“हिंदी भाषा हमारे देश भारत की आत्मा है। यह न केवल हमारी संस्कृति और परंपराओं को सँजोए हुए है, बल्कि देश की एकता और अखंडता को भी मज़बूत करती है। हिंदी हमारी भावनाओं को व्यक्त करने का सबसे सरल और प्रभावशाली माध्यम है। आज के दौर में, जब वैश्वीकरण तेजी से बढ़ रहा है, हमें अपनी मातृभाषा हिंदी को और अधिक सम्मान और इसे बढ़ावा देना चाहिए। स्कूलों, कॉलेजों और सामाजिक मंचों पर हिंदी के प्रचार-प्रसार से हम इसे और समृद्ध बना सकते हैं। हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी पहचान और गौरव का प्रतीक है, जिसे हमें आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।“
इसी भावना से ओत-प्रोत मैं अविनाश रंजन गुप्ता इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाने के लिए निरंतर प्रयासरत हूँ।
अविनाश रंजन गुप्ता
हिंदी भाषा के विकास हेतु
हिंदी भाषा के विकास का उद्देश्य इसे एक सशक्त, समृद्ध और वैश्विक स्तर पर प्रभावी भाषा बनाने का है। डिजिटल युग में हिंदी को तकनीकी और वैज्ञानिक क्षेत्र में अधिक व्यापक रूप से लागू करना आवश्यक है, जिससे यह शिक्षा, अनुसंधान और व्यवसाय में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सके। हिंदी साहित्य, पत्रकारिता और सिनेमा के माध्यम से इसकी लोकप्रियता को और बढ़ाया जा सकता है। साथ ही, स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में हिंदी के प्रयोग को प्रोत्साहित कर इसे ज्ञान-विज्ञान की भाषा बनाया जाना चाहिए। सरकार, समाज और प्रौद्योगिकी के सहयोग से हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में निरंतर प्रयास करना हमारा मुख्य उद्देश्य होना चाहिए।