DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 1, Dimaagi Ladai दिमागी लड़ाई
DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 2, Louh Purush लौह पुरुष
DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 3, Ped पेड़
DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 4, Poore Ek Hazaar पूरे एक हजार
DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 5, Do Pahalwaan दो पहलवान
DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 6, Nadi Yahan Par नदी यहाँ पर
DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 7, Pateele Ki Mrityu पतीले की मृत्यु
DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 8, Tapake Ka Darr टपके का डर
DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 9, Ajanta Ki Sair अजंता की सैर
DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 11, Birsa Munda बिरसा मुंडा
DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 12, Agar Na Nabh Me Baadal अगर न नभ में बादल होते
DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 13, Priya Poudha प्रिय पौधा
DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 14, Buddhimaan Raja बुद्धिमान राजा
DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 15, Andher Nagari अँधेर नगरी
DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 16, Chaand Ka Kurta चाँद का कुर्ता
DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 17, Haar Ki Jeet हार की जीत
DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 18, Bettina Ka Saahas बेट्टिना का साहस
DAV Solution, Class 5, Bhasha Madhuri Chapter – 19, Lout Aaya Aatmavishwas लौट आया आत्मविश्वास
तुलसीदास का जन्म हिंदू कैलेंडर माह श्रावण (जुलाई-अगस्त) के उज्ज्वल आधे, शुक्ल पक्ष के सातवें दिन सप्तमी (११ अगस्त १५११) उत्तर प्रदेश के सोरों गांव मे हुआ था। यद्यपि उनके जन्मस्थान के रूप में तीन स्थानों का उल्लेख किया गया है, २०१२ में सोरों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से तुलसी दास का जन्मस्थान घोषित किया गया था। उनके माता-पिता हुलसी और आत्माराम दुबे थे। अधिकांश स्रोत उन्हें भारद्वाज गोत्र (वंश) के सनाढ्य ब्राह्मण के रूप में पहचानते हैं।
तुलसीदास और सर जॉर्ज ग्रियर्सन उनके जन्म का वर्ष विक्रम १५६८ (१५११ ई।) बताते हैं। इन जीवनीकारों में रामकृष्ण गोपाल भंडारकर, रामगुलाम द्विवेदी, जेम्स लोचटेफेल्ड, स्वामी शिवानंद और अन्य शामिल हैं। वर्ष 1497 भारत में और लोकप्रिय संस्कृति में कई वर्तमान जीवनियों में दिखाई देता है। इस वर्ष से असहमत जीवनीकार तर्क देते हैं कि इससे तुलसीदास का जीवनकाल 126 वर्ष के बराबर हो जाता है, जो उनके विचार में असंभव नहीं तो कम नहीं है। इसके विपरीत, रामचंद्र शुक्ल कहते हैं कि तुलसीदास जैसे महात्मा ( महान आत्मा ) के लिए 126 वर्ष की आयु असंभव नहीं है। भारत सरकार और प्रांतीय सरकारों ने लोकप्रिय संस्कृति में तुलसीदास के जन्म के वर्ष के अनुसार, वर्ष 2011 ई। में तुलसीदास की 500वीं जयंती मनाई।
तुलसीदास का जन्म हिंदू कैलेंडर माह श्रावण (जुलाई-अगस्त) के उज्ज्वल आधे, शुक्ल पक्ष के सातवें दिन सप्तमी (११ अगस्त १५११) उत्तर प्रदेश के सोरों गांव मे हुआ था। यद्यपि उनके जन्मस्थान के रूप में तीन स्थानों का उल्लेख किया गया है, २०१२ में सोरों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से तुलसी दास का जन्मस्थान घोषित किया गया था। उनके माता-पिता हुलसी और आत्माराम दुबे थे। अधिकांश स्रोत उन्हें भारद्वाज गोत्र (वंश) के सनाढ्य ब्राह्मण के रूप में पहचानते हैं।
तुलसीदास और सर जॉर्ज ग्रियर्सन उनके जन्म का वर्ष विक्रम १५६८ (१५११ ई।) बताते हैं। इन जीवनीकारों में रामकृष्ण गोपाल भंडारकर, रामगुलाम द्विवेदी, जेम्स लोचटेफेल्ड, स्वामी शिवानंद और अन्य शामिल हैं। वर्ष 1497 भारत में और लोकप्रिय संस्कृति में कई वर्तमान जीवनियों में दिखाई देता है। इस वर्ष से असहमत जीवनीकार तर्क देते हैं कि इससे तुलसीदास का जीवनकाल 126 वर्ष के बराबर हो जाता है, जो उनके विचार में असंभव नहीं तो कम नहीं है। इसके विपरीत, रामचंद्र शुक्ल कहते हैं कि तुलसीदास जैसे महात्मा ( महान आत्मा ) के लिए 126 वर्ष की आयु असंभव नहीं है। भारत सरकार और प्रांतीय सरकारों ने लोकप्रिय संस्कृति में तुलसीदास के जन्म के वर्ष के अनुसार, वर्ष 2011 ई। में तुलसीदास की 500वीं जयंती मनाई।
तुलसीदास का जन्म हिंदू कैलेंडर माह श्रावण (जुलाई-अगस्त) के उज्ज्वल आधे, शुक्ल पक्ष के सातवें दिन सप्तमी (११ अगस्त १५११) उत्तर प्रदेश के सोरों गांव मे हुआ था। यद्यपि उनके जन्मस्थान के रूप में तीन स्थानों का उल्लेख किया गया है, २०१२ में सोरों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से तुलसी दास का जन्मस्थान घोषित किया गया था। उनके माता-पिता हुलसी और आत्माराम दुबे थे। अधिकांश स्रोत उन्हें भारद्वाज गोत्र (वंश) के सनाढ्य ब्राह्मण के रूप में पहचानते हैं।
तुलसीदास और सर जॉर्ज ग्रियर्सन उनके जन्म का वर्ष विक्रम १५६८ (१५११ ई।) बताते हैं। इन जीवनीकारों में रामकृष्ण गोपाल भंडारकर, रामगुलाम द्विवेदी, जेम्स लोचटेफेल्ड, स्वामी शिवानंद और अन्य शामिल हैं। वर्ष 1497 भारत में और लोकप्रिय संस्कृति में कई वर्तमान जीवनियों में दिखाई देता है। इस वर्ष से असहमत जीवनीकार तर्क देते हैं कि इससे तुलसीदास का जीवनकाल 126 वर्ष के बराबर हो जाता है, जो उनके विचार में असंभव नहीं तो कम नहीं है। इसके विपरीत, रामचंद्र शुक्ल कहते हैं कि तुलसीदास जैसे महात्मा ( महान आत्मा ) के लिए 126 वर्ष की आयु असंभव नहीं है। भारत सरकार और प्रांतीय सरकारों ने लोकप्रिय संस्कृति में तुलसीदास के जन्म के वर्ष के अनुसार, वर्ष 2011 ई। में तुलसीदास की 500वीं जयंती मनाई।