्भुत | आश्चर्यजनक, चमत्कारी | అద్భుతమైన (Adbhutamaina) | Wonderful, Amazing |
भेद | अंतर, विभाजन | తేడా (Tēḍā) | Difference, Discrimination |
नफ़रत | घृणा, द्वेष | ద్వేషం (Dvēṣaṁ) | Hatred, Enmity |
कुहासा | धुंध, कोहरा | మంచు (Manchu) | Fog, Mist |
अमृत | जीवनदायी रस | అమృతం (Amṛtaṁ) | Nectar, Elixir |
सरसाना | फैलाना, पिरोना | వ్యాప్తి చేయు (Vyāpti cēyu) | Spread, Infuse |
निराशा | हताशा, उदासी | నిరాశ (Nirāśa) | Despair, Hopelessness |
विश्वास | यकीन, भरोसा | నమ్మకం (Nammakaṁ) | Faith, Trust |
उलझन | परेशानी, दुविधा | గందరగోళం (Gandaragōḷaṁ) | Confusion, Dilemma |
तथ्य | सच्चाई, सत्य | నిజం (Nijaṁ) | Fact, Truth |
दीप | दीया, प्रकाश | దీపం (Dīpaṁ) | Lamp, Light |
राह | मार्ग, पथ | మార్గం (Mārgaṁ) | Path, Way |
खुशियाँ | आनंद, प्रसन्नता | ఆనందం (Ānandaṁ) | Happiness, Joy |
जीवनज्योत | जीवन की रोशनी | జీవన జ్యోతి (Jīvana jyōti) | Light of Life |
सत्य | सच्चाई, वास्तविकता | సత్యం (Satyaṁ) | Truth, Reality |
अहिंसा | हिंसा न करना | అహింస (Ahiṁsa) | Non-violence |
त्याग | परित्याग, बलिदान | త్యాగం (Tyāgaṁ) | Sacrifice, Renunciation |
समर्पण | अर्पण, अ捆 समर्पण | అంకితభావం (Aṁkitabhāvaṁ) | Dedication, Surrender |
क्लेश | दुख, पीड़ा | బాధ (Bādha) | Suffering, Distress |
स्वर्ग | स्वर्गलोक, स्वर्गीय | స్వర్గం (Svargaṁ) | Heaven, Paradise |
विश्वबंधुत्व | विश्व का भाईचारा | ప్రపంచ సోదరభావం (Prapaṁca sōdara bhāvaṁ) | Universal Brotherhood |
मंत्र | गूढ़ वाक्य, पवित्र ध्वनि | మంత్రం (Mantraṁ) | Mantra, Sacred Chant |
पाठ का सार
यह कविता भारतवासियों के संकल्प और आदर्शों को दर्शाती है। इसमें ऊँच-नीच के भेदभाव को मिटाकर प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देने की प्रेरणा दी गई है। नफ़रत और निराशा को दूर कर समाज में विश्वास और आशा जगाने का संदेश दिया गया है। यह कविता सत्य, अहिंसा, त्याग और समर्पण जैसे मूल्यों को अपनाने पर जोर देती है, जिससे धरती को स्वर्ग समान बनाया जा सके। विश्वबंधुत्व और एकता को बढ़ावा देने की भावना को उजागर करते हुए, यह कविता एक आदर्श और पवित्र समाज बनाने का आह्वान करती है।
प्रश्नोत्तर
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक पंक्ति में दीजिए–
प्रश्न – इस कविता का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर – यह कविता एकता, प्रेम, त्याग और विश्वबंधुत्व का संदेश देती है।
प्रश्न – कविता में किस प्रकार के समाज की कल्पना की गई है?
उत्तर – इसमें एक प्रेम, सत्य, अहिंसा और समर्पण से भरे समाज की कल्पना की गई है।
प्रश्न – कविता में कौन-कौन से गुण अपनाने की प्रेरणा दी गई है?
उत्तर – सत्य, अहिंसा, त्याग, समर्पण और विश्वबंधुत्व अपनाने की प्रेरणा दी गई है।
प्रश्न – ऊँच-नीच का भेद मिटाकर क्या बसाने की बात कही गई है?
उत्तर – दिलों में प्यार बसाने की बात कही गई है।
प्रश्न – कविता में नफ़रत को क्या करने की प्रेरणा दी गई है?
उत्तर – नफ़रत को मिटाकर अमृत समान प्रेम फैलाने की प्रेरणा दी गई है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो से तीन पंक्तियों में दीजिए–
प्रश्न – कविता में धरती को स्वर्ग बनाने के लिए क्या उपाय बताए गए हैं?
उत्तर – इस कविता में सत्य, अहिंसा, त्याग और प्रेम को अपनाने की बात कही गई है ताकि धरती को स्वर्ग समान बनाया जा सके।
प्रश्न – विश्वबंधुत्व का क्या अर्थ है और कविता में इसका क्या महत्व बताया गया है?
उत्तर – विश्वबंधुत्व का अर्थ पूरी दुनिया को एक परिवार मानना है। कविता में इसे दुनिया में प्रेम और शांति स्थापित करने के लिए आवश्यक बताया गया है।
प्रश्न – कविता के अनुसार, भटकते हुए लोगों को सही मार्ग कैसे दिखाया जा सकता है?
उत्तर – उलझे हुए और भटके हुए लोगों को तथ्य रूपी दीप दिखाकर और उन्हें सच्चाई से अवगत कराकर सही मार्ग पर लाया जा सकता है।