सुंदर पिचाई (पिचाई सुंदरराजन) का जन्म 10 जून 1972, मद्रास [अब चेन्नई],तमिलनाडु, भारत) में हुआ था। ये भारतीय मूल के व्यक्ति होते हुए भी अमेरिकी कंपनी गूगल (2015 से), और इस कंपनी के अधिकार में आने वाली वाली कंपनी, अल्फाबेट के एसईओ (2019 से) हैं।
मद्रास का एक लड़का सुंदर पिचाई का बचपन अपने भाई के साथ एक छोटे से घर में बीता इनके पिता, जो ब्रिटिश बहुराष्ट्रीय जीईसी में एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे, उन्होंने अपने दोनों लड़कों को अच्छी शिक्षा दी। कम उम्र में पिचाई ने प्रौद्योगिकी में रुचि और विशेष रूप से टेलीफोन नंबरों के लिए असाधारण स्मृति प्रदर्शित की। धातुकर्म (Metallurgy) में डिग्री (बी.टेक., 1993) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर में रजत पदक अर्जित करने के बाद, उन्हें अध्ययन करने के लिए छात्रवृत्ति से सम्मानित किया गया। छात्रवृत्ति से ही इन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से 1995 में इंजीनियरिंग और पदार्थ विज्ञान में एम.एस.पूरा किया। इसके बाद वे संयुक्त राज्य अमेरिका में ही रहे और एप्लाइड मैटेरियल्स (सेमीकंडक्टर सामग्रियों का आपूर्तिकर्ता) के लिए कुछ समय तक काम किया। इसके बाद इन्होंने पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के व्हार्टन स्कूल से 2002 में एमबीए किया।
परामर्श व प्रबंधन फर्म मैकिन्से एंड कंपनी में पिचाई कुछ समय के लिए शामिल हुए और यहीं कार्य करते हुए 2004 में गूगल कंपनी में उत्पाद प्रबंधन प्रमुख के रूप में उन्होंने कार्य करना शुरू किया। अपने दृढ़ संकल्प और काम करने की लगन से आगे बढ़ते गए। उन्होंने शुरुआत में Google टूलबार पर काम किया, और जो यूजर्स Microsoft इंटरनेट एक्सप्लोरर और मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स वेबब्राउज़रों का उपयोग करते थे वे गूगल खोज इंजन (Google Search Engine) पर भी काम करने लगे। अगले कुछ वर्षों में, वह सीधे Google के अपने ब्राउज़र क्रोम के विकास में शामिल हो गए और सन् 2008 में क्रोम को जनता के लिए जारी कर दिया गया। उसी वर्ष पिचाई को उत्पाद विकास का उपाध्यक्ष (Vice President) नामित किया गया था, और उन्होंने अधिक सक्रिय सार्वजनिक भूमिका निभानी शुरू कर दी। 2012 तक वह वरिष्ठ उपाध्यक्ष थे, और दो साल बाद उन्हें Google और Google एंड्रॉयड स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम दोनों का उत्पाद प्रमुख बना दिया गया।
ऐसा भी माना जाता है कि 2011 में उन्हें ट्विटर से प्रस्ताव आया और कथित तौर उन्हें माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के संभावित सीईओ के रूप में भी प्रस्ताव प्राप्त हुए। लेकिन दोनों ही मामलों में उन्हें Google के साथ बने रहने के लिए बड़े वित्तीय पैकेज दिए गए। उन्हें 2014 में नेस्ट लैब्स के अधिग्रहण के लिए Google के 3.2 बिलियन डॉलर के सौदे पर बातचीत में मदद करने के लिए भी जाना जाता है। Google के सह-संस्थापक लेरी पेज और सर्गी ब्रिन अगस्त 2015 में अल्फाबेट ईंकोर्पोरेशन के निर्माण की घोषणा की और दिसंबर 2019 में उन्हें सीईओ भी नामित किया गया था।