Vivid Writing Forms

अभिनंदन पत्र

abhinandan patra kaise likhen

अभिनंदन पत्र

सेवा में

उत्कल शिरोमणि,

श्री सदन कुमार पाल  

मातृभाषा उन्नायक,

आपने हमारी मातृ-भाषा हिंदी के उत्थान और प्रचार में जो सराहनीय योग दिया है उसके लिए हम आपके अत्यंत आभारी हैं। सचमुच आपने हिंदी को जीवन-दान दिया है। महामना मदन मोहन मालवीय जी के अथक प्रयासों से ही न्यायालयों में हिंदी का जो कुछ थोड़ा-बहुत प्रचार देखा जाता है वह प्रशंसनीय है। आपने उन्हीं की परिपाटी को आगे बढ़ाते हुए हिंदी भाषा को ओड़िशा में एक आम भाषा के रूप में स्थापित करने की दिशा में जो कदम उठाएँ हैं वे अत्यंत सरहनीय हैं। ओड़िशा में हिंदी भाषा के विकासात्मक गतिविधियों के उपक्रमों का शुभारंभ आपके कर कमलों से ही हुआ है।

प्रोफ़ेसर के रूप में आपको पाना साक्षात् माता सरस्वती की अनुकंपा तुल्य है। आपके अध्यापन और सान्निध्य का हमें सतत् लाभ मिलता रहे यही हमारी आशा है।

विद्यानुरागी छात्र   

अविनाश रंजन गुप्ता

About the author

हिंदीभाषा

Leave a Comment

You cannot copy content of this page