सेवा में
मान्यवर,
श्री सदन कुमार पाल
आज प्रभात काल में हम अत्यंत हर्ष एवं आदर के साथ आपका अपने महाविद्यालय में स्वागत करते हैं। आप आर्य कुल-तिलक, हिंदू जाति पालक, भारतीय मान-मर्यादा के रक्षक, विद्या के दृढ़ स्तंभ, देश के सच्चे सपूत और हिंदी तथा राष्ट्र-धर्म के जीवन-दाता हैं। विद्यानुरागी, शांतिनिकेतन जैसे विशाल विद्या मन्दिर से शिक्षालाभ करने वाले आप महापुरुष हैं। आपके सतत उद्योगों के फलस्वरूप इस विश्वविद्यालय ने जो अनुपम उन्नति की है उसे देखकर दाँतों तले उँगली दबानी पड़ती है और आपके प्रति असीम श्रद्धा उत्पन्न होती है। धन्य है आपका अध्यवसाय ! आपका कार्यों द्वारा ही संबलपुर विश्वविद्यालय भारतीय नवयुवकों में हिंदू सभ्यता और संस्कृति के भाव भरने का महत्त्वपूर्ण कार्य कर रहा है। यह आपका अक्षय कीर्ति स्तम्भ है।
प्रोफ़ेसर के रूप में आपको पाना साक्षात् माता सरस्वती की अनुकंपा तुल्य है। आपके अध्यापन और सान्निध्य का हमें सतत् लाभ मिलता रहे यही हमारी आशा है।
हम आपका हृदय से अभिनंदन करते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह आपको चिरायु बनाए, जिससे आप चिरकाल तक हमारी हिंदी भाषा तथा देश का कल्याण करते रहें।
अति आह्लादित छात्र
अविनाश रंजन गुप्ता